1. भारत तीसरा सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाला देश बना
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स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री ) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सभी देशों में सैन्य खर्च के मामले में अमेरिका सबसे आगे है उसके बाद चीन और भारत हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में अमेरिकी सैन्य खर्च की राशि $801 बिलियन थी, जिसमें वर्ष 2020 की तुलना में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई ।
इस साल सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस हैं इन देशों का हिस्सा कुल खर्च में 62 प्रतिशत रहा I
2021 में कुल वैश्विक सैन्य खर्च 0.7 प्रतिशत बढ़कर 2113 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
भारत 76.6 अरब डॉलर सैन्य खर्च के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर है, यह सैन्य खर्च वर्ष 2020 की तुलना में 0.9 प्रतिशत और वर्ष 2012 की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है ।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खर्च करने वाले चीन ने 2021 में अपनी सेना को अनुमानित $ 293 बिलियन का आवंटन किया, जो 2020 की तुलना में 4.7 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2021 में रूस का सैन्य खर्चे 65.9 बिलियन हो गया जो वर्ष 2020 की तुलना में 2.9 फीसद अधिक है।
हिंसक उग्रवाद और अलगाववादी विद्रोह जैसी कई सुरक्षा चुनौतियों के जवाब में नाइजीरिया ने 2021 में अपना सैन्य खर्च 56 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 अरब डॉलर कर दिया।
सिप्री के बारे में
फुल फॉर्म - स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट
गठन- 6 मई 1966
संस्थापक- टेज एरलैंडर, अल्वा मायर्डाली
मुख्यालय- सोलना, स्टॉकहोम (स्वीडन)
निर्देशक- डैन स्मिथ
2. डेफकनेक्ट 2.0
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केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा 22 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में डेफकनेक्ट 2.0 का उद्घाटन किया गया I
इसका आयोजन इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस, डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (आईडेक्स-डीआईओ) द्वारा किया गया ।
यह कार्यक्रम रक्षा उत्पादन विभाग के तत्वाधान में आयोजित किया गया I
डेफकनेक्ट 2.0 का उद्देश्य आईडेक्स-डीआईओ से जुड़े नवोन्मेषकों को अपनी क्षमताओं ,उत्पादों और अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन करने का मौका देना है I
इस आयोजन से भारत के प्रमुख रक्षा उद्योगों के बड़ी संख्या में नवोन्मेषकों और निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा।
इसमें उद्योग के दिग्गजों के साथ बिभिन्न सत्र आयोजित किये जायेंगे जिससे स्टार्ट -अप और विविध हितधारकों के नियमित रूप से जुड़ने की रणनीति को नई दिशा दी जाएगी I
आईडेक्स के बारे में
आईडेक्स को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था I
यह रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों के विभिन्न हितधारकों को एक एकीकृत मंच प्रदान करता है I
यह एक विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहयोग की देखरेख के लिए एकअम्ब्रेला संगठन की तरह कार्य करता है I
आईडेक्स रक्षा नवाचार में नई क्षमताओं की विकसित करने में सहायक है I
यह योजना रक्षा नवाचार के प्रति लोगों की संवेदनशीलता के मामले में नए उद्यमियों की समझ की और भी बेहतर बना रही है I
आईडेक्स सेना को अपने प्रमुख कार्यक्रम जैसे - डिफ़ेन्स इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी ) और ओपन चैलेंज (ओसी ) के जरिये जटिल चुनौतियों का समाधान खोजने में सक्षम बनाता है
3. नौसेना प्रमुख ने मालदीव में संयुक्त रूप से निर्मित नेविगेशन चार्ट का अनावरण किया
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मालदीव के तीन दिवसीय दौरे के दौरान नौसेनाध्यक्ष (सीएनएस), एडम आर. हरि कुमार ने भारत और मालदीव द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित पहले नेविगेशन चार्ट का अनावरण किया।
यह जहाजों को मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों की समुद्री स्थलाकृति, पानी की गहराई और किन क्षेत्रों में जाने से बचना है, को समझने में मदद करता है।
उन्होंने मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए हाइड्रोग्राफी उपकरण सौंपे।
सीएनएस ने एमएनडीएफ की समुद्री संपत्तियों का भी दौरा किया और इन परिसंपत्तियों की भूमिका को बनाए रखने के लिए एमएनडीएफ कर्मियों और भारतीय नौसेना के संयुक्त प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने एमएनडीएफ जहाजों को आगे बढ़ाने के लिए इंजीनियरिंग उपकरणों की एक खेप प्रस्तुत की, जिससे एमएनडीएफ के क्षमता - निर्माण प्रयासों के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।
