1. भारत में गरीबी पर ऑक्सफैम रिपोर्ट
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गैर-लाभकारी समूह ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडे से पहले 17 जनवरी, 2022 को ''इनइक्वालिटी किल्स" (घातक असमानता) शीर्षक से अपनी नवीनतम रिपोर्ट प्रकाशित की है।
- ऑक्सफैम वैश्विक गरीबी के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करने वाले 21 स्वतंत्र धर्मार्थ संगठनों का एक ब्रिटिश-स्थापित परिसंघ है, जिसकी स्थापना 1942 में की गई थी और इसका नेतृत्व ऑक्सफैम इंटरनेशनल करती है।
- इसका मुख्यालय नैरोबी, केन्या में है।
- गैब्रिएला बुचर ऑक्सफैम की वर्तमान निदेशक हैं।
- ऑक्सफैम खुद को उन लोगों का वैश्विक आंदोलन बताता है जो गरीबी और अन्याय को खत्म करने के लिए असमानता से लड़ रहे हैं।
ताजा रिपोर्ट के मुख्य अंश -
- 2021 में देश के 84 प्रतिशत परिवारों की आय में गिरावट आई, लेकिन इसके साथ ही भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई है।
- कोरोनावायरस महामारी (मार्च 2020 से नवंबर 2021) के दौरान ऑक्सफैम के विश्लेषण से पता चला कि भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 23.14 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 53.16 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसके विपरीत, अकेले 2020 में 4.6 करोड़ से अधिक भारतीयों के अत्यधिक गरीबी में गिरने का अनुमान था, जो संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वैश्विक नए गरीबों का लगभग आधा था।
- ऑक्सफैम का कहना है कि भारत के अति समृद्ध परिवारों पर 1% संपत्ति कर लगा कर इसके टीकाकरण कार्यक्रम के 50,000 करोड़ रुपये की पूरी लागत का वित्तपोषण कर सकता है, और भारत के सिर्फ 98 सबसे अमीर परिवारों पर 4% संपत्ति कर दो साल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट और 17 साल के लिए मध्याह्न भोजन कार्यक्रम का खर्च वहन कर सकता है।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन कुल केंद्रीय बजट के 1.5% से घटकर 0.6% रह गया है। शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन में 6% की कटौती हुई है , भले ही कोविड ने भारत में तबाही को जारी रखा है, तब भी देश के स्वास्थ्य सेवा बजट में 2020-21 के आरई (संशोधित अनुमान) से 10% की गिरावट देखी गई है।
- पिछले साल निवेश आकर्षित करने के लिए कॉर्पोरेट करों को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने से 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे भारत के राजकोषीय घाटे में वृद्धि हुई।
- भारत में बढ़ती धन असमानता के निदान के तौर पर ऑक्सफैम ने भारत की अति समृद्ध आबादी पर संपत्ति कर लगाने का सुझाव दिया है।
2. महामारी का मुकाबला करने के लिए सीएसआईआर की यूवी-सी कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी
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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर की नई विकसित कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी को आम जनता के उपयोग हेतु जारी किया ।
- यूवी-सी प्रौद्योगिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सीएसआईआर-सीएसआईओ (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन) के द्वारा विकसित की गई है और यह एसएआरएस-सीओवी-2 के हवाई संचरण को कम करने के लिए पूरी तरह से प्रभावी है और यह कोविड के बाद के युग में भी प्रासंगिक रहेगा ।
- इस तकनीक को रेलवे, एसी बसों और यहां तक कि संसद भवन में भी सफलतापूर्वक आजमाया गया है ।
- यूवी-सी 254एनएम यूवी प्रकाश का उपयुक्त मात्रा में उपयोग करके ये वायरस, बैक्टीरिया, कवक और अन्य बायोएरोसोल आदि को निष्क्रिय करता है।
