1. रक्षा मंत्रालय ने नई दिल्ली में 75 नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पाद लॉन्च किए
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 जुलाई को विज्ञान भवन नई दिल्ली में रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित पहली 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस' (एआईडीईएफ) संगोष्ठी और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस कार्यक्रम में अनुसंधान संगठनों, उद्योग और स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स द्वारा विकसित अत्याधुनिक एआई-सक्षम समाधानों और बाजार के लिए एआई उत्पादों के लॉन्च को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
यह एक बड़ी घटना है जहां रक्षा में 75 नव-विकसित एआई उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया।
ये उत्पाद रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' पहल को बढ़ावा देंगे।
इन उत्पादों का परीक्षण किया जा रहा है और जल्द ही इन्हें राष्ट्र की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा।
लॉन्च किए जा रहे 75 उत्पादों के अलावा, अन्य 100 विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
इस कार्यक्रम में 'डिप्लॉयिंग एआई इन डिफेंस', 'जेननेक्स्ट एआई सॉल्यूशंस' और 'एआई इन डिफेंस - इंडस्ट्री पर्सपेक्टिव' पर पैनल चर्चा भी की गई।
उत्पाद निम्नलिखित डोमेन में हैं-
स्वचालन/मानव रहित/रोबोटिक्स प्रणाली
साइबर सुरक्षा और मानव व्यवहार विश्लेषण
बुद्धिमत्तापूर्ण निगरानी प्रणाली
रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर और खुफिया
निगरानी और टोही (C4ISR) सिस्टम
ऑपरेशनल डेटा एनालिटिक्स
रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
रक्षा में एआई को बढ़ावा देने हेतु रोड मैप प्रदान करने के लिए 2018 में रक्षा पर एआई टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी।
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक रक्षा एआई परिषद, इस इस दिशा में काम कर रही है।
रक्षा मंत्री ने घोषणा की थी कि 2024 तक "25 रक्षा-विशिष्ट एआई उत्पाद" विकसित किए जाएंगे।
एआई-सक्षम परियोजनाओं के लिए रक्षा उत्पादन सचिव के अधीन एक रक्षा एआई परियोजना एजेंसी (डीएआईपीए) भी बनाई गई है।
नौसेना जामनगर में आईएनएस वलसुरा में एआई उत्कृष्टता केंद्र भी बना रही है, जिसमें पहले से ही एआई और बिग डेटा विश्लेषण पर एक आधुनिक प्रयोगशाला है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
यह कंप्यूटर विज्ञान की एक विस्तृत शाखा है, जो ऐसे कार्यों को करने में सक्षम स्मार्ट मशीनों के निर्माण से संबंधित है, जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।
2. भारतीय नौसेना ने विशाखापत्तनम में पहला एएलएच स्क्वाड्रन आईएनएएस 324 विशाखापत्तनम में कमीशन किया
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भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन आईएनएस 324 को 4 जुलाई को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
आईएनएएस 324 स्क्वाड्रन
यह इकाई पूर्वी समुद्र तट पर पहली नौसेना स्क्वाड्रन है जो स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके III (एमआर) हेलीकॉप्टरों का संचालन करती है।
इसे एक पक्षी प्रजाति के नाम 'केस्ट्रल्स' के नाम पर रखा गया है, जिसमें बेहतर संवेदी क्षमताएं होती हैं, जो विमान और वायु स्क्वाड्रन की परिकल्पित भूमिका का प्रतीक है।
स्क्वाड्रन के प्रतीक चिन्ह में विशाल नीले पानी और सफेद समुद्री लहरों पर खोज करते हुए एक 'केस्ट्रल' को दर्शाया गया है, जो स्क्वाड्रन की समुद्री टोही (एमआर) और खोज और बचाव (एसएआर) की भूमिका को दर्शाता है।
एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं जिनमें आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर लगाए गए हैं।
इन हेलीकॉप्टरों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन और समुद्री कमांडो (मार्कोस) के साथ विशेष अभियानों के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
