1. ग्रीष्म संक्रांति 2022
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21 जून उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति का दिन था। उत्तरी गोलार्ध में लोग ग्रीष्म संक्रांति मनाते हैं, जो वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
ग्रीष्म संक्रांति क्या है?
लैटिन में संक्रांति का अर्थ है ‘सूरज स्थिर है’।
यह एक प्राकृतिक घटना है जो हर साल दो बार होती है, एक बार गर्मियों में और एक बार सर्दियों के दौरान।
यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है।
इस दिन को सूर्य से अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
इस दिन उत्तरी गोलार्ध के देश सूर्य के सबसे निकट होते हैं और सूर्य कर्क रेखा (23.5° उत्तर) पर ऊपर की ओर चमकता है।
ग्रीष्म संक्रांति खगोलीय ग्रीष्म की शुरुआत का प्रतीक है और तब होती है जब पृथ्वी का सूर्य की ओर अधिकतम झुकाव होता है।
पृथ्वी एक कोण पर सूर्य की परिक्रमा करती है।
आधे साल के लिए, उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका होता है और इसलिए, उत्तरी गोलार्ध में गर्मी और दक्षिणी गोलार्ध में सर्दी होती है।
दूसरे आधे वर्ष के दौरान, उत्तरी गोलार्ध सूर्य से दूर झुका होता है, इस प्रकार उत्तरी गोलार्ध में सर्दी और दक्षिण में गर्मी होती है।
ऊर्जा की अधिक मात्रा
इस दिन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की अधिक मात्रा इसकी विशेषता है।
नासा के अनुसार, इस दिन पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा की मात्रा भूमध्य रेखा की तुलना में उत्तरी ध्रुव पर 30% अधिक होती है।
इस दौरान उत्तरी गोलार्द्ध द्वारा सूर्य के प्रकाश की अधिकतम मात्रा आमतौर पर 20, 21 या 22 जून को प्राप्त होती है।
इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे अधिक धूप 21, 22 या 23 दिसंबर को प्राप्त होती है, जब उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबी रातें या शीतकालीन संक्रांति होती है।
2. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 8वां संस्करण 21 जून को मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के मैसूर में सामूहिक योग प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर योग प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय है - 'मानवता के लिए योग'।
2015 से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
यह योग के अमूल्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है।
हर साल इस दिन लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं और एक साथ योग करते हैं।
माना जाता है कि योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले भारत में हुई थी और इसका उल्लेख ऋग्वेद जैसी प्राचीन पौराणिक पुस्तकों में भी मिलता है।
दिन का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की अवधारणा पहली बार 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान प्रधान मंत्री मोदी द्वारा प्रस्तावित की गई थी।
UNGA के 177 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के पीएम मोदी के सुझाव का समर्थन किया।
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषणा की कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस
21 जून, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है, वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
21 जून को सूर्य कुछ शीघ्र उगता है तथा देर से डूबता है।
इसलिए तय किया गया कि इस दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।
योग क्या है?
यह अनिवार्य रूप से एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित है।
यह स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान है।
'योग' शब्द संस्कृत मूल 'युज' से बना है, जिसका अर्थ है 'जुड़ना' या 'एकजुट होना'।
योग दिवस का महत्व
पीएम मोदी ने UNGA में अपने भाषण के दौरान कहा, "योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है।
यह मन और शरीर की एकता, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है।
यह व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप को, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने के लिए है।
अपनी जीवन शैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, योग लोगों के कल्याण में मदद कर सकता है।
3. विश्व शरणार्थी दिवस
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दुनिया भर में शरणार्थियों को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया गया था।
पहली बार विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून, 2001 को मनाया गया था।
दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की रक्षा और समर्थन के लिए इस तिथि पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस 2022 की थीम को रोल आउट नहीं किया गया है, पिछले साल की थीम "टुगेदर वी हील, लर्न एंड शाइन है ।"
शरणार्थियों से जुड़े आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार आतंक, युद्ध और संघर्ष से बचने के लिए हर 1 मिनट में 20 लोग अपने घर से भागने को मजबूर हैं।
2019 के अंत तक, दुनिया में जबरन विस्थापित होने वाले लोगों के अनुमानित संख्या लगभग 79.5 मिलियन है।
2019 तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अनुसार, दुनिया में 68% शरणार्थी सीरिया (6.6 मिलियन शरणार्थी), वेनेजुएला (3.7 मिलियन शरणार्थी), अफगानिस्तान (2.7 मिलियन), दक्षिण सूडान (2.2 मिलियन) और म्यांमार (1.1 मिलियन) देशों से हैं।
2019 तक दुनिया भर में कुल 79.5 मिलियन शरणार्थियों में से 26 मिलियन 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
4. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस - 2022
