1. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हेल्थ, वेलनेस ऐप AAYU लॉन्च किया
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के द्वारा योग के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवनशैली संबंधी विकारों को दूर करने और उन्हें ठीक करने में मदद करने के लिए एक नया स्वास्थ्य और कल्याण ऐप AAYU लॉन्च किया गया है I
AAYU ऐप के बारे में
स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (S-VYASA) और RESET TECH ने संयुक्त रूप से इस ऐप को विकसित किया है।
यह एक AI- संचालित एकीकृत स्वास्थ्य-तकनीक मंच है जिसका उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवन शैली की स्थिति से निपटना है।
ऐप उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत कल्याण समाधान प्रदान करेगा और किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत इतिहास के आधार पर डॉक्टर परामर्श प्रदान करेगा और इसकी प्रगति की निगरानी करेगा जिससे उन्हें उपचार और रिकवरी में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
ऐप उपयोगकर्ताओं को उनके विशिष्ट इतिहास के आधार पर अनुकूलित वेलनेस समाधान और डॉक्टर परामर्श प्रदान करेगा, साथ ही उनकी प्रगति को ट्रैक करेगा, जिससे वे तेजी से ठीक हो सकें।
ऐप को विभिन्न भाषाओं में विकसित किया गया है और इसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर पांच मिलियन से अधिक पुरानी बीमारियों के रोगियों तक पहुंचना और उन्हें प्रभावित करना है।
कर्नाटक राज्य के बारे में
गठन- 1 नवम्बर 1956
राजधानी -बेंगलुरु
राज्यपाल- थावर चंद्र गहलोत
मुख्यमंत्री- बासवराज बोम्मई (भाजपा)
विधान सभा सीटें- 225
लोक सभा सीटें- 28
कर्नाटक में स्थित जोग जलप्रपात (गरसोप्पा ) भारत का सबसे ऊंचा जल प्रपात है जो शरावती नदी पर है।
यक्षगान कर्नाटक का प्रमुख लोकनृत्य है I
2. जमुई में भारत के ‘सबसे बड़े’ स्वर्ण भंडार की खोज की अनुमति देगा बिहार
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बिहार सरकार ने जमुई जिले में "देश के सबसे बड़े" सोने के भंडार की खोज की अनुमति देने का फैसला किया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वेक्षण के अनुसार जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क सहित लगभग 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार मौजूद है।
राज्य का खान और भूविज्ञान विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है।
राज्य सरकार एक महीने के भीतर G3 (प्रारंभिक) चरण की खोज के लिए एक केंद्रीय एजेंसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी।
कुछ क्षेत्रों में, G2 (सामान्य) अन्वेषण भी किया जा सकता है।
बिहार का स्वर्ण भंडार
बिहार में 222.885 मिलियन टन सोना धातु है, जो देश के कुल सोने के भंडार का 44% है।
राष्ट्रीय खनिज सूची के अनुसार, 1 अप्रैल 2015 को देश में प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन स्वर्ण धातु के साथ 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान है।
इसमें से बिहार 222.885 मिलियन टन (44 प्रतिशत) अयस्क से संपन्न है जिसमें 37.6 टन धातु है।
भारत में सोने का भंडार
स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) के सबसे बड़े संसाधन बिहार में स्थित हैं।
इसके बाद राजस्थान (25%), कर्नाटक (21%), पश्चिम बंगाल (3%), आंध्र प्रदेश (3%), झारखंड (2%) का स्थान है।
शेष 2% संसाधन छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं।
अमेरिका के पास सबसे ज्यादा सोने का भंडार है।
3. दिल्ली सीमा शुल्क ने आईसीडी गढ़ी हरसरू, गुरुग्राम में प्रोजेक्ट 'निगाह' लॉन्च किया
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मुख्य आयुक्त, दिल्ली सीमा शुल्क क्षेत्र, सुरजीत भुजबल ने आईसीडी गढ़ी हरसरू, गुरुग्राम में परियोजना 'निगाह (NIGAH)' का उद्घाटन किया।
परियोजना निगाह आईसीटीएम (आईसीडी कंटेनर ट्रैकिंग मापांक) का उपयोग करके कंटेनर को ट्रैक करने की एक पहल है जो आईसीडी के भीतर कंटेनर की आवाजाही की बेहतर दृश्यता में सहयोग करेगा।
यह प्रमुख रोकथाम जांचों को सुनिश्चित करने के साथ कारोबार में आसानी को बढ़ाने के लिए लंबे समय से मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे कंटेनरों की समय पर मंजूरी की निगरानी करने में भी मदद करेगा।
आईसीटीएम(आईसीडी कंटेनर ट्रैकिंग मापांक) को संरक्षक के तौर पर मैसर्स जीआरएफएल के सहयोग से विकसित किया गया है।
4. वायनाड वन्यजीव अभयारण्य में खोजी गई मनी स्पाइडर, एंटी-मिमिकिंग स्पाइडर
