1. अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस
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हर साल, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस मनाया जाता है।
यह दिन विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के प्रयासों को सम्मानित करने और अपने देश में अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस 2015 में मनाया गया था।
यह दिन सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र को प्रवासियों की बेहतरी के लिए नीतियां बनाने और प्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस की थीम है- ‘रिकवरी एंड रेसिलिएंस थ्रू डिजिटल एंड फाइनेंशियल इन्क्लूज़न।
प्रेषण क्या है?
प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी (सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है। प्रेषक आमतौर पर एक अप्रवासी होता है और प्राप्तकर्त्ता एक समुदाय/परिवार से संबंधित होता है।
दूसरे शब्दों में रेमिटेंस या प्रेषण से आशय प्रवासी कामगारों द्वारा धन अथवा वस्तु के रूप में अपने मूल समुदाय/परिवार को भेजी जाने वाली आय से है।
विश्व में प्रेषित धन या रेमिटेंस का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता भारत है।
2. विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस
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प्रति वर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
दिन का उद्देश्य बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
यह दिन विश्व भर में बुजुर्ग आबादी के साथ दुर्व्यवहार (मौखिक, शारीरिक या भावनात्मक) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के छह में से लगभग एक व्यक्ति दुर्व्यवहार से पीड़ित है।
इसका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 141 मिलियन लोग प्रभावित हैं।
इस वर्ष, विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस दो महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ याद किया जाएगा।
हेल्दी एजिंग के लिए संयुक्त राष्ट्र दशक की शुरुआत (2021-2030)।
एजिंग पर द्वितीय विश्व सभा का 20वां मील का पत्थर और मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (MIPAA) के कार्यान्वयन की चौथी समीक्षा और मूल्यांकन।
दिन का इतिहास और महत्व
15 जून को बुजुर्गों के लिए एक विशेष दिन के रूप में घोषित करने के अनुरोध के बाद से जून 2006 में इस दिन को मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आधिकारिक तौर पर वर्ष 2011 में इस दिन को मान्यता प्रदान की गई।
3. विश्व रक्तदाता दिवस
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स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनके जीवन रक्षक उपहारों के लिए धन्यवाद देने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस भी मनाया जाता है।
दिन का इतिहास
विश्व रक्त दाता दिवस कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 14 जून 1868 को हुआ था।
वर्ष 2004 में, WHO ने पहली बार विश्व रक्तदाता दिवस मनाया, ताकि सभी देशों को लोगों के जीवन को बचाने के लिए लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की थीम "रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है ऐसे में प्रयास का हिस्सा बनें और जीवन बचाएं" है।
रक्त से संबंधित जानकारी
सन 1900-1901 दौरान कार्ल लैंडस्टीनर ने इंसानी खून के एबीओ रक्त समूह और रक्त में मिलने वाले एक अहम तत्व आरएच फैक्टर की खोज की।
रुधिर दाब को स्फाइगनोमैनोमीटर यन्त्र के द्वारा मापा जाता हैI
रक्त में सर्वाधिक मात्रा में आयरन या लोहा धातु पाई जाती हैI
मानव रक्त का पीएच मान 7.4 होता हैI
रक्त समूह O “सर्वदाता ” कहलाता है।
रक्त समूह AB : “सर्वग्राही ” होता है।
रक्त एक प्रकार का “तरल संयोजी उत्तक ” होता है।
मानव शरीर के कुल भार के 07 प्रतिशत मात्रा में रक्त उसके शरीर में मौजूद होता है।
रुधिर वर्ग AB में एटीबॉडी नहीं पायी जाती हैI
4. अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस
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13 जून अंतरराष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस है।
यह दिवस रंगहीनता से पीड़ित व्यक्तियों के विरुद्ध हमलों और भेदभाव की रोकथाम और रंगहीनता से पीड़ित लोगों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य रंगहीनता से पीड़ित लोगों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
रंगहीनता क्या है?
