1. हाथियों को बचाने के लिए रेलवे लगाएगा सोलर फेंस
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दक्षिणी रेलवे ने कांजीकोड और वालयार स्टेशनों के मध्य संवेदनशील वन क्षेत्रों में हैंगिंग सोलर फेंस लगाना आरंभ कर दिया है। जबकि कांजीकोड केरल के पलक्कड़ जिले के अंतर्गत आता है, जबकि वालयार तमिलनाडु के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दक्षिण रेलवे पहली बार हाथियों के पटरियों पर आवाजाही को रोकने के लिए एक लटकता हुआ सौर बाड़ लगा रहा था। बी-लाइन रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 600 मीटर तक हैंगिंग सोलर फेंस लगाया जा रहा था।
बी-लाइन, जिसे वालयार रिजर्व फॉरेस्ट के तहत बिछाया गया है, जो एक हाथी गलियारे को विभाजित करता है। इस क्षेत्र में तेज गति ट्रेनों की चपेट में आने से कई हाथियों की मौत हो चुकी है।
स्टील के तारों को तीन मीटर ऊंचे तार से एक पंक्ति में लटका दिया जाता है। ऊँचे तारों को दोनों सिरों पर स्तंभों द्वारा सहारा दिया गया है। लटकते तार जमीन को छूएंगे।
यदि कोई हाथी तार को छूता है तो उसे हल्का झटका लगेगा जो उसे रेलवे ट्रैक की और आने से रोकेगा। ये झटके हाथियों के लिए घातक नहीं होंगे।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना
दक्षिण रेलवे का मुख्यालय: चेन्नई
2. कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान की रिपोर्ट
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने 23 फरवरी 2022 को नई दिल्ली में प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान की दो रिपोर्ट जारी की।
'कोविड -19 - इंडियाज वैक्सीन डेवलपमेंट स्टोरी' और 'इंडियाज कोविड -19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन जर्नी' शीर्षक वाली रिपोर्टें एक विशाल और विविध आबादी के लिए कोविड -19 वैक्सीन विकसित करने और टीकाकरण के सुरक्षित प्रशासन में भारत के प्रयास की प्रशंसा करती हैं।
प्रतिस्पर्धा संस्थान
प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, संयुक्त राज्य अमेरिका में रणनीति और प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान के वैश्विक नेटवर्क का भाग है।
यह प्रतिस्पर्धा और रणनीति को समझने के लिए समर्पित एक शोध संस्थान है।
मुख्यालय:गुरुग्राम, हरियाणा
3. वंदे भारतम सिग्नेचर ट्यून औपचारिक रूप से भारत सरकार द्वारा जारी किया गया
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संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने ग्रैमी विजेता रिकी केज और तबला वादक बिक्रम घोष द्वारा रचित वंदे भारतम गीत सिग्नेचर ट्यून जारी किया।
यह गीत 22 फरवरी, 2022 को दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम "एकम भारतम" में जारी किया गया।
राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम 2022 के लिए नई दिल्ली के राजपथ पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत नृत्य उत्सव, वंदे भारतम के लिए 'वंदे भारतम' गीत की रचना की गई थी।
4. भारत अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह का अध्यक्ष होगा
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भारत को दो वर्षों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह (आईआरएसजी) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
आईआरएसजी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और भारतीय रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक केएन राघवन अगले दो वर्षों के लिए आईआरएसजी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।
आईआरएसजी के पूर्व अध्यक्ष कोटे डी आइवर से थे।
