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By admin: Aug. 30, 2022

1. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शीर्ष प्रौद्योगिकी केंद्रों की सूची में बीजिंग के बाद बेंगलुरु दूसरे स्थान पर

Tags: Economy/Finance Popular


संपत्ति सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शीर्ष प्रौद्योगिकी केंद्रों की सूची में बीजिंग के बाद बेंगलुरु दूसरे स्थान पर है। 

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • कुशमैन एंड वेकफील्ड की ‘टेक सिटीज: द ग्लोबल इंटरसेक्शन ऑफ टैलेंट एंड रियल एस्टेट’ शीर्षक वाली ताजा रिपोर्ट में रियल एस्टेट और कारोबारी माहौल से जुड़े 14 मानदंडों के आधार पर प्रौद्योगिकी बाजारों की पहचान की गई है।

  • रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया- प्रशांत क्षेत्र में बीजिंग के बाद बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली शीर्ष प्रौद्योगिकी केंद्र हैं।

  • पिछले वित्त वर्ष के दौरान बेंगलुरु 2,30,813 प्रौद्योगिकी रोजगार सृजन के साथ भारत में सबसे आगे रहा। इसके बाद चेन्नई (1,12,781 रोजगार), हैदराबाद (1,03,032 रोजगार) और दिल्ली (89,996 रोजगार) का स्थान रहा।

  • वैश्विक स्तर पर, कुल मिलाकर 115 से अधिक तकनीकी शहरों से 46 शीर्ष तकनीकी बाजारों की पहचान की गई और एशिया प्रशांत क्षेत्र के 14 शहरों में से छह भारत में थे।

  • 2017 -2021 के बीच वार्षिक पैन-इंडिया लीजिंग गतिविधि में 25-30% की औसत हिस्सेदारी के साथ बेंगलुरु ऑफिस स्पेस लीजिंग में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है।

  • तकनीकी क्षेत्र का बेंगलुरु कार्यालय बाजार में वार्षिक लीजिंग गतिविधि में औसतन 38-40% हिस्सा है, जो कि राष्ट्रीय औसत 35% से अधिक है।




By admin: Aug. 30, 2022

2. निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स के लिए 'मिलेट चैलेंज' की घोषणा की

Tags: Economy/Finance National News


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 अगस्त को मोटे अनाज से जुड़े स्टार्टअप के लिए 'मिलेट चैलेंज' की घोषणा की।

महत्वपूर्ण तथ्य - 

  • निर्मला सीतारमण ने नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के तहत कर्नाटक के रायचूर में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए 25 करोड़ रुपये के वित्त पोषण की भी घोषणा की।

  • इस राशि का इस्तेमाल मोटा अनाज मूल्य श्रृंखला और प्रसंस्करण के लिए इनक्युबेशन केंद्र की स्थापना करने तथा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मूल्य संवर्धन एवं क्षमता निर्माण के लिए किया जाएगा। 

  • उन्होंने मिलेट सम्मेलन 2022 में भाग लिया जो कि कृषि विश्वविद्यालय, रायचूर, कर्नाटक में आयोजित किया गया था।

स्टार्टअप्स के लिए 'मिलेट चैलेंज' क्या है ?

  • नीति आयोग जल्द ही मोटे अनाज से जुड़े स्टार्टअप के लिए इस चैलेंज की घोषणा करेगा।

  • इसमें नवोन्मेषी तरीकों से समाधान देने वाला कोई भी स्टार्टअप भाग ले सकेगा।

  • दिसंबर से पहले विजेताओं के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। 

  • तीन विजेताओं को एक-एक करोड़ रुपए का बुनियादी अनुदान, 15 चयनित उम्मीदवारों को 20-20 लाख रुपये और अन्य 15 चयनित उम्मीदवारों को 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे।

  • केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रमुख बाजरा प्रसंस्करण कंपनियों से राज्य को इस क्षेत्र में एक ब्रांड बनाने के लिए कर्नाटक पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

मोटे अनाजों के बारे में :

  • मिलेट उच्च पोषक तत्व वाली अनाज फसलें हैं और छोटे बीज वाली घास के रूप में वर्गीकृत की जाती हैं।

  • इनमें ज्वार (सोरघम), रागी (फिंगर बाजरा), कोर्रा (फॉक्सटेल बाजरा), अर्क (कोदो बाजरा), समा (बाजरा), बाजरा (मोती बाजरा), चना/बार (प्रोसो बाजरा) और सानवा (बार्नयार्ड बाजरा) शामिल हैं।