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क्राइस्ट कॉलेज (केरल) के शोधाकर्त्ताओं द्वारा यूरोपीय घास के मैदानों में पाए जाने वाले मनी स्पाइडर को देश में पहली बार वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के मुथंगा रेंज देखा गया है।
शोधाकर्त्ताओं ने मुथंगा रेंज से जंपिंग स्पाइडर के समूह से संबंधित एंट-मिमिकिंग मकड़ियों की भी खोज की है।
मनी स्पाइडर के बारे में
मनी स्पाइडर जीनस प्रोसोपोनोइड्स के अंतर्गत बौने मकड़ियों के परिवार से संबंधित है।
इसे Prosoponoides biflectogynus नाम दिया गया है।
अब तक दुनिया भर में इस जीनस से संबंधित मकड़ियों की केवल छह प्रजातियों की पहचान की गई है।
नर और मादा मनी मकड़ियांँ आमतौर पर 3 मिमी से 4 मिमी लंबी होते हैं।
नर और मादा दोनों गहरे भूरे रंग के होते हैं तथा इनके अंडाकार पेट पर अनियमित सिल्वर और काले रंग के धब्बे होते हैं।
मादाएंँ सूखे पेड़ की टहनियों के बीच त्रिकोणीय जाले बनाती हैं और छोटे कीड़ों को खाती हैं, जबकि नर सूखी पत्तियों के नीचे छिपना पसंद करते हैं।
दो या दो से अधिक नरों को एक मादा मकड़ी के जाल में पाया जा सकता है।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
इसकी स्थापना वर्ष 1973 में हुई थी।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल ) नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का एक अभिन्न अंग है।
नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व 2012 में यूनेस्को द्वारा नामित वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व में शामिल होने वाला भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व था ।
इस रिज़र्व के अंतर्गत आने वाले अन्य वन्यजीव उद्यानों में मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान और साइलेंट वैली शामिल हैं।
काबिनी नदी (कावेरी नदी की एक सहायक नदी) इस अभयारण्य से होकर गुजरती है।
अन्य प्रमुख अभ्यारण्य जो हाल ही में चर्चा में रहे
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व( राजस्थान ) -देश का 52वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया I
खिजरिया पक्षी अभ्यारण्य (गुजरात )- रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमि स्थल के रुप में नामित किया गया I
अराबली जैव विविधता पार्क (हरियाणा)- भारत का पहला “अन्य प्रभावी क्षेत्र-आधारित संरक्षण उपाय” (OECM) साइट घोषित किया गया है।
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व(मध्य प्रदेश )- भारत की पहली हॉट एयर बैलून वाइल्डलाइफ सफ़ारी की शुरुआत की गई I
5. भद्रवाह, जम्मू और कश्मीर में भारत का पहला लैवेंडर महोत्सव
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केंद्रीय मंत्री डॉ . जितेंद्र सिंह ने सरकार के अरोमा मिशन 2 के तहत 26 मई 2022 को भद्रवाह , जम्मू–कश्मीर में भारत के पहले लैवेंडर महोत्सव ‘ का उद्घाटन किया।
जम्मू–कश्मीर में भद्रवाह भारत की बैगनी या लैवेंडर क्रांति का जन्मस्थान हैI
भद्रवाह में लैवेंडर महोत्सव में जम्मू और कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, प्रगतिशील किसानों और कृषि उद्यमियों ने भाग लिया I
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के माध्यम से CSIR-IIIM के अरोमा मिशन के तहत लैवेंडर की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2016 में बैगनी क्रांति शुरू की गयी थी I
मिशन का लक्ष्य 2024 तक लैवेंडर की खेती को 1500 हेक्टेयर तक बढाना है I
देश का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन भद्रवाह में बनाया जा रहा है।
कुछ प्रमुख क्रांति और संबंधित क्षेत्र
क्रांति का नाम | क्षेत्र |
हरित क्रांति | खाद्यान्न उत्पादन |
श्वेत क्रांति | दुग्ध उत्पादन |
पीली क्रांति | खाद्य तेलों और तिलहन फसलों के उत्पादन |
नीली क्रांति | मत्स्य उत्पादन |
गुलाबी क्रांति | प्याज और झींगा मछली के उत्पादन |
रजत क्रांति | अंडा उत्पादन |
सुनहरी क्रांति | बागवानी उत्पादन |
6. अरुणाचल प्रदेश में पाए गए एक बंदर का नाम रणनीतिक सेला पास के नाम पर रखा गया
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अरुणाचल प्रदेश में पुरानी दुनिया के बंदर की एक नई प्रजाति पाई गई है जिसका नाम रणनीतिक पहाड़ी सेला दर्रे के नाम पर रखा गया है जो समुद्र तल से 13,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
सेला मकाक (मकाका सेलाई)
बंदर का नाम सेला मकाक ( मकाका सेलाई ) रखा गया है
