1. रूसी गज़प्रॉमबैंक ने यूको बैंक में खोला खाता
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रूसी बैंक गज़प्रॉमबैंक ने कोलकाता स्थित यूको बैंक के साथ एक विशेष वोस्ट्रो खाता खोला है। यूको बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई ) से भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को निपटाने के लिए ऐसी सुविधा प्रदान करने वाला पहला भारतीय बैंक है ।
यूको बैंक को क्यों चुना गया है
गज़प्रॉमबैंक, रूस में तीसरा सबसे बड़ा बैंक है और इसे दुनिया के सबसे बड़े गैस उत्पादक और निर्यातक गज़प्रोम द्वारा स्थापित किया गया है। गज़प्रोम को संयुक्त राज्य अमेरिका की विशेष रूप से नामित नागरिकों की सूची में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उसे केवल क्षेत्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका उन कंपनियों या बैंकों पर प्रतिबंध लगाता है जो इसकी प्रतिबंध सूची में शामिल कंपनियों के साथ सौदा करते हैं। एक कंपनी जो अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करती है, उसे दुनिया में व्यापार करना बहुत मुश्किल हों जाता है क्योंकि विश्व वित्तीय बाजार में अमेरिकी वित्तीय संस्थानों का वर्चस्व है।
यूको बैंकों की न्यूनतम अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति हैऔर अगर संयुक्त राज्य अमेरिका इस पर प्रतिबंध भी लगा दे तो इसके व्यवसाय पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इससे पहले जब संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाए गए थे, उस समय भी , ईरान के साथ व्यापार करने के लिए सरकार द्वारा यूको बैंक को चुना गया था।
विशेष वोस्ट्रो खाता
भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के निपटान और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए भारतीय रुपये को बढ़ावा देने की इच्छुक है। 11 जुलाई 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (निर्यात और आयात) के निपटान के लिए एक विशेष वोस्ट्रो खाते के उपयोग की अनुमति दी थी ।
इस तंत्र के तहत किसी भी देश की बैंक ,एक भारतीय बैंक के साथ एक विशेष वोस्ट्रो खाता खोलेंगे। मान लीजिए कि भारतीय बैंक यूको बैंक है और विदेशी देश रूस है और रूसी बैंक गज़प्रॉमबैंक है। एक भारतीय व्यवसायी एक रूसी कंपनी से 200 रुपये मूल्य कीगैस खरीदता है। यह राशि यूको बैंक में गज़प्रॉमबैंक के खाते में जमा की जाएगी।
उसी समय एक रूसी कंपनी एक भारतीय कंपनी से 125 रुपये की चाय खरीदती है।
यहाँ पर यूको बैंक के पास गजप्रोम बैंक खाते में जमा किए गए 200 रुपये से 125 रुपये काट लिए जाएंगे।
आरबीआई का कहना है कि शेष 75 रुपये की राशि को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है।
यहां सारा कारोबार भारतीय रुपये में हो रहा है और बंदोबस्त भी भारतीय रुपये में हो रहा है।
नोस्ट्रो और वोस्त्रो बैंक खाता क्या है
नोस्ट्रो और वोस्त्रो को समझने के लिए मुख्य शब्द का अर्थ जानना ज़रूरी है।
लैटिन भाषा में नोस्ट्रो का अर्थ हमारा और वोस्त्रो का अर्थ आपका होता है।
नोस्ट्रो खाता
यह एक बैंक खाता है जो एक विदेशी बैंक के साथ एक बैंक द्वारा विदेशी देश की मुद्रा में खोला जाता है।
वोस्ट्रो खाते
यह वह बैंक खाता है जो एक बैंक किसी विदेशीबैंक का खाता अपने पास रखता है और जो स्थानीय मुद्रा में होता है।
व्याख्या
नोस्ट्रो और वोस्ट्रो खाते एक ही बैंक खाते हैं लेकिन इसे समझाने के लिए दो शब्दों का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लंदन जाता है और लंदन में एचएसबीसी बैंक की शाखा में खाता खोलता है। खाता खोलते समय एसबीआई को अपने खाते में कुछ पैसे जमा करने होते हैं।एसबीआई अपने खाते में पैसा पाउंड स्टर्लिंग में करेगा जो ब्रिटेन की मुद्रा है।
एसबीआई, एचएसबीसी को कहेगा कि "हमारा" खाता आपके पास है। एचएसबीसी, एसबीआई से कहेगा कि "आपका" खाता हमारे पास है।
यह एक ही बैंक खाता है लेकिन एचएसबीसी और एसबीआईइसका वर्णन करने के लिए अलग-अलग शब्दों का उपयोग कर रहे हैं।
यहाँ एसबीआई ने हमारा शब्द का प्रयोग किया है, इसका अर्थ है कि एचएसबीसी वाला एसबीआई का खाता एक नोस्ट्रो खाता है।
एचएसबीसी ने '"आपका' शब्द का प्रयोग किया है इसलिए एचएसबीसी के लिए एसबीआई खाता वोस्ट्रो खाता है।