- यूवी-सी एयर डक्ट कीटाणुशोधन प्रणाली का उपयोग सभागारों, बड़े सम्मेलन कक्षों, कक्षाओं, मॉल आदि में किया जा सकता है जो वर्तमान महामारी में इनडोर गतिविधियों के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं।
3. प्रधानमंत्री ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा को संबोधित किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 17 जनवरी 2022 को विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा में ' स्टेट ऑफ द वर्ल्ड ' विशेष संबोधन दिया। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक, जो दावोस के स्विस स्की रिसॉर्ट शहर में 50 वर्षों से हो रही है, कोरोनावायरस महामारी के कारण 2021 में नहीं हो सकी और इस वर्ष गर्मियों की शुरुआत तक टाल दी गई है।
उनके भाषण की प्रमुख बातें
- कॉप-26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ (एल.आई.एफ.ई.) पेश किया था, जिसका उल्लेख देते हुये उन्होंने कहा कि लाइफ जैसी जनभागीदारी के अभियान को पी-3, यानी ‘प्रो प्लैनेट पीपुल’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं। लाइफ, यानी ‘लाइफ फॉर एनवॉयरेनमेंट’ हर स्थिति में ग्राह्य और सतत जीवनशैली की परिकल्पना है, जो जलवायु सम्बंधी भावी संकटों और अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिये उपयोगी हो सकती है।
- उन्होंने कहा कि "हम वैश्विक कार्बन उपयोग में 5 प्रतिशत का योगदान करते हैं लेकिन गैर-नवीकरणीय ऊर्जा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता 100 प्रतिशत है।" भारत ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य रखा है।
- उन्होंने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को 'उम्मीद का गुलदस्ता' दिया है`। "गुलदस्ते में शामिल हैं - लोकतंत्र के प्रति विश्वास, 21 वीं सदी को सशक्त बनाने की तकनीक और हम भारतीयों की प्रतिभा और स्वभाव,"।
- कोविड के समय में, हमने भारत के एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को देखा, जिसने देशों को दवाएं भेजकर लाखों लोगों की जान बचाने में मदद की। भारत आज विश्व की औषधालय है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का दावोस एजेंडा वर्चुअल समिट दुनिया भर के नेताओं और महत्वपूर्ण संस्थानों और संगठनों के प्रमुखों की मेजबानी करेगा जो चिंता के क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे और उन्हें दूर करने के तरीके पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
शिखर सम्मेलन में चिंता के तीन मुख्य क्षेत्र जलवायु कार्रवाई, महामारी सुधार, और आर्थिक और सामाजिक लचीलापन हैं।
WEF पर 21 दिसंबर 2021की पोस्ट देखें|
4. चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव टाले
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भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी से 20 फरवरी तक के लिए मतदान स्थगित कर दिया, क्योंकि राज्य सरकार और राजनीतिक दलों ने चिंता जताई थी कि 16 फरवरी को गुरु रविदास की जयंती मनाने के लिए बहुत सारे भक्त वाराणसी में होंगे और मतदान नहीं कर पाएंगे ।
पंजाब में गुरु रविदास के अनुयायियों की पर्याप्त आबादी है, जिसमें अनुसूचित जाति समुदाय भी शामिल है, जो राज्य की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है।
हालाँकि, मतगणना 8 जनवरी 2022 को घोषित कार्यक्रम के अनुसार 10 मार्च को ही होगी|
गुरु रविदास
रविदास 15वीं सदी के कवि, संत और दार्शनिक हैं, जिन्होंने रविदासिया धर्म की स्थापना की थी। पंजाब में दलितों के बीच इस धर्म का एक बड़ा अनुयायी वर्ग है जो संत रविदास को अपना गुरु मानते हैं और उनकी कुछ भजनों को सिखों के पवित्र ग्रंथ "गुरु ग्रंथ साहिब" में शामिल किया गया है।
- रविदासजी का जन्मदिन 16 फरवरी 2022 को है और उनके जन्मस्थान वाराणसी में लाखों भक्तों के आने की संभावना है। इनमें से बहुत सारे भक्त जालंधर के डेरा सचखंड बल्लन द्वारा आयोजित स्पेशल ट्रेन से वाराणसी पहुचते हैं।
