Current Affairs search results for: "DRDO"
By admin: Dec. 19, 2022

1. गुजरात के मुख्यमंत्री ने अर्बन जी20 लोगो, वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल का अनावरण किया

Tags: place in news Summits Person in news

Gujarat CM unveils Urban G20 logo, website and social media handle

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 19 दिसंबर 2022 को गांधीनगर में शहरी-20 सम्मेलन के लोगो, वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल का अनावरण किया। समारोह में केंद्रीय शहरी विकास और शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअली भाग लिया।

शहरी 20

यूनेस्को विरासत शहर अहमदाबाद फरवरी से जुलाई 2023 के बीच जी 20 बैठकों के हिस्से के रूप में शहरी 20 बैठकों की मेजबानी करेगा।

जुलाई 2023 में, शहरी विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के लिएशहरी-20 मेयर का शिखर सम्मेलन भी अहमदाबाद में आयोजित किया जाएगा।

अर्बन 20, जी20 शहरों के लिए जलवायु परिवर्तन, सामाजिक समावेशन, सतत गतिशीलता, किफायती आवास और शहरी बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण सहित शहरी विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक समाधान प्रस्तावित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

जी 20 की भारतीय अध्यक्षता

भारत ने आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से G20 की अध्यक्षता ग्रहण की। राज्यों के प्रमुखों और G20 के नेताओं की शिखर बैठक सितंबर 2023 में नई दिल्ली में होने वाली है।

शिखर बैठक की तैयारी के लिए भारत द्वारा बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की जानी है।

इस श्रृंखला  की पहली बैठक दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह में उदयपुर में आयोजित जी-20 शेरपा की  बैठक थी।

जी-20

जी-20  की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी। जी-20

में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये ,यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

जी-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।



By admin: Nov. 2, 2022

2. दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा इंटरसेप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण

Tags: Defence Science and Technology National News

Ballistic Missile Defence (BMD)Interceptor

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 2 नवंबर, 2022 को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल एल्टीट्यूड ब्रैकेट के साथ फेज़- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया।

इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल

  • यह एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फेरिक और एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

  • यह दो चरणों वाली सॉलिड मोटर द्वारा संचालित है। 

  • यह मिसाइल के लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है।

  • यह अलग-अलग प्रकार के कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता रखता है।

  • इस उड़ान-परीक्षण के दौरान सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन किया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • अध्यक्ष - समीर वी कामत

By admin: Oct. 21, 2022

3. भारत ने परमाणु सक्षम अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया

Tags: Defence

Agni prime missile

भारत ने 21 अक्टूबर 2022 को ओडिशा के तट से अपनी नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम अग्नि प्राइम  या 'अग्नि पी बैलिस्टिक मिसाइल' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह मिसाइल का तीसरा परीक्षण था जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया जा रहा है। पहला टेस्ट पिछले साल जून में और दूसरा टेस्ट दिसंबर 2021 में हुआ था।

अग्नि प्राइम एक दो चरणों वाली कनस्तर वाली मिसाइल है जिसकी अधिकतम सीमा 2,000 किमी है। यह दो चरणों वाली मिसाइल है जिसे रेल या सड़क से लॉन्च किया जा सकता है, लंबी अवधि के लिए संग्रहीत किया जा सकता है।

डीआरडीओ अध्यक्ष: डॉ समीर कामत

By admin: Sept. 27, 2022

4. डीआरडीओ ने बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया

Tags: Defence


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को कम दूरी वाले वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) मिसाइल का ओडिशा के समुद्र तट से दूर चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया।डीआरडीओ ने इस प्रकार के दो सफल परीक्षण किया है।

वीएसएचओआरएडीएस एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमरत , हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम  को डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना के लिए विकसित किया जा रहा है। वीएसएचओआरएडीएस एककिसी भी देश के बहुस्तरीय वायु रक्षा नेटवर्क में दुश्मन के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के खिलाफ सैनिक की अंतिम रक्षा पंक्ति है।

यह  वायु रक्षा प्रणाली कम दूर और कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को आसमान में ही खत्म करने में सक्षम है।