उन्नत हल्का हेलीकाप्टर (ALH)
यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा एक जुड़वां इंजन वाला स्वदेशी रूप से विकसित यूटिलिटी विमान है।
इसका विकास 1984 में शुरू किया गया था, और शुरुआत में इसे जर्मनी की सहायता से मेसर्सचिट-बोल्को-ब्लोहम (एमबीबी) के साथ डिजाइन किया गया था।
2020 तक, घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए 300 से अधिक एचएएल ध्रुवों का उत्पादन किया गया है।
ध्रुव के प्रमुख प्रकारों को ध्रुव Mk-I, Mk-II, Mk-III और Mk-IV के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
एचएएल ने 2017 में भारतीय सेना, तटरक्षक बल और नौसेना से ALH Mk-III और Mk-IV वेरिएंट के लिए 73 ALH के ऑर्डर प्राप्त किए हैं।
एचएएल ने नेपाल सेना, मॉरीशस पुलिस और मालदीव को भी इसकी आपूर्ति की है।
3. भारतीय नौसेना के जहाजों का सिंगापुर का दौरा
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दक्षिण-पूर्व एशिया में तैनात होने जा रहे भारतीय नौसेना के जहाजों- सह्याद्रि और कदमत ने सिंगापुर का दौरा किया।
दोनों जहाजों ने पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला की कमान में 1 से 3 जुलाई तक सिंगापुर का दौरा किया।
दौरे में नौसेना के चालक दल ने आपसी सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाने की दिशा में सिंगापुर गणराज्य की नौसेना के साथ पेशेवर बातचीत में भाग लिया।
इस दौरान नौसेनाओं के बीच संबंधों और आपसी समझ को मजबूत करने के उद्देश्य से सामाजिक और अनौपचारिक आदान-प्रदान भी किए गए।
जहाजों की ‘सिंगापुर सशस्त्र बल (एसएएफ) दिवस पर 1 जुलाई को हुई सिंगापुर यात्रा ने समुद्री सहयोग बढ़ाने में मदद की और सिंगापुर के साथ भारत की दोस्ती के मजबूत संबंधों को और मजबूत किया जो इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता में योगदान देगा।
इससे पहले, 4 फरवरी, 2021 को सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन ने हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन (डीएमसी) के उद्घाटन सत्र में भाग लिया था।
इस अवसर पर उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत के नेतृत्व को सिंगापुर के समर्थन की घोषणा भी की।
सिमबेक्स- 2021
सिंगापुर नौसेना और भारतीय नौसेना ने 2 से 4 सितंबर, 2021 तक वार्षिक सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिमबेक्स) का आयोजन किया।
सिमबेक्स- 2021 में एक आभासी योजना भी शामिल की गई थी।
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के दक्षिणी भाग में एक 'संपर्क रहित' समुद्री चरण का आयोजन किया गया।
आईएनएस सह्याद्री
यह एक स्वदेश निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट है।
इसने गुआम के तट पर जापान और अमेरिका के साथ त्रिपक्षीय आभाषी मालाबार युद्ध में भाग लिया।
आईएनएस कदमत
यह प्रोजेक्ट 28 के तहत कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में से दूसरा है।
यह स्वदेश निर्मित ASW कार्वेट है।
इसे भारतीय नौसेना के पूर्वी नौसेना कमान में शामिल किया गया था।
इसकी भूमिका पनडुब्बी रोधी युद्ध में है।
4. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में नई विनिर्माण सुविधाएं, राष्ट्र को समर्पित की गई
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भानुर में नई विनिर्माण सुविधाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
राजनाथ सिंह ने 02 जुलाई, 2022 को तेलंगाना में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की भानुर इकाई का दौरा किया।
अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डीपीएसयू) द्वारा स्थापित कई नई विनिर्माण सुविधाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
इनमें भानुर यूनिट में वारहेड सुविधा और कंचनबाग यूनिट में रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर सुविधा शामिल है।
