1. भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की 38वीं मंत्री स्तरीय बैठक
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भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की 38वीं मंत्री स्तरीय बैठक 25 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की और बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन राज्य मंत्री जाहिद फारूक ने किया।
दोनों देशों ने बैठक के दौरान गंगा, तीस्ता और कई छोटी नदियों से संबंधित मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा की।
दोनों पक्षों ने बाढ़ से संबंधित डेटा और सूचनाओं के आदान-प्रदान, नदी-बैंक संरक्षण कार्यों, सामान्य बेसिन प्रबंधन और भारत की नदी जोड़ो परियोजना पर भी चर्चा की।
बांग्लादेश ने लंबे समय से लंबित तीस्ता जल बंटवारा संधि को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया।
दोनों पक्षों ने कुशियारा नदी के पानी को अंतरिम तौर पर साझा करने के लिये समझौता-ज्ञापन के मसौदे को भी अंतिम रूप दिया।
दोनों पक्षों ने त्रिपुरा में सबरूम टाउन की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये फेनी नदी से पानी लेने वाले स्थान तथा उसकी तकनीकी अवसंरचना के डिजाइन को अंतिम रूप दिये जाने का स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि इस बारे में अक्टूबर 2019 में दोनों देशों के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था।
यह बैठक12 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित किया गया था।
भारत और बांग्लादेश के बीच नदियाँ :
भारत और बांग्लादेश आपस में 54 नदियों को साझा करते हैं।
सभी गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना (GBM) बेसिन की जल निकासी व्यवस्था का हिस्सा हैं।
पद्मा (गंगा), जमुना (ब्रह्मपुत्र) और मेघना (बराक) और उनकी सहायक नदियाँ बांग्लादेश में खाद्य और जल सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
जल संसाधन आवंटन के संबंध में भारत और बांग्लादेश के बीच के विवाद उस समय से है जब बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान था।
1961 में, भारत ने फरक्का बैराज का निर्माण शुरू किया, जिसे अप्रैल 1975 तक चालू किया जाना था।
जब भारत ने परियोजना के लिए अपनी प्रारंभिक योजना शुरू की, तो पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान पर परियोजना के संभावित प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।
संयुक्त नदी आयोग (जेआरसी) :
इसका गठन 1972 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुआ था।
यह साझा/सीमा/बाउन्ड्री नदियों पर आपसी हित के मुद्दों के समाधान के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र है।
अतिरिक्त जानकारी -
कुशियारा नदी के बारे में :
यह बांग्लादेश और असम में एक वितरण नदी है।
कुशियारा का पानी मणिपुर, मिजोरम और असम से सहायक नदियों में जाता है।
2. विश्व जल सप्ताह - 2022
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विश्व जल सप्ताह- 2022 - 23 अगस्त से 1 सितंबर तक स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित हो रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
विश्व जल सप्ताह 2022 की थीम - "अनदेखे को देखना: पानी का मूल्य"।
इसका आयोजन स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) द्वारा किया गया है।
विश्व जल सप्ताह 2022 की थीमको तीन मुख्य दृष्टिकोण के अंतर्गत शामिल किया गया है -
लोगों के लिए पानी का मूल्य और विकास
प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के लिए पानी का मूल्य
पानी का वित्तीय और आर्थिक मूल्य
यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने, विचारों को बढ़ावा देने, नवाचार और भविष्य के बारे में चर्चा करने के कई अवसर प्रदान करेगा।
विश्व जल सप्ताह के तहत खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, प्रौद्योगिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन आदि सहित जल से संबंधित विषयों पर लगभग 300 सत्र आयोजित किए जाएंगे।
विश्व जल सप्ताह शीर्ष वैज्ञानिकों, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों, स्थानीय सामुदायिक समूहों, उद्यमियों, शीर्ष राजनेताओं, छात्रों, सीईओ और कई अन्य लोगों को आकर्षित करेगा।
यह सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में सुधार हासिल करने में मदद करेगा।
3. विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस
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दुनियाभर के बुजुर्गों को सम्मान देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 अगस्त को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया जाता है I