- डेरा सचखंड बल्लन रविदासियों का सबसे बड़ा डेरा है, जिसके दुनिया भर में करीब 20 लाख अनुयायी हैं। इनमें से करीब 15 लाख पंजाब में दोआबा क्षेत्र में रहते हैं। इस क्षेत्र में राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 23 सीटें हैं।
5. उच्चतम न्यायालय ने देवास मल्टीमीडिया को बंद करने के आदेश को बरकरार रखा
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17 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु स्थित देवास मल्टीमीडिया को बंद करने के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के मई 2011 के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा, "यह एक विशाल परिमाण की धोखाधड़ी का मामला है जिसे छिपाया नहीं जा सकता है"।
- सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच के फैसले को बरकरार रखा, जिसने मई 2011 में देवास को बंद करने का आदेश दिया था और जिसमें कहा गया था कि फर्म को धोखाधड़ी के मकसद से बनाया गयाा था ताकि एंट्रिक्स के तत्कालीन अधिकारियों के साथ सांठ गांठ कर बैंडविड्थ प्राप्त किये जा सके। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच ने एक अस्थायी परिसमापक भी नियुक्त किया था, जो कंपनी के बंद होने के बाद उसकी परिसमापन प्रक्रिया की देख रेख कर सके ।
- एनसीएलटी के इस आदेश को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण ने सितंबर 2021 में भी बरकरार रखा था।
क्या है देवास मल्टीमीडिया केस
2005 में देवास मल्टीमीडिया कंपनी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत, इसरो को देवास मल्टीमीडिया को 167 करोड़ रुपये में 12 साल के लिए दो एस-बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम पट्टे पर देने थे। स्टार्ट-अप देवास मल्टीमीडिया को इसरो उपग्रहों पर स्पेस बैंड या एस-बैंड ट्रांसपोंडर का उपयोग करके भारत में मोबाइल प्लेटफॉर्म को मल्टीमीडिया सेवाएं प्रदान करना था।
- 2011 में यूपीए सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य सामाजिक जरूरतों के लिए एस-बैंड स्पेक्ट्रम की आवश्यकता थी
- सौदा रद्द होने के बाद, देवास में विदेशी निवेशकों, जिसमें ड्यूश टेलीकॉम, मॉरीशस के तीन निवेशक और खुद देवास शामिल थे, ने मुआवजे की मांग के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरणों से संपर्क किया था।
- ड्यूश टेलीकॉम को जिनेवा में स्थित , स्थायी मध्यस्थता न्यायालय द्वारा $101 मिलियन का मुआवजे मिला ; अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून न्यायाधिकरण द्वारा मॉरीशस के निवेशकों को $111 मिलियन का मुआवजा मिला; और देवास को इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 1.2 बिलियन डॉलर का मुआवजा मिला।
- तब से देवास मल्टीमीडिया और अन्य शेयरधारकों ने बकाया वसूलने के लिए भारत सरकार की चिन्हित संपत्तियों को जब्त करने के लिए अमेरिका और कनाडा में मामले दर्ज किए हैं।
देवास मल्टीमीडिया
- देवास मल्टीमीडिया एक बैंगलोर स्थित स्टार्ट-अप है, जिसकी स्थापना 2004 में हुई थी, जिसके प्रमुख डॉ. एम.जी. चंद्रशेखर, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सचिव थे।
- 2008 में, ड्यूश टेलीकॉम ने देवास में 17 प्रतिशत हिस्सेदारी लगभग 75 मिलियन डॉलर में खरीदी।
- यह कंपनी मोबाइल सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पूरे भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं देना चाहता था ।
एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन
- यह 1992 में कंपनी अधिनियम 1956 के तहत स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
- यह अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
