1. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए स्टार्टअप नीति की घोषणा की
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट ने उद्योग विभाग की दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस नीति के तहत दिल्ली सरकार का उद्देश्य 2030 तक 15,000 स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और समर्थन देना है।
इस नीति की निगरानी के लिए एक स्टार्टअप नीति निगरानी समिति का गठन किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री करेंगे।
स्टार्टअप पॉलिसी-2021 के माध्यम से दिल्ली सरकार अपना उद्यम शुरू करने वाले लोगों को बिना गारंटी के लोन और दूसरी सुविधाएं भी मुहैया कराएगी।
स्टार्ट अप नीति के तहत प्रोत्साहन
लीज रेंटल पर 50 फीसदी तक की प्रतिपूर्ति। यह हर साल अधिकतम 5 लाख रुपये तक हो सकता है।
पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन करने के लिए एक लाख रुपये तक (भारत में) और तीन लाख रुपये तक (विदेश में) प्रतिपूर्ति अनुदान।
महिलाओं, वंचित वर्ग या विकलांग व्यक्तियों को 100 फीसदी और अन्य के लिए 50 फीसदी या 5 लाख रुपये तक साल में एक बार प्रदर्शनी स्टॉल या किराए की लागत की प्रतिपूर्ति।
एक वर्ष तक परिचालन या कर्मचारी के लिए मासिक भत्ता के तौर पर 30 हजार रुपये प्रतिमाह।
2. नासा के जलवायु अनुसंधान वैज्ञानिक सिंथिया रोसेनज़वेग ने विश्व खाद्य पुरस्कार 2022 जीता
हाल ही में विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने विश्व खाद्य पुरस्कार 2022 की विजेता के रुप में संयुक्त राज्य अमेरिका की डॉ सिंथिया रोसेनज़विग के नाम की घोषणा की।
रोसेनज़विग को यह पुरस्कार उनके शोध ‘जलवायु और खाद्य प्रणालियों के बीच संबंधों को समझने तथा भविष्य में दोनों कैसे बदलेंगे एवं इसके पूर्वानुमान’ के लिये प्रदान किया गया ।
विश्व खाद्य पुरस्कार का उद्देश्य विश्व में भोजन की गुणवत्ता, मात्रा या उपलब्धता में सुधार कर उन्नत मानव विकास करने वाले व्यक्तियों की उपलब्धियों को मान्यता देने हेतु सम्मान करना है।
वर्ष 2021 में यह पुरस्कार प्रमुख पोषण विशेषज्ञ डॉ. शकुंतला हरक सिंह थिल्स्टेड ने जीता था और वर्ष 2020 में यह पुरस्कार भारतीय अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक डॉ. रतन लाल ने पुरस्कार जीता था।
विश्व खाद्य पुरस्कार के बारे में
वैश्विक कृषि में अपने काम के लिये वर्ष 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग ने विश्व खाद्य पुरस्कार पुरस्कार की कल्पना की थी।
विश्व खाद्य पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1986 में की गई थी।
इसे "खाद्य और कृषि के लिये नोबेल पुरस्कार" के रूप में भी जाना जाता है।
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जिन्हें भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है, वर्ष 1987 में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे।
यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अक्तूबर में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य दिवस (16 अक्तूबर) पर या उसके आसपास प्रस्तुत किया जाता है।
पुरस्कार विजेता को 2,50,000 अमेरिकी डॉलर के नकद पुरस्कार के अलावा प्रसिद्ध कलाकार और डिजाइनर, शाऊल बास द्वारा डिज़ाइन की गई एक मूर्ति प्रदान की जाती है।
वर्ल्ड फूड प्राइज़ फाउंडेशन अमेरिका के डेस मोइनेस (Des Moines) में स्थित है।
3. राष्ट्रपति चुनाव : सांसदों के मत का मूल्य 708 से घट कर हो सकता है 700
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जम्मू और कश्मीर में विधान सभा न होने के कारण जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 हो जाने की संभावना है।
वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इसी 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है।
1952 में पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य 494 था।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में लोकसभा, राज्यसभा और दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं।
अगस्त 2019 में लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने से पहले, जम्मू-कश्मीर राज्य में 83 विधानसभा सीटें थीं।
एक सांसद के वोट का मूल्य
1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 निर्धारित किया गया है।
1952 में पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए, संसद सदस्य के वोट का मूल्य 494 था।
