1. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेट अंपायर रूडी कर्टजन की कार दुर्घटना में मौत
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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर रूडी कर्टजन की 9 अगस्त को रिवरडेल नामक शहर के करीब एक कार दुर्घटना में मौत हो गई।
महत्वपूर्ण तथ्य
73 वर्षीय कर्टजन के परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं।
1990 के दशक के अंत से 2010 तक विश्व क्रिकेट में सबसे सम्मानित अंपायरों में से एक, कर्टजन ने लगभग 400 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की थी।
आमने सामने की टक्कर में अंपायर रूडी कर्टजन सहित तीन अन्य लोगों की मौत हो गई।
कर्टजन सप्ताहांत गोल्फ खेलने के बाद केप टाउन से घर ‘नेल्सन मंडेला बे’ लौट रहे थे।
वह कुछ दोस्तों के साथ गोल्फ प्रतियोगिता में भाग लेने गए थे।
कर्टजन 2002 में आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के एलीट पैनल के अंपायर बने थे और आठ वर्षों तक इसका हिस्सा रहे।
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 397 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में मैदानी और तीसरे अंपायर की भूमिका निभाई।
उन्होंने 128 टेस्ट, 250 एकदिवसीय और 19 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की है।
अंपायर के रूप में उनका 18 साल का करियर एक रिकॉर्ड है जिसे 2010 में सेवानिवृत्ति से पहले पाकिस्तान के अलीम डार ने तोड़ा है.
उनके करियर में विवाद
उनके साथ कुछ विवाद भी जुड़े रहे।
उन्होंने नियमों की गलत व्याख्या करके ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच 2007 क्रिकेट विश्व कप फाइनल मैच को कम रोशनी में जारी रखा।
आईसीसी ने इसके बाद उन्हें टी20 विश्व कप के पहले सत्र में अंपायर नहीं रखा था।
उद्घाटन टी 20 विश्व कप 2007 उनके ही देश दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था।
2. भारत 22 स्वर्ण पदकों के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में चौथे स्थान पर
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भारत ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कुल 61 पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
भारत के CWG 2022 में जीते कुल 61 पदकों में 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल है।
भारत के लिए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के आखिरी दिन पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन और सात्विकसाइराज रेडडी तथा चिराग शेट्टी की जोड़ी ने बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीते।
आखिरी दिन अचंता शरत कमल ने भी टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक जीते।
आखिरी दिन जी साथियान ने टेबल टेनिस में कांस्य पदक हासिल किया जबकि भारतीय पुरुष हॉकी टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
भारत ने 2018 में गोल्ड कोस्ट में 26 स्वर्ण सहित 66 पदक जीतकर तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया था।
भारत को सर्वाधिक स्वर्ण और सर्वाधिक तमगे कुश्ती से हासिल हुए, जहां देश ने छह स्वर्ण, एक रजत और पांच कांस्य सहित 12 पदक जीते।
भारोत्तोलकों ने भारतीय अभियान की बेहतरीन शुरुआत करते हुए तीन स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य सहित 10 पदक जीते।
संकेत सरगर (पुरुष 55 किग्रा) ने चांदी का तमगा जीतकर बर्मिंघम 2022 में भारत का खाता खोला था।
विभिन्न देशों की पदक तालिका
देश | गोल्ड | सिल्वर | ब्रॉन्ज | कुल |
ऑस्ट्रेलिया | 67 | 57 | 54 | 178 |
इंग्लैंड | 57 | 66 | 53 | 176 |
कनाडा | 26 | 32 | 34 | 92 |
भारत | 22 | 16 | 23 | 61 |
न्यूजीलैंड | 20 | 11 | 17 | 49 |
स्कॉटलैंड | 13 | 11 | 27 | 49 |
नाइजीरिया | 12 | 9 | 14 | 35 |
वेल्स | 8 | 6 | 14 | 28 |
