1. विश्व शौचालय दिवस
Tags: Important Days
प्रति वर्ष 19 नवंबर को ‘विश्व शौचालय दिवस’ मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में विश्व भर में लगभग 360 करोड़ लोग शौचालय से वंचित हैं।
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, गांवों में 67 प्रतिशत और शहरों में 13 प्रतिशत परिवार खुले में शौच करते हैं।
रिसर्च इंस्टीटयूट ऑफ कंपैशनेट इकोनॉमिक्स के मुताबिक, देश के 40 प्रतिशत घरों में शौचालय होने के बावजूद प्रत्येक घर से एक सदस्य नियमित रूप से खुले में शौच के लिए जाता है।
लोगों की इसी सोच को बदलने और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 19 नवंबर को ‘विश्व शौचालय दिवस’ मनाया जाता है।
भारत सरकार स्वच्छता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने स्वच्छ भारत मिशन के एक भाग के रूप में भी इस दिन को मनाती है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जल शक्ति मंत्रालय का पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) विश्व शौचालय दिवस को चिह्नित करने के लिए ग्रामीण भारत में 'स्वच्छता रन' का आयोजन कर रहा है।
2022 की थीम
2022 की थीम 'मेकिंग द इनविजिबल विजिबल' है।
यह विषय इस बात की पड़ताल करता है कि कैसे अपर्याप्त स्वच्छता प्रणालियाँ मानव अपशिष्ट को नदियों, झीलों और मिट्टी में फैलाती हैं और भूमिगत जल संसाधनों को प्रदूषित करती हैं।
यह थीम भूजल स्वच्छता पर केंद्रित है।
इस दिवस की पृष्ठभूमि
यह सिंगापुर के जैक सिम द्वारा शुरू की गई एक पहल थी, जिन्होंने वर्ष 2001 में विश्व शौचालय संगठन नामक एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना की थी।
संयुक्त राष्ट्र ने भी 2010 में जल और स्वच्छता के अधिकार को मौलिक मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी थी।
24 जुलाई 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अपने 67वें सत्र में एक प्रस्ताव पारित कर 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के रूप में नामित किया।
यूएनजीए के 'स्वच्छता सबके लिए' शीर्षक वाले संकल्प ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता तक पहुंच बढ़ाने को प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से समाज के गरीब वर्गों के लोगों के लिए।
2. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
Tags: Important Days
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 19 नवंबर को समाज के सभी पुरुषों और जीवन के सभी पहलुओं में उनके योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस दिवस का उद्देश्य सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को याद करना और जीवन के सभी पहलुओं में उनके योगदान का सम्मान करना है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम "हेल्पिंग मेन्स एंड बॉयज" ("पुरुषों और लड़कों की मदद करना।") है।
इस थीम का उद्देश्य विश्व स्तर पर पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कार्य करना है।
यह दिवस पुरुषों को जीवन में लड़कों को एक पुरुष होने के मूल्यों, चरित्र और जिम्मेदारियों को सिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस दिवस के अवसर पर अपने जीवन में पुरुषों के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करें और उनके लिए 'खुशी, सफलता और समृद्धि' की कामना करें।
इस दिवस की पृष्ठभूमि
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 1999 में अपने पिता की जयंती मनाने के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ जेरोम टीलकसिंह द्वारा मनाया गया था।
उन्होंने सभी को पुरुषों और लड़कों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए इस दिन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्घाटन 1992 में थॉमस ओस्टर द्वारा किया गया था।
इस दिवस को 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय में इतिहास के व्याख्याता डॉ जेरोम टीलकसिंह द्वारा पुनर्जीवित किया गया था।
डॉ टीलकसिंह ने अपने पिता के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मानाने का प्रस्ताव किया।
19 नवंबर 2007 को औपचारिक रूप से पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया।
3. देश में 5वां प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया
Tags: National Important Days
प्राकृतिक चिकित्सा के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोकप्रिय बनाने के लिए हर साल 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है।
प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर को ठीक करने में मदद करने के लिए प्राकृतिक उपचार का उपयोग करती है। यह जड़ी-बूटियों, मालिश, एक्यूपंक्चर, व्यायाम और पोषण संबंधी परामर्श सहित कई उपचारों को अपनाता है।
नेचुरोपैथी शब्द का प्रयोग जर्मनी के जॉन शील ने 1895 में किया था लेकिन इसे बेनेडिक्ट लस्ट ने लोकप्रिय बनाया था। बेनेडिक्ट लस्ट को आधुनिक प्राकृतिक चिकित्सा का जनक कहा जाता है।
