1. विश्व फोटोग्राफी दिवस
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विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
यह दिवस फोटोग्राफी की कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास का एक वार्षिक, विश्वव्यापी उत्सव है।
फोटोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण कला के रूपों में से एक है, यह किसी की भावनाओं और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का एक साधन है।
हेनरिक इबसेन की एक प्रसिद्ध कहावत है जिसमें उन्होंने कहा था, 'एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है'।
कभी-कभी तस्वीरें, शब्दों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से भावनाओं को व्यक्त करती हैं.
किसी वस्तु की पहली स्थायी तस्वीर 1826 में फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर नीपसे द्वारा खींची गई थी।
विश्व फोटोग्राफी दिवस 2022 की थीम :
थीम 2022 - "लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन।"
यह थीम इस बात पर प्रकाश डालता है कि हम कैमरे (लेंस) के माध्यम से महामारी के चलते हुए लॉकडाउन को कैसे देखते हैं।
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था और उस अवधि में कई लोगों ने फोटोग्राफी के शानदार कौशल को सीखा।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास :
विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी।
उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है।
इसका आविष्कार फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुई डौगर ने किया था।
19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल किया।
इसे हमेशा याद रखने के लिए प्रति वर्ष 19 अगस्त को 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' मनाया जाता है।
2. विश्व अंगदान दिवस
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अंग दान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व भर में विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इसके अलावा भारत में प्रत्येक वर्ष 27 नवंबर को “राष्ट्रीय अंगदान दिवस” मनाया जाता है।
इस साल की थीम 'अंग दान कर लोगों की जान बचाने का संकल्प लें' है।
महत्व
अंग दान के मिथकों को दूर करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
यह लोगों को मृत्यु के बाद अपने स्वस्थ अंगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है क्योंकि इससे अधिक लोगों की जान बच जाएगी।
इसका उद्देश्य लोगों को यह महसूस करने में मदद करना है कि स्वस्थ अंगों की अनुपलब्धता के कारण बहुत से लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस प्रकार, स्वेच्छा से अपने स्वस्थ अंगों को दान करने से कई लोगों का जीवन बदल सकता है।
विश्व अंग दान का इतिहास
वर्ष 1953 में पेरिस में जीन हैम्बर्गर द्वारा मानव किडनी का पहला अस्थायी रूप से सफल प्रत्यारोपण किया गया था।
माँ से 16 वर्ष के बच्चे में किडनी प्रत्यारोपित की गई थी।
हालाँकि पहला दीर्घकालिक सफल गुर्दा प्रत्यारोपण वर्ष 1954 में अमेरिका में किया गया था।
डॉक्टर जोसेफ मरे द्वारा यह सफल प्रत्यारोपण किया गया था।
इसके लिये डॉक्टर जोसेफ मरे को वर्ष 1990 में “फिजियोलॉजी और मेडिसिन के लिये नोबेल पुरस्कार” मिला था।
3. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस
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हर साल 12 अगस्त को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस दिन का उद्देश्य युवाओं के आसपास के सांस्कृतिक और कानूनी मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है।
इसका उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
15 से 24 वर्ष की आयु के सभी व्यक्ति युवा के रूप में माने जाते हैं, और आंकड़ों के अनुसार, हमारे ग्रह पर आधे से अधिक लोग 30 या उससे कम उम्र के हैं, और यह संख्या 2030 के अंत तक 57% तक पहुंचने की उम्मीद है।
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1965 में युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास शुरू किए।
वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
यह 1998 में लिस्बन में युवाओं के कल्याण के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा को की गई एक सिफारिश पर आधारित था।
प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त, 2000 को मनाया गया था।
2022 की थीम
"इंटरजेनरेशनल सॉलिडेरिटी: क्रिएटिंग ए वर्ल्ड फॉर ऑल एज" 2022 का विषय है।
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य यह संदेश फैलाना है कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए युवाओं सहित सभी पीढ़ियों में कार्रवाई की आवश्यकता है।
इसका उद्देश्य आयुवाद के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है, जिसका युवा और वृद्ध व्यक्तियों पर समान रूप से नकारात्मक उद्देश्य है।
4. विश्व हाथी दिवस
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दुनिया भर के हाथियों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