यह एक जन्मजात विकार है जो त्वचा, आंखों और बालों में वर्णक की पूर्ण या आंशिक अनुपस्थिति के कारण मनुष्य में होता है।
यह रोग बालों, त्वचा और आंखों में रंजकता (मेलेनिन) की कमी के कारण होता है, जो व्यक्ति को सूर्य और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील बनाता है।
ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोग दृष्टिबाधित हो सकते हैं और उन्हें त्वचा कैंसर होने का अधिक खतरा होता है।
2022 की थीम
वर्ष 2022 की थीम "यूनाइटेड इन मेकिंग अवर वॉयस हर्ड" है।
दिन का इतिहास
2000 के दशक के मध्य में, तंजानिया में ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों पर हिंसक हमलों और हत्याओं की खबरें आईं।
हमलों के पीछे यह विश्वास था कि ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के पास जादुई शक्तियाँ होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2015 में 70 लोग मारे गए थे।
इसके कारण, तंजानिया एल्बिनिज्म सोसाइटी (टीएएस) और अन्य गैर सरकारी संगठन ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के अधिकारों की पैरवी करने के लिए एक साथ आए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने 18 दिसंबर, 2014 को ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के खिलाफ हमलों और भेदभाव को रोकने के लिए पहल की।
परिषद ने हर साल 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय लिया।
अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस पहली बार 2015 में मनाया गया था।
5. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस - 2022
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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस, जिसे बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 12 जून को मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य बाल श्रम में लगे बच्चों के शोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इसका उद्देश्य बाल श्रम का मुकाबला करने के लिए सरकारों और नागरिक समाज संगठनों को एक साथ लाना है।
यह दिन इस बात पर भी केंद्रित है कि बाल श्रम को खत्म करने के लिए और क्या करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के उपलक्ष्य में 12 जून से 75 स्थानों पर बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह मना रहा है।
वर्ष 2022 की थीम - "बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण"।
दिन का विषय बाल श्रम से सुरक्षा के लिए ठोस सामाजिक सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और प्रणालियों में निवेश में वृद्धि पर केंद्रित है।
कुल 160 मिलियन बच्चे अभी भी बाल श्रम में लगे हुए हैं, जिनमें से कुछ की उम्र पांच वर्ष से कम है।
दिन का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल श्रम के शिकार बच्चों की दुर्दशा को उजागर करने के उद्देश्य से 2002 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की।
बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यह दिन एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
बाल श्रम का उन्मूलन संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (लक्ष्य 8.7) का हिस्सा है।
संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) और अनुच्छेद 45 के अनुसार छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा का अधिकार है।
अनुच्छेद 24 के प्रावधान के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को किसी खदान, कारखाने या खतरनाक कार्यस्थल पर नियोजित नहीं किया जा सकता है।
दिन का महत्व
यह दिन बाल श्रम से प्रभावित बच्चों के जीवन को गरिमा प्रदान करने और उनकी शिक्षा, चिकित्सा सेवाओं और अन्य जरूरतों के लिए सहायता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
इस दिन कई अभियान और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
6. विश्व महासागर दिवस
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मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रयासों के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है।
विश्व महासागर दिवस 2022 की थीम
इस साल वर्ल्ड ओशन डे का थीम- "पुनरोद्धार: महासागर के लिए सामूहिक कार्रवाई" हैI
दिवस का इतिहास
साल 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में हर साल विश्व महासागर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा पृथ्वी शिखर सम्मेलन में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था।
5 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
महासागर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
पृथ्वी पर कुल पांच महासागर हैं। प्रशांत महासागर (पैसिफिक ओशन), अटलांटिक महासागर (अटलांटिक ओशन), हिंद महासागर (इंडियन ओशन), आर्कटिक महासागर (आर्कटिक ओशन) और अंटार्कटिक महासागर या दक्षिणी महासागर (अंटार्कटिक ओशन)।
प्रशांत सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। मारियाना ट्रेंच पर इसकी गहराई 11,033 मीटर यानी करीब 11 किलोमीटर है।
आर्कटिक ओशन सबसे छोटा और उथला महासागर है।
अटलांटिक महासागर का पानी सबसे ज्यादा नमकीन है। इसके जल में लवणता 3.7 प्रतिशत है।
हिंद महासागर में दुनिया का सबसे नमकीन सागर (लाल सागर) और सबसे अधिक गरम सागर (फारस की खाड़ी) स्थित हैं।
आर्कटिक महासागर सबसे कम नमक वाला सागर है।
7. विश्व पर्यावरण दिवस
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दुनियाभर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराने और पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैI
थीम 2022
इस साल की थीम 'Only One Earth- Living Sustainably in Harmony with Nature' है।
50 साल पहले 'ओनली अर्थ' का नारा पहली बार 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन में दिया गया था।
वर्ष 2022 में 50वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया है जिसकी मेजबानी स्वीडन द्वारा की गयी है I
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1972 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।
विश्व स्तर पर इसके मनाने की शुरुआत 5 जून 1974 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी जहां 119 देशों की मौजूदगी में पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
इस सम्मलेन के दौरान ही प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