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विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस हर साल 17 जून को मनाया जाता है।
यह दिन मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए खराब भूमि को स्वस्थ या उपजाऊ मिट्टी में बदलने पर केंद्रित है।
भूमि का मरुस्थलीकरण मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के कारण होता है।
यह शुष्क भूमि पारिस्थितिक तंत्र के कारण होता है जो अत्यधिक दोहन और भूमि के अनुपयुक्त उपयोग के लिए अत्यंत संवेदनशील होते हैं।
यह दिन मानवता और ग्रह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए किसी भी विनाशकारी परिणाम से बचने के लिए एक प्रारंभिक उपाय की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
2022 की थीम - राइजिंग अप फ्रॉम ड्राट टूगेदर
दिन का इतिहास और महत्व
दिसंबर 1994 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया।
तब से, संयुक्त राष्ट्र, गैर-सरकारी संगठन और विभिन्न देश मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
इस दिन का उद्देश्य निम्नीकृत भूमि को स्वस्थ भूभाग में बदलना है।
इस खतरे से निपटने के लिए, समूह और समुदाय मिलकर शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क आर्द्र भूमि को उपजाऊ मिट्टी में बदलने के लिए काम कर रहे हैं।
5. अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस
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हर साल, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस मनाया जाता है।
यह दिन विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के प्रयासों को सम्मानित करने और अपने देश में अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस 2015 में मनाया गया था।
यह दिन सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र को प्रवासियों की बेहतरी के लिए नीतियां बनाने और प्रेषण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस की थीम है- ‘रिकवरी एंड रेसिलिएंस थ्रू डिजिटल एंड फाइनेंशियल इन्क्लूज़न।
प्रेषण क्या है?
प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी (सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में) को भेजा जाता है। प्रेषक आमतौर पर एक अप्रवासी होता है और प्राप्तकर्त्ता एक समुदाय/परिवार से संबंधित होता है।
दूसरे शब्दों में रेमिटेंस या प्रेषण से आशय प्रवासी कामगारों द्वारा धन अथवा वस्तु के रूप में अपने मूल समुदाय/परिवार को भेजी जाने वाली आय से है।
विश्व में प्रेषित धन या रेमिटेंस का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता भारत है।
6. विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस
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प्रति वर्ष 15 जून को विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
दिन का उद्देश्य बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
यह दिन विश्व भर में बुजुर्ग आबादी के साथ दुर्व्यवहार (मौखिक, शारीरिक या भावनात्मक) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के छह में से लगभग एक व्यक्ति दुर्व्यवहार से पीड़ित है।
इसका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 141 मिलियन लोग प्रभावित हैं।
इस वर्ष, विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस दो महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ याद किया जाएगा।
हेल्दी एजिंग के लिए संयुक्त राष्ट्र दशक की शुरुआत (2021-2030)।
एजिंग पर द्वितीय विश्व सभा का 20वां मील का पत्थर और मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (MIPAA) के कार्यान्वयन की चौथी समीक्षा और मूल्यांकन।
दिन का इतिहास और महत्व
15 जून को बुजुर्गों के लिए एक विशेष दिन के रूप में घोषित करने के अनुरोध के बाद से जून 2006 में इस दिन को मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आधिकारिक तौर पर वर्ष 2011 में इस दिन को मान्यता प्रदान की गई।
7. विश्व रक्तदाता दिवस
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स्वैच्छिक रक्तदाताओं को उनके जीवन रक्षक उपहारों के लिए धन्यवाद देने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस भी मनाया जाता है।
दिन का इतिहास
विश्व रक्त दाता दिवस कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 14 जून 1868 को हुआ था।
वर्ष 2004 में, WHO ने पहली बार विश्व रक्तदाता दिवस मनाया, ताकि सभी देशों को लोगों के जीवन को बचाने के लिए लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की थीम "रक्तदान करना एकजुटता का कार्य है ऐसे में प्रयास का हिस्सा बनें और जीवन बचाएं" है।
रक्त से संबंधित जानकारी
सन 1900-1901 दौरान कार्ल लैंडस्टीनर ने इंसानी खून के एबीओ रक्त समूह और रक्त में मिलने वाले एक अहम तत्व आरएच फैक्टर की खोज की।
रुधिर दाब को स्फाइगनोमैनोमीटर यन्त्र के द्वारा मापा जाता हैI
रक्त में सर्वाधिक मात्रा में आयरन या लोहा धातु पाई जाती हैI
मानव रक्त का पीएच मान 7.4 होता हैI
रक्त समूह O “सर्वदाता ” कहलाता है।
रक्त समूह AB : “सर्वग्राही ” होता है।
रक्त एक प्रकार का “तरल संयोजी उत्तक ” होता है।
मानव शरीर के कुल भार के 07 प्रतिशत मात्रा में रक्त उसके शरीर में मौजूद होता है।
रुधिर वर्ग AB में एटीबॉडी नहीं पायी जाती हैI
8. अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस
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13 जून अंतरराष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस है।
यह दिवस रंगहीनता से पीड़ित व्यक्तियों के विरुद्ध हमलों और भेदभाव की रोकथाम और रंगहीनता से पीड़ित लोगों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य रंगहीनता से पीड़ित लोगों के अधिकारों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
रंगहीनता क्या है?