महत्वपूर्ण तथ्य -
दिवस का इतिहास :
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर 1990 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।
पहली बार 1 अक्टूबर 1991 को अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया था।
अमेरिका में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त 1988 को इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए और 21 अगस्त 1988 को संयुक्त राज्य में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया।
वहीं रोनाल्ड रीगन वरिष्ठ नागरिक दिवस को पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे।
इस दिवस का महत्व :
अगले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर उम्रदराज लोगों की संख्या दोगुनी हो जाने का अनुमान जताया गया हैI
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक दुनिया भर में 1.5 बिलियन लोग वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में होंगे I
अतिरिक्त जानकारी -
वरिष्ठ नागरिकों की बेहतरी के लिए भारत सरकार की योजनाएं :
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना - यह योजना एक सामाजिक सुरक्षा योजना और पेंशन प्लान है I शुरुआत - 4 मई, 2017
वरिष्ठ मेडिक्लेम पॉलिसी - यह सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस एक मेडिकल बीमा योजना है, जो 60 से 75 साल के बीच के आयु वर्ग के नागरिकों के लिए हैI
राष्ट्रीय वयोश्री योजना - इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की श्रेणी के उन वरिष्ठ नागरिकों को सहायता और सहायक उपकरण प्रदान करना है जो उम्र से संबंधित अक्षमता या असमर्थता से पीड़ित हैं I लॉन्च - वर्ष 2017
वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना - शुरुआत - 14 अगस्त 2014
4. विश्व मानवतावादी दिवस
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विश्व मानवतावादी दिवस हर साल 19 अगस्त को उन लोगों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने मानवता की सेवा करने में अपना सम्पूर्ण जीवन बलिदान कर दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इसका उद्देश्य दुनिया भर में मानवीय सहायता की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाना है।
यह दिवस मानवीय मामलों और मानवीय भागीदारों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा एक अभियान है।
विश्व मानवतावादी दिवस 2022 की थीम - इट टेक्स अ विलेज
पृष्ठभूमि :
19 अगस्त 2003 को, इराक के बगदाद में कैनाल होटल पर एक बम हमले में 22 मानवीय सहायता कर्मियों की मौत हो गई.
इस हमले में इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी मृत्यु हो गई थी।
इस हमले के पांच साल बाद,वर्ष 2008 में महासभा ने 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में नामितकरने का एक प्रस्ताव पारित किया।
दिन का महत्व :
यह दिन लोगों द्वारा मानवीय कारणों और जरूरतों के लिए किए गए बलिदानों की याद के रूप में कार्य करता है।
इस वर्ष इस दिवस का उद्देश्य उन हजारों स्वयंसेवकों की निस्वार्थ सेवा की ओर ध्यान आकर्षित करना है जो संकट के दौरान लोगों को तत्काल चिकित्सा देखभाल, भोजन, आश्रय और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
मानवीय सेवा की आवश्यकता :
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, 2022 में 274 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता होगी।
2021 से इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है जब यह आंकड़ा 235 मिलियन था, जो पिछले कई दशकों में सबसे अधिक था।
संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठनों का लक्ष्य 63 देशों में सबसे अधिक मानवीय सहायता की जरुरत वाले 183 मिलियन लोगों की मदद करना है, जिसके लिए 41 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी।
5. विश्व फोटोग्राफी दिवस
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विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
यह दिवस फोटोग्राफी की कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास का एक वार्षिक, विश्वव्यापी उत्सव है।
फोटोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण कला के रूपों में से एक है, यह किसी की भावनाओं और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का एक साधन है।
हेनरिक इबसेन की एक प्रसिद्ध कहावत है जिसमें उन्होंने कहा था, 'एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है'।
कभी-कभी तस्वीरें, शब्दों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से भावनाओं को व्यक्त करती हैं.