साउथ अफ्रीका | 7 | 9 | 11 | 27 |
मलेशिया | 8 | 8 | 8 | 24 |
2018 कामनवेल्थ गेम्स में भारत के मेडल टैली
गोल्ड | सिल्वर | ब्रोंज | कुल |
26 | 20 | 20 | 66 |
2022 कामनवेल्थ गेम्स में भारत के मेडल टैली
गोल्ड | सिल्वर | ब्रोंज | कुल |
22 | 16 | 23 | 61 |
3. उज्बेकिस्तान शतरंज ओलंपियाड 2026 की मेजबानी करेगा
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2026 का विश्व शतरंज ओलंपियाड उज्बेकिस्तान (ताशकंद या समरकंद) में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा लिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
अधिकांश प्रतिनिधियों ने उज्बेकिस्तान में प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए मतदान किया।
उज्बेकिस्तान पहली बार इन प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा।
2024 में विश्व शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी बुडापेस्ट (हंगरी) द्वारा की जाएगी।
वर्ष 2022 का शतरंज ओलंपियाड चेन्नई में आयोजित हो रहा है।
शतरंज ओलंपियाड के बारे में
यह एक द्विवार्षिक टीम इवेंट है, जिसमें लगभग 190 देशों की टीमें दो सप्ताह की अवधि में सम्मान के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं।
इस चैंपियनशिप का आयोजन 1927 से किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) टूर्नामेंट का आयोजन करता है और मेजबान राष्ट्र का चयन करता है।
FIDE स्विट्जरलैंड में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विभिन्न राष्ट्रीय शतरंज संघों को जोड़ता है और अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता के शासी निकाय के रूप में कार्य करता है।
इसकी स्थापना 20 जुलाई 1924 को पेरिस, फ्रांस में हुई थी।
1999 में, FIDE को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता दी गई थी।
FIDE अध्यक्ष - अर्कडी ड्वोरकोविच
भारतीय चैंपियन
भारत के विश्वनाथन आनंद एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व शतरंज का खिताब जीता है।
वह इसे पांच बार 2000,2007,2008,2010,2012 जीत चुके हैं।
4. U20 वर्ल्डस में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनी रूपल चौधरी
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उत्तर प्रदेश के रूपल चौधरी ने दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया और 4 अगस्त को कोलंबिया के कैली में विश्व U20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के एकल संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।
महत्वपूर्ण तथ्य
रूपल ने महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। इससे पहले उन्होंने चार गुणा 400 मीटर रिले में रजत पदक हासिल किया था।
महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में रूपल ने 51.85 सेकेंड के समय के साथ ग्रेट ब्रिटेन की यमी मैरी जॉन (51.50) और कीनिया की दमारिस मुटुंगा (51.71) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।
इससे पहले वह उस रिले टीम का हिस्सा थी जिसने चार गुणा 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था।
रूपल ने उसी दिन व्यक्तिगत 400 मीटर दौड़ के पहले दौर में हिस्सा लिया था और उसके बाद वह सेमीफाइनल और फाइनल में उतरी थी।
रूपल विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय हैं।
इससे पहले 2018 में हिमा दास ने 51.46 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था।
ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे. उन्होंने 2016 में पोलैंड में खेली गई प्रतियोगिता में सोने का तमगा जीता था।
5. बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और साक्षी मलिक ने जीते स्वर्ण पदक
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राष्ट्रमंडल खेलों में बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और साक्षी मलिक ने 6 अगस्त को भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते।