- इसका मुख्य कार्य इसरो द्वारा विकसित उत्पादों और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और व्यावसायिक रूप से विपणन करना है।
- यह एक मिनीरत्न श्रेणी 1, की केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
6. होंडुरास के प्रवासियों को ग्वाटेमाला में रोका गया
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अमेरिका पहुंचने की उम्मीद में सैन पेड्रो सुला के होंडुरास शहर से प्रस्थान करने वाले सैंकड़ों प्रवासियों ने ग्वाटेमाला के इलाके में प्रवेश किया जहां उन्हें अधिकारियों ने रोक लिया जिन्होंने उन्हें अपने वतन वापस लौटने के लिए कहा है।
मुख्य बातें
- 300 के करीब प्रवासियों, मुख्य रूप से होंडुरास और निकारागुआ,15 जनवरी 2022 को कोरिन्टो, होंडुरास पहुंचे और इज़ाबल के ग्वाटेमाला सीमा प्रांत पार कर गए, जहां उनका सामना राष्ट्रीय पुलिस और सेना के सैकड़ों दंगा विरोधी एजेंटों से हुआ।
- ग्वाटेमाला माइग्रेशन इंस्टीट्यूट के मुताबिक प्रवासियों को उनके गृह देशों में वापस भेजने पर चर्चा शुरू हो गई है।संस्थान के जनरल डायरेक्टर कार्लोस एमिलियो मोरालेस ने कहा, व्यवस्था के अनुरूप,मानवीय रूप से लोगों को वापस भेजा जा रहा है।
- निकारागुआ के एक शख्स के मुताबिक,लोग अपने परिवार के लिए बेहतर जिंदगी की तलाश में पलायन कर रहे थे।इनमे से बहुत सारे लोग बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के शिकार हुए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का प्रशासन ग्वाटेमाला,होंडुरास और अल साल्वाडोर के लिए सात अरब डॉलर के सहायता पैकेज पर विचार कर रहा है जिससे इन देशों में स्थानीय नौकरियां पैदा की जा सके।
7. \महान कथक नर्तक बिरजू महाराज का 83 वर्ष की आयु में निधन
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कथक के लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के पथप्रदर्शक पंडित बिरजू महाराज का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
- वे कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे, जिनमें उनके दो चाचा शम्भू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अभान महाराज शामिल हैं, जिन्होंने रायगढ़ रियासत में राजनर्तक के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और एक गायक थे|
- 1964 में उन्हें मानद संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला और 1986 में उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला।
- उन्होंने कई फिल्मों के लिए नृत्य संयोजन(कोरियोग्राफ) किया है जिनमें सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी, से लेकर गदर: एक प्रेम कथा, देवदास, बाजीराव मस्तानी, जैसी कई फिल्में शामिल हैं|
भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रकार
भारत सरकार के अनुसार भारत में आठ प्रकार के शास्त्रीय नृत्य हैं
नृत्य :मूल/राज्य
भरतनाट्यम :तमिलनाडु
मणिपुरी नृत्य :मणिपुर
कथक : उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, राजस्थान दिल्ली, मध्य प्रदेश।
ओडिसी :ओडिशा
कथक काली:केरल
मोहिनीअट्टम: केरल
कुचिपुड़ी :मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश
सत्त्रिया :असम
8. कोयला से मेथनॉल उत्पादक प्रथम संयंत्र ने वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया
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भारत के पहले स्वदेश में विकसित कोयला से मेथनॉल (सीटीएम) बनाने वाले संयंत्र ने गैसीकरण मार्ग के माध्यम से उच्च राख वाले कोयले को मेथनॉल में रूपांतरण के लिए 99% से अधिक शुद्धता के साथ काम करना शुरू कर दिया है जिसने इस क्षेत्र में एक नए अवसर का मार्ग प्रसस्त किया है।
- केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने इस संयंत्र को 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के तहत देश को समर्पित किया।
