1. फोर्ब्स द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज को भारत का नंबर 1 और दुनिया का 20 वां सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता का दर्जा दिया गया
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फोर्ब्स की विश्व की सबसे बेहतरीन नियोक्ता रैंकिंग 2022 के अनुसार, राजस्व, लाभ और बाजार मूल्य के हिसाब से देश का सबसे बड़ा निगम, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत का सबसे अच्छा नियोक्ता और विश्व स्तर पर काम करने के लिए 20 वीं सबसे अच्छी कंपनी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज को सऊदी कंपनी अरामको, जापानी ऑटो कंपनी होंडा और यामाहा, अमेरिकी पेय निर्माता कोका-कोला और जर्मन ऑटोमेकर मर्सिडीज-बेंज से ऊपर रैंक किया गया है ।
वैश्विक सूची
वैश्विक सूची में अमेरिकी कंपनियों का दबदबा है । दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग को छोड़कर, शीर्ष पांच में अन्य चार अमेरिकी कंपनियां हैं ।
विश्व की शीर्ष कंपनी
- सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स
- माइक्रोसॉफ्ट,
- आईबीएम
- अल्फाबेट
- एप्पल
भारतीय कंपनियां
सर्वोच्च रैंक वाली भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड थी जिसका कर्मचारी आधार लगभग 2,30,00 लोगों का है। शीर्ष 100 में कोई अन्य भारतीय कंपनियां नहीं हैं।
अन्य रैंक वाली भारतीय कंपनियां हैं;
एचडीएफसी बैंक 137वें स्थान पर है, बजाज (173वां), आदित्य बिड़ला ग्रुप (240वां), हीरो मोटोकॉर्प (333वां), लार्सन एंड टुब्रो (354वां), आईसीआईसीआई बैंक (365वां), एचसीएल टेक्नोलॉजीज (455वां), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (499वां), अदानी एंटरप्राइजेज (547वां) और इंफोसिस (668वें) स्थान पर ।
फोर्ब्स एक प्रभावशाली अमेरिकी बिजनेस मीडिया कंपनी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)
यह एक साल में 100 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित करने वाली भारत की पहली कंपनी है।
यह कई व्यवसायों में है और इसकी सहायक कंपनियां इस प्रकार हैं:
खुदरा व्यापार
आरआईएल ने अपने खुदरा कारोबार के लिए रिलायंस रिटेल कंपनी की स्थापना की है।
दूरसंचार व्यवसाय
आरआईएल का टेलीकॉम बिजनेस रिलायंस जियो कंपनी के जरिए किया जाता है ।
तेल से रसायन व्यवसाय:
आरआईएल ने गुजरात के जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी एकल तेल रिफाइनरी स्थापित की है।
तेल और गैस कारोबार
आरआईएल आंध्र प्रदेश में कृष्णा गोदावरी बेसिन में गैस क्षेत्र का संचालन करती है।
आरआईएल
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना 1973 में धीरूभाई अंबानी ने की थी
यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है
मुख्यालय: मुंबई
अध्यक्ष: मुकेश अंबानी
2. एडीबी ने ई-बसों के उत्पादन के लिए ग्रीनसेल एक्सप्रेस को $40 मिलियन का ऋण प्रदान किया
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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 7 नवंबर 2022 को घोषणा की कि उसने घरेलू बाजार के लिए महिला केंद्रित सुरक्षा सुविधाओं के साथ 255 ई-बसों को विकसित करने के लिए ग्रीनसेल एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड को 40 मिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया है।
एडीबी के अनुसार ये बसें भारत में 56 मार्गों पर हर साल 50 लाख लोगों की सेवा प्रदान करेंगी, जिनमें यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल प्रतिक्रिया के लिए कमांड कंट्रोल से जुड़े पैनिक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाएं होंगी।