महत्वपूर्ण तथ्य
पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती में, बजरंग पुनिया ने 65 किग्रा वर्ग में कनाडा के लछलन मैकनील को 9-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि दीपक पुनिया ने 86 किग्रा वर्ग में पाकिस्तान के मुहम्मद इनाम को 3-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
मोहित ग्रेवाल ने 125 किग्रा वर्ग में जमैसियन आरोन जॉनसन को हराकर कांस्य पदक जीता।
महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में साक्षी मलिक ने 62 किग्रा वर्ग में कनाडा के गोडिनेज गोंजालेज को हराकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि अंशु मलिक ने 57 किग्रा वर्ग में नाइजीरिया की फोलासाडे अदेकुओरोये से 3-7 से हारकर रजत पदक जीता।
दिव्या काकरान ने 68 किग्रा वर्ग में टोंगा की टाइगर लिली कॉकर लेमाली को फॉल से हराकर कांस्य पदक जीता।
एथलेटिक्स में, भारत ने पुरुषों की 4X400 मीटर रिले में एक नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
भारत के प्रसिद्ध पहलवान
केडी जाधव - महाराष्ट्र के पहलवान खशाबा दादासाहेब जाधव 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बने।
उदय चंद - 1961 में वे विश्व चैंपियनशिप पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने - 67 किग्रा वर्ग में कांस्य।
अलका तोमर - उन्होंने भारत में महिला कुश्ती की नींव रखी। उन्होंने 2005 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।
सुशील कुमार - उन्होंने बीजिंग ओलंपिक 2008 में 66 किग्रा फ्रीस्टाइल में कांस्य जीता। उन्होंने 2010 में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता था।
योगेश्वर दत्त - वह दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन हैं और उन्होंने 2014 में 65 किग्रा वर्ग में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था।
साक्षी मलिक - उन्होंने 2017 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज जीता था।
6. भारत ने महिला लॉन बाउल्स फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता
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बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में लॉन बॉल इवेंट में भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को फाइनल 17-10 से मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम कियाI
महत्वपूर्ण तथ्य
यह पहली बार हुआ है जब कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को इस इवेंट में कोई भी मेडल मिला होI
भारतीय टीम में 42 साल की रांची की लवली चौबे (लीड), 41 साल की दिल्ली की पिंकी (सेकंड), 34 साल की रांची की रूपा रानी (स्किप) और 32 साल की असम की नैनमौनी सैकिया (थर्ड) शामिल हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन बॉल का इतिहास
लॉन बॉल को राष्ट्रमंडल खेलों में 1930 में शामिल किया गया था।
2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में मेजबान होने के नाते पहली बार भारत ने लॉन बॉल में हिस्सा लिया था।
भारत की लॉन बॉल टीम राष्ट्रमंडल खेलों में चार बार हिस्सा ले चुकी है, लेकिन पिछले तीन बार कोई मेडल नहीं जीता।
लॉन बॉल में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है जिसने 21 गोल्ड मेडल जीते हैं वहीं स्कॉटलैंड 20 गोल्ड के साथ दूसरे स्थान पर हैI
लॉन बॉल गेम
लॉन बॉल एक आउटडोर गेम है जिसमें एक गेंद को मैदान पर फेंका जाता है यानी कि उस बॉल को रोल करके खिलाड़ी द्वारा आगे बढ़ाया जाता हैI
यह गेंद रबर, लकड़ी या किसी अन्य सामग्री से बनी होती हैं और इसका वजन अधिकतम 1.59 किलोग्राम तक हो सकता हैI
इस खेल का एक प्रमुख वर्ड जैक हैI खिलाड़ियों का उद्देश्य गेंद को इसी जैक के नजदीक तक पहुंचाना रहता हैI