यूको बैंक
इसकी स्थापना घनश्याम दास बिड़ला ने यूनाइटेड कमर्शियल बैंक लिमिटेड के रूप में 6 जनवरी 1943 को कोलकाता (तब कलकत्ता) मेंकी थी।
1969 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और इसका स्वामित्व भारत सरकार के हाथों में चला गया।
1985 में इसका नाम बदलकर यूको बैंक कर दिया गया।
इसकी विदेशी शाखाएं सिंगापुर और हांगकांग में हैं।
मुख्यालय: कोलकाता
प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): सोमा शंकर प्रसाद
टैगलाइन: ऑनर्स योर ट्रस्ट(आपके भरोसे का सम्मान)
2. अतुल कुमार गोयल इंडियन बैंक एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने गए
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इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने 21 अक्टूबर 2022 को घोषणा की है कि अतुल कुमार गोयल को 2022-23 के लिए अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है।उन्हें 2021-22 के लिए आईबीए के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
अतुल कुमार गोयल वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।
आम तौर पर एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुख को आईबीए का अध्यक्ष बनाया जाता है।
इंडियन बैंक एसोसिएशन
यह भारत में मजबूत और प्रगतिशील बैंकिंग सिद्धांतों, प्रथाओं और सम्मेलनों को बढ़ावा देने और विकसित करने और रचनात्मक बैंकिंग के विकास में योगदान करने के लिए भारत में बैंकों का एक प्रतिनिधि निकाय है।
यह बैंकिंग क्षेत्र के लिए मानव संसाधन नीति तैयार करने में सरकार की मदद करता है।
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) का गठन 26 सितंबर, 1946 को 22 सदस्यों के साथ किया गया था। अप्रैल, 2018 तक एसोसिएशन की कुल सदस्यता 239 है।
इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, विदेशी बैंक, सहकारी समितियां, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान शामिल हैं।
वर्तमान अध्यक्ष: पंजाब नेशनल बैंक के एमडी और सीईओ अतुल कुमार गोयल
आईबीए का मुख्यालय: मुंबई
3. पीएमएवाई- सीएलएसएस के तहत एचडीएफसी को मिला सर्वश्रेष्ठ हाउसिंग फाइनेंस कंपनी का पुरस्कार
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भारत की प्रमुख हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड को राजकोट, गुजरात ,में इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव 2022 में सरकार की प्रमुख योजना - प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में सम्मानित किया गया है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजकोट में एचडीएफसी लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक और प्रमुख सीएलएसएस और किफायती आवास संजय जोशी को पुरस्कार से सम्मानित किया।
जून 2016 में पीएमएवाई के तहत सब्सिडी योजना शुरू होने के बाद से, एचडीएफसी ने इस योजना के तहत 3.13 लाख से अधिक ग्राहकों को 67,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है।
यह तीसरी बार है जब एचडीएफसी को यह पुरस्कार दिया गया है।
जुलाई 2018 में, एचडीएफसी को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न-आय वर्ग (एलआईजी) खंड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्राथमिक ऋण संस्थान के रूप में सम्मानित किया गया था ।
मार्च 2019 में, एचडीएफसी को पीएमएवाई - अफोर्डेबल हाउसिंग अवार्ड्स 2019 में पीएमएवाई - सीएलएसएस के लिए 'सर्वश्रेष्ठ निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थान' से सम्मानित किया गया था।
एचडीएफसी लिमिटेड को 1977 में एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी) के रूप में स्थापित किया गया था। यह भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक का प्रमोटर है।
एचडीएफसी लिमिटेड का मुख्यालय : मुंबई
एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख हैं।
4. सेबी ने वोडाफोन आइडिया दूरसंचार ऋण को इक्विटी में बदलने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी
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पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वोडाफोन आइडिया के लगभग 1.92 बिलियन डॉलर के दूरसंचार बकाया को इक्विटी शेयरों में बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सितंबर 2021 में भारत सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की ताकि वे 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद भारत सरकार को बकाया राशि का भुगतान कर सकें।
पैकेज के तहत टेलीकॉम कंपनियों, रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को अपने बकाया राशी को इक्विटी शेयरों में बदलने और भारत सरकार को जारी करने का विकल्प दिया गया था। जियो और एयरटेल ने सरकार को बकाया चुकाने का विकल्प चुना लेकिन वोडाफोन ने अपनी बकाया राशि को इक्विटी शेयरों में बदलने का विकल्प चुना।
पैकेज मुख्य रूप से वोडाफोन आइडिया के लिए था जो दिवालिया होने की कगार पर था और सरकार नहीं चाहती थी कि दूरसंचार क्षेत्र में दो कंपनियों का वर्चस्व हो।
सौदे के तहत वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी वोडाफोन-आइडिया कंपनी के कुल शेयरों का लगभग 35.8% होगी, जबकि प्रमोटर वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह के पास कंपनी में क्रमशः लगभग 28.5% और लगभग 17.8% हिस्सेदारी होगी।
वोडाफोन आइडिया के मुनाफे में आने पर सरकार कंपनी के हिस्से को बेचने का इरादा रखती है।
वोडाफोन आइडिया
यह वोडाफोन (यूनाइटेड किंगडम) और आदित्य बिड़ला समूह का एक संयुक्त उद्यम है।
इसके पास भारत में तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल दूरसंचार नेटवर्क है।
मुख्यालय: गांधीनगर, गुजरात
कॉर्पोरेट मुख्यालय: मुंबई
अध्यक्ष: रविंदर टक्कर
मुख्य कार्यकारी अधिकारी: अक्षय मुंद्रा
5. विश्व बैंक 'बिजनेस इनेबलिंग एनवायरनमेंट' रिपोर्ट शुरू करेगा जो बंद की गई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट की जगह लेगा
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विश्व बैंक ने घोषणा की है वह दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नई प्रणाली शुरू करेगा जिसका शीर्षक बिजनेस इनेबलिंग एनवायरनमेंट (बीईई) होगा और यह अप्रैल 2024 में प्रकाशित किया जायेगा। यह रिपोर्ट विश्व बैंक द्वारा जारी किये जाने वाले ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ का स्थान लेगा जिसे बंद कर दियागया था ।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट सबसे पहली बार , 2003 में विश्व बैंक द्वारा "डूइंग बिजनेस" रिपोर्ट शीर्षक से प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में देशों को ,12 संकेतकों के आधार पर , देश में पाए जाने वाले व्यापार अनुकूल वातावरण पर रैंक किया जाता था ।
विश्व बैंक द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित की जाने वाली रिपोर्ट को सितंबर 2021 में डेटा हेराफेरी कांड सामने आने के बाद बंद कर दिया गया था ।
विश्व बैंक के एक आंतरिक ऑडिट में 2018 और 2020 के संस्करणों में चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अजरबैजान की रिपोर्टों में डेटा अनियमितताओं का पता चला। इसके बाद, बैंक ने एक नई प्रणाली के साथ आने का फैसला किया जो पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत और विश्वसनीय होगी। इसीलिए बिजनेस इनेबलिंग एनवायरनमेंट लाया जा रहा है ।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2020 के अनुसार, 2019 में इसने 79 रैंक सुधार कर 63वें स्थान पर था ।
विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास
विश्व बैंक द्वारा जारी अन्य महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट
- विश्व विकास रिपोर्ट
- वैश्विक आर्थिक संभावना
6. स्मार्टफ़ोन एंड्रॉइड प्लेटफ़ॉर्म में अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने के लिए सीसीआई ने गूगल पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 20 अक्टूबर 2022 को अपने एक आदेश में एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए अल्फाबेट कंपनी के स्वामित्व वाली गूगल कंपनी पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है ।
सीसीआई ने गूगल को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार करने पर भी रोक लगा दिया , जिसमें स्मार्टफोन निर्माताओं को विशेष रूप से अपनी सर्च इंजन क्रोम का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहन की पेशकश भी शामिल है।
