1. डीआरडीओ ने स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया
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- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पोखरण रेंज, राजस्थान में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हेलीकॉप्टर लॉन्च स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक (एसएएनटी) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल को हैदराबाद के अनुसंधान केंद्र (आरसीआई) और डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं के समन्वय एवं उद्योगों की भागीदारी के साथ डिजाइन तथा विकसित किया गया है।
- यह हथियार 10 किलोमीटर तक की सीमा में लक्ष्य को नष्ट करने की काबिलियत रखता है।
2. डीआरडीओ ने मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका ईआर का सफल परीक्षण किया
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- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ ) ने राजस्थान के पोखरण में मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका एक्सटेंडेड रेंज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
- सिस्टम को संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ ) - आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल), पुणे।
- पिनाका रॉकेट सिस्टम का उन्नत रेंज संस्करण 45 किमी तक की दूरी पर लक्ष्य को नष्ट कर सकता है।
3. लॉकहीड मार्टिन भारत में लड़ाकू विमानों के पंखों का प्रोटोटाइप बनाएगी
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- अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने टाटा लॉकहीड मार्टिन एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड (टीएलएमएएल) को भारत में लड़ाकू विमान विंग के संभावित भविष्य के सह-निर्माता के रूप में चुना है।
- टीएलएमएएल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉकहीड मार्टिन एरोनॉटिक्स का एक संयुक्त उद्यम है।
- लॉकहीड मार्टिन और टीएलएमएएल ने 2018 में अपने हैदराबाद प्लांट में फाइटर प्लेन विंग्स प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए एक समझौता किया था।
- लॉकहीड मार्टिन संयुक्त राज्य अमेरिका की एक प्रमुख रक्षा कंपनी है जो F-16, F-21, F-22, F-35, जैसे कई रक्षा उत्पादों का निर्माण करती है।
- वह भारत को F-22 लड़ाकू विमान बेचना चाहता है।
4. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सुखोई 30 एमके-आई को सफलतापूर्वक परीक्षण किया
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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का आज (08 दिसम्बर, 2021)ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से प्रात: 10:30 बजे सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके –आई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
यह लॉन्च ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख उपलब्धि है। इस सफल परीक्षण के बाद अब देश में वायु संस्करण ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन शुरू हों जायेगा ।
ब्रह्मोस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए भारत (DRDO) और रूस (NPOM) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। संस्थान की स्थापना 12 फरवरी 1998 को हुई थी, जिसमें भारत के पास 50.5% शेयर और रूस के पास 49.5% शेयर थे। ब्रह्मोस दुनिया की पहली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। ब्रह्मोस मिसाइल को वायु सेना, नौसेना और सेना के लिए विकसित किया जा रहा है । |
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए भारत (DRDO) और रूस (NPOM) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
ब्रह्मोस एक शक्तिशाली आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है जिसे पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।
5. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सतह से हवा में वार करने वाली वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) ने एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल(VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
नौसेना के युद्धपोतों के लिए डीआरडीओ द्वारा वायु रक्षा प्रणाली विकसित की जा रही है और यह नई प्रणाली 15 KM की सीमा में लक्ष्य को भेद सकती है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) यह एक प्रमुख अनुसंधान और विकास एजेंसी है जो भारतीय सशस्त्र बलों के लिए नए हथियार और सिस्टम विकसित करती है। 1980 के दशक में शुरू किए गए एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत इसने भारत के लिए पृथ्वी, अग्नि, आकाश, नाग आदि जैसे कई मिसाइल सिस्टम विकसित किए।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की एकीकृत मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए, परीक्षण केंद्र अब्दुल कलाम द्वीप (जिसे पहले व्हीलर द्वीप कहा जाता था) और बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के चांदीपुर द्वीप में है। |