यह एक जन्मजात विकार है जो त्वचा, आंखों और बालों में वर्णक की पूर्ण या आंशिक अनुपस्थिति के कारण मनुष्य में होता है।
यह रोग बालों, त्वचा और आंखों में रंजकता (मेलेनिन) की कमी के कारण होता है, जो व्यक्ति को सूर्य और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील बनाता है।
ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोग दृष्टिबाधित हो सकते हैं और उन्हें त्वचा कैंसर होने का अधिक खतरा होता है।
2022 की थीम
वर्ष 2022 की थीम "यूनाइटेड इन मेकिंग अवर वॉयस हर्ड" है।
दिन का इतिहास
2000 के दशक के मध्य में, तंजानिया में ऐल्बिनिज़म से पीड़ित लोगों पर हिंसक हमलों और हत्याओं की खबरें आईं।
हमलों के पीछे यह विश्वास था कि ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के पास जादुई शक्तियाँ होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2015 में 70 लोग मारे गए थे।
इसके कारण, तंजानिया एल्बिनिज्म सोसाइटी (टीएएस) और अन्य गैर सरकारी संगठन ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के अधिकारों की पैरवी करने के लिए एक साथ आए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने 18 दिसंबर, 2014 को ऐल्बिनिज़म वाले लोगों के खिलाफ हमलों और भेदभाव को रोकने के लिए पहल की।
परिषद ने हर साल 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय लिया।
अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़म जागरूकता दिवस पहली बार 2015 में मनाया गया था।
9. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस - 2022
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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस, जिसे बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 12 जून को मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य बाल श्रम में लगे बच्चों के शोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इसका उद्देश्य बाल श्रम का मुकाबला करने के लिए सरकारों और नागरिक समाज संगठनों को एक साथ लाना है।
यह दिन इस बात पर भी केंद्रित है कि बाल श्रम को खत्म करने के लिए और क्या करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के उपलक्ष्य में 12 जून से 75 स्थानों पर बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह मना रहा है।
वर्ष 2022 की थीम - "बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण"।
दिन का विषय बाल श्रम से सुरक्षा के लिए ठोस सामाजिक सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और प्रणालियों में निवेश में वृद्धि पर केंद्रित है।
कुल 160 मिलियन बच्चे अभी भी बाल श्रम में लगे हुए हैं, जिनमें से कुछ की उम्र पांच वर्ष से कम है।
दिन का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल श्रम के शिकार बच्चों की दुर्दशा को उजागर करने के उद्देश्य से 2002 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की।
बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यह दिन एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
बाल श्रम का उन्मूलन संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (लक्ष्य 8.7) का हिस्सा है।
संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) और अनुच्छेद 45 के अनुसार छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा का अधिकार है।
अनुच्छेद 24 के प्रावधान के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को किसी खदान, कारखाने या खतरनाक कार्यस्थल पर नियोजित नहीं किया जा सकता है।
दिन का महत्व
यह दिन बाल श्रम से प्रभावित बच्चों के जीवन को गरिमा प्रदान करने और उनकी शिक्षा, चिकित्सा सेवाओं और अन्य जरूरतों के लिए सहायता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
इस दिन कई अभियान और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
10. विश्व महासागर दिवस
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मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रयासों के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है।
विश्व महासागर दिवस 2022 की थीम
इस साल वर्ल्ड ओशन डे का थीम- "पुनरोद्धार: महासागर के लिए सामूहिक कार्रवाई" हैI
दिवस का इतिहास
साल 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में हर साल विश्व महासागर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा पृथ्वी शिखर सम्मेलन में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था।
5 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
महासागर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
पृथ्वी पर कुल पांच महासागर हैं। प्रशांत महासागर (पैसिफिक ओशन), अटलांटिक महासागर (अटलांटिक ओशन), हिंद महासागर (इंडियन ओशन), आर्कटिक महासागर (आर्कटिक ओशन) और अंटार्कटिक महासागर या दक्षिणी महासागर (अंटार्कटिक ओशन)।
प्रशांत सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। मारियाना ट्रेंच पर इसकी गहराई 11,033 मीटर यानी करीब 11 किलोमीटर है।
आर्कटिक ओशन सबसे छोटा और उथला महासागर है।
अटलांटिक महासागर का पानी सबसे ज्यादा नमकीन है। इसके जल में लवणता 3.7 प्रतिशत है।
हिंद महासागर में दुनिया का सबसे नमकीन सागर (लाल सागर) और सबसे अधिक गरम सागर (फारस की खाड़ी) स्थित हैं।
आर्कटिक महासागर सबसे कम नमक वाला सागर है।