1. टैंक रोधी मार्गदर्शित मिसाइल 'हेलीना' का सफल परीक्षण
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स्वदेश में ही विकसित हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली टैंक-रोधी मार्गदर्शित मिसाइल 'हेलीना' का 11 अप्रैल, 2022 को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा यह परीक्षण उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण ट्रायल्स के भाग के रूप में संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
ये परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किए गए थे और मिसाइल को नकली टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा गया।
मिसाइल को एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) द्वारा निर्देशित किया जाता है जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है।
यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।
पोखरण में किए गए प्रमाणीकरण परीक्षणों के विस्तार में, उच्च ऊंचाई पर इसकी प्रभावकारिता का प्रमाण उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ इसके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है।
2. भारत ने पिनाका एमके-आई राकेट के अपग्रेड वर्जन का सफल परीक्षण किया
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पिनाका एमके- आई रॉकेट प्रणाली (ईपीआरएस) तथा पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन (एडीएम) रॉकेट प्रणाली का पोखरण फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
ट्रायल के दौरान परीक्षण के सभी उद्देश्यों को संतोषजनक तरीके से पूरा करते हुए इन रॉकेटों के द्वारा आवश्यक सटीकता और स्थिरता हासिल की गई थी।
पिनाका एमके-I :
पिनाका एमके-I एक अपग्रेटेड राकेट प्रणाली है जिसकी मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं पिनाका-II राकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस राकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।
पिनाका एमके-I की सामरिक क्षमता :
चीन से तनाव बढ़ने के दौरान भारत ने पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर पूरी तरह स्वदेशी इस प्रणाली को तैनात किया था।
इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है। यह मल्टी बैरल राकेट लांचर प्रणाली है।
पिनाका एमके-I एन्हांस्ड राकेट सिस्टम शुरुआती पिनाका का अपग्रेडेट वर्जन है।
इस राकेट प्रणाली ने सेना को जमीन पर हमले का घातक विकल्प दिया है।
मल्टी-बैरल लांचर महज 44 सेकेंड्स में 72 राकेट्स दागने की क्षमता रखता है।
3. डीआरडीओ ने सतह से हवा में मार करने वाली दो मिसाइलों का परीक्षण किया
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 27 मार्च, 2022 को ओडिशा के तट पर चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के भारतीय सेना संस्करण के दो सफल उड़ान परीक्षण किए।
यह एमआरएसएएम संस्करण भारतीय सेना द्वारा उपयोग के लिए डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
यह 70 किलोमीटर तक की दूरी पर कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
एमआरएसएएम आर्मी वेपन सिस्टम में मल्टी-फंक्शन रडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
डीआरडीओ अध्यक्ष: डॉ जी सतीश रेड्डी
डीआरडीओ के अध्यक्ष रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी होते हैं।
फुल फॉर्म :
एमआरएसएएम : मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM)
4. भारत के राष्ट्रपति ने आईएनएस वलसुरा को प्रेजिडेंटस कलर भेंट किया
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- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 25 मार्च 2022 को भारतीय नौसेना के प्रमुख प्रशिक्षण तकनीकी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, आईएनएस वलसुरा को 'प्रेसिडेंटस कलर' यानी 'राष्ट्रपति निशान' प्रदान किया।
- शांति और युद्ध दोनों में राष्ट्र को दी गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को 'प्रेसिडेंटस कलर' दिया जाता है।
- नौसेना प्रथम भारतीय सशस्त्र सेना थी जिसे 27 मई, 1951 को डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 'प्रेसिडेंटस कलर' से सम्मानित किया गया था।
- आईएनएस वलसुरा जिसे 1942 में जामनगर, गुजरात में एक टारपीडो प्रशिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था, अब भारत में एक प्रमुख तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान है।
5. पश्चिमी नौसेना कमान द्वारा अपतटीय सुरक्षा अभ्यास ‘प्रस्थान’ आयोजित किया गया
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भारतीय नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान ने मुंबई के तट पर एक अपतटीय सुरक्षा अभ्यास 'प्रस्थान' का आयोजन किया. यह अभ्यास पश्चिमी नौसेना कमान द्वारा हर छह महीने में आयोजित किया जाता है।
इस अभ्यास के तहत नौसेना के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना, तटरक्षक बल, ओएनजीसी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, सीमा शुल्क, राज्य मत्स्यपालन विभाग, व्यापारिक समुद्री विभाग और समुद्री पुलिस ने भाग लिया।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य :
वर्तमान नौसेना प्रमुख: एडमिरल आर. हरि कुमार
नौसेना दिवस: 4 दिसंबर
भारतीय नौसेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है
ऑपरेशनल नेवल कमांड मुख्यालय
पश्चिमी नौसेना कमान मुंबई
दक्षिणी नौसेना कमान कोच्चि
पूर्वी नौसेना कमान विशाखापत्तनम