इलेक्ट्रिक बसें होने के कारण, यह परियोजना भारत में प्रति वर्ष 14,780 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
भारत में परिवहन क्षेत्र
एडीबी के अनुसार, जैसे-जैसे देश का शहरीकरण बढेगा भारत की सार्वजनिक परिवहन की जरूरतें भी उसी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
एडीबी के अनुसार 2020 में, सड़क परिवहन का हिस्सा सभी यात्री यात्राओं में 87 प्रतिशत, कुल ऊर्जा खपत में 18 प्रतिशत और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में11.7 प्रतिशत था।
जीईपीएल, ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड (जीजीईएफ ) के स्वामित्व वाली ग्रीनसेल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (ग्रीनसेल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
जीजीईएफ, एवरसोर्स कैपिटल द्वारा प्रबंधित एक भारतीय वैकल्पिक निवेश कोष है जो संस्थागत पूंजी कोहरित बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए जुटाता है।
एशियाई विकास बैंक
- इसकी स्थापना 1966 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय मांडलुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस में है।
- कुल सदस्य देश : 68
- एडीबी के अध्यक्ष: मासात्सुगु असाकावा (जापानी नागरिक )
3. रूस ने इराक को पीछे छोड़ते हुए अक्टूबर महीने में भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना
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एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्स के अनुसार, अक्टूबर 2022 के महीने में इराक को पीछे छोड़ते हुए रूस, भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है।अक्टूबर 2022 के दौरान रूस ने भारत को कच्चे तेल की 935,556 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) की आपूर्ति की है।
एक बैरल कच्चा तेल 159 लीटर तेल के बराबर होता है।
रूस अब भारत के कुल कच्चे तेल के आयात का लगभग 22% आपूर्ति करता है, जो इराक के 20.5 प्रतिशत और सऊदी अरब के 16 प्रतिशत से आगे है।
भारत चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है।
भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
रूसी तेल आयात में वृद्धि का कारण
परंपरागत रूप से इराक, सऊदी अरब, यूएई भारत को तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।
लेकिन फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए जिससे अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि हुई।
भारत जो अपनी तेल आवश्यकता का लगभग 83% आयात से पूरा करता है, को तेल के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती थी और इसके कारण भारत में मुद्रास्फीति भी काफी बढ़ने लगा
था ।
रूस ने भारत को अपना तेल बहुत रियायती दरों पर बेचने की पेशकश की जिसे भारत ने खुशी-खुशी स्वीकार किया और पश्चिमी देशों के भरी विरोध के वाबजूद भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदना जरी रखा।
आज भारत चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है ।
4. आरआईएल भारत में जर्मन कंपनी मेट्रो के कैश एंड कैरी कारोबार को खरीदेगी
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भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)भारत में जर्मन रिटेलर मेट्रो एजी के कैश एंड कैरी कारोबार का अधिग्रहण 500 मिलियन यूरो (4,060 करोड़ रुपये) में करने को तैयार हों गया है ।
सौदे में 31 थोक वितरण केंद्र, भूमि बैंक और भारत में मेट्रो कैश एंड कैरी के स्वामित्व वाली अन्य संपत्तियां शामिल हैं। मेट्रो एजी, जो 34 देशों में संचालित है, ने 2003 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था ।
कैश एंड कैरी बिजनेस क्या होता है ?