हाथियों के सामने पहला खतरा अवैध शिकार है।
निवास स्थान का नुकसान, मानव-हाथी संघर्ष, मनुष्यों द्वारा दुर्व्यवहार तथा कुछ अन्य मुद्दे हैं जो हाथियों को प्रभावित करते हैं।
विश्व हाथी दिवस इन मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें इस विनम्र जानवर की रक्षा करने के महत्व को बताने के लिए भी मनाया जाता है।
2022 की थीम - हाथियों की मदद के लिए दुनिया को एक साथ लाना
पृष्ठभूमि
विश्व हाथी दिवस पहली बार 12 अगस्त 2012 को मनाया गया था।
यह कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड के हाथी प्रजनन फाउंडेशन के प्रयासों के कारण ही 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
विश्व हाथी दिवस का उद्देश्य एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाना है।
हाथी के बारे में कुछ तथ्य
हाथी पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे बड़े भूमि स्तनधारी हैं।
अफ्रीकी सवाना (बुश) हाथी हमारे ग्रह पर सबसे बड़ा भूमि जानवर है।
इसकी 3 प्रजातियां हैं - अफ्रीकी सवाना (बुश), अफ्रीकी वन और एशियाई।
हाथी पचीडर्म होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी मोटी त्वचा होती है, कुछ क्षेत्रों में लगभग 2.5 सेमी की त्वचा होती है।
यह भारत के वनाच्छादित क्षेत्रों म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस सहित पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है।
भारत में एशियाई हाथियों की संख्या सबसे अधिक है।
भारत में लगभग 28,000 हाथी हैं, जिनमें से लगभग 25% कर्नाटक में हैं।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत हाथियों को संरक्षित किया जाता है।
हाथियों के संरक्षण के लिए पहल
प्रोजेक्ट एलीफैंट
हाथी गलियारे और रिजर्व
गज यात्रा राष्ट्रव्यापी अभियान
हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (माइक) कार्यक्रम
5. विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022
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विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस जिसे विश्व जनजातीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह विशेष दिन दुनिया भर में स्वदेशी आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिए मनाया जाता है।
2022 की थीम - 'पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका'
यह थीम उस भूमिका पर जोर देता है जो स्वदेशी समुदायों की महिलाएं अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को आगे बढ़ाने में निभाती हैं।
पृष्ठभूमि
9 अगस्त 1982 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वदेशी आबादी पर पहला कार्यकारी समूह बनाया गया था।
इस बैठक में, संयुक्त राष्ट्र निकाय को स्वदेशी लोगों के अधिकारों पर घोषणा का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था।
मुख्य फोकस इन समुदायों की शिक्षा, संस्कृति, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर काम करना था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 दिसंबर 1994 को विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाने का निर्णय लिया।
दिन का महत्व
यह दिन वार्षिक परियोजनाओं और घोषित थीम पर आधारित गतिविधियों पर होने वाले अपडेट को साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस वर्ष यह कार्यक्रम आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
यह आयोजन दुनिया के स्वदेशी समुदायों के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए स्वदेशी लोगों, सदस्य राज्यों, संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं, नागरिक समाज और आम जनता को आभासी सत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।
स्वदेशी लोगों के बारे में
दुनिया भर में 476 मिलियन स्वदेशी लोग हैं और 90 से अधिक देशों में फैले हुए हैं।
वे 4,000 से अधिक भाषाएं बोलते हैं।
वे दुनिया की लगभग 5% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अधिकांश स्वदेशी लोग - 70% एशिया में रहते हैं।
स्वदेशी लोगों को अक्सर हाशिए पर रखा जाता है और भेदभाव किया जाता है, जिससे वे हिंसा और दुर्व्यवहार के प्रति और भी अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
6. विश्व जैव ईंधन दिवस
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विश्व जैव ईंधन दिवस प्रतिवर्ष 10 अगस्त को जैव ईंधन के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है।
2022 की थीम - 'स्थिरता और ग्रामीण आय के लिए जैव ईंधन'।
दिवस की पृष्ठभूमि
10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि 1893 में इसी दिन को जर्मन वैज्ञानिक सर रुडोल्फ डीजल ने मूंगफली के तेल पर अपना डीजल इंजन सफलतापूर्वक चलाया था।
यह एक पथप्रदर्शक खोज थी क्योंकि इसने जीवाश्म ईंधन के लिए एक सुरक्षित, नवीकरणीय और टिकाऊ विकल्प तैयार किया।
भारत में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विश्व जैव ईंधन दिवस, 2015 से मनाना शुरू किया।
जैव ईंधन क्या हैं?
