1. बाघ संरक्षण पर चौथा एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
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बाघ संरक्षण पर चौथा एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन मलेशिया सरकार और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था।
- भारत टाइगर रेंज देशों के अंतर सरकारी मंच - ग्लोबल टाइगर फोरम के संस्थापक सदस्यों में से एक है
- बाघ संरक्षण पर एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम की दिशा में प्रगति की समीक्षा और बाघ संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धताओं के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है ।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- भारत ने 12 से 14 अप्रैल 2016 तक नई दिल्ली में तीसरे एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (3 एएमसी) की मेजबानी की थी ।
- भारत ने "सेंट्रल स्पाइन एण्ड लैंडस्केप-लेवल प्लानिंग" के माध्यम से एक रोल मॉडल बनाने में मलेशिया सरकार के प्रयासों की सराहना की।
- रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित होने वाले ग्लोबल टाइगर समिट, 2022 में प्रस्तावित नई दिल्ली घोषणा को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
- बाघ संरक्षण के लिए भारत का बजटीय आवंटन 2014 के 185 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 300 करोड़ रुपये हो गया है।
- भारत में 14 टाइगर रिजर्व को पहले ही अंतरराष्ट्रीय सीए/टीएस मान्यता प्रदान किया जा चुका है|
- भारत सरकार ने ई-शर्म, श्रम और रोजगार मंत्रालय की एक पहल के तहत बाघ संरक्षण के प्रत्येक फ्रंटलाइन स्टाफ को 2 लाख रुपये का जीवन कवर और आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर दिया है।
- भारत में 51 टाइगर रिजर्व द्वारा लगभग 4.3 मिलियन मानव-दिवस रोजगार सृजित किए जा रहे हैं। प्रतिपूरक वनीकरन निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) से प्राप्त धन का उपयोग टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्रों से स्वैच्छिक ग्राम पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
- भारत अब अन्य जानवरों जैसे शेर, हिम तेंदुए और डॉल्फ़िन के लिए बाघों की आबादी को दोगुना करने के मॉडल का अनुसरण कर रहा है।
2. कोयला दर्पण पोर्टल
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केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र से संबंधित प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) को साझा करने के लिए "कोयला दर्पण" पोर्टल शुरू किया है।
इसका शुभारंभ केंद्रीय कोयला मंत्रालय के सचिव डॉ अनिल कुमार जैन ने किया।
एक प्रारंभिक चरण के रूप में, पोर्टल में निम्नलिखित केपीआई हैं -
- कोयला/लिग्नाइट उत्पादन
- कोयला/लिग्नाइट उठाव
- अन्वेषण डेटा
- केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाएं
- ताप विद्युत संयंत्र में कोयले के भंडार की स्थिति
- बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
- ब्लॉकों का आवंटन (सीएमएसपी/एमएमडीआर)
- प्रमुख कोयला खानों की निगरानी
- कोयला मूल्य।
प्रल्हाद जोशी केंद्रीय कोयला मंत्रालय के प्रभारी मंत्री हैं।
3. इंडिया गेट पर स्थापित होगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा
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महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने और साल भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- प्रतिमा ग्रेनाइट से बनाई जाएगी।
- यह प्रतिमा उनके प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक होगी।
- प्रतिमा के लिए काम पूरा होने तक नेताजी की एक होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी 2022 (पराक्रम दिवस)को इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे|
- 3 डी होलोग्राम प्रतिमा 30,000 ल्यूमेंस 4K प्रोजेक्टर द्वारा संचालित होगी और इसे एक अदृश्य, हाई गेन, 90% पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन पर प्रक्षेपित किया जाएगा जो आगंतुकों को दिखाई नहीं देगा।
- होलोग्राम प्रतिमा का आकार 28 फीट ऊंचा और 6 फीट चौड़ा है।
- पराक्रम दिवस 2022 पर प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
- समारोह के दौरान कुल सात पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
- केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और उनका सम्मान करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की है ।
- हर साल 23 जनवरी को पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार में एक संस्था को 51लाख रुपये नकद और प्रमाण पत्र एवं एक व्यक्ति को 5 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।
4. एग्री न्यूट्री गार्डन वीक
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दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाय -एनआरएलएम) ने जागरूकता अभियान के माध्यम से 10 से 17 जनवरी, 2022 तक कृषि न्यूट्री गार्डन सप्ताह मनाया गया और ग्रामीण परिवारों में कृषि न्यूट्री गार्डन की स्थापना को प्रोत्साहित किया गया।
- परिवार के पोषण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कृषि न्यूट्री गार्डन के लिए हर ग्रामीण गरीब परिवार का सहायता करना मिशन का एजेंडा है और किसी भी अतिरिक्त उत्पादन को आय सृजन के लिए बेचा भी जा सकता है।
- यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत बढ़ाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और आत्मा निर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप है।
