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By admin: July 21, 2022

1. एसबीआई ने अपने ग्राहकों के लिए व्हाट्स एप बैंकिंग सेवा की शुरुआत की

Tags: Economy/Finance


भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए बैंकिंग को आसान बनाने के लिए अपनी व्हाट्सएप बैंकिंग सेवाएं शुरू की हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • एसबीआई ग्राहक व्हाट्सएप का उपयोग करके कुछ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जो कई लोगों के काम आ सकती हैं क्योंकि उन्हें अब ऐप डाउनलोड करने या एटीएम जाने की आवश्यकता नहीं है।

  • एसबीआई के ग्राहक अपने खाते की शेष राशि प्राप्त कर सकते हैं और व्हाट्सएप पर मिनी स्टेटमेंट देख सकते हैं।

एसबीआई व्हाट्सएप बैंकिंग सेवा क्या है?

  • एसबीआई व्हाट्सएप बैंकिंग के माध्यम से इस सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहकों को पहले 919022690226 नंबर पर पंजीकरण करना होगा।

  • टेक्स्ट संदेश उसी फोन नंबर से भेजना है जो आपके एसबीआई खाते से जुड़ा है।

  • एसबीआई व्हाट्सएप बैंकिंग के लिए सफलतापूर्वक पंजीकरण करने के बाद, एसबीआई की ओर से आपके व्हाट्सएप फोन पर एक संदेश भेजा जाएगा।

  • एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारक इसका उपयोग अपने खाते के सारांश, रिवॉर्ड पॉइंट, बकाया राशि और अन्य जानकारी की जांच के लिए कर सकते हैं।

एसबीआई के बारे में  

  • भारतीय स्टेट बैंक का इतिहास 18वीं शताब्दी के पहले दशक से शुरू होता है, जब बैंक ऑफ कलकत्ता, जिसे बाद में बैंक ऑफ बंगाल का नाम दिया गया, को 2 जून, 1806 को स्थापित किया गया था। 

  • बैंक ऑफ बंगाल तीन प्रेसीडेंसी बैंकों में से एक था, अन्य दो थे- बैंक ऑफ बॉम्बे (15 अप्रैल, 1840 को स्थापित) और बैंक ऑफ मद्रास (1 जुलाई, 1843 को स्थापित)।

  •  27 जनवरी, 1921 को प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय कर दिया गया और पुनर्गठित बैंकिंग इकाई को ‘इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना गया।

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 के प्रावधानों के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया’ का नियंत्रण हासिल कर लिया।

  • 1 जुलाई, 1955 को ‘इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारतीय स्टेट बैंक’ कर दिया गया।

  • मुख्यालय - मुंबई 

  • चेयरमैन - दिनेश कुमार खारा

By admin: July 20, 2022

2. फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्वीकृत

Tags: Economy/Finance National News


भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया के दूसरे चरण के तहत 25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इसके अलावा, फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशन भी स्वीकृत किए गए हैं।

  • फेम इंडिया योजना के पहले चरण के तहत, 1 जुलाई, 2022 तक 479 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं।

  • फेम-इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

फेम इंडिया योजना

  • इलेक्ट्रिक वाहनों के बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, सरकार ने 2015 में FAME India (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) नामक एक योजना तैयार की।

  • इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक देशभर में 60-70 लाख हाइब्रिड और इलेक्ट्रिकल वाहन सडकों पर उतारने का लक्ष्य है। 

  • इससे लगभग 950 करोड़ लीटर पेट्रोल एवं डीजल की खपत में कमी आएगी, जिससे इस पर खर्च होने वाले 62 हज़ार करोड़ रुपए की भी बचत होगी। 

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण कम करना और ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन में कमी लाना है। 

  • फेम-इंडिया योजना के दूसरे चरण को 1 अप्रैल 2019 से 3 साल की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है।

  • इस योजना का पहला चरण 1 अप्रैल 2015 से 2 साल की अवधि के लिए शुरू किया गया था, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया था और अंतिम विस्तार 31 मार्च 2019 तक की अनुमति दी गई थी।

सरकार द्वारा की गई पहल

  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने निजी और वाणिज्यिक भवनों में चार्जिंग स्टेशन और बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए मॉडल बिल्डिंग बायलॉज 2016 में संशोधन किया।

  • विद्युत मंत्रालय ने आवासों और कार्यालयों में निजी चार्जिंग की अनुमति देने वाले बुनियादी ढांचे के मानक से संबंधित एक अधिसूचना जारी की है।

  • 11 जून, 2021 से फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत मांग प्रोत्साहन को बढ़ा दिया गया है।

  • इसके अलावा, 25 जून, 2021 को फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को 2 साल की अवधि के लिए 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया।

  • सरकार ने 12 मई 2021 को देश में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी।

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत कवर किया गया है।

  • इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहन क्या हैं?

