1. कनाडा ने भारतीय केले और बेबी कॉर्न को अपने बाजार सुलभ कराया
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भारतीय केले और बेबी कॉर्न के लिए बाजार पहुंच के मुद्दे पर भारत तथा कनाडा के राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठनों के मध्य हुई बातचीत के परिणामस्वरूप इन वस्तुओं ने कनाडा के बाजार में अपनी पहुंच सुनिश्चित कर ली है।
सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण) श्री मनोज आहूजा और कनाडा के उच्चायुक्त माननीय कैमरून मैके के बीच 7 अप्रैल 2022 को हुई बैठक में कनाडा ने सूचित किया कि निर्देश डी-95-28: मक्का के लिए प्लांट प्रोटेक्शन इंपोर्ट एंड डोमेस्टिक मूवमेंट रिक्वायरमेंट्स और ऑटोमेटेड इम्पोर्ट रेफरेंस सिस्टम (एआईआरएस) के अद्यतन के बाद भारत से कनाडा को ताजा बेबी कॉर्न का निर्यात अप्रैल 2022 से शुरू हो सकता है।
इसके अलावा, भारत द्वारा ताजा केले के लिए प्रदान की गई तकनीकी जानकारी के आधार पर कनाडा ने भारतीय केले को कनाडा में निर्यात हेतु तत्काल प्रभाव से स्वीकृति दे दी है।
कनाडा सरकार के इस निर्णय से इन फसलों को उगाने वाले भारतीय किसानों को अत्यधिक लाभ होगा और साथ ही भारत की निर्यात आय में भी वृद्धि होगी।
भारत का कृषि निर्यात को बढ़ावा:
इसके साथ ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बताया कि उच्च माल ढुलाई दरों और कंटेनर की कमी आदि जैसे कोरोना से उत्पन्न लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद भारत का कृषि निर्यात वर्ष 2021-22 में 50 बिलियन अमरीकी डालर को पार कर गया है।
मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात 2021-22 के दौरान 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचा है।
2. नीति आयोग के निर्यात तत्परता सूचकांक में गुजरात पुनः शीर्ष पर
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गुजरात, नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति) आयोग के निर्यात तत्परता सूचकांक में लगातार दूसरी बार शीर्ष पर है। सूचकांक राज्यों के निर्यात प्रदर्शन और क्षमता के संदर्भ में उनकी तत्परता का आकलन करता है। सूचकांक को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की उपस्थिति में जारी किया।
रिपोर्ट की मुख्य बातें
रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान गुरुग्राम, हरियाणा के साथ साझेदारी में 25 मार्च 2022 को जारी किया गया।
गुजरात शीर्ष स्थान पर रहा, उसके बाद क्रमशः महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान रहा।
ईपीआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 4 मुख्य स्तंभों पर रैंक करता है
नीति
व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र
निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र;
निर्यात प्रदर्शन
इसके अतिरिक्त 11 उप-स्तंभ-निर्यात संवर्धन नीति; संस्थागत ढांचा; व्यापारिक वातावरण; आधारभूत संरचना; परिवहन कनेक्टिविटी; वित्त तक पहुंच; निर्यात अवसंरचना; व्यापार सहायता; आर एंड डी इंफ्रास्ट्रक्चर; निर्यात विविधीकरण; और विकास अभिविन्यास प्रमुख हैं जिसके आधार पर रैंक जारी करता है।
ईपीआई की रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य सभी भारतीय राज्यों के बीच अनुकूल निर्यात-संवर्धन नीतियों को लाने के लिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, उप-राष्ट्रीय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नियामक ढांचे को आसान बनाना, निर्यात के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और प्रतिस्पर्धात्मकता निर्यात में सुधार के लिए रणनीतिक सिफारिशों की पहचान करने में सहायता करना है।
प्रतिस्पर्धा संस्थान
प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, संयुक्त राज्य अमेरिका में रणनीति और प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान के वैश्विक नेटवर्क का भाग है।
यह प्रतिस्पर्धा और रणनीति को समझने के लिए समर्पित एक शोध संस्थान है।
मुख्यालय: गुरुग्राम, हरियाणा।
नीति आयोग
यह योजना आयोग की जगह भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था।
नीति आयोग देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए भारत सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
इसे 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया गया था।
प्रधानमंत्री नीति आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
मुख्यालय: नई दिल्ली।
3. फ्रेट ग्राहकों के लिए रेल ग्रीन पॉइंट्स
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भारतीय रेलवे ने हाल ही में फ्रेट ग्राहक को कार्बन सेविंग पॉइंट, जिसे रेल ग्रीन पॉइंट कहा जाता है, आवंटित करने के लिए नीतिगत दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं।
यह केवल उन फ्रेट ग्राहकों पर लागू होगा जो फ्रेट ऑपरेशंस इंफॉर्मेशन सिस्टम (एफओआईएस) के ई-रजिस्ट्रेशन ऑफ डिमांड (ई-आरडी) पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