- 7500 के लक्ष्य के मुकाबले इस सप्ताह में कुल 76,664 'एग्री न्यूटी गार्डन' की स्थापना की गई।
- यह पहल कृषि महिलाओं और स्कूली बच्चों को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण जागरूकता, शिक्षा और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने में भी मदद कर रही है।
- यह कुपोषण को दूर करने और पोषण के प्रति संवेदनशील कृषि को लागू करने के लिए स्थानीय विधि के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने में भी मदद कर रहा है।
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ किया
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जुगनौथ ने संयुक्त रूप से -
- मॉरीशस में सामाजिक आवास इकाइयों परियोजना का उद्घाटन किया
- शिलान्यास किया
-एक अत्याधुनिक सिविल सेवा कॉलेज का निर्माण और
-8 मेगावाट सौर पीवी फार्म
- यह आयोजन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए किया गया।
- सभी परियोजनाएं भारत के विकास सहायता के हिस्से के रूप में शुरू की गई हैं
- पीएम मोदी ने मिशन कर्मयोगी की सीख साझा करने की भी पेशकश की।
- 8 मेगावाट सौर पीवी फार्म परियोजना में हर साल लगभग 14 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए 25,000 पीवी सेल की स्थापना शामिल है, जिससे लगभग 10,000 मॉरीशस परिवारों को विद्युतीकृत किया जाएगा और साथ ही हर साल 13,000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन का अनुमानित परिहार भी होगा |
- रेडुइट में स्थित सिविल सर्विस कॉलेज परियोजना का वित्तपोषण मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौत की भारत यात्रा के दौरान 2017 में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत 4.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान सहायता के माध्यम से किया जा रहा है ।
- सामाजिक आवास परियोजना को 353 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान के साथ विकसित किया गया है, जिसे भारत सरकार ने मई 2016 में मॉरीशस सरकार को विशेष आर्थिक पैकेज (एसईपी) के रूप में दिया था।
- समारोह में दो प्रमुख द्विपक्षीय समझौतों का आदान-प्रदान भी शामिल था:
-मेट्रो एक्सप्रेस और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत सरकार से 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट देने के लिए समझौता और
-लघु विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर समझौता ज्ञापन।
मॉरिशस
राजधानी - पोर्ट लुई
अध्यक्ष - पृथ्वीराजसिंह रूपुन
प्रधानमंत्री - प्रविंद जुगनौथ
विधायिका - नेशनल असेंबली
मुद्रा - मॉरीशस रुपया
आधिकारिक भाषा - अंग्रेजी और फ्रेंच
6. स्पाइस एक्सचेंज: मसाला निर्यातकों के लिए भारत का पहला वर्चुअल प्लेटफॉर्म लॉन्च
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने कोच्चि में आयोजित एक हाइब्रिड कार्यक्रम में मसालों के निर्यात के लिए 'स्पाइस एक्सचेंज इंडिया' नामक देश के पहले वर्चुअल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया|
- मसाला बोर्ड द्वारा शुरू किया गया, spicexchangeindia.com एक 3डी वर्चुअल प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य भारत के मसाला निर्यातकों को दुनिया भर के खरीदारों से जोड़ना है।
- यह पोर्टल भारत में मसाला खरीदारों को निर्यातकों से जोड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित तकनीक का इस्तेमाल करता है।
- खरीदार और विक्रेता संभावित ग्राहकों को खोजने के लिए डेटाबेस तक पहुंच सकते हैं।
- यह पोर्टल एक विस्तारित कार्यालय के रूप में काम करता है जिससे ग्राहकों को आभासी बैठकों का संचालन करने में सक्षम बनाया जा सके।
7. गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राजपथ पर कला कुंभ के तहत बनाया गया विशाल स्क्रॉल लगाया गया
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गणतंत्र दिवस 2022 समारोह के लिए राजपथ पर अब अनूठी पहल 'कला कुंभ' के तहत बनाए गए विशाल और शानदार 750 मीटर लंबे स्क्रॉल लगाए गए हैं।
- ओडिशा और चंडीगढ़ में दो स्थानों पर विशेष कार्यशालाओं या 'कला कुंभ' में भाग लेने वाले पांच सौ से अधिक कलाकारों द्वारा इन पर परिश्रमपूर्वक शोध किया गया है और उत्साह से चित्रित किया गया है।
- ओडिशा में, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली ने 11 से 17 दिसंबर तक भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और सिलिकॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर कार्य किया और चंडीगढ़ में 25 दिसंबर 2021 से 2 जनवरी 2022 तक चितकारा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य किया गया।
- विभिन्न क्षेत्रों के स्थानीय कलाकारों द्वारा शानदार स्क्रॉल को चित्रित किया गया है और बड़े पैमाने पर स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की वीरता की कहानियों को चित्रित किया गया है।
8. अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्वाला में विलय
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50 साल तक जलने के बाद इंडिया गेट के लॉन में अमर जवान ज्योति की अखंड लौ का हमेशा के लिए युद्ध स्मारक लौ में विलय हो जाएगा। इन दो लौ का रख-रखाव कठिन होता जा रहा था इसको देखते हुए इनके विलय का निर्णय लिया गया है।
- गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले 21 जनवरी 2022 को एक कार्यक्रम में मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में विलय कर दिया गया।
- समारोह की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने की।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया गया था।