राजनाथ सिंह ने बीडीएल परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया।
भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल)
यह रक्षा मंत्रालय के तहत भारत सरकार का उद्यम है।
इसकी स्थापना हैदराबाद में वर्ष 1970 में हुई थी।
यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित मिसाइल और संबद्ध रक्षा उपकरण का निर्माण करता है।
यह डीआरडीओ और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के सहयोग से काम कर रहा है।
5. भारतीय सेना, वायु सेना दिल्ली से द्रास तक ऐतिहासिक साइकिलिंग अभियान चलाने के लिए शामिल हुए
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भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना 22 जुलाई से शुरू होने वाले दिल्ली से द्रास तक एक ऐतिहासिक साइकिल अभियान का संचालन करने के लिए सेना में शामिल हो गए हैं।
साइकिल चालकों की टीम का नेतृत्व कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स की मेजर सृष्टि शर्मा करेंगी।
भारतीय वायु सेना की टीम का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर मेनका कर रही हैं।
टीम में 20 सैनिक और वायु योद्धा शामिल हैं और इसका नेतृत्व सेना और वायु सेना की दो महिला अधिकारी करेंगी।
इस अभियान को 2 जुलाई की सुबह नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
साइकिल चालक 24 दिनों में 1,600 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
अभियान का समापन इस महीने की 26 तारीख को कारगिल युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों की स्मृति में द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर होगा।
यह अभियान हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले पंजाब से होते हुए आगे बढ़ेगा।
अभियान का उद्देश्य
राष्ट्रवाद के प्रति युवा भारतीयों की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए साइकिल चालको द्वारा रास्ते में विभिन्न चरणों में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करना।
वे देश के भावी नेताओं के अथाह उत्साह और जोश को दिशा देने के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करेंगे।
6. डीआरडीओ ने मानव रहित लड़ाकू विमान की पहली उड़ान भरी
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 1 जुलाई को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
विमान ने एक संपूर्ण उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और टचडाउन शामिल है।
मानव रहित लड़ाकू विमान एक छोटे, टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित होता है।
इसे डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला, बेंगलुरु स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
उड़ान पूरी तरह से स्वायत्त मोड में संचालित की गई।
वाहन के एयरफ्रेम, साथ ही इसके अंडर कैरिज, फ्लाइट कंट्रोल और एवियोनिक्स सिस्टम को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था।
यह कार्यक्रम भारत के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट या एएमसीए के विकास से जुड़ा है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)
यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।
इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।
इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष - जी सतीश रेड्डी
7. रक्षा मंत्रालय ने मासिक भत्तों के वितरण के लिए पेरोल ऑटोमेशन (PADMA) का उद्घाटन किया
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हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने ‘मासिक भत्तों के वितरण के लिये पे रोल ऑटोमेशन’ (PADMA) का उद्घाटन किया, जो भारतीय तटरक्षक बल के लिये एक स्वचालित वेतन और भत्ता मॉड्यूल है।
PADMA के बारे में
PADMA नवीनतम तकनीक का लाभ उठाने वाला एक स्वचालित मंच है जो लगभग 15,000 भारतीय तटरक्षक कर्मियों को वेतन और भत्तों का निर्बाध एवं समय पर वितरण सुनिश्चित करेगा।