  • इलेक्ट्रिक वाहन वे वाहन हैं जो या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से विद्युत शक्ति से संचालित होते हैं।

  • इनकी चलने की लागत कम होती है और ये पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं क्योंकि ये जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल या डीजल) का बहुत कम या बिल्कुल उपयोग नहीं करते हैं।

  • ये वाहन बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, घटते प्राकृतिक संसाधन आदि  समस्याओं को हल कर सकते हैं।




By admin: July 19, 2022

3. बैंकों को पिछले 8 वित्तीय वर्षों में 8.6 लाख करोड़ रुपये के एनपीए की वसूली

Tags: Economy/Finance

वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने 18 जुलाई को संसद में लिखित रूप से कहा कि आरबीआई ने पिछले आठ वित्तीय वर्षों में बैंकों को 8.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फंसे हुए ऋणों (एनपीए) की वसूली में मदद की।

एनपीए की वसूली के कारक

  • मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थिति, क्षेत्रीय मुद्दे, वैश्विक कारोबारी माहौल, बैंकों द्वारा तनाव की पहचान में देरी, तेजी के दौरान आक्रामक उधार, अनुचित जोखिम मूल्य निर्धारण और खराब क्रेडिट अंडरराइटिंग आदि।

  • सरकार और आरबीआई द्वारा नियमित रूप से दिशा-निर्देश जारी करना और लंबे समय से तनावग्रस्त आस्तियों के समाधान के उद्देश्य से कई पहलों की शुरुआत।

  • ऋणों की वसूली और दिवालियापन अधिनियम, 1993, वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज अधिनियम, 2002 और दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 जैसे वैधानिक प्रावधान भी एनपीए की वसूली के लिए सहायक थे।

गैर निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) क्या है?

  • गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों से तात्पर्य ऐसे ऋण से है, जिसका लौटना संदिग्ध हो।

  • बैंक अपने ग्राहकों को जो ऋण देता है वह उसे अपने खाते में संपत्ति के रूप में दर्ज़ करता है, परन्तु यदि बैंक को यह आशंका होती है कि ग्राहक यह ऋण नहीं लौटा पाएगा, तो ऐसी संपत्ति को गैर-निष्पादनकारी संपत्तियाँ कहा जाता है। 

  • गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए एक बोझ हैं। ये देश की बैंकिंग व्यवस्था को बीमार करते हैं।

By admin: July 19, 2022

4. केंद्र ने एमएसपी पैनल गठित किया

Tags: National Economy/Finance

जनवरी 2022 में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से वादा किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दों पर गौर करने के लिए केंद्र ने 18 जुलाई को पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से तीन सदस्यों को समिति में शामिल करने का प्रावधान किया है, लेकिन कृषि संगठन ने अभी तक पैनल का हिस्सा बनने के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की है।

  • संयुक्त किसान मोर्चा की छत्रछाया में, हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक साल तक आंदोलन किया था और सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया था।

  • पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए किसानों की मांग पर चर्चा करने के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया था।

पैनल का हिस्सा कौन होगा?

  • नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद 

  • भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर

  • आईआईएम-अहमदाबाद से सुखपाल सिंह

  • कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह

पैनल के किसान प्रतिनिधि

  • राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी

  • एसकेएम के तीन सदस्य

  • अन्य किसान संगठनों के पांच सदस्यों में गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुनी प्रकाश और सैय्यद पाशा पटेल शामिल हैं।

  • किसान सहकारी और समूह के दो सदस्यों में इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और सीएनआरआई के महासचिव बिनोद आनंद भी समिति का हिस्सा होंगे।

  • कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ सदस्य, केंद्र सरकार के पांच सचिव और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के मुख्य सचिव भी समिति का हिस्सा होंगे।

पैनल क्या करेगा?

  • एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाकर किसानों को उपलब्ध कराने के उपाय सुझाएगी। 

  • कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) को अधिक स्वायत्तता देना।

  • कृषि विज्ञान केंद्रों और अन्य शोध संस्थानों को प्राकृतिक खेती के लिए ज्ञान केंद्रों में बदलने की रणनीति।

  • जैविक प्रमाणीकरण के लिए प्रयोगशाला श्रृंखला स्थापित करने का सुझाव देना 

  • एक ऐसी प्रणाली का सुझाव देना जो किसानों को नई फसल की बिक्री के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे।

  • यह उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के मौजूदा फसल पैटर्न का नक्शा तैयार करेगा।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है?