जिस खिलाड़ी का जैक नजदीक रहता है उसे प्वाइंट मिलते हैंI
जैक की लंबाई करीब 23 मीटर होती हैI
यह खेल आम तौर पर एक फ्लैट लॉन पर खेला जाता है, जिसका आकार लगभग 40-42 गज (37-38 मीटर) होता हैI
लॉन बॉल गेम में सिंगल, डबल्स, तीन और चार प्लेयर की टीमें शामिल हो सकती हैंI इस दौरान महिला और पुरुष दोनों की अलग-अलग टीमें होती हैंI
7. यूईएफए महिला यूरो 2022 फाइनल में इंग्लैंड ने जर्मनी को 2-1 से हराया
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इंग्लैंड की महिला फुटबॉल टीम ने 31 जुलाई को देर रात इतिहास रचा और UEFA महिला यूरोपियन चैंपियन बन गई।
महत्वपूर्ण तथ्य
यूरो 2022 के नाम से प्रसिद्ध इस प्रतियोगिता के फाइनल में इंग्लैंड ने 8 बार की चैंपियन जर्मनी को एक्स्ट्रा टाइम में 2-1 से हराया और बतौर मेजबान इस खिताब को जीतने वाली चौथी टीम बन गई।
इससे पहले नॉर्वे (1987), जर्मनी (1989, 2001) और नीदरलैंड्स (2017) ने बतौर मेजबान यूरो का टाइटल अपने नाम किया है।
यह फाइनल मैच लंदन के मशहूर वेम्बली स्टेडियम में खेला गया।
मैच में दोनों टीमों ने शुरुआत से एक-दूसरे को बराबर की टक्कर दी और डिफेंस को मजबूत रखा।
पहले हाफ में कोई टीम गोल न कर सकी। दूसरे हाफ में 62वें मिनट में ऐल्ला टून ने गोल कर इंग्लैंड को 1-0 से आगे किया।
79वें मिनट में जर्मनी के लिए लीना मैगुल ने गोल कर मैच बराबरी पर ला दिया।
इंग्लैंड की जीत के हीरो क्लो केली थे, जिन्होंने अतिरिक्त समय में एक गोल करके इंग्लैंड को 2-1 की निर्णायक बढ़त दिलाई.
इंग्लैेंड की टीम आखिरी बार 2009 में फाइनल में पहुंची थी और तब जर्मनी ने उसे हराकर खिताब जीता था।
यूईएफए महिला यूरो 2022
1984 में स्थापित महिला यूरो या यूईएफए यूरोपीय महिला चैम्पियनशिप, यूईएफए परिसंघ की टीमों की विशेषता वाली महिला फुटबॉल के लिए शीर्ष प्रतियोगिता है।
टूर्नामेंट 1984 में चार टीमों स्वीडन, इटली, जर्मनी और नॉर्वे के साथ शुरू किया गया था।
1997 से, महिला यूरो का विस्तार आठ-टीम टूर्नामेंट में हुआ और बाद में 2009 में इसे बारह-टीम प्रतियोगिता में विस्तारित किया गया।
2017 से चार और टीमों को शामिल किया गया।
टूर्नामेंट का शुरुआती विजेता स्वीडन था, और 1987 में दूसरा संस्करण नॉर्वे ने जीता था।
8. भारतीय भारोत्तोलक अचिंता शुली ने रिकॉर्ड 313 किलोग्राम वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता
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भारतीय युवा खिलाड़ी और भारोत्तोलक अचिंता शुली ने इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
मौजूदा खेलों में यह भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है।
इससे पहले मीराबाई चानू ने 49 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल की थी।
67 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रहे 19 वर्षीय जेरेमी लालरिनुंगा ने भी कुल 300 किग्रा भार उठाकर स्नैच और क्लीन एंड जर्क में स्वर्ण पदक हासिल किया।
पश्चिम बंगाल की रहने वाली शुली ने कुल 313 किलोग्राम वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया।
अचिंता का स्नैच राउंड
पहला प्रयास - 137 किग्रा
दूसरा प्रयास - 140 किग्रा
तीसरा प्रयास - 143 किग्रा
राष्ट्रमंडल 2022 में अब तक छह पदक
राष्ट्रमंडल 2022 में अब तक सभी छह पदक भारोत्तोलकों द्वारा भारत को प्रदान किए जा चुके हैं।
मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा और अचिंता शुली ने स्वर्ण पदक जीते।
संकेत महादेव सरगर और बिंदियारानी देवी ने रजत पदक जीते।
इसके अलावा गुरुराजा पुजारी 61 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
9. भारत 2025 में महिला वनडे विश्व कप की मेजबानी करेगा
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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अनुसार, भारत वर्ष 2025 के ICC महिला एकदिवसीय विश्व कप की मेज़बानी करेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