  • वैश्विक उत्पादन में लगभग 41% की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मिलेट के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।

  • मिलेट के प्रमुख उत्पादक राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा हैं।

  • अप्रैल 2018 में सरकार द्वारा मिलेट को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया गया है।

  • वे प्रोटीन, फाइबर, खनिज, लोहा और कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है।

  • भारत में मिलेट का उत्पादन 2015-16 में 14.5 मीट्रिक टन से फसल वर्ष 2019-20 (जून - जुलाई) में 16% बढ़कर 17.26 मिलियन टन (MT) हो गया है।

  • मार्च 2021 में, भारत ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का नेतृत्व किया।

  • भारत विश्व स्तर पर मिलेट का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक है।

By admin: Aug. 25, 2022

3. मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास के लिए तीन सरकारी संस्थाओं ने हाथ मिलाया

Tags: Economy/Finance


केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तीन संस्थाओं ने भारतमाला परियोजना के तहत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

समझौते के पक्ष :

  • आधुनिक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के तेजी से विकास के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल), भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

  • एनएचएलएमएल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का एक विशेष प्रयोजन वाहन है और आईडब्ल्यूएआई बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है।

  • आरवीएनएल रेल मंत्रालय के तहत एक पूर्ण स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।

समझौते का उद्देश्य :

  • माल ढुलाई को केंद्रीकृत करना और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रसद लागत को जीडीपी के 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत से कम करना।

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

  • यह निर्बाध मोडल शिफ्ट प्रदान करेगा, एमएमएलपी यह सुनिश्चित करेगा कि कार्गो की अदला-बदली की जाए या जलमार्ग, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और सड़क परिवहन से स्थानांतरित किया जाए।

  • MMLPs यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्गो को जलमार्ग, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और सड़क परिवहन हब से स्थानांतरित किया जाए।

  • एमएमएलपी एक अत्याधुनिक माल ढुलाई प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रौद्योगिकी संचालित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगा।

भारतमाला परियोजना :

  • यह भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित और वित्त पोषित सड़क और राजमार्ग परियोजना है।

  • इसे जुलाई 2015 में लॉन्च किया गया था।

  • इस परियोजना के तहत सरकार का इरादा अगले पांच वर्षों में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 83,677 किलोमीटर राजमार्ग और सड़कों को विकसित करने का है।

अतिरिक्त जानकारी -

भारतमाला परियोजना के घटक :

  • फीडर रूट या इंटर कॉरिडोर

  • आर्थिक गलियारा

  • राष्ट्रीय गलियारा दक्षता सुधार

  • सीमा सड़क और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क

  • ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे

  • शेष एनएचडीपी कार्य

By admin: Aug. 24, 2022

4. अदाणी समूह ने एनडीटीवी का अधिग्रहण करने के लिए बोली लगाई

Tags: Economy/Finance


अदाणी ग्रुप की सब्सिडियरी कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्‍स ने न्यू डेल्ही टेलीविज़न (एनडीटीवी) में 29.1 प्रतिशत अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी खरीद ली है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • गौतम अदाणी ग्रुप एक ओपन ऑफर भी लॉन्‍च करेगा ताकि 26% हिस्‍सेदारी और खरीदी जा सके। 

  • वहीं, सिक्‍योरिटीज एंड एक्‍सचेंज बोर्ड (सेबी) को भेजे नोटिस में NDTV ने कहा कि अधिग्रहण की जानकारी उसे नहीं दी गई है। 

  • NDTV ने दावा क‍िया कि उसके संस्‍थापकों- प्रणय रॉय और राधिका रॉय से इस बारे में ना तो कोई बातचीत हुई, ना ही उनसे सहमति ली गई। 

  • अधिग्रहण के केंद्र में प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर होल्डिंग को दो दिनों में अपने शेयर अधिग्रहणकर्ता विश्वप्रधान कमर्शियल (वीसीपीएल) को हस्तांतरित करने के लिए कहा गया है।

  • अडानी ग्रुप ने 294 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर NDTV में 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी के लिए एक खुली पेशकश की है।

एक अधिग्रहण बोली क्या है ?