आईएनएस सतलुज को हाइड्रोग्राफिक सहयोग पर समझौता ज्ञापन के तहत संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए मालदीव में तैनात किया गया है।
दोनों देश हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी और कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन जैसे कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर मिलकर काम कर रहे हैं।
4. सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को अगले थल सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया
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वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को सरकार ने अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है।
इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल, 2022 की दोपहर से प्रभावी होगी।
06 मई, 1962 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को 24 दिसंबर, 1982 को भारतीय सेना की कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था।
39 वर्षों से अधिक समय की अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा अवधि के दौरान श्री मनोज सी पांडे ने विभिन्न कमानों, अधिकारी पदों और प्रशिक्षण सम्बन्धी नियुक्तियों पर काम किया है।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे ने अपनी कमान की नियुक्तियों के दौरान पश्चिमी युद्ध क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड की कमान संभाली है, उन्होंने हमलावार फौजी दस्ते के साथ काम किया है और इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक पैदल ब्रिगेड के साथ उनकी सेवाएं भी शामिल हैं।
मनोज सी पांडे की अन्य महत्वपूर्ण कमांड नियुक्तियों में पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन तथा एलएसी के साथ और पूर्वी कमान के काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन क्षेत्र में एक कोर की कमान संभाली।
5. सेना कमांडरों का पांच दिवसीय सम्मेलन
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सेना कमांडरों का सम्मेलन आज नई दिल्ली में शुरू हुआ।
यह एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो हर साल अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है।
यह सम्मेलन 18 से 22 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा और इसकी अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने करेंगे।
सम्मेलन वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है, जिसके तहत भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिया जाता है।
सम्मेलन में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी सीमा की स्थिति, संपूर्ण परिदृश्य में खतरों का आकलन और इनसे निपटने की तैयारियों तथा क्षमता विकास पर चर्चा करेंगे।
सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, स्वदेशी के माध्यम से आधुनिकीकरण, अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव का मूल्यांकन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
वरिष्ठ कमांडर कार्य सुधार, वित्त प्रबंधन, इलैक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल और सेना के डिजिटीकरण के अलावा क्षेत्रीय कमान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
6. इजरायल ने विकसित किया विश्व का प्रथम लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम : आयरन बीम
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इजरायल ने विश्व में पहली बार लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम 'आयरन बीम' दिया गया है। इस लेजर आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने मोर्टार, रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइलों को अपने एक ही वार में नष्ट कर दिया।
इजरायल के पास आयरन डोम नाम से मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी है जो इसके लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। ये काफी महँगी रक्षा प्रणाली है।
परन्तु यह आयरन बीम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके एक वार में खर्च केवल 267 रुपये ही आएगा।
7. भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री पेट्रोल टोही विमान (एमपीआरए) का समन्वित संचालन
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भारतीय नौसेना का एक पी8I समुद्री पेट्रोल और टोही विमान ऑस्ट्रेलिया के डार्विन पहुंच गया है। विमान और उसके चालक दल डार्विन में एक समन्वित संचालन करेंगे।
दोनों देशों के पी8 विमान, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह निगरानी के लिए एक साथ अभ्यास का संचालन करेंगे।
हाल के दिनों में, समुद्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों के माध्यम से दो समुद्री राष्ट्रों के बीच उत्तरोत्तर वृद्धि होते वार्तालाप ने अंतर-संचालन को बढ़ाया है और मित्रता के संबंधों को और मज़बूत बनाया है।