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) और कलकत्ता विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा इस नए प्राइमेट की पहचान और उसका विश्लेषण किया गया।
यह अध्ययन मॉलिक्यूलर फाइलोजेनेटिक्स एंड इवोल्यूशन के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन से पता चला कि सेला मकाक भौगोलिक रूप से तवांग जिले के अरुणाचल मकाक (मकाका मुंजाला) से सेला द्वारा अलग किया गया था।
अध्ययन के अनुसार इस पर्वतीय दर्रे ने इन दो प्रजातियों के प्रवास को लगभग दो मिलियन वर्षों तक बाधा उत्पन्न किया।
अध्ययन में सेला मकाक को आनुवंशिक रूप से अरुणाचल मकाक के करीब बताया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार सेला मकाक राज्य के पश्चिमी कामेंग जिले में फसल के नुकसान का एक प्रमुख कारण है।
सेला दर्रा के बारे में
यह अरुणाचल प्रदेश में तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच की सीमा पर स्थित एक उच्च ऊंचाई वाला पहाड़ी दर्रा है।
इसकी ऊंचाई 4170 मीटर है और यह भारतीय बौद्ध शहर तवांग को दिरांग और गुवाहाटी से जोड़ता है।
यह दर्रा राष्ट्रीय राजमार्ग 13 को वहन करता है और तवांग को शेष भारत से जोड़ता है।
दर्रा में दुर्लभ वनस्पतियां पाई जाती हैं और आमतौर पर पूरे वर्ष कुछ हद तक बर्फ से ढका रहता है।
सेला सुरंग की आधारशिला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी, 2019 को रखी थी।
7. उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के लिए विशेषज्ञ पैनल का गठन किया
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उत्तराखंड सरकार ने 27 मई को राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया।
समान नागरिक संहिता में विवाह, तलाक, भरण-पोषण, उत्तराधिकार, गोद लेने और अन्य व्यक्तिगत कानूनों को नियंत्रित करने वाले कानूनों की समीक्षा शामिल है।
समिति समुदायों में व्यक्तिगत कानून से संबंधित सभी कानूनों और मामलों की जांच करेगी और एक समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी।
यदि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू होता है वह ऐसा करने वाला देश में गोवा के बाद दूसरा राज्य होगा।
पैनल प्रमुख और उसके सदस्यों के नाम
सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई (परिसीमन आयोग के वर्तमान प्रमुख समिति की अध्यक्षता करेंगे)
सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली
सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर (भारत करदाता संघ के प्रमुख)
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह
दून यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर सुरेखा डंगवाल
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का अर्थ है पूरे देश के लिए एक कानून, जो सभी धार्मिक समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे शादी, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि में लागू होता है।
संविधान का अनुच्छेद 44 देश के प्रत्येक नागरिक के लिए समान नागरिक संहिता हासिल करने की बात करता है।
अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में से एक है।
संविधान का अनुच्छेद 37 यह स्पष्ट करता है कि DPSP "किसी भी अदालत द्वारा लागू नहीं किया जाएगा" लेकिन उसमें निर्धारित सिद्धांत शासन में मौलिक हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संसद को शाह बानो मामले में वर्ष 1985 में एक समान नागरिक संहिता बनाने का निर्देश दिया था।
8. ओडिशा के मुख्यमंत्री ने शुरू किया ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम
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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (ओवीईपी) का शुभारंभ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट (एबीएफटी) के सहयोग से किया गया।
बच्चों को सक्रिय ,स्वस्थ और जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से ओलंपिक से जुड़े पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा प्रणाली में शामिल किया गया I
भुवनेश्वर और राउरकेला शहरों के 90 स्कूलों में नामांकित 32,000 बच्चों तक पहुंचना कार्यक्रम का शुरुआती लक्ष्य है। इसके बाद इसका प्रसार राज्य के लगभग 70 लाख स्कूली बच्चों तक किया जाएगा।
ओडिशा के स्कूल और जन शिक्षा विभाग और अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट ने मिलकर स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल यह कार्यक्रम तैयार किया है
महत्त्वपूर्ण तथ्य