इस दिन की पृष्ठभूमि
इसी दिन महात्मा गांधी ने 18 नवंबर, 1945 को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। गांधी जी को भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का संस्थापकमाना जाता है, क्योंकि उनके प्रयासों से ही यह प्रथा भारत में लोकप्रिय हुई।
18 नवंबर 2018 को भारत में पहला प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया।
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022
मुख्य कार्यक्रम पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित किया गया था। इस वर्ष प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की थीम नेचुरोपैथी: एन इंटीग्रेटिव मेडिसिन रखी गई है।
इस अवसर पर 5वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आवरण लिफाफा जारी किया गया। साइकिल रैलियों में भाग लेने वालों को गांधी स्मृति चिह्न दिया गया, जो नई दिल्ली, वर्धा और हैदराबाद से शुरू होकर पुणे में एकत्रित हुए।
स्टार्टअप योगा चैलेंज विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में 25 से अधिक कॉलेजों के छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का समापन मलखंभ प्रस्तुति के साथ हुआ।
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022 की थीम( विषय )
नेचुरोपैथी दिवस 2022 का विषय था: नेचुरोपैथी: एक एकीकृत चिकित्सा।
4. राष्ट्रीय मिर्गी दिवस
Tags: Important Days
हर साल 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इसका उद्देश्य मिर्गी रोग से पीड़ितों व परिजनों को जागरूक करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया भर में 50 मिलियन मिर्गी के रोगी हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत विकासशील देशों में रहते हैं।
हालाँकि मिर्गी का इलाज संभव है, अविकसित देशों में प्रभावित लोगों में से तीन-चौथाई को आवश्यक देखभाल नहीं मिलती है।
भारत में लगभग 10 मिलियन लोग मिर्गी से जुड़े दौरे का अनुभव करते हैं।
हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (IED) के रूप में मनाया जाता है।
2022 में, 14 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया गया।
दिन की पृष्ठभूमि
एपिलेप्सी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने भारत में मिर्गी रोग को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की स्थापना की।
डॉ निर्मल सूर्या ने 2009 में मुंबई, महाराष्ट्र में एपिलेप्सी फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की।
इस गैर-लाभकारी एपिलेप्सी फाउंडेशन का उद्देश्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और मिर्गी के संबंध में सामाजिक धारणाओं को बदलना है।
मिर्गी क्या है?
मिर्गी दुनिया में चौथा सबसे आम स्नायविक विकार है।
इस विकार में मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे पड़ते हैं या असामान्य व्यवहार और संवेदनाएं कम हो जाती हैं।
हालांकि कोई भी व्यक्ति मिर्गी से ग्रसित हो सकता है, परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है।
स्वाद, गंध, दृष्टि, सुनने या स्पर्श में परिवर्तन, चक्कर आना, अंगों में कंपन, घूरना, एक ही काम को बार-बार करना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
5. राष्ट्रीय प्रेस दिवस
Tags: Important Days
स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है।
भारत में पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से प्रथम प्रेस आयोग ने एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। तत्पश्चात 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना की गई।
इस परिषद ने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। इसी तारीख को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुरुआत हुई।
भारत में प्रेस को 'वाचडॉग' और भारतीय प्रेस परिषद को 'मोरल वाचडॉग' कहा गया है।
वर्ष 1997 से, परिषद ने प्रासंगिक विषयों के साथ संगोष्ठियों के माध्यम से इस दिन को महत्वपूर्ण तरीके से मनाया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह की अध्यक्षता की।
भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2022 में भारत ने 180 देशों में 150वां स्थान प्राप्त किया है।
भारतीय प्रेस परिषद
यह प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता और भारत में प्रेस के मानकों को बनाए रखना और उसमें सुधार करना है।
इसका एक अध्यक्ष होता है और इसमें 28 सदस्य होंगे।
अध्यक्ष, भारतीय प्रेस परिषद - न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई
6. राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह
Tags: Important Days
भारत में, राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह हर साल 15 से 21 नवंबर तक मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस सप्ताह का विषय है - 'सुरक्षा, गुणवत्ता और पोषण देखभाल - हर नवजात शिशु का जन्म अधिकार'।