आईआरएसजी
इसकी स्थापना 1944 में की गई थी; इसका मुख्यालय सिंगापुर है।
यह एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो रबड़ उद्योग से संबंधित मुद्दे पर परिचर्चा करता है और सरकारों और उद्योग के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
रबर
रबड़ दो प्रकार के होते हैं। प्राकृतिक रबर और सिंथेटिक रबर।
प्राकृतिक रबर हेविया ब्रासिलिएन्सिस नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है, जबकि सिंथेटिक रबर मानव निर्मित पॉलिमर होते हैं जो पेट्रोलियम उप-उत्पादों का उपयोग करके नियंत्रित परिस्थितियों में होते हैं।
विश्व में प्राकृतिक रबर का शीर्ष उत्पादक (2020)
थाईलैंड
इंडोनेशिया
वियतनाम
इंडिया
कोटे डी आइवर
स्रोत: खाद्य एवं कृषि संगठन
विश्व में प्राकृतिक रबर का सबसे बड़ा निर्यातक
थाईलैंड
इंडोनेशिया
कोटे डी आइवर
भारत में सबसे बड़ा प्राकृतिक रबर उत्पादक राज्य
केरल
त्रिपुरा
कर्नाटक
स्रोत भारत सरकार ,पीआईबी
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :
प्राकृतिक रबर हेविया ब्रासिलिएन्सिस नामक पौधे के रस से प्राप्त होता है जो दक्षिण अमेरिका में अमेज़ॅन के वनों में मूलतः पाए जाते हैं।
भारत के जॉन जोसेफ मर्फी ने 1902 में केरल के कोठामंगलम के पास थट्टेकड़ में देश का पहला वाणिज्यिक रबर बागान स्थापित किया।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म
आईआरएसजी : इंटरनेशनल रबर स्टडी ग्रुप
5. भारतीय गेहूं का पहला खेप अफगानिस्तान भेजा गया
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विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने 22 फरवरी 2022 को अटारी-वाघा सीमा पर भारत से अफगानिस्तान के लिए गेहूं की आपूर्ति के पहले ट्रक को झंडी दिखाकर रवाना किया। 2500 टन भारतीय गेहूं ले जाने वाले अफगान ट्रक इसे पाकिस्तान के तोरखम सीमा के रास्ते अफगानिस्तान के जलालाबाद तक ले जाएंगे।
यह अक्टूबर 2021 में मानवीय सहायता के रूप में भारत द्वारा अफगानिस्तान को दिए जाने वाले 50,000 टन गेहूं का भाग है।
भारत पाकिस्तान व्यापार मार्ग
वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र परिचालन (सड़क व्यापार मार्ग) अटारी/वाघा सीमा के माध्यम से है।
वाघा (अमृतसर और लाहौर के बीच) भारत-पाक सीमा पर एक भारतीय सेना की चौकी है और अटारी चौकी पाकिस्तानी क्षेत्र में है।
वर्तमान में दोनों देशों के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए केवल एक परिचालन रेल मार्ग है।
दोनों देशों के बीच व्यापार द्वि-साप्ताहिक समझौता एक्सप्रेस (दिल्ली से लाहौर) से जुड़ी माल गाड़ियों द्वारा किया जाता है। यह ट्रेन वाघा/अटारी से गुजरती है।
6. जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन रोकी
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जर्मनी ने 22 फरवरी 2022 को नॉर्ड स्ट्रीम-2 बाल्टिक सागर गैस पाइपलाइन परियोजना को फिलहाल रोक दिया है। जर्मनी का यह निर्णय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस फैसले के प्रतिउत्तर में देखा जा रहा है जिसमे पुतिन ने 21 फरवरी 2022 को युक्रेन से अलग हुआ क्षेत्र डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई थी।
नॉर्ड-2 गैस पाइपलाइन का निर्माण जर्मनी में रूसी गैस के प्रवाह को दोगुना करने के लिए किया गया है। 11 बिलियन डॉलर की यूरोप की सबसे महत्वाकांक्षी और विभाजनकारी ऊर्जा परियोजना, गैस पाइपलाइन सितंबर 2021 में पूरी हों गई थी, लेकिन जर्मनी और यूरोपीय संघ द्वारा प्रमाणीकरण के अभाव में यह लंबित पड़ी है।
