1. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस - 2022
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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस, जिसे बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 12 जून को मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य बाल श्रम में लगे बच्चों के शोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
इसका उद्देश्य बाल श्रम का मुकाबला करने के लिए सरकारों और नागरिक समाज संगठनों को एक साथ लाना है।
यह दिन इस बात पर भी केंद्रित है कि बाल श्रम को खत्म करने के लिए और क्या करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के उपलक्ष्य में 12 जून से 75 स्थानों पर बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह मना रहा है।
वर्ष 2022 की थीम - "बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण"।
दिन का विषय बाल श्रम से सुरक्षा के लिए ठोस सामाजिक सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और प्रणालियों में निवेश में वृद्धि पर केंद्रित है।
कुल 160 मिलियन बच्चे अभी भी बाल श्रम में लगे हुए हैं, जिनमें से कुछ की उम्र पांच वर्ष से कम है।
दिन का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल श्रम के शिकार बच्चों की दुर्दशा को उजागर करने के उद्देश्य से 2002 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की।
बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए यह दिन एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
बाल श्रम का उन्मूलन संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (लक्ष्य 8.7) का हिस्सा है।
संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) और अनुच्छेद 45 के अनुसार छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा का अधिकार है।
अनुच्छेद 24 के प्रावधान के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को किसी खदान, कारखाने या खतरनाक कार्यस्थल पर नियोजित नहीं किया जा सकता है।
दिन का महत्व
यह दिन बाल श्रम से प्रभावित बच्चों के जीवन को गरिमा प्रदान करने और उनकी शिक्षा, चिकित्सा सेवाओं और अन्य जरूरतों के लिए सहायता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
इस दिन कई अभियान और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
2. विश्व महासागर दिवस
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मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए अनिवार्य प्रयासों के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है।
विश्व महासागर दिवस 2022 की थीम
इस साल वर्ल्ड ओशन डे का थीम- "पुनरोद्धार: महासागर के लिए सामूहिक कार्रवाई" हैI
दिवस का इतिहास
साल 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में हर साल विश्व महासागर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा पृथ्वी शिखर सम्मेलन में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था।
5 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
महासागर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
पृथ्वी पर कुल पांच महासागर हैं। प्रशांत महासागर (पैसिफिक ओशन), अटलांटिक महासागर (अटलांटिक ओशन), हिंद महासागर (इंडियन ओशन), आर्कटिक महासागर (आर्कटिक ओशन) और अंटार्कटिक महासागर या दक्षिणी महासागर (अंटार्कटिक ओशन)।
प्रशांत सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है। मारियाना ट्रेंच पर इसकी गहराई 11,033 मीटर यानी करीब 11 किलोमीटर है।
आर्कटिक ओशन सबसे छोटा और उथला महासागर है।
अटलांटिक महासागर का पानी सबसे ज्यादा नमकीन है। इसके जल में लवणता 3.7 प्रतिशत है।
हिंद महासागर में दुनिया का सबसे नमकीन सागर (लाल सागर) और सबसे अधिक गरम सागर (फारस की खाड़ी) स्थित हैं।
आर्कटिक महासागर सबसे कम नमक वाला सागर है।
3. विश्व पर्यावरण दिवस
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दुनियाभर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराने और पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैI
थीम 2022
इस साल की थीम 'Only One Earth- Living Sustainably in Harmony with Nature' है।
50 साल पहले 'ओनली अर्थ' का नारा पहली बार 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन में दिया गया था।
वर्ष 2022 में 50वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया है जिसकी मेजबानी स्वीडन द्वारा की गयी है I
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1972 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।