इस सप्ताह का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र के प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में नवजात स्वास्थ्य के महत्व को सुदृढ़ करना और नवजात अवधि में शिशुओं के लिए स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति में सुधार कर शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
इस सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं की देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
बच्चे की नवजात काल की अवधि (जीवन के पहले अठाईस दिन) महत्त्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस अवधि में बाल्यावस्था के दौरान किसी अन्य अवधि की तुलना में मृत्यु का जोखिम अधिक होता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रतिवर्ष 26 लाख बच्चों की मृत्यु पहले सप्ताह में हो जाती है तथा इसके अलावा प्रतिवर्ष 2.6 मिलियन बच्चे मृत जन्म लेते हैं।
अपरिपक्वता जन्म के दौरान जटिलताएं तथा गंभीर संक्रमण नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रमुख कारण हैं।
7. जनजातीय गौरव दिवस
Tags: Important Days
वर्ष 2022 में देश में दूसरी बार जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर को मनाया जा रहा है। बिरसा मुंडा का जन्मदिन 15 नवंबर को झारखंड का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है जिन्हें धरती आबा के नाम से जाना जाता है। झारखंड को वर्ष 2000 में एक नए राज्य के रूप में बिहार से अलग किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातु गांव में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
केंद्र सरकार ने देश के इतिहास और संस्कृति में जनजातीय समुदायों के योगदान को याद करने के लिए वर्ष 2021 में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया।
यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि इस दिन बिरसा मुंडा की जयंती है, जो एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के मुंडा जनजाति के लोक नायक थे।
संथाल, तामार, कोल, भील, खासी और मिज़ो जैसे आदिवासी समुदायों ने कई आंदोलनों के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मजबूती से भाग लिया था।
आजादी के लिए संताल विद्रोह, खासी विद्रोह, फूकन एवं बरुआ विद्रोह, नगा संग्राम, भूटिया लेप्चा विद्रोह, पलामू विद्रोह, खरवाड़ विद्रोह आदि अनेक ऐसे आंदोलन हैं, जिन्होंने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी।
बिरसा मुंडा के बारे में
बिरसा मुंडा एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के मुंडा जनजाति के लोक नायक थे।
उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी के उलिहातु में हुआ था जो अब झारखंड के खूंटी जिले में है।
उन्होंने एक वैष्णव संत से हिंदू धार्मिक शिक्षा ली तथा रामायण और महाभारत के साथ प्राचीन शास्त्रों का अध्ययन किया।
उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्र में एक भारतीय जनजातीय आंदोलन का नेतृत्व किया।
मुंडा विद्रोह 1899-1900 में रांची के दक्षिण में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में सबसे महत्वपूर्ण आदिवासी आंदोलनों में से एक था।
मार्च 1900 में अपनी गुरिल्ला सेना के साथ अंग्रेजों से लड़ते हुए मुंडा को चक्रधरपुर के जामकोपाई जंगल में गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ महीने बाद, 9 जून को हिरासत में रहते हुए उनका निधन हो गया।
8. विश्व दयालुता दिवस
Tags: Important Days
हर साल 13 नवंबर को दुनिया भर में विश्व दयालुता दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह एक खास दिन है, जब हम मानव जाति के एक खास विशेषता अर्थात दयालुता का जश्न मनाते हैं।
दया की भावना हर मानव के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
इस वर्ष यह दिवस 'बी काइंड एवरीव्हेयर पॉसिबल' (जब भी संभव हो दयालु बनें) थीम के साथ मनाया जा रहा है।
विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत वर्ष 1998 में वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी, जिसकी स्थापना 1997 के टोक्यो सम्मेलन में दुनिया भर के दयालु संगठनों द्वारा की गई थी।
यह कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में मनाया जाता है।
वर्ष 1998 से यह दिवस वार्षिक रूप से मनाया जाने लगा।
यह कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में मनाया जाता है, वर्ष 2009 में, सिंगापुर ने पहली बार इस दिवस को मनाया।
यह दिवस 2012 में ऑस्ट्रेलिया, 2015 में फ्रांस और 2018 में यूएसए ने मनाना शुरू किया, 2019 तक, वर्ल्ड काइंडनेस मूवमेंट 27 अलग-अलग देशों में पहुंच चुका था।
9. विश्व मधुमेह दिवस
Tags: Important Days
14 नवंबर को विश्व भर में विश्व मधुमेह दिवस मनाया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह दिन वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में मधुमेह के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके निदान, रोकथाम और प्रबंधन के लिए आवश्यक प्रयासों के लिए अवसर प्रदान करता है।
इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस 2022 का विषय 'मधुमेह शिक्षा तक पहुंच' है और यह 'देखभाल तक पहुंच' के बहु-वर्षीय विषय को रेखांकित करता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 422 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और प्रत्येक वर्ष 1.5 मिलियन लोगों की मृत्यु मधुमेह के कारण होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, 20 और 70 वर्ष की आयु वर्ग में अनुमानित 8.7% आबादी मधुमेह से ग्रसित है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है ताकि इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके।
इस दिवस की पृष्ठभूमि
यह दिन हर साल 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी।
विश्व मधुमेह दिवस पहली बार 1991 में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इस बीमारी के बारे में बढ़ती चिंताओं को देखते हुए और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था। तब से यह हर साल मनाया जाता है।
मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब रक्त शर्करा बहुत अधिक होता है।
रक्त ग्लूकोज ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और यह भोजन से प्राप्त होता है।
इंसुलिन, अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो भोजन से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है।
कभी-कभी शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं करता है। इस स्थिति को मधुमेह कहा जाता है।
मधुमेह के प्रकार
टाइप 1 - टाइप 1 मधुमेह में शरीर इंसुलिन नहीं बनाता है। यह ज्यादातर 14-16 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
टाइप 2 - टाइप 2 मधुमेह में शरीर इंसुलिन का ठीक से निर्माण या उपयोग नहीं कर पाता है। किसी भी उम्र में टाइप 2 मधुमेह विकसित हो सकता है। हालाँकि, इस प्रकार का मधुमेह अक्सर मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में होता है। टाइप 2 मधुमेह का सबसे आम प्रकार है।
10. राष्ट्रीय बाल दिवस
Tags: Important Days
हर साल 14 नवंबर को देश भर में राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह दिन भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
नेहरू बच्चों के अधिकार और एक सर्व-समावेशी शिक्षा प्रणाली के लिए एक महान समर्थक थे जहां ज्ञान सभी के लिए सुलभ हो।
उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य और समाज की नींव होते हैं, इसलिए इनकी भलाई का ध्यान रखा जाना चाहिए।
बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे देश में बाल दिवस मनाया जाता है।
इस दिवस की पृष्ठभूमि
भारत में इसे 20 नवंबर, 1956 को 'सार्वभौमिक बाल दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा।
हालाँकि, जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में चिह्नित करने के लिए भारतीय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
एक कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ, नेहरू ने भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, जैसे एम्स, आईआईटी और आईआईएम के निर्माण के लिए काम किया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में
उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत में हुआ था, उनके पिता मोतीलाल नेहरू थे और उनकी मां स्वरूपरानी थुसू थीं।
वह 15 साल की उम्र में हैरो स्कूल में पढ़ने के लिए इंग्लैंड चले गए।
फिर उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राकृतिक विज्ञान का अध्ययन किया।
नेहरू ने कानून का अध्ययन किया और 1912 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस शुरू की।
1916 में जब वे पहली बार महात्मा गांधी से मिले तो वे उनकी शिक्षाओं से बहुत प्रभावित हुए।
वे 1923 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने।
1929 में लाहौर अधिवेशन में जब पहली बार पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी, तब वह पार्टी अध्यक्ष थे।
वह गांधी के बाद स्वतंत्रता आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। उन्हें कई मौकों पर जेल भी हुई थी।
उन्होंने 1946 में अंतरिम सरकार का नेतृत्व किया।
देश को आजादी मिलने के बाद, उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और उनके सहयोगी वी के कृष्ण मेनन के साथ देश को सफलतापूर्वक एकीकृत किया।
उन्होंने देश के विकास के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की जैसे आईआईटी, रक्षा अकादमियों की स्थापना आदि।
वह भारत के पहले प्रधान मंत्री (1947-64) थे।
वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं, जो 17 साल से इस पद पर रहे।
27 मई 1964 को उनका निधन हो गया।
उनकी जयंती को देश में राष्ट्रीय'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू की कुछ कृतियां
डिस्कवरी ऑफ इंडिया
लेटर्स फ्रॉम अ फादर टू हिज डॉटर
ग्लिंपसेस ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री
टुवर्ड फ्रीडम (आत्मकथा)