नॉर्ड 2 और नॉर्ड 1 पाइपलाइन हर साल यूरोप को 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस उपलब्ध करा सकती हैं। यह यूरोपीय संघ के देशों के सालाना उपयोग की जाने वाली गैसों का एक चौथाई से अधिक है।
पाइपलाइन को लेकर विवाद
इस पाइपलाइन का निर्माण कोविड महामारी के कारण यूरोपीय उपभोक्ताओं को ऊर्जा की कीमतों में रिकार्ड वृद्धि को कम करने के लिए किया गया था।
नॉर्ड 2 गैस पाइपलाइन आरंभ से ही विवादास्पद रही है। जर्मनी, जो रूस से अपनी आवश्यकता की आधी गैस प्राप्त करता है, ने तर्क दिया कि यह परियोजना एक व्यावसायिक थी न कि राजनीतिक।
प्ररन्तु इस पाइपलाइन को यूरोपीय संघ के भीतर और संयुक्त राज्य अमेरिका से विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्हें लगता है कि पाइपलाइन रूस पर यूरोपीय ऊर्जा निर्भरता को बढ़ाएगी और रूस भविष्य के संघर्ष में यूरोप को ब्लैकमेल करने के लिए इसका उपयोग कर सकता है।
अमेरिका और अन्य आलोचकों को लगता है की इस पाइपलाइन से रूस की यूक्रेन पर निर्भरता भी कम हों जाएगी और उसे यूक्रेन को पारगमन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। रूस भविष्य में यूक्रेन को दंडित करने और संभवतः उस पर आक्रमण करने में ज्यादा सक्षम हों सकता है।
रूस ने नॉर्ड गैस पाइपलाइन की योजना बनाई थी जब यूक्रेन के क्षेत्र से गुजरने वाली रुसी गैस पाइपलाइन पर पारगमन शुल्क पर विवाद हुआ था और 2005 में यूक्रेन रुसी गैस पाइपलाइन से रूस की अनुमति के बिना पश्चिमी यूरोप के लिए निर्धारित गैस का इस्तेमाल खुद इस्तेमाल करता हुआ पाया गया था।
नॉर्ड 2 गैस पाइपलाइन
यह 1200 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन है जो रूस के उस्ट लुगा गैस क्षेत्र से बाल्टिक सागर के नीचे जर्मनी में ग्रीफ्सवाल्ड तक प्राकृतिक गैस का परिवहन करेगी।
नॉर्ड 2 पाइपलाइन का स्वामित्व सरकारी गैस कंपनी गज़प्रोम के पास है। इसने आधी लागत का भुगतान किया जबकि शेष लागत शेल, ऑस्ट्रिया के ओएमवी, फ्रांस के एंजी और जर्मनी के यूनिपर और विंटरशॉल द्वारा साझा की गई।
गज़प्रोम दुनिया की सबसे ज्यादा गैस उत्पादन करने वाली कंपनी है
नॉर्ड -1 पाइपलाइन जिसने उसी मार्ग से यूरोप में गैस का परिवहन शुरू किया, ने 2011 में अपना संचालन आरंभ किया था।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :
प्राकृतिक गैस के सन्दर्भ में तथ्य
विश्व के शीर्ष प्राकृतिक गैस उत्पादक देश (2020)
संयुक्त राज्य अमेरिका
रूस
ईरान
कतर
चीन
प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा भंडार वाला देश (2020)
रूस
ईरान
कतर
तुर्कमेनिस्तान
संयुक्त राज्य अमेरिका
स्रोत: बीपी स्टैटिस्टिकल रिव्यु ऑफ़ वर्ल्ड एनर्जी 2021।
7. ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए फिर से खुला
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ऑस्ट्रेलिया ने करीब दो वर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं पुनः खोल दी है।
इस देश ने मार्च 2020 में कोविड -19 के कारण स्वंय को बंद करने के बाद दुनिया के कुछ सबसे सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाए।
21 फरवरी 2022 से सभी पुर्णतः टीकाकरण वाले अंतरराष्ट्रीय यात्री, जिनमें अवकाश की योजना बना रहे हैं या दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जा रहे हैं, या जो व्यापार के लिए यात्रा करने का इरादा रखते हैं, वे संगरोध मुक्त प्रवेश कर सकते हैं और उन्हें यात्रा में छूट लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
कोविड काल से पूर्व ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाले देशों की सूची में भारत सातवें स्थान पर था।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
ऑस्ट्रेलिया