  • एमएसपी वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है।

  • यह किसानों द्वारा किए गए उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना की गणना पर आधारित है।

  • भारत सरकार 24 वस्तुओं के लिए वर्ष में दो बार एमएसपी निर्धारित करती है।

  • जब बाजार मूल्य घोषित एमएसपी से कम हो जाता है, तो सरकार किसानों से एमएसपी दर पर खाद्यान्न खरीदती है।

By admin: July 18, 2022

5. कृषि ऋण माफी से केवल 50% किसान लाभान्वित - एसबीआई

Tags: Economy/Finance


भारतीय स्टेट बैंक के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, 2014 से नौ राज्यों द्वारा घोषित कृषि ऋण माफी के इच्छित लाभार्थियों में से केवल आधे को ही वास्तव में ऋण माफी प्राप्त हुई है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मार्च 2022 तक कृषि ऋण माफी योजनाओं का सबसे खराब कार्यान्वयन तेलंगाना (5%), मध्य प्रदेश (12%), झारखंड (13%), पंजाब ( 24%), कर्नाटक (38%) और उत्तर प्रदेश (52%) में हुआ है।

  • इसके विपरीत, 2018 में छत्तीसगढ़ और 2020 में महाराष्ट्र द्वारा लागू की गई कृषि ऋण माफी क्रमशः 100% और 91% पात्र किसानों द्वारा प्राप्त की गई थी।

  • 2014 के बाद से, लगभग 3.7 करोड़ पात्र किसानों में से, केवल लगभग 50% किसानों को मार्च 2022 तक ऋण माफी की राशि प्राप्त हुई।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

  • यह अध्ययन राज्यों के एसबीआई कृषि-पोर्टफोलियो के प्राथमिक आंकड़ों पर आधारित है।

  • इसमें पिछले पांच वर्षों में किसानों की आय में बदलाव का विश्लेषण किया गया है।

  • अध्ययन में कहा गया है कि नकदी फसलों में लगे किसानों की आय में वृद्धि गैर-नकदी फसल उगाने वालों की तुलना में अधिक रही है।

  • इसी अवधि में कृषि आय के साथ-साथ अधिकांश राज्यों में संबद्ध/गैर-कृषि आय में 1.4-1.8 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।

  • वित्त वर्ष 2018 और 2022 के बीच औसत किसान की आय 1.3 से 1.7 गुना बढ़ी।

  • महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कपास जैसी कुछ फसलों में इस अवधि के दौरान किसानों की आय दोगुनी हुई है।

  • किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना को आजीविका क्रेडिट कार्ड (एलसीसी) बनाने के लिए इसमें बदलाव किया जाना चाहिए।

  • स्वयं सहायता समूहों का पूरे भारत में लगभग 10 प्रतिशत एनपीए है।

कृषि ऋण माफी की कम पहुंच का कारण

  • रिपोर्ट में ऋण माफी की कम कार्यान्वयन दर के संभावित कारणों के रूप में निम्नलिखित तीन कारकों की पहचान की गई है  -

  1. राज्य सरकारों द्वारा किसानों के दावों की अस्वीकृति

  2. वादों को पूरा करने के लिए सीमित या निम्न वित्तीय स्थिति

  3. बाद के वर्षों में सरकारों में परिवर्तन 

By admin: July 18, 2022

6. पैक्ड दही, पनीर और आटा पर 5% जीएसटी

Tags: Economy/Finance


जीएसटी काउंसिल के फैसले के लागू होने से ग्राहकों को 18 जुलाई से पहले से पैक, लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही के साथ-साथ 5,000 रुपये से अधिक किराए पर अस्पताल के कमरों पर 5% जीएसटी देना होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इससे पहले केवल ब्रांडेड पैक्ड चावल पर ही जीएसटी लगता था, लेकिन नई दरें लागू होने के बाद सभी प्रकार के चावल (ब्रांडेड और अनब्रांडेड) और आटा (ब्रांडेड और अनब्रांडेड) पर जीएसटी लगेगा।

  • सरकार ने 5000 रुपए से अधिक के बिना आईसीयू वाले अस्पताल के कमरे पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है।

  • इसके साथ ही अब होटल में 1000 रुपए से कम का कमरा लेने पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। इससे पहले दोनों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था।