कोई भी हाइड्रोकार्बन ईंधन जो किसी कार्बनिक पदार्थ से प्राप्त और उत्पादित होता है, जैव ईंधन कहलाता है।
यह ठोस, तरल या गैसीय रूप में हो सकता है।
जैव ईंधन पशु अपशिष्ट, शैवाल, और औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट से उत्पन्न होते हैं।
वे पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ, नवीकरणीय और बायोडिग्रेडेबल हैं।
जैव ईंधन के प्रकार
बायोएथेनॉल, बायोडीजल और बायोगैस भारत में उपयोग किए जाने वाले तीन प्रकार के जैव ईंधन हैं।
बायोएथेनॉल शुगर और अधिक मात्रा में स्टार्च वाली फसलों और अधिशेष कृषि अपशिष्ट और बायोमास से बनाया जाता है।
बायोडीजल का उत्पादन विभिन्न प्रकार के वनस्पति तेल और कृषि अपशिष्ट और जंगलों से बायोमास कचरे से किया जाता है।
बायोगैस का उत्पादन बायोमास कचरे और जानवरों के कचरे के अवायवीय पाचन के माध्यम से होता है।
दिवस का महत्व
यह दिन भारत सरकार के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक मंच है।
इस दिन देश में जैव ईंधन क्षेत्र को विकसित और मजबूत करने में सरकार की गतिविधियों को याद किया जाता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय खाना पकाने के तेल से बने बायोडीजल को डीजल के साथ मिलाने की अनुमति देता है, जबकि इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जाता है।
बायोडीजल का उत्पादन शुरू में आयातित पाम तेल से किया गया था, लेकिन लागत में कमी करने के लिए कच्चे माल के रूप में खाना पकाने के तेल के उपयोग को बढ़ावा दिया गया।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस साल 5 जून को घोषणा की थी कि भारत ने पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
केंद्र सरकार ने दावा किया है कि कार्बन उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है।
7. राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस देश में हथकरघा बुनकरों को सम्मानित करने और भारत के हथकरघा उद्योग के बारे में जग्गरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 7 अगस्त को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
8वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कपड़ा मंत्रालय के समन्वय के तहत राष्ट्रीय विरासत वस्त्र केंद्र (एनसीएचटी), जनपथ, नई दिल्ली में आयोजित एक प्रदर्शनी के माध्यम से पूरे देश में मनाया गया।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने जुलाई 2015 में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था।
दिन का उद्देश्य देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए हथकरघा उद्योग के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में 1905 में कलकत्ता टाउन हॉल में इस दिन शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन को मनाने के लिए 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में चुना गया था।
इस आंदोलन का उद्देश्य घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित करना था।
हथकरघा के विकास के लिए सरकारी कार्यक्रम
व्यापक हथकरघा क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस)
राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी)
हथकरघा बुनकर व्यापक कल्याण योजना (HWCWS)
यार्न आपूर्ति योजना (वाईएसएस)
ऊपर उल्लिखित कार्यक्रमों का उद्देश्य हथकरघा क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्रदान करने में मदद करते हुए उसे बढ़ावा देना है।
कुछ प्रसिद्ध हथकरघा
तमिलनाडु की प्रसिद्ध कांचीपुरम साड़ी
महाराष्ट्र की पैठणी बुनाई
असम का मूगा सिल्क
कर्नाटक का मैसूर सिल्क
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बुनकरों के लिए नेथन्ना बीमा योजना शुरू की
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर नेतन्ना बीमा योजना की शुरुआत की।
यह देश में बुनकरों के लिए अपनी तरह की अनूठी योजना है और इस बीमा योजना से लगभग 80,000 बुनकरों के परिवार लाभान्वित होंगे।
यह योजना पात्र लाभार्थी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में बुनकरों के परिवारों को ₹5 लाख का बीमा कवर प्रदान करेगी।
8. चाबहार दिवस सम्मेलन
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31 जुलाई, 2022 को, सर्बानंद सोनोवाल (केंद्रीय जहाजरानी मंत्री) और श्रीपद नाइक (शिपिंग राज्य मंत्री) द्वारा मुंबई में चाबहार दिवस सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस उद्घाटन समारोह में कजाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
मई 2016 में भारत और ईरान ने द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें भारत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह पर एक बर्थ के नवीनीकरण पर सहमत हुआ था।
भारत इस बंदरगाह पर 600 मीटर लंबी कंटेनर हैंडलिंग सुविधा के पुनर्निर्माण पर भी सहमत हुआ।
अक्टूबर 2017 में, भारत ने चाबहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान को गेहूं की पहली खेप भेजी थी।
चाबहार बंदरगाह के बारे में
चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी में स्थित है। यह पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से 72 किमी की दूरी पर है। ग्वादर पोस्ट को चीन ने विकसित किया था।
यह ईरान के एकमात्र बंदरगाह के रुप में कार्य करता है जिसमें शाहिद बेहेश्ती और शाहिद कलंतरी नामक दो अलग-अलग बंदरगाह शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 5 बर्थ है I
