1. प्रधानमंत्री का हिमाचल प्रदेश का दौरा
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में मंडी का दौरा किया और राज्य में विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन और नींव रखी।
उनके दौरे की खास बातें:
- उन्होंने हिमाचल प्रदेश दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता की।
- सावरा-कुड्डू जल विद्युत परियोजना
- उन्होंने 111 मेगावाट की सावरा-कुड्डू जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया
- यह शिमला जिले में यमुना नदी की एक सहायक नदी पब्बर पर बना है।
- यह प्रति वर्ष 380 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा,
- इसे करीब 2080 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बनने वाली विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
- रेणुकाजी बांध परियोजना:
- रेणुकाजी गिरि नदी पर बनने वाली एक बहुउद्देश्यीय नदी परियोजना है जो यमुना नदी की एक सहायक नदी है।
- यह हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है।
- 7000 करोड़ की परियोजना, हिमाचल प्रदेश द्वारा उपयोग की जाने वाली 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी और यह दिल्ली और इस परियोजना में भाग लेने वाले राज्यों को पीने के पानी की आपूर्ति करेगी।
- यह एक राष्ट्रीय स्तर की परियोजना है जहां हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड संयुक्त रूप से केंद्र सरकार के साथ परियोजना का विकास करेंगे।
- परियोजना सिंचाई या पीने के पानी के घटको की लागत का लगभग 90% यानी ₹3,892.83 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा और शेष ₹432.54 करोड़ बेसिन राज्यों द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- लुहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना:
- 210 मेगावाट की लुहरी स्टेज- I जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर स्थित है जो हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में स्थित है।
- इस परियोजना से सालाना 758.20 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और इसकी लागत लगभग 1800 करोड़ रुपये होगी।
- यह परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना:
- यह हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में ब्यास नदी पर लगभग 680 करोड़ रुपये की लागत से 66 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना है।
- यह हमीरपुर जिले की पहली जलविद्युत परियोजना होगी।
- इसे सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
- सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल):
- यह एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है जिसकी स्थापना 1988 में जल विद्युत उत्पादन और पारेषण के लिए की गई थी।
- यह भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उद्यम है।
2. कैबिनेट ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने तथा सशक्त करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) तथा मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीएम) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
इस समझौते का उद्देश्य सूचना के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा क्षमता निर्माण संबंधी पहलों के माध्यम से प्रतिस्पर्धा कानून और नीति के मामलों में सहयोग को बढ़ावा देना और उसे सशक्त करना है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना 2009 में प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के तहत की गई थी।
- यह भारत में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और भारत में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी परिवेश स्थापित करने वाली मुख्य संस्था है|
- यह केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन आता है।
वर्तमान अध्यक्ष: अशोक कुमार गुप्ता
मुख्यालय: नई दिल्ली
3. श्री परशोत्तम रूपाला ने पुणे स्थित आईवीएफ केंद्र का दौरा किया
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मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला ने पुणे के जेके ट्रस्ट बोवाजेनिक्स का दौरा किया।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्र में देश में पहली बार आईवीएफ तकनीक से बन्नी भैंस के बच्चे को जन्म दिया गया था।
जेके ट्रस्ट रेमंड समूह की एक सामाजिक पहल है|
भारत में भैंसों की आम मुर्राह और जाफराबादी नस्लों के विपरीत, बानी नस्ल को अधिक जलवायु लचीला माना जाता है और कठोर जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकती है जहां पानी की कमी होती है।