परिषद ने वर्ष 2024 से वर्ष 2027 तक ICC महिला विश्व कप की मेज़बानी के लिये चार देशों का चयन किया है।
ये देश भारत, बांगलादेश, इंग्लैंड और श्रीलंका हैं।
बांगलादेश वर्ष 2024 में महिला टी-20 विश्व कप प्रतियोगिता का मेज़बानी करेगा I
महिला टी-20 विश्व कप का वर्ष 2026 का संस्करण इंग्लैंड में आयोजित किया जाएगा।
श्रीलंका वर्ष 2027 के महिला टी-20 चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी करेगा लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि वह प्रतियोगिता के लिये क्वालीफाई करे।
मेजबान देशों का चयन आईसीसी बोर्ड की उपसमिति की देखरेख में संचालित बोली प्रक्रिया के जरिए किया गया।
समिति में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे I
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी)
स्थापना- 15 जून 1909
मुख्यालय- दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
आईसीसी के वर्तमान में 104 सदस्य राष्ट्र हैं: 12 पूर्ण सदस्य और 92 एसोसिएट सदस्य हैं।
अध्यक्ष- ग्रेग बार्कले
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई)
स्थापना- 1928
मुख्यालय- मुम्बई, महाराष्ट्र
अध्यक्ष- सौरव गांगुली
सचिव- जय शाह
10. पीवी सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों 2022 के उद्घाटन समारोह के लिए भारत की ध्वजवाहक बनीं
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भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी पीवी सिंधु को टीम इंडिया के ध्वजवाहक के रूप में घोषित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को भी पीवी सिंधु के साथ भारत के ध्वजवाहक के तौर पर चुना गया है।
यह दूसरा मौका है जब पीवी सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत की ध्वजवाहक होंगी, उन्होंने गोल्ड कोस्ट 2018 संस्करण में भी भारतीय झंडा थामा था।
मनप्रीत सिंह टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के दो ध्वजवाहकों में से एक थे I
ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू और लवलीना बोरगोहेन अन्य दो उम्मीदवार थे, जिनके नामों पर ध्वजवाहक के लिए विचार किया जा रहा था।
राष्ट्रमंडल खेल 2022
आयोजन - अलेक्जेंडर स्टेडियम, बर्मिंघम, इंग्लैण्ड
आदर्श वाक्य- सभी के लिए खेल
शुभंकर- ‘पेरी द बुल’
प्रतिभागी देश - 72 राष्ट्रमंडल राष्ट्र
प्रतिस्पर्धा - 20 खेलों में 280
भाग लेने वाले एथलीट- 5,054
राष्ट्रमंडल खेल में पहली बार महिला क्रिकेट के साथ-साथ T20 किक्रेट को शामिल किया गया है।
किसी बड़े खेल प्रतियोगिता में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अधिक मेडल इवेंट शामिल हैं।
भारत की तरफ से राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 215 एथलीट हिस्सा लेंगे यह एथलीट 19 खेलों के 141 इवेंट्स में प्रतिभाग करेंगे I
राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास
राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण है।
पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन में हुआ था।
1930 के बाद से हर चार साल पर इसका आयोजन होता रहा है।
द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण 1942 और 1946 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं हो सका था।
भारत 18वीं बार इन खेलों का हिस्सा बन रहा है।
भारत ने अब तक इन खेलों में 181 स्वर्ण, 173 रजत और 149 कांस्य पदक जीते हैं।
भारत 2002 मैनचेस्टर खेलों से लगातार हर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल करने के मामले में शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा है।
1930 से 1950 तक इन खेलों को ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता थाI
1978 में इन खेलों का नाम राष्ट्रमंडल खेल यानी कॉमनवेल्थ गेम्स पड़ा थाI