यूरेशिया को हिंद महासागर क्षेत्र से जोड़ने के प्रयास में, यह भारत के इंडो-पैसिफिक विजन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
यह भारत को जोड़ने वाले इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर नेटवर्क का एक हिस्सा है।
ईरान ने चाबहार बंदरगाह के माध्यम से भारत और ईरान के बीच व्यापार सहयोग गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया है I
भारत के लिए चाबहार बंदरगाह का महत्व
वैकल्पिक मार्ग - चाबहार बंदरगाह भारत को वैकल्पिक आपूर्ति मार्ग का विकल्प प्रदान करता है इस प्रकार यह व्यापार के संबंध में पाकिस्तान के महत्त्व को कम करता हैI
कनेक्टिविटी -भविष्य में चाबहार परियोजना और उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा रूस तथा यूरेशिया के साथ भारतीय संपर्क का अनुकूलन कर एक दूसरे के पूरक होंगेI
सामरिक आवश्यकताएं - वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत चीन आक्रामक रुप से अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को आगे बढ़ा रहा हैI
अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों से संपर्क बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
9. मुस्लिम महिला अधिकार दिवस
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1 अगस्त, 2019 को मुस्लिम महिलाओं को ‘तीन तलाक’ नामक सामाजिक बुराई से मुक्ति मिली थी इसलिये 1 अगस्त को भारत के इतिहास में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में दर्ज किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
मुस्लिम महिला अधिकार दिवस 1 अगस्त को तीन तलाक बिल की पृष्ठभूमि में मनाया जाता है जिसे 1 अगस्त 2019 को संसद में मंजूरी दी गई थी।
ट्रिपल तलाक बिल, मुस्लिम महिलाओं को तलाक की शर्तों की सामाजिक बुराई की बेड़ियों से मुक्त करने में एक बड़ा मील का पत्थर था।
शाह बानो बेगम और अन्य बनाम मो अहमद खान’, ‘शायरा बानो बनाम भारत संघ और अन्य’ ने इस कदम की आधारशिला रखी।
शायरा बानो ने अपनी रिट याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से तीन प्रथाओं तलाक-ए-बिद्दत, बहुविवाह, निकाह-हलाला को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।
संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 के उल्लंघन का हवाला देकर मामले दर्ज किए जा रहे थे।
ट्रिपल तलाक कानून के बारे में
तीन तलाक को ‘तलाक-ए-बिद्दत' कहा जाता है।
इसमें पति एक ही बार में तीन बार कहता है...तलाक-तलाक-तलाक। यदि पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे को तलाक देने को राज़ी हों, तभी यह मान्य होता है।
लेकिन देखा यह गया है कि लगभग 100 फीसदी मामलों में केवल पति की ही रज़ामंदी होती है।
यह विधेयक दिसंबर 2017 में लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया।
इसके बाद सितंबर 2018 में सरकार ने तीन तलाक को प्रतिबंधित करने के लिये अध्यादेश जारी किया।
इस अध्यादेश में तीन तलाक को अपराध घोषित करते हुए पति को तीन साल तक की जेल और जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन बताया, जो सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है।
इस विधेयक की धारा 3 के अनुसार, लिखित या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक विधि से एक साथ तीन तलाक कहना अवैध तथा गैर-कानूनी होगा।
कानून की सफलता
जब से कानून पारित हुआ है, तीन तलाक के मामलों में 82% की कमी आई है।
किन देशों ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया है?
मिस्र 1929 में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश था।
मिस्र के बाद सूडान, पाकिस्तान (1956 में), मलेशिया (1969 में), बांग्लादेश (1972 में), इराक (1959 में) और सीरिया (1953 में) का स्थान है।
हाल के वर्षों में, संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को, ईरान, साइप्रस, कतर, जॉर्डन, ब्रुनेई, अल्जीरिया और साथ ही भारत ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
10. अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस
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दोस्ती का जश्न मनाने के साथ-साथ नए लोगों से मिलने और दोस्त बनाने के विचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 30 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं।
भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को दोस्ती दिवस मनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस का इतिहास
इस दिन को पहली बार 1958 में एक अंतरराष्ट्रीय नागरिक संगठन- वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड द्वारा प्रस्तावित किया गया थाI
साल 2011 में आयोजित 65वें संयुक्त राष्ट्र सत्र में आधिकारिक तौर पर 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के लिए तय किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस यूनेस्को द्वारा शांति की संस्कृति के प्रसार के लिए की गई एक पहल है I
अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस 2022 की थीम : दोस्ती के माध्यम से मानवीय भावना को साझा करना।
अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस का महत्व
यह लोगों के बीच दोस्ती के बंधन का उत्सव है।
बहुत से लोग 'मित्रों को परिवार की तरह' वाक्यांश का उपयोग उन मित्रों का वर्णन करने के लिए करते हैं जो उनके परिवार के बहुत करीब होते हैं।
यह वाक्यांश सबसे प्रिय मित्रों के प्रति प्रशंसा की भावना की अभिव्यक्ति है।