मामले की पृष्ठभूमि
मई 2019 में गूगलके खिलाफ सीसीआई में एक शिकायत की गई थी कि उसने प्रतिस्पर्धा को दबाने और खुद को अनुचित लाभ देने के लिए एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी प्रमुख स्थिति का अनुचित इस्तेमाल किया है ।
भारत में एक रिपोर्ट के अनुसारलगभग 96% स्मार्टफोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं, जबकि लगभग 4% Apple केआईओएस( iOS)ऑपरेटिंग सिस्टमपर चलते हैं।
गूगल, स्मार्टफोन और टैबलेट के मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से एक अनुबंध करता है जिसेमोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) कहा जाता है।
इस अनुबंध के तहत गूगल अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को मुफ्त में ओईएम को उपलब्ध करता है लेकिन इसके बदले मूल उपकरण निर्माताओं को गूगल केसंपूर्ण गूगल मोबाइल सूट जैसे गूगल क्रोम ,यूट्यूब आदि को प्री-इंस्टॉल करना होता है और इसे अपने डिवाइस पर प्रमुखता से रखना होता है। साथ ही गूगल मोबाइल सूट को अनइंस्टॉल नहीं किया जा सकता।
इस कारण गूगल को अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में अनुचित लाभ मिलता है ।
सीसीआई ने गूगल को भारत में प्रतिस्पर्धियों को अवैध रूप से बाधा पहुँचाने और अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने का दोषी पाया।
इसी तरह के मामले में गूगल परयूरोप में नियामकों ने उस पर $ 5 बिलियन का जुर्माना लगाया है, जहाँ गूगल को मूल उपकरण निर्माताओं पर अपने ऐप्स को प्री-इंस्टॉल करने के लिए मजबूर करने का दोषी पाया ।
गूगल
इसका गठन 1998 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा किया गया था। 2015 में, गूगल को अल्फाबेट कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में पुनर्गठित किया गया था।
यह एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है जो खोज इंजन प्रौद्योगिकी, ऑनलाइन विज्ञापन, क्लाउड कंप्यूटिंग, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, क्वांटम कंप्यूटिंग, ई-कॉमर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी: सुंदर पिचाई
वैश्विक मुख्यालय: कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका
गूगल इंडिया मुख्यालय: हैदराबाद
7. भारत के साथ चीन का कुल व्यापार अधिशेष '$ 1 ट्रिलियन से अधिक'
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वर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में द्विपक्षीय व्यापार में उछाल आने के बाद से चीन ने भारत के साथ अनुकूल व्यापार संतुलन का लाभ उठाया है जो अब 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।
भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार
2021 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय वार्षिक व्यापार पहली बार 100 अरब डॉलर को पार कर 125.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का आयात 97.5 अरब डॉलर था।
महत्वपूर्ण तथ्य
2000 के दशक की शुरुआत से दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में तेजी आने लगी।
यह काफी हद तक भारत द्वारा चीनी मशीनरी और अन्य उपकरणों के आयात से प्रेरित था।
यह वर्ष 2000 में 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2008 में 42 बिलियन डॉलर हो गया और वर्ष 2008 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
एक तिहाई मशीनरी और लगभग टू-फिफ्थ जैविक रसायन जो भारत दुनिया से खरीदता है वह चीन से आता है।
ऑटोमोटिव पार्ट्स और उर्वरक अन्य वस्तुएं हैं जहां भारत के आयात में चीन की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक है।
भारत कुछ मोबाइल फोन के पुर्ज़ों का लगभग 90 प्रतिशत चीन से प्राप्त करता है।
चीन को भारत का निर्यात
निर्यात बाजार के रूप में भी चीन भारत का एक प्रमुख भागीदार है।
भारतीय शिपमेंट के लिए चीन तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अनुसार, चीन के कुल निर्यात में भारत का हिस्सा केवल दो प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