यह मॉड्यूल रक्षा लेखा विभाग के तत्त्वावधान में विकसित किया गया है और वेतन लेखा कार्यालय तटरक्षक, नोएडा द्वारा संचालित किया जाएगा।
महत्त्व
यह पहल एक केंद्रीकृत वेतन प्रणाली की शुरुआत का प्रतीक है, जिसकी नींव रक्षा लेखा विभाग मुख्यालय द्वारा मंत्रालय के तहत सभी संगठनों के लिए 'वन स्टॉप पे अकाउंटिंग' समाधान प्रदान करने के लिए रखी जा रही है।
PADMA के लॉन्च से डिजिटल इंडिया विज़न की अवधारणा को मज़बूती मिलेगी। साथ ही यह एक 'आत्मनिर्भर भारत' पहल है क्योंकि पूरे मॉड्यूल को डोमेन विशेषज्ञों द्वारा सहायता प्राप्त भारतीय उद्यमियों ने डिज़ाइन और विकसित किया है।
भारतीय तटरक्षक बल के बारे में
भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना 18 अगस्त 1978 को संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम, 1978 के तहत एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य शांतिकाल में भारतीय समुद्रों की सुरक्षा करना था।
आदर्श वाक्य - ‘’वयम् रक्षाम: याने हम रक्षा करते हैंI
मुख्यालय- नई दिल्ली
महानिदेशक- डायरेक्टर जनरल विरेन्दर सिंह पठानिया
तटरक्षक दिवस- 1 फरवरी
8. अभ्यास RIMPAC-22
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RIMPAC-22 एक्सरसाइज़ 29 जून से 4 अगस्त तक हवाई द्वीप और दक्षिणी कैलिफोर्निया में तथा उसके पास के क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा।
बहुआयामी अभ्यास के वर्तमान संस्करण में 27 देश भाग ले रहे हैं।
RIMPAC-22
इसका उद्देश्य मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर्संचालनीयता और विश्वास को कायम करना है।
RIMPAC 2022 की थीम- 'सक्षम, अनुकूलन, भागीदार' है।
पहला RIMPAC 1971 में आयोजित किया गया था जिसमे ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और संयुक्त राज्य अमेरिका (US) की सेना शामिल थी।
भारत की भागीदारी
वर्ष 2014 में भारत ने पहली बार RIMPAC में भाग लिया जब स्वदेश निर्मित शिवालिक श्रेणी के स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री ने अभ्यास में भाग लिया था।
आईएनएस सह्याद्री ने पुनः वर्ष 2018 के संस्करण में देश का प्रतिनिधित्व किया था ।
वर्ष 2016 में आईएनएस सतपुड़ा समुद्री अभ्यास में शामिल हुआ।
2014 से पहले वारगेम्स में भारतीय नौसेना की उपस्थिति केवल 2006, 2010 और 2012 के संस्करणों के लिये एक पर्यवेक्षक के रूप में थी।
वर्तमान संस्करण में भारतीय नौसेना का आईएनएस सतपुड़ा और एक P8I समुद्री गश्ती विमान अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
P8I समुद्री गश्ती पोत
P-8I भारतीय नौसेना के लिये बोइंग द्वारा निर्मित एक लंबी दूरी का बहु-मिशन समुद्री गश्ती पोत है।
इसे भारत के समुद्र तट और क्षेत्रीय जल की रक्षा हेतु डिज़ाइन किया गया था।
यह पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW), सतह-रोधी युद्ध (AsuW), खुफिया, समुद्री गश्ती और निगरानी व सैनिक परीक्षण का संचालन कर सकता है।
आईएनएस सतपुड़ा
आईएनएस सतपुड़ा (F48) भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया एक शिवालिक-श्रेणी का स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट है I
आईएनएस सतपुड़ा मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया गया है ।
आईएनएस सतपुड़ा एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित 6000 टन निर्देशित मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है जो हवा, सतह और पानी के नीचे विरोधी को तलाशने और नष्ट करने में सक्षम है।
9. भारतीय नौसेना ने फारस की खाड़ी में 'ऑपरेशन संकल्प' शुरू किया
भारतीय नौसेना ने भारतीय जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी में 'ऑपरेशन संकल्प' शुरू किया है।
भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस तलवार वर्तमान में भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा के उद्देश्य से खाड़ी क्षेत्र में भारतीय नौसेना की उपस्थिति के लगातार तीसरे वर्ष में ऑपरेशन-संकल्प के लिये तैनात है।