कैश एंड कैरी बिजनेस मॉडल एक प्रकार का थोक व्यापार है जहां ग्राहक अपने द्वारा खरीदे गए सामान के लिए पूरा भुगतान करता है और विक्रेता द्वारा क्रेता को कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता है और इसमें खरीदार छोटे व्यवसाय, किराना स्टोर के मालिक आदि होते हैं।
मेट्रो एजी भारत में थोक बी 2 बी (बिजनेस टू बिजनेस) बाजार में काम करता है जिसमें खुदरा विक्रेता और किराना स्टोर, होटल, रेस्तरां और कैटरर्स, कॉर्पोरेट्स, छोटे और मध्यम उद्यम ,कंपनियां और संस्थाएं उसकी ग्राहक हैं ।
बी 2 बी सेगमेंट को कम मार्जिन वाला व्यवसाय माना जाता है और इस कारण कई विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां जैसे फ्रांस की कैरेफोर आदि देश छोड़ के जा चुकी हैं ।
रिटेल रिटेल आरआईएल की सहायक कंपनी है जो रिलायंस के खुदरा कारोबार को संचालित करती है और भारत की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी है। मेट्रो कारोबार की खरीद से रिलायंस रिटेल की बी2बी सेगमेंट में मौजूदगी बढ़ेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल)
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की स्थापना 1973 में धीरूभाई अंबानी ने की थी
यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी है
मुख्यालय: मुंबई
अध्यक्ष: मुकेश अंबानी
5. भारत, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लंदन में आयोजित होने वाले विश्व यात्रा बाजार 2022 में भाग लेगा
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केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय भारत में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 7 से 9 नवंबर 2022 तक लंदन, इंग्लैंड में आयोजित होने वाले वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रदर्शनियों में से एक है।
भारत सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के उद्घाटन के साथ, सरकार इसे एक सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रदर्शित करना चाहती है।
भारत सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के उद्घाटन के साथ, सरकार इसे एक सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रदर्शित करना चाहती है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के सचिव (पर्यटन) अरविंद सिंह कर रहे हैं
विश्व यात्रा बाजार 2022 का विषय: यात्रा का भविष्य अब शुरू होता है'
भारत सरकार के अनुसार, कोविड महामारी से पहले, 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 5.19% था।
भारत सरकार के अनुसार 2021 में पर्यटन से विदेशी मुद्रा की कमाई 8.797 अरब अमेरिकी डॉलर थी।
6. सरकार ने मई 2023 तक 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी
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भारत सरकार ने 2022-23 चीनी मौसम में 31 मई 2023 तक 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। सरकार ने 2021-22 के चीनी सीजन में एक करोड़ टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। अधिसूचना 5 नवंबर 2022 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई थी। भारत में चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक होता है
29 अक्टूबर 2022 को जारी एक अधिसूचना में भारत सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 2022-23 सीजन तक बढ़ा दिया था ताकि घरेलू बाजार में चीनी की कीमत पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही सरकार नेचीनी को प्रतिबंधात्मक सूची में रखा जिसका अर्थ है की भारत से चीनी का निर्यात भारत सरकार की अनुमति से ही किया जा सकता है।
ताजा आदेश में सरकार ने 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है और विभिन्न चीनी मिलों के लिए निर्यात कोटा भी आवंटित किया है।
चालू सीजन में 4.1 करोड़ टन चीनी के बंपर उत्पादन के अनुमान है और इसको देखते हुए सरकार ने चालू सीजन में चीनी के निर्यात की अनुमति दी है।
भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है और ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
7. दीपावली सप्ताह के दौरान 20 साल में पहली बार प्रचलन में मुद्रा में गिरावट: एसबीआई इकोरैप
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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा है कि इस साल दिवाली वाली सप्ताह में ‘प्रचलन में मुद्रा ‘(currency in circulation) में 7,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। यह पिछले 20 वर्षों में पहली बार था जब दिवाली त्योहार के मौसम में नकदी परिसंचरण में कमी आई है, जहां आम तौर पर खर्च में बढ़ोतरी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2009 में प्रचलन में मुद्रामें 950 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी लेकिन यह वैश्विक वित्तीय संकट के कारण हुए देश में आर्थिक मंदी के कारण था, जिसके कारण इसे अपवाद माना गया ।
प्रचलन में मुद्रा में गिरावट का कारण
रिपोर्ट के अनुसार नकदी के प्रचलन में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय भुगतान प्रणाली में नकदी से स्मार्टफोन आधारितभुगतान अर्थव्यवस्था में बदलाव है ।
फिनटेक में नवाचार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण ,जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उनके लिए भी डिजिटल रूप से पैसा ट्रांसफर करना आसान और सस्ता हो गया है।
रिपोर्ट सरकार की नकद के बजाय डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने की पहल को भी इसका श्रेय देती है।
भविष्य के अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी में उत्तरोत्तर गिरावट आई है और डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
भुगतान प्रणाली में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी 2015-16 में 88% थी जो 2021-22 में घटकर 20% रह गई। 2026-27 में इसके और कम होकर 11.15% होने का अनुमान है।
नतीजतन, डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 2015-16 में 11.26% से बढ़कर 2021-22 में 80.4% हो गई है और 2026-27 में 88% तक पहुंचने की उम्मीद है।
प्रचलन में मुद्रा क्या है?