इन वस्तुओं पर पहली बार लगेगा जीएसटी

  • दही, लस्सी, छाछ (5%)

  • पनीर (5%)

  • सभी प्रकार का गुड़ (5%)

  • खांडसारी चीनी (5%)

  • शहद (5% जीएसटी)

  • चावल, राई, जौ, जई (5%)

  • आटा (5%)

  • नारियल पानी (12%)

  • चावल का आटा (5%)

अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया गया जीएसटी दर 

  • सोलर वॉटर हीटर (12%)

  • प्रिंटिंग, राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, कटिंग ब्लेड वाले चाकू, पेपर चाकू और पेंसिल शार्पनर, एलईडी लैंप - 18%

  • कुछ सेवाएं जैसे सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों और श्मशान के लिए कार्य अनुबंध - 18%

  • जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधाएं - 12%

GST में कमी या छूट

  • ट्रक, माल ढुलाई जहां ईंधन की लागत शामिल है, पर जीएसटी अब 18% के बजाय 12% लगेगा।

  • पूर्वोत्तर राज्यों और बागडोगरा से आने-जाने वाले यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी में छूट केवल इकोनॉमी क्लास तक ही सीमित रहेगी।

  • कोई भी व्यक्ति केवल कला या संस्कृति या खेल से संबंधित मनोरंजक गतिविधियों में प्रशिक्षण या कोचिंग के लिए जीएसटी छूट का दावा कर सकेंगे।

  • इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी पैक के साथ लगे हों या नहीं, 5% की रियायती जीएसटी दर के लिए पात्र होंगे।

By admin: July 16, 2022

7. कृषि मंत्री ने eNAM प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म (PoP) लॉन्च किया

Tags: Economy/Finance


हाल ही में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कर्नाटक के बंगलूरू में राज्य कृषि और बागवानी मंत्रियों के सम्मेलन की तर्ज पर राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (PoP) लॉन्च किया।

प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (POP)

  • ई-नाम "प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स" के रूप में सेवा प्रदाताओं के मंच का एकीकरण करता है, जिसमें शामिल हैं

  • 1. समग्र सेवा प्रदाता (सेवा प्रदाता जो कृषि उपज के व्यापार के लिये समग्र सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिसमें गुणवत्ता परख, व्यापार, भुगतान प्रणाली और लॉजिस्टिक्स से संबंधित सेवाएँ शामिल हैं)।

  • 2. लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता, गुणवत्ता परख सेवा प्रदाता, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग सेवा प्रदाता, भंडारण सुविधा सेवा प्रदाता, कृषि आदान सेवा प्रदाता, प्रौद्योगिकी सक्षम वित्त व बीमा सेवा प्रदाता।

  • 3. सूचना प्रसार पोर्टल (सलाहकार सेवाएँ, फसल अनुमान, मौसम अद्यतन, किसानों के क्षमता निर्माण आदि), अन्य प्लेटफार्म (ई-कॉमर्स, अंतर्राष्ट्रीय कृषि-व्यापार प्लेटफॉर्म, वस्तु विनिमय, निजी बाज़ार प्लेटफॉर्म) आदि।

पीओपी के लाभ

  • इससे कई बाजारों, खरीददारों, सेवा प्रदाताओं तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुंच बढ़ेगी और मूल्य खोज तंत्र, मूल्य प्राप्ति में सुधार के साथ व्यापार लेन-देन में पारदर्शिता आएगी।

  • पीओपी पर विभिन्न मूल्य श्रृंखला सेवाओं जैसे व्यापार, परख, भंडारण, फिनटेक, बाजार की जानकारी, परिवहन आदि की सुविधा वाले विभिन्न प्लेटफार्मों के 41 सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है।

  • पीओपी से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा, जिससे कृषि मूल्य श्रृंखला के विभिन्न खंडों में अलग-अलग प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

  • विभिन्न सेवा प्रदाताओं को शामिल करने से न केवल ई-नाम प्लेटफॉर्म के मूल्य में वृद्धि होगी बल्कि प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं से सेवाओं का लाभ उठाने का विकल्प भी मिलेगा।

  • यह किसानों, एफपीओ, व्यापारियों और अन्य हितधारकों को एकल खिड़की के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, जिससे हितधारकों को अधिक विकल्प मिलते हैं।

e-NAM पोर्टल के बारे में 

  • केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2016 में ई-नाम (eNAM) नामक पोर्टल की शुरुआत की गई थी।

  • राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (eNAM) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उपज के लिये एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार बनाने के लिये मौजूदा APMC मंडियों को एकीकृत करता है।

  • लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्त्वावधान में eNAM को लागू करने वाली प्रमुख एजेंसी है।

  • ई-नाम पोर्टल पर वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है। साथ ही इस पर 1,005 से अधिक ‘किसान उत्पादक संगठन’ पंजीकृत हैं।






By admin: July 15, 2022

8. सरकार ने आभूषणों के ई-कॉमर्स निर्यात के लिए मानक एसओपी जारी की

Tags: Economy/Finance


वित्त मंत्रालय ने 15 जुलाई को कूरियर मोड के माध्यम से आभूषणों के ई-कॉमर्स निर्यात के लिए एक सरल नियामक ढांचा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • फ्रेमवर्क सीमा शुल्क द्वारा कार्यवाही की एकरूपता की आवश्यकता को ध्यान में रखता है जो व्यापार के लिए निश्चितता लाता है।

  • यह कुछ मामलों में निर्धारित सीमा तक पुन: आयात के लिए ई-कॉमर्स इको-सिस्टम की एक अनूठी आवश्यकता को भी संबोधित करता है।

  • केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के रूप में सरलीकृत नियामक ढांचा जारी किया गया है।

  • एसओपी अंतरराष्ट्रीय कूरियर टर्मिनलों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक घोषणाओं के आधार पर निर्यात के संचालन, आवागमन और प्रक्रियात्मक पहलुओं का विवरण देता है।

  • पहला चरण बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई के माध्यम से निर्यात के साथ शुरू किया गया है।

By admin: July 15, 2022

9. रक्षा मंत्रालय ने प्रदर्शन और दक्षता लेखा परीक्षा के लिए एक शीर्ष समिति की स्थापना की

Tags: Economy/Finance


रक्षा मंत्रालय ने 15 जुलाई को अपनी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं में प्रदर्शन और दक्षता लेखा परीक्षा आयोजित करने के लिए अध्यक्ष के रूप में रक्षा सचिव के साथ एक शीर्ष समिति से युक्त एक संस्थागत तंत्र की स्थापना की है।

समिति के सदस्य

  • तीनों सेवाओं के उप प्रमुख, सचिव रक्षा (वित्त), एकीकृत कर्मचारी समिति (सीआईएससी), रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), महानिदेशक (अधिग्रहण) और रक्षा मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन  (डीआरडीओ) के अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह मौजूदा लेनदेन-आधारित अनुपालन लेखापरीक्षा से एक परिणाम-आधारित प्रदर्शन/दक्षता लेखापरीक्षा करने के लिए समग्र दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से एक प्रमुख बदलाव है।

  • प्रदर्शन और दक्षता लेखापरीक्षा के संचालन के लिए जिन व्यापक क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें रक्षा पूंजी खरीद, प्रावधान, रसद, सूची स्तर, संपत्ति का रखरखाव, प्राधिकरण होल्डिंग सीलबंद विवरण (एएचएसपी) आदि की भूमिका और प्रदर्शन शामिल हैं।

By admin: July 14, 2022

10. 2022 की पहली छमाही में चीन से भारत के आयात में रिकॉर्ड वृद्धि

Tags: Economy/Finance International News

13 जुलाई को जारी चीन के व्यापार आंकड़ों के मुताबिक, चीन से भारत का आयात साल की पहली छमाही में रिकॉर्ड 57.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार

  • इस वर्ष चीनी सामानों का आयात रिकॉर्ड वृद्धि पर है, और पिछले साल के 97.5 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करने के लिए तैयार है।

  • व्यापार असंतुलन भी एक और रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है, इस साल आयात 2021 में इसी अवधि से 34.5% ऊपर है।

  • 2021 में दोतरफा व्यापार पहली बार 100 अरब डॉलर को पार कर 125.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का आयात 97.5 अरब डॉलर था।

  • महामारी के कारण 2020 में व्यापार में गिरावट आई, लेकिन अब यह महामारी से पहले के स्तर पर काफी ऊपर है।

  • चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

चीन से भारत में आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीन, इंजन, पंप, जैविक रसायन, उर्वरक, लोहा और इस्पात, प्लास्टिक, लोहा या इस्पात उत्पाद, रत्न आदि।

भारत से चीन को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं

  • कपास, रत्न, कीमती धातु, सिक्के, तांबा अयस्क, लावा, राख, कार्बनिक रसायन, नमक, सल्फर, पत्थर, सीमेंट, मशीन, इंजन आदि।



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