ऑपरेशन संकल्प
भारतीय नौसेना ने ओमान की खाड़ी में व्यापारी जहाजों पर हमलों के बाद क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के बाद 19 जून, 2019 को खाड़ी क्षेत्र में ऑपरेशन संकल्प शुरू किया था।
यह होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले भारतीय ध्वज वाले जहाजों के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।
यह ऑपरेशन विदेश मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सहित हितधारकों के साथ मिलकर चलाया जाता है।
इसके तहत भारतीय नौसेना खाड़ी क्षेत्र की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। यह समुद्री व्यापार की सुरक्षा के साथ-साथ भारतीय ध्वज वाले व्यापारी जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में उपस्थिति बनाए हुए है।
फारस की खाड़ी
इसे अरब की खाड़ी भी कहा जाता है, यह हिंद महासागर का एक उथला सीमांत समुद्र है जो अरब प्रायद्वीप और दक्षिण-पश्चिमी ईरान के बीच स्थित है।
इसकी लंबाई लगभग 990 किमी है और होर्मुज जलसंधि में इसकी चौड़ाई अधिकतम लगभग 340 किमी से लेकर न्यूनतम 55 किमी तक होती है।
ओमान की खाड़ी
ओमान की खाड़ी, अरब सागर की उत्तर-पश्चिमी भाग अरब प्रायद्वीप (ओमान) के पूर्वी भाग और ईरान के बीच स्थित है।
यह 560 किमी लंबी है और होर्मुज जलसंधि के माध्यम से फारस की खाड़ी से जुड़ती है।
यह अरब सागर और हिंद महासागर से फारस की खाड़ी में एकमात्र प्रवेश द्वार प्रदान करता है।
यह फारस की खाड़ी के आसपास के तेल उत्पादक क्षेत्र के लिये एक शिपिंग मार्ग है।
10. भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किया गया नया उन्नत हल्का हेलीकाप्टर स्क्वाड्रन 840 सीजी
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भारतीय तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) ने 20 जून को चेन्नई में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) मार्क-III को शामिल किया।
एएलएच नव निर्मित "840 स्क्वाड्रन" का पहला विमान होगा जो चेन्नई में तैनात होगा और तटरक्षक क्षेत्र पूर्व में तैनात होने वाला पहला एएलएच एमके-III होगा।
विमान को तटरक्षक वायु स्टेशन, चेन्नई में पारंपरिक जल तोप की सलामी के साथ प्राप्त किया गया।
तटरक्षक क्षेत्र पूर्व के कमांडर महानिरीक्षक ए.पी. बडोला ने विमान और चालक दल का स्वागत किया।
शीघ्र ही स्क्वाड्रन में तीन और एएलएच शामिल किए जाएंगे।
आधुनिक राडार का उपयोग करते हुए विमान में बियॉन्ड द विजुअल रेंज डिटेक्शन है।
यह अपने माउंटेड हैवी मशीन गन का उपयोग करते हुए टारगेट न्यूट्रलाइजेशन ऑपरेशन के लिए सुसज्जित है।
स्क्वाड्रन का संचालन क्षेत्र अपने सामरिक महत्व और भौगोलिक स्थिति के कारण पूरे पूर्वी क्षेत्र को घेर लेगा।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)
यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है जिसका मुख्यालय बैंगलोर में है।
यह 23 दिसंबर 1940 को वालचंद हीराचंद द्वारा बैंगलोर में हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में स्थापित किया गया था, जो कंपनी के अध्यक्ष बने।
यह भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रबंधन के तहत शासित है।
यह वर्तमान में विमान, जेट इंजन, हेलीकॉप्टर और उनके स्पेयर पार्ट्स के डिजाइन, निर्माण और संयोजन का कार्य कर रहा है।
इसकी शाखाएं नासिक, कोरवा, कानपुर, कोरापुट, लखनऊ, बैंगलोर, हैदराबाद और कासरगोड में स्थित हैं।
एचएएल एचएफ-24 मारुत लड़ाकू-बमवर्षक भारत में निर्मित पहला लड़ाकू विमान था।
भारतीय तटरक्षक बल
यह गैर-सैन्य कार्य करता है।
स्थापित - 18 अगस्त 1978 को तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा
संचालन - रक्षा मंत्रालय के अधीन
मुख्यालय - नई दिल्ली में
क्षेत्राधिकार - सन्निहित क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर।
यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिए जिम्मेदार है।