  • एक अधिग्रहण बोली एक प्रकार की कॉर्पोरेट कार्रवाई है जिसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी को खरीदने की पेशकश करती है।

  • एक अधिग्रहण बोली में, प्रस्ताव देने वाली कंपनी को अधिग्रहणकर्ता के रूप में जाना जाता है।

  • अधिग्रहण करने वाली कंपनी आम तौर पर कंपनी का अधिग्रहण करने के प्रयास में नकद, स्टॉक या दोनों का संयोजन प्रदान करती है।

  • टेकओवर की बोलियां चार प्रकार की होती हैं - अनुकूल, शत्रुतापूर्ण, रिवर्स, या बैकफ्लिप।

अतिरिक्त जानकारी -

द्वेषपूर्ण बोली क्या है ?

  • एक द्वेषपूर्ण बोली में बोली लगाने का लक्ष्य सीधे शेयरधारकों के पास जाना शामिल होता है।

  • द्वेषपूर्ण बोली लगाने वाले एक निविदा प्रस्ताव जारी करते हैं, जिससे शेयरधारकों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर पर्याप्त प्रीमियम पर अपने स्टॉक को अधिग्रहणकर्ता को बेचने का अवसर मिलता है।

By admin: Aug. 22, 2022

5. UPI सेवाओं पर नहीं लगेगा कोई शुल्क - वित्त मंत्रालय

Tags: Economy/Finance

वित्त मंत्रालय ने 21 अगस्त को कहा कि यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर सरकार द्वारा कोई शुल्क लगाने का इरादा नहीं है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • वित्त मंत्रालय का यह बयान भुगतान प्रणाली में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिस्कशन पेपर से उपजी आशंकाओं को दूर करता है।

  • डिस्कशन पेपर में सुझाव दिया गया है कि यूपीआई भुगतान पर विभिन्न रकम की श्रेणियों में शुल्क लगाया जा सकता है। 

  • इस पेपर में  यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एक स्पेशल चार्ज (मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट) लगाने की बात कही गई थी।

  • यह चार्ज ट्रांसफर किए गए अमाउंट पर निर्भर करता है। 

  • वर्तमान में, यूपीआई के जरिए लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है।

यूपीआई के बारे में :

  • यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक एकल मंच है जो विभिन्न बैंकिंग सेवाओं और सुविधाओं को एक छतरी के नीचे मिलाता है।

  • इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।

  • वर्तमान में शीर्ष यूपीआई ऐप्स के नाम हैं - फ़ोनपे, पेटीएम, गूगल पे, अमेज़न पे और भीम शामिल हैं।

  • एनपीसीआई ने 2016 में 21 सदस्य बैंकों के साथ यूपीआई को लॉन्च किया था।

अधिक अपडेट के लिए कृपया 2 अगस्त की खबर देखें.

By admin: Aug. 20, 2022

6. केंद्र ने बकाया राशि पर 13 राज्यों को बिजली विनिमय से प्रतिबंधित किया

Tags: National Economy/Finance


बकाया बिजली भुगतान नहीं होने के कारण पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (POSOCO) जो कि विद्युत मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ग्रिड ऑपरेटर है, ने 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को बिजली खरीदने / बेचने से रोक दिया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, मणिपुर और मिजोरम शामिल हैं।

  • यह पहली बार है जब ग्रिड ऑपरेटर ने बिजली (विलंब भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम, 2022 को लागू किया है, ताकि डिस्कॉम को वैकल्पिक अल्पकालिक स्रोतों से बिजली खरीदने की अनुमति नहीं दी जा सके।

  • भुगतान नहीं करने वाली डिस्कॉम का कुल मिलाकर  5,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें तेलंगाना में सबसे ज्यादा 1,380 करोड़ रुपए बकाया है।

  • नए लेट पेमेंट सरचार्ज (LPS) नियमों के तहत इसे 19 अगस्त से लागू किया जायेगा।

  • एलपीएस नियम के अनुसार यदि डिस्कॉम सात महीने के भीतर जेनको को लंबित बकाया का भुगतान नहीं करते हैं तो उनके बिजली एक्सचेंज पर रोक लगा दी जाती है।

पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन (POSOCO) :

  • यह विद्युत मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व वाला उद्यम है।

  • इससे पहले यह पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पॉवरग्रिड) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी।

  • इसका गठन मार्च 2009 में पीजीसीआईएल के बिजली प्रबंधन कार्यों को संभालने के लिए किया गया था।