पर्यावरण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण दिवस
21 मार्च | विश्व वन दिवस |
22 मार्च | विश्व जल दिवस |
23 मार्च | विश्व मौसम विज्ञान दिवस |
22 अप्रैल | विश्व पृथ्वी दिवस |
8 जून | विश्व महासागर दिवस |
29 जुलाई | विश्व टाइगर दिवस |
16 सितम्बर | विश्व ओजोन दिवस |
26 नवंबर | विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस |
8. विश्व साइकिल दिवस 2022
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केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर 3 जून को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से साइकिल रैलियों के एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की।
केंद्रीय युवा मामलों के मंत्रालय का नेहरू युवा केंद्र संगठन इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत 1.29 लाख युवा एक दिन में 9.68 लाख किमी की दूरी साइकिल से तय करेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में साइकिल चलाने के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि लोग फिटनेस के लिए साइकिल को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकें।
इस पहल के माध्यम से एक ही दिन में 1.29 लाख युवा साइकिल चालक कुल 9.68 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेंगे।
देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी और देश भर के 75 महत्त्वपूर्ण स्थानों पर साइकिल रैलियां निकाली जाएंगी।
साइकिल चलाना और जलवायु परिवर्तन
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया।
साइकिल चलाने के लाभ में स्वच्छ और कार्बन मुक्त वातावरण, वहनीयता (affordability) और शारीरिक फिटनेस शामिल है।
बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के बीच, लोगों की कम दूरी की जरूरतों को पूरा करने में साइकिल की सकारात्मक भूमिका पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता है।
ऑटोमोबाइल द्वारा जारी कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसें (GHW) प्लेनेट को गर्म करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं और समुद्र के स्तर में वृद्धि करती हैं जिससे दुनिया भर में बड़े पैमाने पर बाढ़ और अन्य आपदाएँ आती हैं।
विश्व साइकिल दिवस और इसका महत्व
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया।
यह दिन विश्व साइकिल दिवस को मान्यता देने के लिए लेस्ज़ेक सिबिल्स्की के अभियान और तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों के समर्थन का परिणाम है।
विश्व साइकिल दिवस परिवहन के एक सरल, स्वच्छ, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ साधन के रूप में साइकिल का उपयोग करने के लाभों पर ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है।
साइकिल एक ऐसा साधन है जो शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक सेवाओं को सबसे कमजोर आबादी तक सुलभ बनाते हुए स्वच्छ वातावरण में योगदान करने में मदद करती है।
इस दिन को अब टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ जोड़ा जा रहा है।
9. तेलंगाना स्थापना दिवस
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हर वर्ष 2 जून को तेलांगना फॉर्मेशन डे मनाया जाता है क्योंकि तेलंगाना 2 जून 2014 को भारत के 29वाँ राज्य के रूप में सामने आया थाI
यह दिन उन सभी लोगों के बलिदान और सहयोग को याद करता है जिन्होंने इस अलग राज्य को बनाने में अपना जी जान लगा दिया था।
राज्य का इतिहास
तेलंगाना का 1 नवंबर 1956 को तत्कालीन मद्रास से विभाजित कर तेलुगु बोलेने वाले लोग का आंध्र प्रदेश के साथ विलय कर दिया गया था।
1969 में, तेलंगाना क्षेत्र में एक नए राज्य के लिए विरोध और आंदोलन किया गया।
विरोध के बाद 1972 में आंध्र प्रदेश के रूप में एक अलग नए राज्य का गठन किया गया।
लगभग 40 वर्षों के विरोध के बाद, तेलंगाना बिल फरवरी 2014 में कांग्रेस वर्किंग कमीटी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा में पारित किया गया था।
विधेयक को 2014 में भारतीय संसद में पेश किया गया था और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को उसी वर्ष अपनी मंजूरी मिली थी।
विधेयक के अनुसार, तेलंगाना का गठन उत्तर-पश्चिमी आंध्र प्रदेश के दस जिलों द्वारा किया गया।
तेलंगाना राज्य के बारे में
राजधानी- हैदराबाद
राज्यपाल- तमिलसाई सौंदरंजन
मुख्यमंत्री- के. चंद्रशेखर राव
विधान सभा सीटें- 119
लोक सभा सीटें- 17
राज्य पक्षी- पलपिट्टा या नीलकंठ
राज्य पशु- जिन्का या कृष्णमृग
राज्य फूल- तांगेदु
महत्त्वपूर्ण तथ्य
राज्य | स्थापना दिवस |
राजस्थान | 1 नवंबर |
महाराष्ट्र | 1 मई |
गुजरात | 1 मई |
10. विश्व तंबाकू निषेध दिवस
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तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता हैI
वर्ष 2022 की थीम- "पर्यावरण की रक्षा करें" हैI
विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए उनके प्रयासों और योगदान के लिए सम्मानित करता है।
इस वर्ष, WHO के द्वारा झारखंड को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) पुरस्कार-2022 के लिए चुना गया है।
दिन का इतिहास
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पहल को 1987 में WHO द्वारा अपनाया गया था।
इसके बाद 1988 में संकल्प WHA42.19 पारित किया गया, जिसमें 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में जारी किया गया I
हाल ही में Global Burden of Disease ने दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की संख्या पर एक अध्ययन प्रकाशित किया है
भारत में धूम्रपान करने वाले
इस अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 में 15-24 आयु वर्ग के लगभग 2 करोड़ धूम्रपान करने वाले थे। यह दुनिया भर में तंबाकू धूम्रपान करने वालों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।
वैश्विक परिदृश्य
इस अध्ययन के अनुसार, 2019 में धूम्रपान करने वालों की संख्या बढ़कर 1 बिलियन हो गई।
तंबाकू के सेवन से 7 मिलियन लोगों की मौत हुई।
नए धूम्रपान करने वालों में, 89% 25 साल की उम्र तक आदी हो गए थे।
दुनिया भर में 155 मिलियन धूम्रपान करने वाले 15-24 आयु वर्ग के हैं।
धूम्रपान करने वालों की सबसे अधिक संख्या वाले शीर्ष 10 देश
शीर्ष 10 देश इस प्रकार हैं- चीन, भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, जापान, तुर्की, वियतनाम और फिलीपींस।