किसी वस्तु की पहली स्थायी तस्वीर 1826 में फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर नीपसे द्वारा खींची गई थी।
विश्व फोटोग्राफी दिवस 2022 की थीम :
थीम 2022 - "लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन।"
यह थीम इस बात पर प्रकाश डालता है कि हम कैमरे (लेंस) के माध्यम से महामारी के चलते हुए लॉकडाउन को कैसे देखते हैं।
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था और उस अवधि में कई लोगों ने फोटोग्राफी के शानदार कौशल को सीखा।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास :
विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी।
उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है।
इसका आविष्कार फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुई डौगर ने किया था।
19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल किया।
इसे हमेशा याद रखने के लिए प्रति वर्ष 19 अगस्त को 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' मनाया जाता है।
6. विश्व अंगदान दिवस
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अंग दान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व भर में विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इसके अलावा भारत में प्रत्येक वर्ष 27 नवंबर को “राष्ट्रीय अंगदान दिवस” मनाया जाता है।
इस साल की थीम 'अंग दान कर लोगों की जान बचाने का संकल्प लें' है।
महत्व
अंग दान के मिथकों को दूर करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
यह लोगों को मृत्यु के बाद अपने स्वस्थ अंगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है क्योंकि इससे अधिक लोगों की जान बच जाएगी।
इसका उद्देश्य लोगों को यह महसूस करने में मदद करना है कि स्वस्थ अंगों की अनुपलब्धता के कारण बहुत से लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस प्रकार, स्वेच्छा से अपने स्वस्थ अंगों को दान करने से कई लोगों का जीवन बदल सकता है।
विश्व अंग दान का इतिहास
वर्ष 1953 में पेरिस में जीन हैम्बर्गर द्वारा मानव किडनी का पहला अस्थायी रूप से सफल प्रत्यारोपण किया गया था।
माँ से 16 वर्ष के बच्चे में किडनी प्रत्यारोपित की गई थी।
हालाँकि पहला दीर्घकालिक सफल गुर्दा प्रत्यारोपण वर्ष 1954 में अमेरिका में किया गया था।
डॉक्टर जोसेफ मरे द्वारा यह सफल प्रत्यारोपण किया गया था।
इसके लिये डॉक्टर जोसेफ मरे को वर्ष 1990 में “फिजियोलॉजी और मेडिसिन के लिये नोबेल पुरस्कार” मिला था।
7. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस
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हर साल 12 अगस्त को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस दिन का उद्देश्य युवाओं के आसपास के सांस्कृतिक और कानूनी मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है।
इसका उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
15 से 24 वर्ष की आयु के सभी व्यक्ति युवा के रूप में माने जाते हैं, और आंकड़ों के अनुसार, हमारे ग्रह पर आधे से अधिक लोग 30 या उससे कम उम्र के हैं, और यह संख्या 2030 के अंत तक 57% तक पहुंचने की उम्मीद है।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1965 में युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास शुरू किए।
वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
यह 1998 में लिस्बन में युवाओं के कल्याण के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा को की गई एक सिफारिश पर आधारित था।
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त, 2000 को मनाया गया था।
2022 की थीम
"इंटरजेनरेशनल सॉलिडेरिटी: क्रिएटिंग ए वर्ल्ड फॉर ऑल एज" 2022 का विषय है।
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य यह संदेश फैलाना है कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए युवाओं सहित सभी पीढ़ियों में कार्रवाई की आवश्यकता है।
इसका उद्देश्य आयुवाद के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है, जिसका युवा और वृद्ध व्यक्तियों पर समान रूप से नकारात्मक उद्देश्य है।
8. विश्व हाथी दिवस
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दुनिया भर के हाथियों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
हाथियों के सामने पहला खतरा अवैध शिकार है।
निवास स्थान का नुकसान, मानव-हाथी संघर्ष, मनुष्यों द्वारा दुर्व्यवहार तथा कुछ अन्य मुद्दे हैं जो हाथियों को प्रभावित करते हैं।
विश्व हाथी दिवस इन मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें इस विनम्र जानवर की रक्षा करने के महत्व को बताने के लिए भी मनाया जाता है।
2022 की थीम - हाथियों की मदद के लिए दुनिया को एक साथ लाना
पृष्ठभूमि
विश्व हाथी दिवस पहली बार 12 अगस्त 2012 को मनाया गया था।
यह कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड के हाथी प्रजनन फाउंडेशन के प्रयासों के कारण ही 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाना है।
हाथी के बारे में कुछ तथ्य
हाथी पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे बड़े भूमि स्तनधारी हैं।
अफ्रीकी सवाना (बुश) हाथी हमारे ग्रह पर सबसे बड़ा भूमि जानवर है।
इसकी 3 प्रजातियां हैं - अफ्रीकी सवाना (बुश), अफ्रीकी वन और एशियाई।
हाथी पचीडर्म होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी मोटी त्वचा होती है, कुछ क्षेत्रों में लगभग 2.5 सेमी की त्वचा होती है।