विश्व स्तर पर इसके मनाने की शुरुआत 5 जून 1974 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी जहां 119 देशों की मौजूदगी में पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
इस सम्मलेन के दौरान ही प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।
पर्यावरण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण दिवस
21 मार्च | विश्व वन दिवस |
22 मार्च | विश्व जल दिवस |
23 मार्च | विश्व मौसम विज्ञान दिवस |
22 अप्रैल | विश्व पृथ्वी दिवस |
8 जून | विश्व महासागर दिवस |
29 जुलाई | विश्व टाइगर दिवस |
16 सितम्बर | विश्व ओजोन दिवस |
26 नवंबर | विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस |
4. विश्व साइकिल दिवस 2022
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केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर 3 जून को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से साइकिल रैलियों के एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की।
केंद्रीय युवा मामलों के मंत्रालय का नेहरू युवा केंद्र संगठन इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत 1.29 लाख युवा एक दिन में 9.68 लाख किमी की दूरी साइकिल से तय करेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में साइकिल चलाने के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि लोग फिटनेस के लिए साइकिल को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकें।
इस पहल के माध्यम से एक ही दिन में 1.29 लाख युवा साइकिल चालक कुल 9.68 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेंगे।
देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी और देश भर के 75 महत्त्वपूर्ण स्थानों पर साइकिल रैलियां निकाली जाएंगी।
साइकिल चलाना और जलवायु परिवर्तन
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया।
साइकिल चलाने के लाभ में स्वच्छ और कार्बन मुक्त वातावरण, वहनीयता (affordability) और शारीरिक फिटनेस शामिल है।
बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के बीच, लोगों की कम दूरी की जरूरतों को पूरा करने में साइकिल की सकारात्मक भूमिका पर पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता है।
ऑटोमोबाइल द्वारा जारी कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसें (GHW) प्लेनेट को गर्म करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं और समुद्र के स्तर में वृद्धि करती हैं जिससे दुनिया भर में बड़े पैमाने पर बाढ़ और अन्य आपदाएँ आती हैं।
विश्व साइकिल दिवस और इसका महत्व
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया।
यह दिन विश्व साइकिल दिवस को मान्यता देने के लिए लेस्ज़ेक सिबिल्स्की के अभियान और तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों के समर्थन का परिणाम है।
विश्व साइकिल दिवस परिवहन के एक सरल, स्वच्छ, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ साधन के रूप में साइकिल का उपयोग करने के लाभों पर ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है।
साइकिल एक ऐसा साधन है जो शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक सेवाओं को सबसे कमजोर आबादी तक सुलभ बनाते हुए स्वच्छ वातावरण में योगदान करने में मदद करती है।
इस दिन को अब टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ जोड़ा जा रहा है।
5. तेलंगाना स्थापना दिवस
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हर वर्ष 2 जून को तेलांगना फॉर्मेशन डे मनाया जाता है क्योंकि तेलंगाना 2 जून 2014 को भारत के 29वाँ राज्य के रूप में सामने आया थाI
यह दिन उन सभी लोगों के बलिदान और सहयोग को याद करता है जिन्होंने इस अलग राज्य को बनाने में अपना जी जान लगा दिया था।
राज्य का इतिहास
तेलंगाना का 1 नवंबर 1956 को तत्कालीन मद्रास से विभाजित कर तेलुगु बोलेने वाले लोग का आंध्र प्रदेश के साथ विलय कर दिया गया था।
1969 में, तेलंगाना क्षेत्र में एक नए राज्य के लिए विरोध और आंदोलन किया गया।
विरोध के बाद 1972 में आंध्र प्रदेश के रूप में एक अलग नए राज्य का गठन किया गया।
लगभग 40 वर्षों के विरोध के बाद, तेलंगाना बिल फरवरी 2014 में कांग्रेस वर्किंग कमीटी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा में पारित किया गया था।
विधेयक को 2014 में भारतीय संसद में पेश किया गया था और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को उसी वर्ष अपनी मंजूरी मिली थी।
विधेयक के अनुसार, तेलंगाना का गठन उत्तर-पश्चिमी आंध्र प्रदेश के दस जिलों द्वारा किया गया।
