1. राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस
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दैनिक जीवन में सांख्यिकी के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
29 जून को प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली स्थापित करने में किये गये योगदान को सम्मानित करने के लिए चुना गया था।
29 जून प्रो पीसी महालनोबिस की जयंती होती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस वर्ष 2007 में पहली बार मनाया गया था I
विश्व सांख्यिकी दिवस 20 अक्तूबर को मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
यह दिवस देश के नागरिकों को जागरूक करने के लिए मनाया जा रहा है कि सांख्यिकी नीतियों को आकार देने और तैयार करने में कैसे मदद करती है।
सांख्यिकी सही विश्लेषण और डेटा एकत्र करने के उचित तरीकों के माध्यम से परिणाम को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में हमारी सहायता करती है।
प्रो. पी.सी. महालनोबिस के बारे में -
महालानोबिस का जन्म कोलकाता में वर्ष 1893 में हुआ था।
महालनोबिस ने 1931 में कलकत्ता में 'भारतीय सांख्यिकी संस्थान ' की स्थापना की थी।
प्रो. महालनोबिस की भारतीय नियोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । उनका नियोजन मॉडल एक बहु प्रचलित मॉडल है और यह भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) का आधार था।
वह 1947 से 1951 तक सांख्यिकीय नमूनाकरण पर संयुक्त राष्ट्र उप आयोग के अध्यक्ष रहे।
1968 में महलनोबिस को राष्ट्र और विज्ञान की सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया था ।
2. अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस
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सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के योगदान को मान्यता देने के लिए हर साल 27 जून को एमएसएमई दिवस मनाया जाता है।
अप्रैल 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से 27 जून को सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के दिन के रूप में नामित किया गया था।
मई 2017 में ‘एनहेनसिंग नेशनल केपेसिटीज़ फॉर अनलेशिंग फुल पोटेंशियल्स ऑफ एमएसएमई इन अचीविंग द एसडीजीज़ इन डेवलपिंग कंट्रीज़' नामक एक कार्यक्रम शुरू किया गया था।
इसे संयुक्त राष्ट्र शांति और विकास कोष के सतत् विकास उप-निधि के लिये 2030 एजेंडा द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में MSMEs की भूमिका
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
निर्यात के संदर्भ में वे आपूर्ति शृंखला का एक अभिन्न अंग हैं और कुल निर्यात में लगभग 48 प्रतिशत का योगदान देते हैं।
इसके अलावा MSMEs रोज़गार सृजन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और देश भर में लगभग 110 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
MSMEs की पहलें -
भारत में MSME मंत्रालय ने COVID-19 संकट के दौरान उद्योगों को जीवित रहने में मदद करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं -
प्रवासियों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने के लिए सामुदायिक रसोई की स्थापना
कारीगर कल्याण कोष ट्रस्ट के माध्यम से पंजीकृत कारीगरों को प्रति माह 1000 रुपये का भुगतान
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से कारीगरों और खादी संस्थानों को बाजार विकास सहायता के माध्यम से फंड्स जारी करना।
3. अंतर्राष्ट्रीय नाविक दिवस
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अंतर्राष्ट्रीय नाविक दिवस 25 जून को दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है।
यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन द्वारा समन्वित किया जाता है।
नाविक दिवस की स्थापना 2010 में मनीला में राजनयिक सम्मेलन द्वारा अपनाए गए संकल्प 19 द्वारा की गई थी, जिसमें नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और निगरानी के संशोधित मानकों को अपनाया गया था।
प्रथम अंतरराष्ट्रीय नाविक दिवस 25 जून 2011 को मनाया गया था ।
यह दिन अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार, नागरिक समाज और विश्व अर्थव्यवस्था में विश्व स्तर पर नाविकों द्वारा किए गए अद्वितीय योगदान का जश्न मनाता है और पहचानता है।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के बारे में -
अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट एजेन्सी है जो जलयानों के यातायात को नियंत्रित करने के लिये अधिकृत है।
इसकी स्थापना वर्ष 1958 में जिनेवा में हुई थी।
इसका मूल संगठन संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) है।
इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है।
4. पासपोर्ट सेवा दिवस
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हर साल, पासपोर्ट सेवा दिवस (Passport Seva Divas) 24 जून को मनाया जाता है I
यह दिन 24 जून, 1967 को पासपोर्ट अधिनियम के अधिनियमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
पासपोर्ट सेवा दिवस पर, भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि चिप युक्त ई-पासपोर्ट के उत्पादन की प्रक्रिया चल रही है जिससे भारतीय यात्रा की सुरक्षा को काफी हद तक मजबूत करने में मदद मिलेगी।