यह भारत के वनाच्छादित क्षेत्रों म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस सहित पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है।
भारत में एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है।
भारत में लगभग 28,000 हाथी हैं, जिनमें से लगभग 25% कर्नाटक में हैं।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत हाथियों को संरक्षित किया जाता है।
हाथियों के संरक्षण के लिए पहल
प्रोजेक्ट एलीफैंट
हाथी गलियारे और रिजर्व
गज यात्रा राष्ट्रव्यापी अभियान
हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (माइक) कार्यक्रम
9. विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022
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विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस जिसे विश्व जनजातीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह विशेष दिन दुनिया भर में स्वदेशी आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिए मनाया जाता है।
2022 की थीम - 'पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका'
यह थीम उस भूमिका पर जोर देता है जो स्वदेशी समुदायों की महिलाएं अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को आगे बढ़ाने में निभाती हैं।
पृष्ठभूमि
9 अगस्त 1982 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वदेशी आबादी पर पहला कार्यकारी समूह बनाया गया था।
इस बैठक में, संयुक्त राष्ट्र निकाय को स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर घोषणा का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था।
मुख्य फोकस इन समुदायों की शिक्षा, संस्कृति, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर काम करना था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 दिसंबर 1994 को विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाने का निर्णय लिया।
दिन का महत्व
यह दिन वार्षिक परियोजनाओं और घोषित थीम पर आधारित गतिविधियों पर होने वाले अपडेट को साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस वर्ष यह कार्यक्रम आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
यह आयोजन दुनिया के स्वदेशी समुदायों के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए स्वदेशी लोगों, सदस्य राज्यों, संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं, नागरिक समाज और आम जनता को आभासी सत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।
स्वदेशी लोगों के बारे में
दुनिया भर में 476 मिलियन स्वदेशी लोग हैं और 90 से अधिक देशों में फैले हुए हैं।
वे 4,000 से अधिक भाषाएं बोलते हैं।
वे दुनिया की लगभग 5% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अधिकांश स्वदेशी लोग - 70% एशिया में रहते हैं।
स्वदेशी लोगों को अक्सर हाशिए पर रखा जाता है और भेदभाव किया जाता है, जिससे वे हिंसा और दुर्व्यवहार के प्रति और भी अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
10. विश्व जैव ईंधन दिवस
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विश्व जैव ईंधन दिवस प्रतिवर्ष 10 अगस्त को जैव ईंधन के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है।
2022 की थीम - 'स्थिरता और ग्रामीण आय के लिए जैव ईंधन'।
दिवस की पृष्ठभूमि
10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि 1893 में इसी दिन को जर्मन वैज्ञानिक सर रुडोल्फ डीजल ने मूंगफली के तेल पर अपना डीजल इंजन सफलतापूर्वक चलाया था।
यह एक पथप्रदर्शक खोज थी क्योंकि इसने जीवाश्म ईंधन के लिए एक सुरक्षित, नवीकरणीय और टिकाऊ विकल्प तैयार किया।
भारत में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विश्व जैव ईंधन दिवस, 2015 से मनाना शुरू किया।
जैव ईंधन क्या हैं?
कोई भी हाइड्रोकार्बन ईंधन जो किसी कार्बनिक पदार्थ से प्राप्त और उत्पादित होता है, जैव ईंधन कहलाता है।
यह ठोस, तरल या गैसीय रूप में हो सकता है।
जैव ईंधन पशु अपशिष्ट, शैवाल, और औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट से उत्पन्न होते हैं।
वे पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ, नवीकरणीय और बायोडिग्रेडेबल हैं।
जैव ईंधन के प्रकार
बायोएथेनॉल, बायोडीजल और बायोगैस भारत में उपयोग किए जाने वाले तीन प्रकार के जैव ईंधन हैं।
बायोएथेनॉल शुगर और अधिक मात्रा में स्टार्च वाली फसलों और अधिशेष कृषि अपशिष्ट और बायोमास से बनाया जाता है।
बायोडीजल का उत्पादन विभिन्न प्रकार के वनस्पति तेल और कृषि अपशिष्ट और जंगलों से बायोमास कचरे से किया जाता है।
बायोगैस का उत्पादन बायोमास कचरे और जानवरों के कचरे के अवायवीय पाचन के माध्यम से होता है।
दिवस का महत्व
यह दिन भारत सरकार के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक मंच है।
इस दिन देश में जैव ईंधन क्षेत्र को विकसित और मजबूत करने में सरकार की गतिविधियों को याद किया जाता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय खाना पकाने के तेल से बने बायोडीजल को डीजल के साथ मिलाने की अनुमति देता है, जबकि इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जाता है।
बायोडीजल का उत्पादन शुरू में आयातित पाम तेल से किया गया था, लेकिन लागत में कमी करने के लिए कच्चे माल के रूप में खाना पकाने के तेल के उपयोग को बढ़ावा दिया गया।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस साल 5 जून को घोषणा की थी कि भारत ने पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि कार्बन उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है।