राज्य | राजधानी | राजकीय पक्षी | राजकीय पशु | राजकीय पुष्प | कुल साक्षरता |
हरियाणा | चंडीगढ़ | काला तीतर | कृष्ण मृग या काला हिरण | कमल | 75.55% |
ओडिशा | भुवनेश्वर | नीलकंठ | सांबर | अशोक | 72.9% |
उत्तरप्रदेश | लखनऊ | सारस (क्रौंच) | बारहसिंगा | पलाश | 67.72% |
केरल | तिरुवनंतपुरम | ग्रेट हॉर्न बिल | हाथी | कनिकोन्ना | 94.00% |
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के बारे में
मुख्यालय - लुसाने, स्विट्जरलैंड
महानिदेशक- क्रिस्टोफ़ डी केपर
स्थापना- 23 जून 1894
वर्तमान समय में विश्व की कुल 205 राष्ट्रीय ओलम्पिक समितिया (एनओसी) इसकी सदस्य हैं।
9. राष्ट्रपति ने पुणे में स्वर्गीय श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्ता मंदिर ट्रस्ट का उद्घाटन किया
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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 27 मई को पुणे में स्वर्गीय श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्ता मंदिर ट्रस्ट की 125 वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन किया।
लक्ष्मीबाई मेमोरियल अवार्ड्स 2022
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की तीन नामचीन महिला अचीवर्स को लक्ष्मीबाई मेमोरियल अवार्ड्स 2022 प्रदान किए गए।
पुरस्कार पाने वालों के नाम हैं - डॉ माधुरी कानिटकर, कुलपति, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय; अंतर्राष्ट्रीय बोनसाई विशेषज्ञ डॉ प्राजक्ता काले; और डॉ. भाग्यश्री पाटिल, अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक, डॉ. डी. वाई. पाटिल अभिमत विश्वविद्यालय, पिंपरी।
लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्ता मंदिर के बारे में
यह एक हिंदू मंदिर है जिसे दगदुशेठ गडवे की पत्नी लक्ष्मीबाई दगदुशेठ ने स्थापित किया था।
वह मूल रूप से कर्नाटक की एक लिंगायत व्यापारी थीं।
पुणे में बसने और मीठे और नमकीन स्नैक्स का व्यवसाय स्थापित करने के बाद, परिवार को दगडूशेठ हलवाई के नाम से जाना जाने लगा।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान श्रीमंत दगदूशेठ हलवाई और उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज सेवा की परंपरा बनाई।
यह मंदिर 4 जुलाई 1904 को स्थापित किया गया था और यह श्री दत्तात्रेय को समर्पित है।
महाराष्ट्र में, दत्तात्रेय को तीन हिंदू देवताओं, त्रिमूर्ति-ब्रह्मा, विष्णु और शिव का अवतार माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में देवता विशेष रूप से जागृत हैं, जो इसे भक्तों के बीच एक लोकप्रिय स्थान बनाते हैं।
मंदिर दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर के पास बुधवार पीठ में स्थित है।
2017 में, लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्ता मंदिर पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला पुणे का पहला मंदिर बन गया।
10. प्रधानमंत्री ने कई पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया और चेन्नई में नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी
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पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 मई को चेन्नई में कई पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया और नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
उद्घाटन की गई परियोजनाएं
उन्होंने 28,540 करोड़ रुपये की छह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
उन्होंने 2960 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई पांच परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
उन्होंने केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन किया, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर सुब्रमण्य भारती चेयर 'की घोषणा हाल ही में की गई थी।
पीएम ने बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा प्रस्तावित बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले दो प्रमुख केंद्रों को जोड़ेगा।
उन्होंने चेन्नई पोर्ट को मदुरावॉयल से जोड़ने वाली फोर-लेन, डबल डेकर, एलिवेटेड रोड का भी उद्घाटन किया।
यह चेन्नई बंदरगाह को और अधिक कुशल बना देगा और शहर में भीड़भाड़ कम करेगा।
राज्य के पांच रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।
मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्क
पीएम-आवास योजना के शहरी घटक के तहत चेन्नई लाइट हाउस परियोजना देश में पहली परियोजना के रूप में।