सेना, जो लंबे समय से नई पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणालियों की तलाश में है, ने हाल ही में आपातकालीन खरीद के तहत रूस से इग्ला-एस सिस्टम की एक छोटी संख्या को शामिल किया है। उम्मीद है की डीआरडीओ के द्वारा विकसित  सिस्टम भारत को इस हथियार में आत्मनिर्भर बना देगा ।

फुल फॉर्म

वीएसएचओआरएडीएस/VSHORADS: वैरी शोर्ट रेंज एयर डिफेन्स सिस्टम (Very Short Range Air Defence System) 


By admin: Sept. 13, 2022

5. वेदांत, फॉक्सकॉन ने राज्य में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Tags: place in news Economy/Finance Science and Technology

सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन को बढ़ावा देते हुए ,अनिल अग्रवाल की वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक निर्माण कंपनी फॉक्सकॉन ने 13 सितंबर 2022 को गुजरात सरकार के साथ एक फैब निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह फैक्ट्री अहमदाबाद के पास स्थापित किया जायेगा जहाँ डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर का भी उत्पादन किया जायेगा।

16 सितंबर 2022  का  अपडेट

वेदांत लिमिटेड ने 16 सितंबर 2022 को एक स्पष्टीकरण जारी किया है कि वोल्कन इन्वेस्टमेंट न की वेदांत लिमिटेड ,सेमी-कंडक्टर बनाने का व्यवसाय करेगा।

वॉल्कन इन्वेस्टमेंट्स एक होल्डिंग कंपनी है जिसका पूर्ण स्वामित्व अग्रवाल परिवार ट्रस्ट के पास है। यह लंदन स्थित वेदांत रिसोर्सेज कंपनी का बहुमत शेयरधारक है और वेदांत इंडिया में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है। हालांकि, वेदांत इंडिया के विपरीत, वोल्कन इन्वेस्टमेंट्स असूचीबद्ध  कंपनी है।

  • केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
  • फैब (फैब्रिकेशन फैसिलिटी) एक फैब्रिकेशन प्लांट है जहां कच्चे सिलिकॉन वेफर्स को संसाधित किया जाता है और एकीकृत सर्किट में बदल दिया जाता है।

महत्वपूर्ण तथ्य - 

संयुक्त उद्यम भागीदार :

  • निर्माण की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन संयुक्त उद्यम में तकनीकी भागीदार होगी, निर्माण की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन संयुक्त उद्यम में तकनीकी भागीदार होगी, जबकि वेदांत,जो इस परियोजना के द्वारा चिप निर्माण के व्यवसाय में प्रवेश  कर रहा है ,इस परियोजना का वित्तपोषण करेगा ।
  • संयुक्त उद्यम में, वोल्कन इन्वेस्टमेंट की 60% तक की हिस्सेदारी होगी, और शेष 40% फॉक्सकॉन के पास होगी।
  • इस परियोजना में फॉक्सकॉन तकनीकी भागीदार के रूप में काम कर रही है, जबकि वेदांत समूह परियोजना का वित्तपोषण कर रहा है।
  • गुजरात में संयंत्र स्थापित करने के लिए विनिर्माण इकाई में कुल निवेश 1,54,000 करोड़ रुपये होगा, जिससे एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

 भारत में अन्य चिप निर्माण प्रस्ताव :

  • आईएसएमसी और सिंगापुर स्थित आईजीएसएस वेंचर्स जो क्रमशः दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में चिप संयंत्र  स्थापित कर रहे हैं, के बाद वेदांत भारत में चिप संयंत्र स्थान की घोषणा करने वाली तीसरी कंपनी विश्व चिप बाजार में चीन और ताइवान का दबदबा है और भारत इस महत्वपूर्ण तकनीक में आत्मनिर्भर होना चाहता है

भारत सेमीकंडक्टर मिशन :

  • 29 दिसंबर 2022 को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का शुभारंभ किया था ।
  • इस नीति के तहत सरकार, भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों के लिए 76000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

सेमीकंडक्टर/ अर्धचालक :