  • यह विश्वसनीय, कुशल और सुरक्षित तरीके से ग्रिड के एकीकृत संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।

  • इसमें 5 क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र और एक राष्ट्रीय भार प्रेषण केंद्र (एनएलडीसी) शामिल हैं।

By admin: Aug. 18, 2022

7. सीबीआईसी ने सीमा शुल्क उल्लंघन के लिए गिरफ्तारी, अभियोजन पर दिशानिर्देशों में संशोधन किया

Tags: Economy/Finance


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अभियोजन, गिरफ्तारी और जमानत के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • सीबीआईसी ने इन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने की सीमा को बढ़ा दिया है।

  • सोने जैसे उच्च मूल्य के सामान की तस्करी और सामान के अनधिकृत आयात, जिसकी बाजार में कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, उनमें अभियोजन और गिरफ्तारी हो सकती है।

  • दो करोड़ रुपए या उससे अधिक के सामान की गलत घोषणा या शुल्क वंचना के मामले भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 

  • यदि माल के निर्यात में धोखाधड़ी से शुल्क वापसी या शुल्क में छूट की राशि दो करोड़ रुपये से अधिक है तो भी गिरफ्तारी होगी। 

  • हालांकि मूल्य की उक्त सीमा गोला-बारूद, प्राचीन वस्तुएं, कला खजाने, वन्य जीव और विलुप्तप्राय प्रजातियों जैसी कुछ वस्तुओं पर लागू नहीं होंगी।

कस्टम ड्यूटी क्या है?

  • सीमा शुल्क से तात्पर्य उन वस्तुओं पर लगने वाले कर से है, जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार ले जाया जाता है।

  • यह वह कर होता है जो माल के आयात और निर्यात पर लगाया जाता है।

  • सरकार इस शुल्क का उपयोग अपने राजस्व को बढ़ाने, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और माल की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए करती है।

कस्टम ड्यूटी के प्रकार :

  • मूल सीमा शुल्क (बीसीडी)

  • काउंटरवेलिंग शुल्क (सीवीडी)

  • अतिरिक्त सीमा शुल्क या विशेष सीवीडी

  • सुरक्षात्मक शुल्क

  • डंपिंग रोधी शुल्क

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) :

  • यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग का एक सहायक बोर्ड है।

  • यह मुख्य रूप से सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और माल और सेवा कर के आरोपण और संग्रह से संबंधित नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के कार्यों को देखता है।

  • यह तस्करी की रोकथाम के लिए भी काम करता है।

  • सीबीआईसी का एक अध्यक्ष होता है और इसमें 6 सदस्य होते हैं। 

  • वर्तमान अध्यक्ष - विवेक जौहरी

By admin: Aug. 13, 2022

8. करदाता अब अटल पेंशन योजना का हिस्सा नहीं होंगे

Tags: Economy/Finance Government Schemes


वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना के अनुसार कोई भी नागरिक जो आयकर दाता है या रहा है, वह अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होगा। यह नियम 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अधिसूचना के अनुसार जो लोग पहले से ही इस योजना में भाग ले रहे हैं, वे 1 अक्टूबर से इसका हिस्सा नहीं रहेंगे। हालांकि, उन्हें अपने संबंधित खातों में जमा धन प्राप्त होगा।

  • यदि कोई ग्राहक, जो 1 अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद शामिल हुआ है, बाद में आवेदन की तारीख को या उससे पहले आयकर दाता पाया जाता है, तो APY खाता बंद कर दिया जाएगा और अब तक की संचित पेंशन राशि ग्राहक को दी जाएगी।

  • आयकर दाता वह व्यक्ति है जो समय-समय पर संशोधित आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार आयकर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

अटल पेंशन योजना (APY) के बारे में

  • लॉन्च - 2015

उद्देश्य

  • असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोग मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के होते हैं।

पात्रता

  • 18-40 वर्ष के आयु वर्ग में कोई भी भारतीय नागरिक जिसका बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाता हो।

  • एपीवाई के तहत अभिदाता द्वारा अंशदान की न्यूनतम अवधि 20 वर्ष या उससे अधिक होगी।

  • यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है।

एपीवाई के तहत पेंशन

  • इस योजना के तहत एक ग्राहक को उसके योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु से 1000 रुपये से 5000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम गारंटी पेंशन प्राप्त होती है।