तेलंगाना राज्य के बारे में
राजधानी- हैदराबाद
राज्यपाल- तमिलसाई सौंदरंजन
मुख्यमंत्री- के. चंद्रशेखर राव
विधान सभा सीटें- 119
लोक सभा सीटें- 17
राज्य पक्षी- पलपिट्टा या नीलकंठ
राज्य पशु- जिन्का या कृष्णमृग
राज्य फूल- तांगेदु
महत्त्वपूर्ण तथ्य
राज्य | स्थापना दिवस |
राजस्थान | 1 नवंबर |
महाराष्ट्र | 1 मई |
गुजरात | 1 मई |
6. विश्व तंबाकू निषेध दिवस
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तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता हैI
वर्ष 2022 की थीम- "पर्यावरण की रक्षा करें" हैI
विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए उनके प्रयासों और योगदान के लिए सम्मानित करता है।
इस वर्ष, WHO के द्वारा झारखंड को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) पुरस्कार-2022 के लिए चुना गया है।
दिन का इतिहास
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पहल को 1987 में WHO द्वारा अपनाया गया था।
इसके बाद 1988 में संकल्प WHA42.19 पारित किया गया, जिसमें 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में जारी किया गया I
हाल ही में Global Burden of Disease ने दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की संख्या पर एक अध्ययन प्रकाशित किया है
भारत में धूम्रपान करने वाले
इस अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 में 15-24 आयु वर्ग के लगभग 2 करोड़ धूम्रपान करने वाले थे। यह दुनिया भर में तंबाकू धूम्रपान करने वालों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।
वैश्विक परिदृश्य
इस अध्ययन के अनुसार, 2019 में धूम्रपान करने वालों की संख्या बढ़कर 1 बिलियन हो गई।
तंबाकू के सेवन से 7 मिलियन लोगों की मौत हुई।
नए धूम्रपान करने वालों में, 89% 25 साल की उम्र तक आदी हो गए थे।
दुनिया भर में 155 मिलियन धूम्रपान करने वाले 15-24 आयु वर्ग के हैं।
धूम्रपान करने वालों की सबसे अधिक संख्या वाले शीर्ष 10 देश
शीर्ष 10 देश इस प्रकार हैं- चीन, भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, जापान, तुर्की, वियतनाम और फिलीपींस।
7. विश्व दुग्ध दिवस
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डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता हैI
यह दिन दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देने और डेयरी उद्योग का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व दुग्ध दिवस 2022 थीम - 'डेयरी नेट जीरो' है।
इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2001 से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
भारत में श्वेत क्रांति के जनक और दुग्ध उत्पादन के जनक वर्गीज कुरियन की जयंती 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दूध और दूध के उत्पाद से जुड़े कुछ अन्य तथ्य
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है जो 22 प्रतिशत का वैश्विक उत्पादन करता है। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील आते हैं।
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य है और भारत में कुल दूध उत्पादन में 17% से अधिक की हिस्सेदारी करता है।
भारत में दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम है I
साधारण दूध में 85 प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्त्व यानी खनिज व वसा होता है।
दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2) युक्त होता है I
दूध में विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है।
लैक्टोमीटर के द्वारा दूध की शुद्धता को मापा जाता है।
राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा ) में स्थित है I
दूध में लैक्टोज नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है।
ताजे दूध का pH मान 6 होता है जब दूध दही में बदलता है तो इसका pH मान 6 से कम हो जाता है I
दूध से दही जमाने में लैक्टोबैसिलस जीवाणु सहायक होता है I
8. विश्व थायराइड दिवस
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प्रतिवर्ष 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है।
यह दिवस थायराइड के बारे में जागरूकता फैलाने और थायराइड रोगों की रोकथाम और उपचार के बारे में जानने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
थायरॉयड के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्धेश्य से पहली बार विश्व थायराइड दिवस वर्ष 2008 में अमेरिकन थायरॉयड एसोसिएशन (ATA) और यूरोपीय थायरॉयड एसोसिएशन (ETA) के द्वारा मनाया गया था।
क्या है थायरॉयड?