प्रचलन में मुद्रा, आम जनता और वित्तीय संस्थानों के पास अंकित मूल्य पर दर्ज बैंकनोटों और प्रचलन में सिक्कों को कहते हैं।
बैंक नोट वे मुद्रा नोट हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। एक रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
हालांकि जारी किए गए सभी नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं होते हैं। कुछ बैंक नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं हैं जैसे करेंसी नोट और सिक्के जो आरबीआई की तिजोरी में रखे जाते हैं, बैंकों को नकद आरक्षित अनुपात आवश्यकताओं को बनाए रखना के लिए भी बैंकनोटों को अपने पास रखना होता है आदि।
8. सीबीडीटी ने सभी करदाताओं के लिए एकल आईटीआर फॉर्म का अनावरण किया
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 1 नवंबर को सभी करदाताओं के लिए एकल आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म का प्रस्ताव रखा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी करदाता प्रस्तावित नए सामान्य आईटीआर फॉर्म के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिस पर सीबीडीटी ने 15 दिसंबर तक हितधारकों की टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
वर्तमान में, करदाताओं को श्रेणी के आधार पर ITR-1 से ITR-7 में अपना आयकर रिटर्न प्रस्तुत करना आवश्यक है।
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या है?
आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है जिसे एक व्यक्ति को भारत के आयकर विभाग को जमा करना होता है।
इसमें वर्ष के दौरान व्यक्ति की आय और उस पर भुगतान किए जाने वाले करों के बारे में जानकारी होती है।
आईटीआर फॉर्म के प्रकार
आईटीआर फॉर्म सात प्रकार के होते हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग श्रेणी के करदाताओं द्वारा किया जाता है।
ITR फॉर्म 1- जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए है। सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों द्वारा, वेतन, एक गृह संपत्ति / अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय के साथ दाखिल किए जा सकते हैं।
ITR-2 - यह आवासीय संपत्ति से आय वाले लोगों द्वारा दायर किया जाता है।
ITR-3 - यह उन लोगों के लिए है जिनकी आय व्यवसाय/पेशे से लाभ के रूप में है।
ITR-4 (सुगम) - यह ITR-1 (सहज) की तरह एक साधारण फॉर्म है, और इसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों द्वारा दायर किया जा सकता है, जिनकी व्यवसाय से कुल आय 50 लाख रुपये तक है।
ITR-5 और 6 - ये क्रमशः सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) और व्यवसायों के लिए हैं।
ITR-7 - यह ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा दायर किया जाता है।
प्रस्तावित किए गए परिवर्तन
प्रस्ताव के अनुसार, सभी करदाता, ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों (ITR-7) को छोड़कर, एकल ITR फॉर्म का उपयोग करेंगे, जिसमें आभासी डिजिटल संपत्ति से आय के प्रकटीकरण के लिए एक अलग शीर्षक शामिल होगा।
मौजूदा आईटीआर-1 और आईटीआर-4 जारी रहेगा।
ड्राफ्ट फॉर्म का उद्देश्य रिटर्न दाखिल करना आसान बनाना है, और व्यक्तियों और गैर-व्यावसायिक-प्रकार के करदाताओं के समय की बचत करना है।
9. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए 33 वर्षों में ब्याज दरों में सबसे बड़ी वृद्धि की
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यूनाइटेड किंगडम के केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) ने 1989 के बाद से, 3 नवंबर 2022 को अपनी ब्याज दरों में सबसे अधिक वृद्धि की है । बीओई ,अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह, रूस और यूक्रेन के संघर्ष से प्रेरित उच्च मुद्रास्फीति को काबू करने की कोशिश कर रहा हैं ।
बीओई ने बैंक दर को 2.25% से बढ़ाकर 3% कर दिया है और साथ ही यह चेतावनी भी दीहै कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों तक मंदी में रह सकती है और इसमें आर्थिक वृद्धि की संभावना नहीं है ।