6. भारत- सेशेल्स सैन्य अभ्यास लामितिये–2022, सेशेल्स में शुरू
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भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के मध्य 9वां संयुक्त सैन्य अभ्यास लामितिये– 2022, सेशेल्स रक्षा अकादमी (एसडीए) सेशेल्स में 22 मार्च से 31 मार्च 22 तक आयोजित किया जा रहा है।
इस अभ्यास का उद्देश्य अर्ध-शहरी वातावरण में शत्रु बलों के विरुद्ध विभिन्न अभियानों के दौरान प्राप्त किए गए अनुभवों को साझा करने और संयुक्त अभियान शुरू करने के लिए क्षमता में वृद्धि करना है।
सैन्य अभ्यास - 2022 एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसका 2001 से सेशेल्स में आयोजन किया जा रहा है।
भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बल दोनों की एक-एक इन्फैंट्री प्लाटून कंपनी मुख्यालय के साथ इस अभ्यास में भाग लेंगी।
भारतीय सैन्य दल में 2/3 गोरखा राइफल्स समूह (पीरकंठी बटालियन) के सैनिक शामिल हैं।
सेशल्स
यह पश्चिमी हिंद महासागर में एक द्वीप गणराज्य है। यह पूर्वी अफ्रीका महाद्वीप का एक भाग है।
राजधानी: विक्टोरिया
राष्ट्रपति: वेवेल रामकलावन
मुद्रा: सेशल्स रुपया
7. विशाखापत्तनम में आयोजित स्लिनेक्स का 9वां संस्करण
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास स्लिनेक्स (श्रीलंका-भारत नौसेना अभ्यास) का 9वां संस्करण 10 मार्च 2022 को विशाखापत्तनम, बंगाल की खाड़ी में संपन्न हुआ। यह 07 मार्च से 10 मार्च 2022 तक आयोजित किया गया था।
श्रीलंका नौसेना का प्रतिनिधित्व एक उन्नत अपतटीय गश्ती पोत एसएलएनएस सयूराला और भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस किर्च, एक निर्देशित मिसाइल कार्वेट द्वारा किया गया था।
भारतीय नौसेना के अन्य प्रतिभागियों में आईएनएस ज्योति, एक फ्लीट सपोर्ट टैंकर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच), सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टर और डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
- स्लिनेक्स का पिछला संस्करण अक्टूबर 2020 के महीने में श्रीलंका के त्रिंकोमाली में आयोजित किया गया था।
8. 19वीं भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग बैठक आगरा में आयोजित
भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की बैठक का 19वां संस्करण 01-02 मार्च, 2022 को आगरा, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया।
बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय पक्ष से अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ, एयर मार्शल बीआर कृष्णा और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल स्टीफन डी स्केलेंका ने अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व किया।
- भारत-अमेरिका एमसीजी मुख्यालय, एकीकृत रक्षा कर्मचारियों और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के बीच रणनीतिक और परिचालन स्तरों पर नियमित वार्ता के माध्यम से देशों के मध्य रक्षा सहयोग की प्रगति के लिए स्थापित एक मंच है।
9. मिलन नौसेना अभ्यास विशाखापत्तनम में शुरू
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भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय नौसेना अभ्यास मिलन (एमआईएलइएएन - MILAN) 2022, 25 फरवरी 2022 को विशाखापत्तनम में शुरू हुआ। यह दो चरणों में 9 दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा, जिसमें बंदरगाह चरण 25 से 28 फरवरी तक और समुद्री चरण 01 से 04 मार्च तक होगा।
मिलन 2022 अभ्यास का विषय 'कैमराडरी - सामंजस्य - सहयोग' है।
इसका उद्देश्य भारत को दुनिया के लिए बड़े स्तर पर एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में प्रस्तुत करना है।
मिलन अभ्यास में 40 से अधिक देश भाग ले रहे हैं।
मिलन
मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है जिसकी शुरुआत भारतीय नौसेना ने 1995 में अंडमान और निकोबार कमान में की थी।
इसकी स्थापना के बाद से, यह आयोजन 2001, 2005, 2016 और 2020 को छोड़कर द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया गया है।
10. कोबरा वारियर युद्धाभ्यास 2022 में भाग लेगा तेजस
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पहली बार भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस किसी विदेशी सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे।
भारतीय वायु सेना 06 से 27 मार्च 2022 तक यूनाइटेड किंगडम के वैडिंगटन में 'एक्स कोबरा वारियर 22' नामक एक बहु-राष्ट्र वायु अभ्यास में भाग लेगी।
इस अभ्यास में पांच तेजस विमान, ब्रिटेन और अन्य प्रमुख वायु सेना के लड़ाकू विमान भाग लेंगे।
तेजस
तेजस एक सिंगल इंजन लाइटवेट मल्टीरोल लड़ाकू विमान है जिसे रक्षा मंत्रालय के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर के सहयोग से डिज़ाइन किया गया है।
भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना और नौसेना के लिए मिग -21 लड़ाकू विमान को बदलने के लिए स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) विकसित करने के लिए 1980 के दशक में एक कार्यक्रम शुरू किया था।
2003 में हल्के लड़ाकू विमान का नाम बदलकर तेजस कर दिया गया।
पहला तेजस स्क्वाड्रन 2016 में भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45 "फ्लाइंग डैगर्स" के रूप में चालू हुआ, जिसका बेस सुलूर, तमिलनाडु में है।
एचएएल द्वारा विकसित किया जाने वाला पहला लड़ाकू विमान एचएफ-24 मारुत था और तेजस, एचएएल द्वारा विकसित किया जाने वाला दूसरा लड़ाकू विमान है।