- 0.25 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता वाले सीटीएम पायलट प्लांट को भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा डिजाइन, विकसित और स्थापित किया गया था।
- इस परियोजना को स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पहल के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित किया गया था
- यह हैदराबाद में स्थित भेल के इन-हाउस प्लांट में स्थापित है।
- इस तकनीक से देश को स्वच्छ तकनीक अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने और मेथनॉल के इस्तेमाल को परिवहन ईंधन (पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण) के रूप में बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, इस तरह कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी।
- कोयले को मेथनॉल में बदलने की व्यापक प्रक्रिया में कोयले का संश्लेषण (सिंगैस) गैस में रूपांतरण, सिंगैस की सफाई और कंडीशनिंग, सिंगास का मेथनॉल रूपांतरण और मेथनॉल का शुद्धिकरण शामिल है।
- ज्यादातर देशों में मेथनॉल संयंत्रों का संचालन निम्न राख की मात्रा वाले कोयलों से किया जाता है। भारतीय कोयले में राख की उच्च मात्रा होने की वजह से यह भारत के लिए एक चुनौती थी।
9. सान्या भंडारी जैन '2041 क्लाइमेट फोर्स' अभियान की ब्रांड एंबेसडर
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दिल्ली की 22 वर्षीय ट्रैवल ब्लॉगर सान्या भंडारी जैन सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं, जो वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी क्योंकि उन्हें वैश्विक राजदूत के रूप में अंटार्कटिका के लिए ' 2041 क्लाइमेटफोर्स ' अभियान के लिए चुना गया है।
- पृथ्वी के हित के साझा मिशन के लिए हर महाद्वीप के 80 लोग इस अभियान में हिस्सा लेंगे।
- इस अभियान का नेतृत्व ध्रुवीय अन्वेषक और स्थिरता चैंपियन रॉबर्ट स्वान करेंगे, जो पृथ्वी के दोनों ध्रुवों की पैदल यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति हैं ।
- ' कार्बन-निगेटिव अभियान का उद्देश्य अधिक टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता फैलाने के लिए अगली पीढ़ी के अगुआओं को प्रेरित करना, विकसित करना और प्रशिक्षित करना है।
नोट करने योग्य बिंदु-
- लार्सन बी अंटार्कटिका में एक बर्फ की चट्टान है जो जलवायु परिवर्तन के कारण ढह गया।
10. डाक विभाग ने कोवैक्सिन पर डाक टिकट की शुरूआत की
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कोवैक्सिन पर एक डाक टिकट का शुभारंभ किया। श्री मंडावी ने कहा कि यह डाक टिकट देश की अग्रिम पंक्ति, स्वास्थ्य कर्मियों और महामारी के खिलाफ लोगों की रक्षा करने में वैज्ञानिक समुदाय द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों का प्रतीक है।
- डाक टिकट में आईसीएमआर का लोगो और एक स्वास्थ्य कर्मी द्वारा एक महिला को इन्जेक्शन लगाए जाने की तस्वीर शामिल है। इसमें कोवैक्सिन की शीशी भी है, जिसपर इसका वैज्ञानिक नाम (बीबीवी152) लिखा गया है।
- यह अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था ।
- कोवैक्सिन एक निष्क्रिय टीका है जो भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
स्मारक स्टाम्प,
स्मारक स्टाम्प, महत्वपूर्ण घटनाओं, विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख व्यक्तित्व, प्रकृति के पहलुओं, सुंदर या दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों, पर्यावरणीय मुद्दों, कृषि गतिविधियों, राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, खेल आदि के स्मरण में जारी किए जाते हैं।
- ये डाक टिकट केवल टिकट संग्रहण (फिलटेलक) ब्यूरो और उनके काउंटरों पर अथवा टिकट संग्रहण (फिलटेलक) जमा खाता योजना के तहत उपलब्ध हैं।
- ये डाक टिकट सीमित मात्रा में मुद्रित किए जाते हैं। .