थायरॉयड एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो आपकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में स्थित होती है I
यह ग्रंथि शरीर में टेट्रायोडोथायरोनिन (टी4) और ट्रीओडोथायरोनिन (टी3) हार्मोन का निर्माण करती है I
थायरॉयड ग्रंथि से निकलने वाले ये दोनों हॉर्मोन्स शरीर की सभी कोशिकाओं को सही ढंंग से काम करने में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज़्म की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में भी इन दोनों हॉर्मोन्स का योगदान होता है।
थायरॉइड ग्रंथि के ज्यादा या कम मात्रा में हार्मोन बनाने पर थायरॉइड की समस्या उत्पन्न होने लगती है तथा इसकी वजह से शरीर की प्रत्येक कोशिका प्रभावित होने लगती है।
थायराइड हार्मोन कमी से हाइपोथायरायडिज्म (अचानक वजन बढ़ना) होता है
थायराइड हार्मोन कमी से हाइपोथायरायडिज्म (अचानक वजन बढ़ना) नामक बीमारी होता है
थायराइड हार्मोन में वृद्धि हाइपरथायरायडिज्म का कारण बनती है।
इस बीमारी से पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक ग्रसित होती हैं।
9. अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस- 22 मई
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मानवीय गतिविधियों के कारण जैविक विविधता में आने वाली महत्वपूर्ण कमी के विषय के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है।
जैव विविधता - यह विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों को संदर्भित करता है जो पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को बनाते हैं।पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण प्राकृतिक संतुलन और मानव अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है I
भारत विश्व के सर्वाधिक जैव विविधता वाले 10 देशो मे शामिल है I
दिन का उद्देश्य
(i) जैव विविधता के मुद्दों के बारे में समझ और जागरूकता बढ़ाना।
(ii) एक ओर जैव विविधता के महत्व और दूसरी ओर इसके अभूतपूर्व नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करना।
2022 की थीम-"सभी जीवन के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण" है।
दिवस का इतिहास
केन्या के नैरोबी में 29 दिसंबर, 1992 को जैव विविधता सम्मेलन में इस दिन को मनाने पर विचार हुआ था।
जैव-विविधता दिवस सन् 2000 तक 29 दिसंबर को मनाया गया उसके बाद वर्ष 2001 से यह साल 22 मई को मनाया जाता है।
10. राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती
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संस्कृति मंत्रालय 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तत्वावधान में 22 मई 2022 से 22 मई 2023 तक राजा राम मोहन राय की 250वीं जयंती मना रहा है
उद्घाटन समारोह राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, साल्ट लेक, कोलकाता और साइंस सिटी ऑडिटोरियम, कोलकाता में आयोजित होगा।
कार्यक्रम के दौरान, राजा राम मोहन राय पुस्तकालय फाउंडेशन, कोलकाता में संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा राजा राम मोहन राय की एक प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
राजा राम मोहन राय के बारे में
जन्म - 22 मई 1772 पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले, बंगाल के राधानगर गांव में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में।
गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें 'आधुनिक भारत का जनक' कहा।
वह भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूतों में से एक थे।
उन्हें मुगल सम्राट अकबर द्वितीय द्वारा राजा की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने सती प्रथा, बहुविवाह, बाल विवाह, जाति व्यवस्था की कठोरता जैसे रीति-रिवाजों का विरोध किया।
उन्होंने 1814 में आत्मीय सभा (मैत्रीपूर्ण समाज) की स्थापना की। यह समाज में धार्मिक सुधारों के लिए था।
1828 में उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की।
ब्रह्म समाज हिंदू धर्म का एक सुधारवादी आंदोलन था जिसका उद्देश्य समाज में प्रचलित सामाजिक बुराइयों से लड़ना था।
सती प्रथा से लड़ने में कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप, बंगाल प्रेसीडेंसी के गवर्नर लॉर्ड विलियम बेंटिक ने वर्ष 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया।
27 सितंबर, 1833 को ब्रिस्टल के पास स्टेपलटन में मेनिनजाइटिस से उनकी मृत्यु हो गई, जब वे ब्रिटेन की यात्रा पर थे।