8. एनएसआईसी ने फिलिप्स मशीन टूल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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18 अक्टूबर, 2022 को नई दिल्ली में एडिटिव टेक्नोलॉजीज में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (NSIC) और फिलिप्स मशीन टूल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य
बी बी स्वैन, सचिव (एमएसएमई), गौरांग दीक्षित, सीएमडी, एनएसआईसी और मर्सी एपाओ, संयुक्त सचिव (एसएमई) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
समझौता ज्ञापन पर नवीन चोपड़ा, सीजीएम-एसजी (टेक), एनएसआईसी द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
यह एमओयू एडिटिव टेक्नोलॉजी में कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा जो कि विनिर्माण का भविष्य है।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम
यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत भारत सरकार का एक आईएसओ प्रमाणित उद्यम है।
एनएसआईसी देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने, सहायता करने और बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है।
एनएसआईसी देश में कार्यालयों और तकनीकी केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से काम करता है।
9. वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट 2022 के अनुसार 41.5 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले
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चौथे वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2005-06 और 2019-20 के बीच 41.5 करोड़ लोगों को गरीबी से सफलतापूर्वक बाहर निकाला है।रिपोर्ट संयुक्त रूप से यूएनडीपी के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) द्वारा जारी की जाती है। पहली रिपोर्ट 2019 में जारी की गई थी और इसे सालाना जारी किया जाता है।
रिपोर्ट अपने बहुआयामी गरीबी सूचकांक में दुनिया के 111 विकासशील देशों को रैंक करती है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
दुनिया में गरीबी
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 1.2 अरब लोग बहुआयामी गरीब हैं।
गरीब लोगों की संख्या सबसे अधिक उप सहारा अफ्रीका (579 मिलियन) में है, इसके बाद दक्षिण एशिया (385 मिलियन) का स्थान है। दोनों क्षेत्रों में कुल मिलाकर 83% गरीब लोग रहते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब भारत में
- भारत के 2020 के जनसंख्या आंकड़ों को आधार मान कर , रिपोर्ट के अनुसार विश्व में सबसे ज्यादा गरीब भारत (228.9 मिलियन) में हैं और इसके बाद नाइजीरिया (2020 में अनुमानित 96.7 मिलियन) हैं।
- भारत में "लगभग 4.2 प्रतिशत आबादी गंभीर गरीबी में रहती है (मतलब उनका अभाव स्कोर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है)।
आयु वर्ग में सबसे गरीब, बच्चे
- आयु वर्ग में अभी भी वयस्कों की तुलना में ज्यादा गरीबी बच्चों में पाया जाता है ।
- पांच में से एक (21.8 प्रतिशत) बच्चे गरीब हैं, जबकि सात वयस्कों में से एक (13.9 प्रतिशत) व्यस्क गरीब हैं ।
- भारत में करीब 9.7 करोड़ गरीब बच्चे हैं।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा गरीब
- शहरी क्षेत्रों में 5.5 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों का प्रतिशत 21.2 है।
- देश में कुल गरीबो में से में लगभग 90 प्रतिशत गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
- संख्या के हिसाब से भारत में पायेजाने वाले लगभग 229 मिलियन गरीब लोगों में से 205 मिलियन ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
महिला प्रधान परिवारों में गरीबी अधिक
- महिला प्रधान परिवारों में रहने वाले लगभग 19.7 प्रतिशत लोग गरीबी में रहते हैं जबकि पुरुष प्रधान परिवारों में 15.9 प्रतिशत लोग गरीबी में रहते हैं।
राज्यों का प्रदर्शन
- इस बार , 2015/16 की 10 सबसे गरीब राज्यों की सूची से केवल पश्चिम बंगाल बाहर ही बाहर निकल पाया ।
- इस सूची में भारत के अन्य 9 सबसे गरीब राज्य बिहार, झारखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे तेजी से गरीबी में कमी गोवा में हुई, इसके बाद जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का स्थान रहा।
बहुआयामी गरीबी सूचकांक क्या है
- बहुआयामी गरीबी मूल्यांकन का उद्देश्य गरीबी के गैर-आय आधारित आयामों को मापना, गरीबी और अभाव की सीमा का अधिक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करना है।