1957 के राष्ट्रपति चुनाव में यह मामूली रूप से बढ़कर 496 हो गया, इसके बाद 493 (1962), 576 (1967 और 1969) था।
3 मई 1969 को राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के कारण 1969 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे।
1974 के राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य 723 था।
1977 से 1992 तक के राष्ट्रपति चुनावों के लिए इसे 702 निर्धारित किया गया।
राष्ट्रपति का चुनाव
राष्ट्रपति के चुनाव के प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 54 में निर्धारित हैं।
राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 द्वारा इस संवैधानिक प्रावधान की स्थापना की गई है।
भारत के राष्ट्रपति को देश के प्रथम नागरिक और राज्य के मुखिया के रूप में मान्यता दिया गया है।
4. गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हुए 'असानी', ओडिशा और पश्चिम बंगाल अलर्ट पर
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बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात ‘असानी’ रविवार शाम को अधिक तीव्र होकर एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 'गंभीर' चक्रवाती तूफान में तब्दील हुए ‘असानी’95-105 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है।
असनी के कारण तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के प्रभावित होने की आशंका है जहां मौसम विभाग ने अलर्ट कर दिया गया है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
आसनी का अर्थ सिंहली में "क्रोध" है।
चक्रवातों के नामों की सूची 2020 में 169 नामों के साथ जारी की गई थी, जिसमें 13 देशों के 13 नाम शामिल थे।
आसनी के बाद बनने वाले चक्रवात को सितारंग कहा जाएगा और यह नाम थाईलैंड ने दिया है।
घुरनी, प्रोबाहो, झार और मुरासु भारत के चक्रवातों के आगामी नाम हैं।
अन्य चक्रवाती तूफानों के नामों में बिपरजॉय (बांग्लादेश), आसिफ (सऊदी अरब), दीक्सम (यमन) और तूफान (ईरान) और शक्ति (श्रीलंका) शामिल हैं।
भारत से जिन नामों का पहले ही उपयोग किया जा चुका है उनमें गति, मेघ, आकाश शामिल हैं।
अन्य पदनाम जो पहले इस्तेमाल किए गए हैं उनमें बांग्लादेश से ओगनी, हेलेन और फानी शामिल हैं; और पाकिस्तान से लैला, नरगिस और बुलबुल।
दुनिया भर में छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (आरएसएमसी) और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र हैं, जो सलाह जारी करने और चक्रवाती तूफानों के नामकरण का काम करते हैं।
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों का नामकरण सितंबर 2004 में शुरू हुआ।
5. PMJJBY, PMSBY, और APY ने सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के सात साल पूरे किए
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प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने 9 मई को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के सात साल पूरे कर लिए हैं।
इन तीनों योजनाओं की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में की थी।
ये योजनाएं लोगों को किफायती बीमा और सुरक्षा प्रदान करने में सफल रही हैं।
ये तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो मानव जीवन को अप्रत्याशित जोखिमों या हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं से सुरक्षित करने की आवश्यकता को पहचानती हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)
यह एक साल की जीवन बीमा योजना है जिसका साल दर साल नवीकरण किया जाता है
यह किसी भी कारण से मृत्यु के लिए कवरेज प्रदान करता है।
बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले 18-50 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति इस योजना के तहत नामांकन के पात्र हैं।
330 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम के साथ किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का जीवन कवर।
27 अप्रैल 2022 तक, योजना के तहत संचयी नामांकन 12.76 करोड़ से अधिक हो गया है और 5,76,121 दावों के लिए 11,522 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)
यह एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है जिसका साल दर साल नवीकरण किया जाता है।
यह दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता के लिए कवरेज प्रदान करता है।
बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले 18-70 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति इस योजना के तहत नामांकन के पात्र हैं।
दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये (आंशिक विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह विकलांगता कवर।
27 अप्रैल 2022 तक, योजना के तहत संचयी नामांकन 28.37 करोड़ से अधिक हो गया है और 97,227 दावों के लिए 1,930 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।
अटल पेंशन योजना (APY)
यह 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुला है और चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर योगदान अलग-अलग है।
योजना में शामिल होने के बाद सब्सक्राइबर द्वारा किए गए योगदान के आधार पर सब्सक्राइबर्स को 60 साल की उम्र में 1000 रुपये या 2000 रुपये या 3000 रुपये या 4000 रुपये या 5000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन मिलेगी।
27 अप्रैल 2022 तक 4 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना की सदस्यता ली है।
6. श्रीलंका के राष्ट्रपति ने दूसरी बार आपातकाल की घोषणा की
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श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 6 मई को पांच सप्ताह में दूसरी बार आपातकाल की स्थिति घोषित की। सुरक्षा बलों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं।
ट्रेड यूनियनों ने आर्थिक संकट के लिए राजपक्षे को दोषी ठहराते हुए सार्वजनिक परिवहन को को रोक दिया।
आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका में कई सप्ताह से अशांति है।
श्रीलंका में सड़कों पर विरोध तेज होने के बाद, गोटाबाया ने पहले 1 अप्रैल को आपातकाल की घोषणा की, क्योंकि नागरिकों को भोजन, ईंधन और दवाओं के लिए आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा था।
श्रीलंका में आपातकाल घोषित करने की प्रक्रिया
आपातकाल की स्थिति घोषित करने की शक्ति राष्ट्रपति में निहित है।
यह श्रीलंका के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत लगाया गया है।
1947 का सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश (पीएसओ) आपातकाल की उद्घोषणा के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
अध्यादेश के तहत, आपातकाल की स्थिति की घोषणा की जा सकती है "जहां राष्ट्रपति की राय है कि सार्वजनिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण के हित में ऐसा करना समीचीन है।
आपातकालीन नियम एक महीने के लिए वैध होते हैं, लेकिन राष्ट्रपति को हर 14 दिनों में एक महीने से अधिक की घोषणा या विस्तार के लिए अनुसमर्थन लेना होगा।
श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण
जैविक कृषि नीति ने सरकार के कर राजस्व में कटौती की।
नीतिगत विफलता
COVID-19 ने श्रीलंका के प्रमुख विदेशी राजस्व अर्जन क्षेत्रों को प्रभावित किया
तेजी से घट रहा विदेशी भंडार, एक स्पष्ट व्यापार घाटा और संबंधित भुगतान संतुलन की समस्या।
भारी विदेशी कर्ज और घरेलू उत्पादन में गिरावट
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपये का मूल्य गिरकर 300 हो गया है, जिससे आयातक मुश्किल में हैं।
7. तस्करी मुक्त राष्ट्र के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू)
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रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने तस्करी मुक्त राष्ट्र के लिए एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (एवीए) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ विचार-विमर्श को आगे बढ़ाया गया, जिसमें आरपीएफ और एवीए (जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है) ने मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की क्षमता का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
समझौता ज्ञापन के ढांचे के तहत दोनों हितधारकों द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई निश्चित रूप से देश भर में आरपीएफ द्वारा शुरू किए गए "ऑपरेशन आहट " (मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई) की पहुंच और प्रभावशीलता को बढ़ाएगी।
रेलवे सुरक्षा बल की भूमिका
रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत वर्ष 2018 से 50,000 से अधिक बच्चों को मानव तस्करी से बचाने में सफलता हासिल की है।