चिप्स में आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण को स्टोर किया जायेगा तथा उन्हें डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।
इसमें 64 केबी का मेमोरी स्पेस होगा। इस चिप में करीब 30 अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को स्टोर किया जाएगा।
पासपोर्ट अधिनियम
पासपोर्ट अधिनियम भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रियाओं का वर्णन करता है।
इस अधिनियम ने ब्रिटिश भारतीय पासपोर्ट और पासपोर्ट अधिनियम, 1920 का स्थान लिया था।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार, यह अधिनियम दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।
इस अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने विदेशी नागरिकता हासिल कर ली है, तो उसे अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
पासपोर्ट अधिनियम के तहत जारी किए जाने वाले पासपोर्ट इस प्रकार हैं -
आधिकारिक पासपोर्ट
सामान्य पासपोर्ट
राजनयिक पारपत्र
अतिरिक्त जानकारी -
दुनिया के सबसे मजबूत पासपोर्ट की लिस्ट में भारत 84वें स्थान पर है I
‘हेनली पासपोर्ट इंडेक्स’ के मुताबिक, भारत का पासपोर्ट रखने वाले लोग 59 देशों में बिना पूर्व वीजा के यात्रा कर सकते हैं I
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स’ के मुताबिक,सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट सिंगापुर और जापान का है. इन दोनों देशों का पासपोर्ट रखने वाले लोग करीब 192 देशों में बिना वीजा के प्रवेश कर सकते हैं I
इस इंडेक्स में सबसे नीचे अफगानिस्तान का पासपोर्ट है I
5. ग्रीष्म संक्रांति 2022
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21 जून उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति का दिन था। उत्तरी गोलार्ध में लोग ग्रीष्म संक्रांति मनाते हैं, जो वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
ग्रीष्म संक्रांति क्या है?
लैटिन में संक्रांति का अर्थ है ‘सूरज स्थिर है’।
यह एक प्राकृतिक घटना है जो हर साल दो बार होती है, एक बार गर्मियों में और एक बार सर्दियों के दौरान।
यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है।
इस दिन को सूर्य से अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
इस दिन उत्तरी गोलार्ध के देश सूर्य के सबसे निकट होते हैं और सूर्य कर्क रेखा (23.5° उत्तर) पर ऊपर की ओर चमकता है।
ग्रीष्म संक्रांति खगोलीय ग्रीष्म की शुरुआत का प्रतीक है और तब होती है जब पृथ्वी का सूर्य की ओर अधिकतम झुकाव होता है।
पृथ्वी एक कोण पर सूर्य की परिक्रमा करती है।
आधे साल के लिए, उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका होता है और इसलिए, उत्तरी गोलार्ध में गर्मी और दक्षिणी गोलार्ध में सर्दी होती है।
दूसरे आधे वर्ष के दौरान, उत्तरी गोलार्ध सूर्य से दूर झुका होता है, इस प्रकार उत्तरी गोलार्ध में सर्दी और दक्षिण में गर्मी होती है।
ऊर्जा की अधिक मात्रा
इस दिन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की अधिक मात्रा इसकी विशेषता है।
नासा के अनुसार, इस दिन पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा की मात्रा भूमध्य रेखा की तुलना में उत्तरी ध्रुव पर 30% अधिक होती है।
इस दौरान उत्तरी गोलार्द्ध द्वारा सूर्य के प्रकाश की अधिकतम मात्रा आमतौर पर 20, 21 या 22 जून को प्राप्त होती है।
इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक धूप 21, 22 या 23 दिसंबर को प्राप्त होती है, जब उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबी रातें या शीतकालीन संक्रांति होती है।
6. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 8वां संस्करण 21 जून को मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के मैसूर में सामूहिक योग प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर योग प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय है - 'मानवता के लिए योग'।
2015 से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
यह योग के अमूल्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है।
हर साल इस दिन लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं और एक साथ योग करते हैं।
माना जाता है कि योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले भारत में हुई थी और इसका उल्लेख ऋग्वेद जैसी प्राचीन पौराणिक पुस्तकों में भी मिलता है।
दिन का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अवधारणा पहली बार 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान प्रधान मंत्री मोदी द्वारा प्रस्तावित की गई थी।
UNGA के 177 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के पीएम मोदी के सुझाव का समर्थन किया।
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस
21 जून, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है, वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
21 जून को सूर्य कुछ शीघ्र उगता है तथा देर से डूबता है।
इसलिए तय किया गया कि इस दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।
योग क्या है?