- सूचकांक तीन आयामों और 10 संकेतकों के सहारे एक व्यक्ति के अभाव को मापता है: स्वास्थ्य (बाल मृत्यु दर, पोषण), शिक्षा (स्कूली शिक्षा के वर्ष, नामांकन), और जीवन स्तर (पानी, स्वच्छता, बिजली, खाना पकाने का ईंधन और संपत्ति)।
- यह पहले यह पहचान करता है कि इन 10 में से प्रत्येक परिवार को कौन-सी वंचितता का अनुभव होता है, फिर उन परिवारों की पहचान गरीब के रूप में की जाती है यदि वे एक-तिहाई या अधिक भारित संकेतकों से वंचित हैं।
सूचकांक निम्नलिखित संकेतकों पर अभाव को दर्शाता है:
- वयस्क (70 वर्ष से कम) या बच्चे का कुपोषित होना
- पिछले 5 वर्षों में परिवार के भीतर किसी भी बच्चे की मृत्यु (18 वर्ष से कम आयु)
- 6 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के किसी भी सदस्य ने स्कूली शिक्षा के कम से कम छह वर्ष पूरे नहीं किए हैं
- बाधित या कम समय के लिए की गई स्कूली शिक्षा (न्यूनतम वर्ष 1-8)
- परिवार का कोई भी बच्चा जो उस उम्र तक स्कूल नहीं जा रहा है जिस उम्र में उसने कक्षा आठ की पढ़ाई पूरी कर ली होगी
- सुरक्षित पेयजल तक पहुंच का अभाव
- बुनियादी स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच का अभाव
- स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच का अभाव
- विश्वसनीय बिजली तक पहुंच का अभाव
- बुनियादी आधुनिक संपत्तियों (रेडियो, टीवी, टेलीफोन, कंप्यूटर, बाइक, मोटरबाइक, आदि) का अभाव।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी)
इसकी स्थापना 22 नवंबर 1965 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी।
यह देशों को इन मुद्दों पर अपने स्वयं के समाधान विकसित करने में मदद करता है;
- सतत विकास
- लोकतांत्रिक शासन और शांति निर्माण, और
- जलवायु और आपदा लचीलापन।
मुख्यालय: न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका
रिपोर्ट
- यह हर साल मानव विकास रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
- यह ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव के साथ बहुआयामी गरीबी सूचकांक भी प्रकाशित करता है।
10. शहरी स्थानीय निकायों के लिए चार राज्यों को 1,764 करोड़ रुपये का अनुदान जारी
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वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिए 19 अक्टूबर, 2022 को 4 राज्यों को 1,764 करोड़ रुपए की राशि जारी की है।
महत्वपूर्ण तथ्य
जिन राज्यों को अनुदान जारी किया गया उनमें आंध्र प्रदेश (136 करोड़ रुपये), छत्तीसगढ़ (109 करोड़ रुपये), महाराष्ट्र (799 करोड़ रुपये) और उत्तर प्रदेश (720 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में यह राशि आगरा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरठ और वाराणसी के लिए दी गई है।
जबकि, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम, छत्तीसगढ़ में दुर्ग, भिलाईनगर और रायपुर तथा महाराष्ट्र में औरंगाबाद, ग्रेटर मुंबई, नागपुर, नासिक, पुणे और वसई-विरार शहरों में यह राशि खर्च की जाएगी।
वर्ष 2022-23 में अब तक शहरी स्थानीय निकायों को कुल 4,761.8 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया जा चुका है।
शहरी स्थानीय निकायों की दो श्रेणियां
15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट में शहरी स्थानीय निकायों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है -
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरी समूह/शहर (दिल्ली और श्रीनगर को छोड़कर)
दस लाख से कम आबादी वाले अन्य सभी शहर और कस्बे (नॉन-मिलियन प्लस सिटीज)।
आयोग ने उनके लिए अलग से अनुदान की सिफारिश की थी।
दस लाख से अधिक शहरों/शहरी समूहों (एमपीसी/यूए) के लिए आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदानों में से, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन घटक के लिए 2/3 से अधिक की सिफारिश की जाती है और शेष 1/3 को परिवेशी वायु गुणवत्ता के लिए आवंटित किया जाता है।
वित्तीय सेवा विभाग में सचिव संजय मल्होत्रा 30 नवंबर, 2022 को नये राजस्व सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे, वर्तमान में तरुण बजाज राजस्व सचिव हैं।
वित्त सचिव - बेंजामिन ई. डिओकोनो