यह एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के बाद पृथ्वी पर क्षेत्रफल के अनुसार सबसे छोटा महाद्वीप है।
यह रूस, कनाडा, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील के बाद विश्व का छठा सबसे बड़ा देश है।
ऑस्ट्रेलिया को "सबसे पुराना महाद्वीप," "भूमि का अंतिम" और "अंतिम सीमांत" कहा गया है।
इसकी अनोखी वनस्पतियों और जीवों में पृथ्वी पर एकमात्र अंडा देने वाले स्तनधारी, प्लैटिपस और एकिडना शामिल हैं। यह अपने कंगारुओं, कोआला भालू के लिए भी प्रसिद्ध है।
अंटार्कटिका के बाद यह दूसरा सबसे शुष्क महाद्वीप है।
इसकी सबसे ऊंची चोटी, माउंट कोसियस्ज़को, 7,310 फीट (2,228 मीटर) ऊँची है।
इसकी राजधानी: कैनबरा
मुद्रा: ऑस्ट्रेलियन डॉलर
प्रधान मंत्री: स्कॉट मॉरिसन
यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ऑस्ट्रेलिया की राज्य प्रमुख हैं।
8. भारत सरकार ने "बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट" (बीआईएम) योजना को 2026 तक बढ़ाया
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भारत सरकार ने 13,020 करोड़ रुपये की लागत से "सीमा अवसंरचना और प्रबंधन" (बीआईएम) की केंद्रीय क्षेत्र की समग्र योजना को 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
सीमा अवसंरचना प्रबंधन (बीआईएम)
सीमा अवसंरचना प्रबंधन योजना गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
यह पुर्णतः केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना है। इसका अर्थ है कि इस योजना पर खर्च होने वाला सारा धन भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत-पाकिस्तान, भारत-बांग्लादेश, भारत-चीन, भारत-नेपाल, भारत-भूटान और भारत-म्यांमार सीमाएं को सुरक्षित करने के लिए सीमा बाड़, सीमा क्षेत्र में रोशनी, तकनीकी समाधान, सीमा सड़कों और सीमा चौकियों (बीओपी) / कंपनी संचालन केंद्रों या ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) के निर्माण जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
भारत, पाकिस्तान के साथ 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें नियंत्रण रेखा की 775 किलोमीटर की सीमा भी शामिल है। चीन के साथ सीमा की लंबाई 3,488 किमी, बांग्लादेश के साथ 4,096, नेपाल के साथ 1,751 किमी, म्यांमार के साथ 1,643 किमी और भूटान के साथ 699 किमी है।
परीक्षा के लिए उपयोगी तथ्य
भारत बांग्लादेश के साथ सबसे लंबी स्थल सीमा (4096 किमी) साझा करता है।
केंद्रीय गृह मंत्री: अमित शाह
बीआईएम : बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट
9. रूस ने यूक्रेन से अलग हुए क्षेत्रों को दी अलग देश की मान्यता
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रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमिर पुतिन ने यूक्रेन से अलग हुए दो रूसी समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों, स्व-घोषित डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को एक स्वतंत्र देशों के रूप में मान्यता देने के लिए एक आज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए। रूस इन क्षेत्रो को अब स्वतंत्र देश मानता है।
पूर्वी यूक्रेन में स्थित इन दो क्षेत्रों में रूसी भाषी आबादी का वर्चस्व है। 2014 में क्रीमिया पर रूस के अधिकार के बाद इस क्षेत्र में रूस समर्थित सशस्त्र विद्रोही और यूक्रेनी सेना के बीच सशस्त्र संघर्ष जारी है ।
डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में अलगावादियों द्वारा कराये गए एक जनमत संग्रह के बाद घोषित उनकी स्वतंत्रता को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं मिली है।