जब लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में नकारात्मक वृद्धि होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
बीओई के गवर्नर एंड्रयू बेली ने कहा कि "उच्च ऊर्जा, भोजन और अन्य बिल लोगों को परेशान कर रहे हैं। परिवारों के पास अन्य चीजों पर खर्च करने के लिए कम है। इसकासाफ़ मतलब है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार गिरना शुरू हो गया है।
बीओई ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि मौजूदा तिमाही के दौरान मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर लगभग 11% पर पहुंच जाएगी, जो उसके 2% के लक्ष्य से पांच गुना अधिक है।
यूरोप में महंगी गैस की समस्या
यूरोप विशेष रूप से प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल से बुरी तरह प्रभावित हुआ है । रूस के यूक्रेन पर सैन्य कारवाही के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ।
रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों का जवाब देते हुए यूरोप को अपनी गैस सप्लाई कम कर दिया जिसके परिणाम स्वरुप इन देशों में प्राकृतिक गैस की कमी और कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है ।
यूरोप में लोग अपने घरों को गर्म करने, बिजली और बिजली उद्योगमें गैस का इस्तेमाल करते हैं और आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए यूरोप के लिए यह संकट और बढेगा।
विश्व के महत्वपूर्ण केंद्रीय बैंक
देश | केंद्रीय बैंक | केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष |
भारत | भारतीय रिजर्व बैंक | शक्तिकांत दास |
संयुक्त राज्य अमेरिका | फेडरल रिजर्व | जेरोम पॉवेल |
जापान | बैंक ऑफ जापान | हारुहिको कुरोडा |
चीन | पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना | यी गैंग |
यूनाइटेड किंगडम | बैंक ऑफ इंग्लैंड | एंड्रयू बेली |
यूरोपीय यूरो जोन | यूरोपीय केंद्रीय बैंक | क्रिस्टीन लेगार्ड |
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी)
यह 19 यूरोपीय संघ के देशों का सेंट्रल बैंक है जिन्होंने यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
यूरोजोन के सदस्य देश: बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं ।
10. भारत विश्व की सबसे सस्ती विनिर्माण लागत वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर
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यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को चीन और वियतनाम से बहुत आगे, सबसे सस्ती विनिर्माण लागत वाले देश के रूप में स्थान दिया गया है। रिपोर्ट को यूएस मीडिया कंपनी द्वारा 85 देशों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर संकलित किया गया था।
रिपोर्ट 73 विशेषताओं पर 85 देशों का मूल्यांकन करती है। विशेषताओं को 10 उप श्रेणियों में बांटा गया है जैसे साहसिक, चपलता, उद्यमिता, व्यवसाय के लिए खुला, सामाजिक उद्देश्य और जीवन की गुणवत्ता।
भारत का प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार ,100 के पैमाने पर, भारत ने सस्ते विनिर्माण लागत के मामले में शत-प्रतिशत स्कोर किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का कुल मिलाकर 'बिजनेस के लिए ओपन' स्कोर 37 है।
भारत ने जहाँ अन्य पैमानों पर कम स्कोर किया है वे हैं ‘अनुकूल कर वातावरण' जिसमे भारत का स्कोर 100 में 16.2 था ,'भ्रष्ट नहीं' उप-श्रेणी में स्कोर 18.1/100 और 'पारदर्शी सरकारी नीतियों' में स्कोर 3.5/100 था ।
रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की कोशिश कर रही है। 2020 में कोविड -19 के प्रकोप के बाद सरकार द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य विदेशी निवेशको को आकर्षित करके देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।
सर्वश्रेष्ठ देश रैंकिंग
समग्र सर्वश्रेष्ठ देश रैंकिंग में, स्विट्जरलैंड चार्ट में सबसे ऊपर है, उसके बाद जर्मनी, कनाडा, अमेरिका और स्वीडन का स्थान है।
85 देशों में भारत को सर्वश्रेष्ठ देशों की रैंकिंग में 31वां स्थान मिला है।