यह अनिवार्य रूप से एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित है।
यह स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान है।
'योग' शब्द संस्कृत मूल 'युज' से बना है, जिसका अर्थ है 'जुड़ना' या 'एकजुट होना'।
योग दिवस का महत्व
पीएम मोदी ने UNGA में अपने भाषण के दौरान कहा, "योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है।
यह मन और शरीर की एकता, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है।
यह व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप को, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने के लिए है।
अपनी जीवन शैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, योग लोगों के कल्याण में मदद कर सकता है।
7. विश्व शरणार्थी दिवस
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दुनिया भर में शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया गया था।
पहली बार विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून, 2001 को मनाया गया था।
दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की रक्षा और समर्थन के लिए इस तिथि पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस 2022 की थीम को रोल आउट नहीं किया गया है, पिछले साल की थीम "टुगेदर वी हील, लर्न एंड शाइन है ।"
शरणार्थियों से जुड़े आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार आतंक, युद्ध और संघर्ष से बचने के लिए हर 1 मिनट में 20 लोग अपने घर से भागने को मजबूर हैं।
2019 के अंत तक, दुनिया में जबरन विस्थापित होने वाले लोगों के अनुमानित संख्या लगभग 79.5 मिलियन है।
2019 तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अनुसार, दुनिया में 68% शरणार्थी सीरिया (6.6 मिलियन शरणार्थी), वेनेजुएला (3.7 मिलियन शरणार्थी), अफगानिस्तान (2.7 मिलियन), दक्षिण सूडान (2.2 मिलियन) और म्यांमार (1.1 मिलियन) देशों से हैं।
2019 तक दुनिया भर में कुल 79.5 मिलियन शरणार्थियों में से 26 मिलियन 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
8. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस - 2022
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विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस हर साल 17 जून को मनाया जाता है।
यह दिन मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए खराब भूमि को स्वस्थ या उपजाऊ मिट्टी में बदलने पर केंद्रित है।
भूमि का मरुस्थलीकरण मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के कारण होता है।
यह शुष्क भूमि पारिस्थितिक तंत्र के कारण होता है जो अत्यधिक दोहन और भूमि के अनुपयुक्त उपयोग के लिए अत्यंत संवेदनशील होते हैं।
यह दिन मानवता और ग्रह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए किसी भी विनाशकारी परिणाम से बचने के लिए एक प्रारंभिक उपाय की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
2022 की थीम - राइजिंग अप फ्रॉम ड्राट टूगेदर
दिन का इतिहास और महत्व
दिसंबर 1994 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया।
तब से, संयुक्त राष्ट्र, गैर-सरकारी संगठन और विभिन्न देश मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
इस दिन का उद्देश्य निम्नीकृत भूमि को स्वस्थ भूभाग में बदलना है।
इस खतरे से निपटने के लिए, समूह और समुदाय मिलकर शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क आर्द्र भूमि को उपजाऊ मिट्टी में बदलने के लिए काम कर रहे हैं।
9. अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस
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हर साल, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस मनाया जाता है।
यह दिन विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के प्रयासों को सम्मानित करने और अपने देश में अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस 2015 में मनाया गया था।
यह दिन सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र को प्रवासियों की बेहतरी के लिए नीतियां बनाने और प्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस की थीम है- ‘रिकवरी एंड रेसिलिएंस थ्रू डिजिटल एंड फाइनेंशियल इन्क्लूज़न।
प्रेषण क्या है?
प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी (सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है। प्रेषक आमतौर पर एक अप्रवासी होता है और प्राप्तकर्त्ता एक समुदाय/परिवार से संबंधित होता है।
दूसरे शब्दों में रेमिटेंस या प्रेषण से आशय प्रवासी कामगारों द्वारा धन अथवा वस्तु के रूप में अपने मूल समुदाय/परिवार को भेजी जाने वाली आय से है।
विश्व में प्रेषित धन या रेमिटेंस का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता भारत है।
10. विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस
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प्रति वर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
दिन का उद्देश्य बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
यह दिन विश्व भर में बुजुर्ग आबादी के साथ दुर्व्यवहार (मौखिक, शारीरिक या भावनात्मक) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के छह में से लगभग एक व्यक्ति दुर्व्यवहार से पीड़ित है।
इसका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 141 मिलियन लोग प्रभावित हैं।
इस वर्ष, विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस दो महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ याद किया जाएगा।
हेल्दी एजिंग के लिए संयुक्त राष्ट्र दशक की शुरुआत (2021-2030)।
एजिंग पर द्वितीय विश्व सभा का 20वां मील का पत्थर और मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (MIPAA) के कार्यान्वयन की चौथी समीक्षा और मूल्यांकन।
दिन का इतिहास और महत्व
15 जून को बुजुर्गों के लिए एक विशेष दिन के रूप में घोषित करने के अनुरोध के बाद से जून 2006 में इस दिन को मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आधिकारिक तौर पर वर्ष 2011 में इस दिन को मान्यता प्रदान की गई।