  • अर्धचालक ऐसी सामग्री है जिसमें कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच चालकता होती है। वे शुद्ध तत्व, सिलिकॉन या जर्मेनियम या यौगिक; गैलियम, आर्सेनाइड या कैडमियम सेलेनाइड हो सकते हैं।
  • वे बुनियादी निर्माण खंड हैं जो सभी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों के दिल और मस्तिष्क के रूप में कार्य करते हैं।

भारत में चिप निर्माण इकाइयां :

  • वर्तमान में, भारत में दो निर्माण सुविधाएं (फैब) हैं। बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एकीकृत सर्किट प्रौद्योगिकी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान (SITAR) और चंडीगढ़ में एक अर्धचालक प्रयोगशाला, जो रक्षा जैसे रणनीतिक उद्देश्यों के लिए सिलिकॉन चिप्स बनाती है।

अतिरिक्त जानकारी -

वेदांत ग्रुप :

  • यह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई, भारत में है।
  • यह जिंक-लीड-सिल्वर, आयरन ओर, स्टील, कॉपर, एल्युमिनियम, पावर, ऑयल और गैस के कारोबार में है।
  • वेदांत ग्रुपके अध्यक्ष: अनिल अग्रवाल

By admin: Sept. 8, 2022

6. डीआरडीओ, भारतीय सेना ने क्यूआरएसएएम प्रणाली के छह उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए

Tags: Defence Science and Technology


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने 8 सितंबर को ओड़िशा  तट के निकट एकीकृत परीक्षण क्षेत्र, चांदीपुर से क्विक रियक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) प्रणाली की छह उड़ानों का सफल परीक्षण किया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • उड़ान परीक्षण भारतीय सेना द्वारा मूल्यांकन परीक्षणों के हिस्से के रूप में आयोजित किए गए थे।

  • उड़ान परीक्षण उच्च गति वाले लक्ष्यों पर किया गया। 

  • ये लक्ष्य वास्तविक खतरे के प्रकार के बनाए गए थे, ताकि विभिन्न परिस्थितियों में हथियार प्रणालियों की क्षमता का आकलन किया जा सके।

  • इसमें लंबी दूरी व मध्यम ऊंचाई वाले लक्ष्य, छोटी रेंज वाले लक्ष्य, ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्य, रडार  पर आसानी से पकड़ में न आने वाले लक्ष्य शामिल थे।

  • मूल्यांकन में हथियार प्रणाली और उसका उत्कृष्ट दिशा-निर्देश और नियंत्रण सटीक पाया गया।

  • प्रणाली के प्रदर्शन की पुष्टि आईटीआर द्वारा विकसित टेलीमेट्री, राडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली से भी की गई।  

क्यूआरएसएएम हथियार प्रणाली :

  • यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है।

  • यह मुख्य रूप से डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि हवाई हमलों से सेना के चलती बख्तरबंद स्तंभों को एक सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।

  • यह हथियार प्रणाली खोज और ट्रैक क्षमता के साथ आगे बढ़ने पर काम कर सकती है, और शॉर्ट हॉल्ट पर आग लगा सकती है।

अतिरिक्त जानकारी -

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) :

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • अध्यक्ष - समीर वी कामत

By admin: Aug. 27, 2022

7. प्रतिष्ठित वैज्ञानिक समीर वी कामत ने डीआरडीओ के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला

Tags: Person in news


डॉ समीर वी कामत को रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDRD) के सचिव और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। 


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • समीर वी कामत वर्तमान में डीआरडीओ में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली और सामग्री) के रूप में कार्यरत थे।

  • समीर वी कामत वर्तमान सचिव जी सतीश रेड्डी का स्थान लेंगे जिन्हें रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।

डॉ समीर वी कामत के बारे में :

  • उनका पूरा नाम डॉ समीर वेंकटपति कामत है।

  • डॉ कामत ने 1985 में आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक इंजीनियरिंग (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की हैI 

  • उन्होंने 1988 में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए से सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त की है।

  • हाल ही के दिनों में डॉ कामत ने डीएमआरएल में दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुम्बक (आरईपीएम) के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) :

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय : नई दिल्ली

  • अध्यक्ष : डॉ समीर वी कामत



 