4. एनजीएमए चंडीगढ़ में कला कुंभ-आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा
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- राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (एनजीएमए), नई दिल्ली 25 दिसंबर, 2021 से 2 जनवरी, 2022 तक चंडीगढ़ में स्क्रॉल की पेंटिंग हेतु कला कुंभ कलाकार कार्यशालाओं के आयोजन के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा।
- यह उत्सव भारत की स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों की वीरता की कहानियों के प्रतिनिधित्व पर आधारित है।
- ये राष्ट्रीय गौरव तथा उत्कृष्टता को व्यक्त करने के माध्यम के रूप में कला की क्षमता का विश्लेषण करते हुए गणतंत्र दिवस समारोह 2022 का एक अभिन्न अंग होंगे।
5. बीजिंग ओलंपिक खेलों का कूटनीतिक बहिष्कार करेगा जापान
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- जापान ने घोषणा किया है, कि वह चीन में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 में भाग लेने के लिए किसी भी सरकारी अधिकारी को नहीं भेजेगा।
- इससे पहले उसके करीबी पश्चिमी सहयोगी देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड और कनाडा ने चीन में मानवाधिकारों की स्थिति , विशेष कर मुसलमानों के साथ चीन के व्यवहार के विरोध में बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक रूप से बहिष्कार करने की घोषणा की है।
- हालांकि जापान अन्य देशों की तरह, अपने खिलाड़ियों को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भेजेगा।
- बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेल 4 से 20 फरवरी 2022 तक चीन में आयोजित किया जाएंगा|
जापान की राजधानी: टोक्यो
जापान की मुद्रा: येन
जापान के प्रधान मंत्री: फुमियो किशिदा
6. रूसी अदालत ने मेटा और गूगल पर जुर्माना लगाया
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मॉस्को की एक अदालत ने गूगल पर लगभग 98 मिलियन अमरीकी डालर (7.2 बिलियन रूबल) का अभूतपूर्व जुर्माना लगाया, जबकि मेटा (पूर्व में फेसबुक) को 27 मिलियन अमरीकी डालर (1.9 बिलियन रूबल) का जुर्माना लगा।
अपनी सामग्री को ठीक से मॉडरेट नहीं करने और देश के मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप पर यह जुरमाना लगाया गया ।
इन सोशल मीडिया दिग्गजों को अवैध सामग्री को हटाने, धार्मिक घृणा को भड़काने वाली सामग्री को हटाने और "चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों" के विचारों को बढ़ावा देने में बार-बार विफल होने का दोषी ठहराया गया था।
रूसी मुद्रा रूबल।
रूस की राजधानी: मास्को
रूस के राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन
7. हांगकांग के तियानमेन स्क्वायर की मूर्ति हटाई गई
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- एक प्रसिद्ध प्रतिमा जिसमें तियानमेन स्क्वायर नरसंहार को चिह्नित करते हुए हांगकांग विश्वविद्यालय में लाशों का ढेर को दिखाया गया था, उसे 23 दिसंबर को हटा दिया गया।
- जून 1989 में तियानमेन स्क्वायर में चीन की कार्रवाई के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के रूप में द पिलर ऑफ शेम डेनिश कलाकार जेन्स गैल्सचियोट द्वारा बनाया गया था।
8. ओडिशा के रुशिकुल्या में ओलिव रिडले कछुए की टैगिंग फिर से शुरू
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- जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने ओडिशा वन और पर्यावरण विभाग के सहयोग से ओडिशा तट पर रुशिकुल्या के घोंसले में ओलिव रिडले कछुए की टैगिंग शुरू कर दी है।
- ओलिव रिडले कछुए की टैगिंग 25 साल के अंतराल के बाद जनवरी 2021 में शुरू हुई थी|
- ओलिव रिडले के तीन घोंसले के स्थानों गहिरमाथा, देवी नदी के मुहाने और ओडिशा में रुशिकुल्या में टैगिंग अभ्यास किया जा रहा है।
- ओडिशा का तट दुनिया में ओलिव रिडले का सबसे बड़ा घोंसला बनाने वाला स्थान है।
- टैगिंग अभ्यास का मुख्य उद्देश्य प्रवासन पथ और समुद्री सरीसृपों द्वारा मण्डली और घोंसले के शिकार के बाद के स्थानों की पहचान करना है।
- कछुओं पर लगे धातु के टैग संक्षारक नहीं होते हैं और वे उनके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसे बाद में हटाया जा सकता है। टैग विशिष्ट रूप से क्रमांकित होते हैं जिनमें संगठन का नाम, देश-कोड और ईमेल पता जैसे विवरण होते हैं।
- वैज्ञानिक 10 वर्षों की अवधि में 30,000 कछुओं को टैग करने का लक्ष्य रखा हैं|
- भारतीय प्राणी सर्वेक्षण का मुख्यालय: कोलकाता
9. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने चीन के शिनजियांग प्रांत से जबरन श्रम के उपयोग को रोकने के लिए वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया
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- संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के राष्ट्रपति जो बिडेन ने उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए हैं, जो चीन के जनवादी गणराज्य के झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र से अमेरिका में जबरन श्रम केद्वारा उत्पादित वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाता है।
कानून क्या है
- उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम, चीन के झिंजियांग क्षेत्र से संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी आयातों पर प्रतिबंध लगाता है, जब तक कि कंपनियां अमेरिकी सरकार को "स्पष्ट और ठोस सबूत" नहीं दिखाती है , कि आयतित वस्तुओं में चीनी शिविरों में बंदी गुलाम उइगर मुसलमानों के श्रम का उपयोग नहीं किया गया है।
मामला क्या है
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन पर मुस्लिम उइगर के खिलाफ नरसंहार का आरोप लगाती है। अमेरिकी सरकार के अनुसार चीनी सरकार उइगर मुसलमानों को बंदी शिवरों में कैद करके रखती है जिससे उनके बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है और उन्हें इन बंदी शिवरों में जबरन मजदूरी करवाया जाता है । अमरीकी सरकार इन मजदूरों के द्वारा बनाये गया सामनो के आयात को प्रतिबंधित करके चीनी सरकार पर दबाब बना चाहती है|
- चीनी सरकार इन शिविरों को आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से "पुनः शिक्षा" सुविधाओं के रूप में वर्णित करती है। चीनी सरकार कई उइगर लोगो पर कट्टरपंथी इस्लामी आंदोलन का हिस्सा होने का आरोप लगाती है, जिससे चीन को खतरा है।
- चीन के झिंजियांग क्षेत्र में सक्रिय पूर्वी तुर्किस्तान मुक्ति संगठन ने उइगर के लिए एक स्वतंत्र देश की स्थापना करना चाहता है। अलगाव वादी आंदोलन को कुचलने के लिए चीन ने बड़ी संख्या में उइगर को बंदी शिवरों में रखा है,उन्हें लगता है कि वह पूर्वी तुर्किस्तान आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखते हैं ।
- चीन पर उसके मानवाधिकार के मुद्दों पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी देश जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है।
- इन देशों के खिलाड़ी बीजिंग ओलंपिक में भाग लेंगे लेकिन यहा की सरकारें चीन के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड और उइगर मुसलमानों और तिब्बतियों जैसे अल्पसंख्यकों के साथ उसके व्यवहार का विरोध करने के लिए अपना आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल चीन नहीं भेजेगी।
अमेरिका के लिए आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान क्या है?
- हालाँकि कई अमेरिकी कंपनियां इस अधिनियम के खिलाफ हैं क्योंकि दुनिया की 40% से अधिक पॉलीसिलिकॉन आपूर्ति झिंजियांग से आती है। पॉलीसिलिकॉन का उपयोग सौर फोटोवोल्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग द्वारा कच्चे माल के रूप में किया जाता है। यदि इसे चीन से प्रतिबंधित किया जाता है तो इन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होगी जिससे अमेरिकी उपभोक्ता के लिए महंगा सामान हो जाएगा।
- यह जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को भी बाधित करेगा क्योंकि सौर ऊर्जा की लागत बढ़ेगी। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
10. राष्ट्रपति ने स्वर्गीय श्री पी.एन. पणिक्कर की प्रतिमा का अनावरण किया
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- भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने स्वर्गीय श्री पी.एन.पनिकर की प्रतिमा का अनावरण पूजापुरा, तिरुवनंतपुरम केरल में किया ।
- पुथुवायिल नारायण पणिक्कर को भारत में पुस्तकालय आंदोलन के जनक के रूप में भी जाना जाता है।
- उन्होंने 1945 में केरल में लगभग 50 छोटे पुस्तकालयों के साथ ग्रंथशाला संगम शुरू किया जो हजारों पुस्तकालयों के एक बड़े नेटवर्क में विकसित हुआ।
- केरल को पूरी तरह से साक्षर बनाने के लिए केरल सरकार के "साक्षरा केरलम" की सफलता का एक मुख्य कारण केरल के सबसे दूरस्थ में पुस्तकालय की उपलब्धता थी।
- पीएन पणिकर को सम्मानितकरने के लिए, केरल सरकार ने 19 जून को उनकी पुण्यतिथि, 1996 में वायनादिनम (पढ़ने का दिन) के रूप में घोषित किया।
- 2017 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को उनकी पुण्यतिथि को भारत में राष्ट्रीय पठन दिवस के रूप में घोषित किया। भारत में राष्ट्रीय पठन महीना (नेशनल रीडिंग मंथ) के रूप में भी मनाया जाता है।