- उद्घाटन के बाद से इंडिया गेट पर होने वाले सभी सैन्य औपचारिक कार्यक्रमों को वहां स्थानांतरित कर दिया गया था।
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम भी हैं, जिन्होंने 1947-48 के पाकिस्तान के साथ युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है।
- शाश्वत लौ केंद्रीय 15.5 मीटर स्मारक स्तम्भ के नीचे स्थित है।
- यहाँ चार संकेंद्रित चक्र भी हैं - "अमर चक्र", "वीरता चक्र", "त्याग चक्र" और "रक्षक चक्र", जहाँ 25,942 सैनिकों के नाम ग्रेनाइट की पट्टिका पर सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
- स्मारक में वीरता चक्र में एक गैलरी में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा लड़े गए प्रसिद्ध युद्धों को दर्शाते हुए छह कांस्य भित्ति चित्र भी शामिल हैं।
इंडिया गेट
इंडिया गेट ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था।पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में 1972 में अमर जवान ज्योति जलाई गई थी।
9. सुप्रीम कोर्ट ने नीट दाखिले में ओबीसी कोटे की वैधता बरकरार रखी
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उच्चतम न्यायालय ने स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश (नीट) अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27% कोटा प्रदान करने की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, इस टिप्पणी के साथ कि "उच्च अंक योग्यता के लिए एकमात्र मानदंड नहीं हैं" ।
- इसने 2021-22 के लिए नीट स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की अनुमति देने वाले अपने 7 जनवरी के आदेश को बरकरार रखा ।
- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में ऑल इंडिया कोटे (एआईक्यू) सीटों पर केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण को चुनौती देने वाली अगस्त 2021 में डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला दिया।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुख्य बिंदु
- अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि नीट-पीजी में प्रवेश के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) मापदंड पर कोई रोक नहीं होगी और मौजूदा मापदंड (8 लाख रुपये सकल वार्षिक आय कट ऑफ) चालू प्रवेश वर्ष पर लागू होंगे ।
- उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एआईक्यू को आरक्षण प्रदान करना एक नीतिगत निर्णय है जो न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं होगा। ओबीसी कोटा शुरू करने से पहले केंद्र सरकार को कोर्ट की पूर्व सहमति लेने की जरूरत नहीं थी।
- अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) और (5) के तहत आरक्षण देने का अधिकार है और यह अनुच्छेद 15 (1) का अपवाद नहीं है जिसमें यह प्रावधान है कि "राज्य किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या उनमें से किसी के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा" ।
- अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओबीसी के लिए आरक्षण नीति बनाने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 15 (1) में प्रकट होने वाली 'मौलिक समानता' के सिद्धांत को परिलक्षित करता है|
ईडब्ल्यूएस श्रेणी को 10 फीसद कोटा देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मार्च 2022 के तीसरे सप्ताह में अंतिम सुनवाई होगी।
1 दिसंबर 2021 और 10 जनवरी 2022 की पोस्ट भी देखें
10. एनटीपीसी भारत में शीर्ष बायोमास उपयोगकर्ता
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केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी)बायोमास उपयोगकर्ताओं में एक अग्रणी के रूप में उभरा है जिसने लगभग 58,000 मीट्रिक टन (एमटी) बायोमास काअपने थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया है।
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार,देश में ताप विद्युत संयंत्रों में लगभग 59,000 मीट्रिक टन (एमटी) बायोमास का उपयोग कोयले के साथ बिजली उत्पादन के लिए किया गया है ।
- अक्टूबर 2021 में जारी "“कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों में कोयले के साथ बायोमास को जलाकर बिजली उत्पादन के लिये बायोमास की उपयोगिता” पर बिजली मंत्रालय की नीति, देश के सभी ताप विद्युत संयंत्रों को बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ 5 से 10% बायोमास का उपयोग करने के लिए अनिवार्य करती है।
समर्थ
ससटेनेबल एग्रेरियन मिशन ऑन यूज ऑफ एग्रो रेसीड्यू इन थर्मल पावर प्लांट्स(समर्थ ) को भारत सरकार द्वारा 2021 में लॉन्च किया गया था।
समर्थ के तहत केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था।
उद्देश्य:-
- यह भारत सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करते हुए, पराली जलाने को कम करने और थर्मल पावर प्लांटों के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए शुरू किया गया था।
- इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसल के अवशेषों को बिजली संयंत्रों को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित कर सके। किसान इससे अपने खेतो में पराली नहीं जलाएंगे तथा इससे प्रदूषण में भी वृद्धि नहीं होगी ।
- ताप विद्युत संयंत्रों को बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ फसल अवशेषों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह बिजली उत्पादन के लिए कोयले के उपयोग को कम करेगा और परिणामस्वरूप कम मात्रा में कार्बन का उत्पादन होगा।
बायो मास:-
बायोमास पौधे या पशु पदार्थ है जिसका उपयोग बिजली या ताप के उत्पादन के लिए किया जाता है।उदाहरण के लिए, लकड़ी, गाय का गोबर, फसल अवशेष आदि।