By admin: Aug. 24, 2022

8. डीआरडीओ ने स्वदेशी वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया

Tags: Science and Technology


रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने 23 अगस्त को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) के वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया।

  • एक उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाज से उड़ान परीक्षण किया गया।

  • परीक्षण लॉन्च के दौरान, आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस), और टेलीमेट्री सिस्टम जैसे विभिन्न उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा का उपयोग करके उड़ान पथ और वाहन प्रदर्शन मापदंडों की निगरानी की गई।

कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (VL-SRSAM) :

  • यह एक जहाज से चलने वाली हथियार प्रणाली है, जो समुद्र-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षम है।

  • समुद्री स्किमिंग की रणनीति का उपयोग विभिन्न जहाज-रोधी मिसाइलों और कुछ लड़ाकू विमानों द्वारा किया जाता है ताकि युद्धपोतों पर रडार द्वारा पता लगाने से बचा जा सके।

  • यह समुद्र की सतह के बेहद करीब से उड़ान भरती हैं और इस तरह इनका पता लगाना और बेअसर करना मुश्किल होता है।

वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल का डिजाइन :

  • इस मिसाइल को DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

  • इसका डिजाइन एस्ट्रा मिसाइल पर आधारित है जो एक बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है।

  • एस्ट्रा भारत की पहली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है।

अतिरिक्त जानकारी -

वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल की मुख्य विशेषताएं :

  • इसकी दो प्रमुख विशेषताएं हैं - क्रूसिफॉर्म विंग्स और थ्रस्ट वेक्टरिंग।

  • क्रूसिफॉर्म में चार छोटे पंख होते हैं जो चारों तरफ एक क्रॉस की तरह व्यवस्थित होते हैं और प्रक्षेप्य को स्थिर मुद्रा प्रदान करते हैं।

  • वहीँ, दूसरी ओर थ्रस्ट वेक्टरिंग अपने इंजन से कोणीय वेग और मिसाइल को नियंत्रित करने वाले थ्रस्ट की दिशा बदलने में मदद करता है।

  • मिसाइल का वजन 154 किलोग्राम है तथा इसकी लंबाई लगभग 12.6 फीट है।

  • इसे 40 से 50 किमी की दूरी पर और लगभग 15 किमी की ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।

By admin: Aug. 5, 2022

9. डीआरडीओ ने स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया

Tags: Defence Science and Technology


भारत ने 4 अगस्त को महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • एटीजीएम का मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा केके रेंज में आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) के सहयोग से परीक्षण किया गया।

  • मिसाइलों ने सटीकता से प्रहार किया और दो अलग-अलग रेंज में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।

  • टेलीमेट्री सिस्टम ने मिसाइलों के संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन को दर्ज किया है।

  • एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और फिलहाल एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से तकनीकी ट्रायल परीक्षण चल रहा है।

  • इस स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने में सक्षम है।

  • इससे पहले जून में डीआरडीओ और भारतीय सेना ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में केके रेंज में स्वदेश निर्मित टैंक विध्वंसक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • अध्यक्ष - जी सतीश रेड्डी

By admin: July 27, 2022

10. पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की 7वीं पुण्यतिथि

Tags: Person in news

27 जुलाई, 2022 भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की सातवीं पुण्यतिथि है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।

  • उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, त्रिची से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की।

  • देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए उन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के रूप में जाना जाता है।

  • उन्होंने 1998 के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • डॉ कलाम को 40 विश्वविद्यालयों से सात मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई थी।

  • उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ महत्वपूर्ण कार्य के लिए 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण प्रदान किया गया।

  • उन्हें 1997 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

  • उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-3) को विकसित करने के लिए परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह को नियर-अर्थ ऑर्बिट में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया।

  • उन्होंने डीआरडीओ में स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों को विकसित करने की जिम्मेदारी ली।

  • वह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के मुख्य कार्यकारी थे।

  • उन्होंने 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और 2007 में अपना कार्यकाल पूरा किया।

  • 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में व्याख्यान देने के दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया।


Date Wise Search