पी8 विमान ने अपनी लंबी दूरी की पहुंच के साथ, मालाबार और एयूएसआईएनडीईएक्स श्रृंखला अभ्यासों के दौरान संयुक्त रूप से संचालन करते हुए अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया हैं, और संचालन प्रक्रियाओं और सूचनाओं को साझा करने में एक समान भूमिका निभाई है।
इंडोनेशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के बीच समुद्री जलक्षेत्र दोनों देशों के लिए पारस्परिक हित का क्षेत्र है, और यह हिंद महासागर क्षेत्र का प्रवेश द्वार भी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही सामरिक हितों को साझा करते हैं और इस क्षेत्र में एक स्वतंत्र और मुक्त भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।
8. हेलीना मिसाइल का सफल परीक्षण, अब अंधेरे में भी दुश्मन के टैंक पर लगा सकती है सटीक निशाना
भारत ने 11 अप्रैल को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलीना का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर द्वारा लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में किया गया, जो पुर्णतः सफल रहा है।
ये मिसाइल फायर एंड फारगेट सिद्धांत पर कार्य करती है। इसका अर्थ है कि इसको लान्च करने के बाद में भूल जाओ, क्योंकि ये अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हैं।
यह मिसाइल इंफ्रारेड इमेजिंग सिस्टम पर कार्य करती है।
टेस्ट के दौरान इस मिसाइल ने एक सिम्युलेटेड टैंक पर अचूक निशाना लगाया। इस मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर से लान्च किया गया था।
भारत के पास एक और एंटी टैंक मिसाइल है जिसका नाम है नाग। ये दोनों ही मिसाइल हेलीकाप्टर से दागी जा सकती हैं और दोनों की ही रेंज सात किमी है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना और सेना ने मिलकर इस परिक्षण को अंजाम दिया है।
मिसाइल की विशेषताएँ:
इसको किसी भी मौसम में दागा जा सकता है।
ये मिसाइल रात के अंधेरे में भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम है और दुश्मन के टैंक नष्ट कर सकती है।
ये दो तरह से दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने में सक्षम हैं। एक ये उसको सीधा मार सकती है और दूसरा टाप अटैक मोड में टैंक को निशाना बना सकती है।
भारत ने हाल ही में 101 ऐसे हथियारों और सिस्टम की कुल तीसरी सूची जारी की है जिसको अन्य देशों से आयात करने पर रोक लगाई गई है। ये रोक अगले पांच वर्षों तक है। भारत का ऐसा करने के पीछे उद्देश्य स्वयं को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
9. टैंक रोधी मार्गदर्शित मिसाइल 'हेलीना' का सफल परीक्षण
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स्वदेश में ही विकसित हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली टैंक-रोधी मार्गदर्शित मिसाइल 'हेलीना' का 11 अप्रैल, 2022 को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा यह परीक्षण उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण ट्रायल्स के भाग के रूप में संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
ये परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किए गए थे और मिसाइल को नकली टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा गया।
मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) द्वारा निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है।
यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।
पोखरण में किए गए प्रमाणीकरण परीक्षणों के विस्तार में, उच्च ऊंचाई पर इसकी प्रभावकारिता का प्रमाण उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ इसके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है।
10. भारत ने पिनाका एमके-आई राकेट के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण किया
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पिनाका एमके- आई रॉकेट प्रणाली (ईपीआरएस) तथा पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन (एडीएम) रॉकेट प्रणाली का पोखरण फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
ट्रायल के दौरान परीक्षण के सभी उद्देश्यों को संतोषजनक तरीके से पूरा करते हुए इन रॉकेटों के द्वारा आवश्यक सटीकता और स्थिरता हासिल की गई थी।
पिनाका एमके-I :
पिनाका एमके-I एक अपग्रेटेड राकेट प्रणाली है जिसकी मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं पिनाका-II राकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस राकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।
पिनाका एमके-I की सामरिक क्षमता :
चीन से तनाव बढ़ने के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर पूरी तरह स्वदेशी इस प्रणाली को तैनात किया था।
इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है। यह मल्टी बैरल राकेट लांचर प्रणाली है।
पिनाका एमके-I एन्हांस्ड राकेट सिस्टम शुरुआती पिनाका का अपग्रेडेट वर्जन है।
इस राकेट प्रणाली ने सेना को जमीन पर हमले का घातक विकल्प दिया है।
मल्टी-बैरल लांचर महज 44 सेकेंड्स में 72 राकेट्स दागने की क्षमता रखता है।