इसने हाल ही में मानव तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए "ऑपरेशन आहत " शुरू किया है और मानव तस्करी के शिकार लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ा रहा है।
आरपीएफ ने भारत भर में 740 से अधिक स्थानों पर मानव तस्करी रोधी इकाइयां (एएचटीयू) भी स्थापित की हैं, जिन्हें मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
बचपन बचाओ आंदोलन
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़े बचपन बचाओ आंदोलन की स्थापना 1979 में नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में की गई थी।
8. डब्लूएचओ ने भारत में 4.7 मिलियन COVID-19 से जुड़ी मौतों का अनुमान लगाया
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 और 2021 में भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से COVID-19 के कारण 4.7 मिलियन संभावित मौतें हुई हैं।
भारत ने आधिकारिक तौर पर दिसंबर 2021 तक COVID-19 से जुड़ी केवल 4.8 लाख संचयी मौतों का अनुमान लगाया, जिसका अर्थ है कि WHO का अनुमान सरकारी गणना से लगभग 10 गुना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि पिछले दो वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई।
भारत में 2020 में 60 और उससे अधिक उम्र के पुरुषों में 5.3 लाख मौतें और 2021 में इसी आयु वर्ग में 19 लाख मौतें हुईं।
दूसरी ओर, 2020 में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में 3.5 लाख और 2021 में 15 लाख मौतें हुईं।
डब्ल्यूएचओ द्वारा अपना अनुमान जारी करने के कुछ मिनट बाद, भारत ने संगठन द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली "पद्धति पर आपत्ति" जताई।
वैश्विक स्तर पर COVID-19 से जुड़ी मौतें
अधिकांश अतिरिक्त मौतें (84%) दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में केंद्रित हैं।
लगभग दो-तिहाई अतिरिक्त मौतें विश्व स्तर पर सिर्फ 10 देशों में केंद्रित हैं।
विश्व स्तर पर महामारी ने महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुषों (57% पुरुष, 43% महिला) की जान ली जिसमें वृद्ध लोगों की संख्या अधिक थी।
9. मिशन रेल कर्मयोगी के तहत 51,000 से अधिक फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया
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केंद्र सरकार ने कहा कि मिशन रेल कर्मयोगी के तहत 51,000 से अधिक फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
इन कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जिन्हें स्वयं रेल मंत्रालय के तहत एक केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थान, भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षित किया गया है।
मिशन कर्मयोगी के बारे में
मिशन कर्मयोगी को सरकार द्वारा सितंबर, 2020 में दुनिया में कहीं भी सबसे महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण पहल के रूप में लॉन्च किया गया था।
यह परियोजना छह महीने की अवधि में लगभग एक लाख फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का प्रयास करती है।
इस मिशन का उद्देश्य नागरिक केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान करके इन फ्रंटलाइन कर्मचारियों के दृष्टिकोण को बदलना है।
मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण रूप से सहायक होगा।
10. सरकार ने तैयार किया नया मसौदा राष्ट्रीय युवा नीति
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सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति (एनवाईपी) का नया मसौदा तैयार किया है।
सरकार ने मौजूदा मसौदा राष्ट्रीय युवा नीति, 2014 की समीक्षा की है।
एनवाईपी के मसौदे में युवा विकास के लिए दस साल के विजन की परिकल्पना की गई है जिसे भारत 2030 तक हासिल करना चाहता है।
यह सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जुड़ा हुआ है और 'भारत को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं की क्षमता को अनलॉक करने' का काम करता है।
एनवाईपी का मसौदा पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे शिक्षा; रोजगार और उद्यमिता; युवा नेतृत्व और विकास; स्वास्थ्य, फिटनेस और खेल; और सामाजिक न्याय।
प्रत्येक प्राथमिकता वाले क्षेत्र को हाशिए के वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक समावेशन के सिद्धांत पर आधारित किया गया है।
युवा मामले विभाग सभी हितधारकों से एनवाईपी के मसौदे पर टिप्पणियां/विचार/सुझाव मांगता है।