एक टेलीविज़न संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन प्राचीन रूसी भूमि का भाग था और मांग की है कि यूक्रेन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के अपने दीर्घकालिक लक्ष्य को छोड़ दे।
इस सन्दर्भ में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की स्वतंत्रता का कोई इतिहास नहीं है और पुतिन ने रूसी सैनिकों को शांति अभियान के लिए पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्र में जाने का आदेश दिया। पुतिन की इस कार्रवाई से पश्चिमी देशों में भय पैदा हों गया है कि रूसी सेना शीघ्र ही यूक्रेन में आ जाएगी, जिससे इस क्षेत्र में एक बड़ा युद्ध छिड़ जाएगा।
पुतिन की घोषणा को यू.एस. और यूरोपीय यूनियन ने निंदा की और नए प्रतिबंधों की बात की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, जिन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से भी बात की, ने अलग हुए क्षेत्रों में सभी अमेरिकी व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने और उन क्षेत्रों से सभी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि रूस ने इस क्षेत्र में 169, 000 से 190,000 सैनिकों का एक विशेष बल का गठन किया है, जिसमें अलगाववादी भी शामिल हैं, किसी भी समय आक्रमण कर सकते हैं ।
रूस अपने पड़ोसी पर हमला करने की किसी भी योजना से इनकार करता है, लेकिन उसने अनिर्दिष्ट "सैन्य-तकनीकी" कार्रवाई की धमकी दी है, जब तक कि उसे व्यापक सुरक्षा गारंटी नहीं मिलती है, जिसमें यह वादा भी शामिल है कि यूक्रेन कभी नाटो में शामिल नहीं होगा।
संकट के विस्तृत और व्यापक दृष्टिकोण के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
यूक्रेन
यह रूस (क्षेत्रफल के अनुसार) के बाद यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
यह 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया।
यूक्रेन, 1918-20 के मध्य स्वतंत्रत देश के रूप में रहा था, लेकिन दो विश्व युद्धों के बीच की अवधि में पश्चिमी यूक्रेन के कुछ भागों पर पोलैंड, रोमानिया और चेकोस्लोवाकिया का शासन था।
राजधानी: कीव, जो उत्तर-मध्य यूक्रेन में नीपर नदी पर स्थित है।
राष्ट्रपति: वलोडिमिर ज़ेलेंस्की
मुद्रा: हरिवन्या (रिव्निया) (Hryvnia)
10. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय उपलब्धि का प्रदर्शन करेंगे विज्ञान सर्वत्र पूज्यते
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भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय 'विज्ञान सर्वत्र पूज्यते' के भाग के रूप में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों के 75 वर्षों को दर्शाने वाले देश भर में 75 स्थानों पर स्मारक प्रदर्शनियों का आयोजन कर रहा है।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते का उद्घाटन 22 फ़रवरी 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते, स्कोप (विज्ञान संचार लोकप्रियकरण विस्तार) का एक सप्ताह तक चलने वाला महोत्सव है, जो 22 से 28 फरवरी, 2022 तक आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान आयोजित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम), संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त समिति, विज्ञान सर्वत्र पूज्यते में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
एनसीएसएम एकल प्रशासनिक इकाई के अंतर्गत दुनिया में विज्ञान केंद्रों और संग्रहालयों का सबसे बड़ा नेटवर्क तैयार करता है।
संस्कृति मंत्रालय धारा के दायरे में व्याख्यान प्रदर्शनों की एक श्रृंखला - भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए एक गीत का भी आयोजन करेगा