  • पेंशन प्राप्तकर्ता की मृत्यु की स्थिति में पेंशन की राशि उसके पति या पत्नी को दी जाएगी।

  • अभिदाता पति/पत्नी दोनों की मृत्यु होने पर, अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक जमा की गई पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।

 

By admin: Aug. 13, 2022

9. भारत में 7.3 फीसदी आबादी के पास है क्रिप्टोकरेंसी : अंकटाड रिपोर्ट

Tags: Economy/Finance


संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं विकास संस्था  यूएनसीटीएडी की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 7.3 फीसदी भारतीय आबादी के पास क्रिप्टोकरेंसी थी।

रिपोर्ट की मुख्य बातें 

  • रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों सहित, COVID-19 महामारी के दौरान क्रिप्टोकरेंसी का वैश्विक उपयोग तेजी से बढ़ा है।

  • क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी की हिस्सेदारी के लिहाज से शीर्ष-20 अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकासशील अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। 

  • यूक्रेन 12.7 फीसदी के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 फीसदी) का स्थान है।

  • सूची में भारत सातवें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 4.1 फीसदी के साथ 15वें स्थान पर है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल महंगाई से लड़ने के लिए किया जा रहा है। 

डिजिटल करेंसी क्या है?

  • यह भुगतान के किसी भी माध्यम को संदर्भित करता है जो विशुद्ध रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है।

  • ऑनलाइन सिस्टम का उपयोग करके इसका लेखा और हस्तांतरण किया जाता है।

  • डिजिटल पैसे का एक प्रसिद्ध रूप क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी एक आभासी मुद्रा है जिसका उपयोग वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाता है। 

  • यह विभिन्न लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करता है। 

  • इससे पहले आरबीआई ने सर्कुलर जारी कर इन वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी।

  • क्रिप्टोक्यूरेंसी आमतौर पर केंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा और केंद्रीय बैंकिंग प्रणालियों के विपरीत विकेंद्रीकृत नियंत्रण का उपयोग करती है।

  • बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी है।

By admin: Aug. 13, 2022

10. सरकार सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को नियंत्रित करने के लिए मॉडल उप-नियम लाएगी

Tags: Economy/Finance National News


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार देश में सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को संचालित करने के लिए मॉडल उप-नियम लाएगी।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • वह 12 अगस्त को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सहकारिता मंत्रालय और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स (NAFSCOB) द्वारा आयोजित ग्रामीण सहकारी बैंकों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

  • उन्होंने कहा कि बीमार और बंद हो चुके पैक्स को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए या परिसमापन के लिए लिया जाना चाहिए।

  • केवल कृषि ऋण देने से पैक्स व्यवहार्य नहीं होगा, उन्हें अपने व्यवसाय में विविधता लानी चाहिए।

  • उन्होंने सहकारी समितियों के माध्यम से 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि-वित्त प्रदान करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश भर में 2 लाख से अधिक नए पैक्स स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

  • वर्तमान में 95,000 से अधिक पैक्स हैं, जिनमें से केवल 63,000 पैक्स ही कार्यरत हैं।

  • ये मॉडल उप-कानून का कार्यान्वयन राज्यों पर निर्भर होगा क्योंकि सहकारिता राज्य सूची (अनुसूची VII) का विषय है।

प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (PACS) क्या हैं?

  • ये जमीनी स्तर की सहकारी ऋण संस्थाएँ हैं जो किसानों को विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों के लिए अल्पकालिक और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करती हैं।

  • यह ग्राम पंचायत और ग्राम स्तर पर कार्य करता है।

  • 1904 में पहली प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) की स्थापना की गई थी।

  • पैक्स सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं और आरबीआई द्वारा विनियमित होते हैं।

पैक्स के उद्देश्य

  • ऋण लेने के उद्देश्य से पूंजी जुटाना 

  • सदस्यों की आवश्यक गतिविधियों का समर्थन करना

  • सदस्यों की बचत की आदत में सुधार लाने के लक्ष्य से जमा राशि एकत्र करना

  • सदस्यों के लिए पशुधन की उन्नत नस्लों की आपूर्ति और विकास की व्यवस्था करना

  • सदस्यों को उचित मूल्य पर कृषि आदानों और सेवाओं की आपूर्ति करना

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