माल ढुलाई सेवाओं के लिए ऑनलाइन (ई-डिमांड मॉड्यूल पर) मांग करने वाले प्रत्येक ग्राहक को रेल ग्रीन पॉइंट नामक कार्बन उत्सर्जन की अपेक्षित बचत का विवरण दिया जाएगा।
फ्रेट बिजनेस डेवलपमेंट पोर्टल पर ग्राहक के खाते में ग्रीन पॉइंट जमा किए जाएंगे।
रेल ग्रीन पॉइंट प्रदर्शित करने वाला डाउनलोड करने योग्य प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
रेलवे से किसी भी लाभ के लिए रेल ग्रीन पॉइंट का दावा नहीं किया जा सकता है।
रेल ग्रीन पॉइंट की गणना वित्तीय वर्ष के आधार पर की जाएगी।
कॉर्पोरेट ग्राहक अपनी वेबसाइट पर और अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ग्रीन पॉइंट्स का उल्लेख कर सकते हैं।
रेल ग्रीन प्वाइंट के लिए मॉड्यूल को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स/फ्रेट ऑपरेशंस इंफॉर्मेशन सिस्टम (सीआरआईएस/एफओआईएस) द्वारा विकसित किया जाएगा।
इस योजना के अप्रैल 2022 से आरंभ होने की संभावना है।
4. भारत ने लक्ष्य तिथि से पूर्व ही 400 अरब डॉलर का व्यापारिक निर्यात प्राप्त किया
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महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021 में गिरावट दर्ज करने के बाद भी, पहली बार, लक्ष्य से नौ दिन पहले, भारत का वार्षिक माल निर्यात वित्त वर्ष 2022 में $ 400 बिलियन का आंकड़ा पार कर गया। यह "लोकल गोज ग्लोबल - मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड" के विषय पर भारत की आत्मानिर्भर भारत यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह 2018-19 में प्राप्त किए गए 330 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पिछले रिकॉर्ड से कहीं अधिक है।
दिसंबर 2021 में 39.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का अब तक का सबसे अधिक मासिक व्यापारिक निर्यात दर्ज किया गया।
यह इंजीनियरिंग उत्पादों, परिधान और वस्त्र, रत्न और आभूषण और पेट्रोलियम उत्पादों सहित व्यापारिक वस्तुओं के शिपमेंट में वृद्धि के माध्यम से प्राप्त किया गया है।
चावल, समुद्री उत्पादों, गेहूं, मसालों और चीनी के निर्यात की मदद से कृषि उत्पादों ने भी 2021-22 के दौरान अपना उच्चतम निर्यात दर्ज किया है।
चावल की बासमती और गैर-बासमती दोनों किस्मों ने कुल निर्यात लक्ष्य का 90-100% हासिल किया।
पिछले वर्ष की तुलना में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात लगभग 50% बढ़ा है।
सूती धागे/फैब्रिक्स/मेड-अप्स, हथकरघा उत्पाद, रत्न और आभूषण और मानव निर्मित यार्न/फैब्रिक्स/मेड-अप आदि के निर्यात में 50% -60% के बीच वृद्धि दर दर्ज की गई है।
निर्यात लक्ष्य की प्राप्ति के पीछे एक विस्तृत रणनीति थी, जिसमें विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए थे - देश-वार, उत्पाद-वार और निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी)-वार, निगरानी और कार्यप्रणाली में सुधार मुख्य थे।
निर्यात में यह वृद्धि कई व्यापार भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के लिए चल रही वार्ता में भारत की स्थिति को और भी मजबूत करेगी।
परन्तु इसमें उछाल के बावजूद, भारत का व्यापार संतुलन नकारात्मक बना हुआ है।
निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास :
ब्याज समानीकरण योजना को निर्यातकों तक बढ़ा दिया गया है और इससे बड़ी संख्या में एमएसएमई निर्यातकों को लाभ होने की संभावना है।
निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करना जैसे-
राज्य और केंद्रीय करों और लेवी (आरओएससीटीएल) योजना की छूट
निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना।
विनिर्माण के 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं :-
निर्यात हब (DEH) पहल के रूप में जिलों को स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादों / सेवाओं के निर्यात वृद्धि को चलाने में जिलों को सक्रिय हितधारक बनाने के लिए अपनाया गया है।
जिला स्तर से विदेशी बाजार तक एक फर्म बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज स्थापित करने के लिए कई हितधारकों के बीच समन्वय।
5. एशिया का सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन कार्यक्रम 'विंग्स इंडिया 2022', की शुरुआत हैदराबाद में
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एशिया का सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन "विंग्स इंडिया" 24 मार्च 2022 को हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर आरंभ हुआ है। 5वें संस्करण का आयोजन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) द्वारा 24-27 मार्च 2022 तक किया जाएगा।
हालांकि इस आयोजन का औपचारिक उद्घाटन 25 मार्च को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किया जाएगा।
"विंग्स इंडिया" 2022 का विषय है: "इंडिया@75: एविएशन इंडस्ट्री के लिए नया क्षितिज।"
यह हर दो वर्षों में आयोजित किया जाता है और यह "विंग्स इंडिया" का पांचवां संस्करण है।
चार दिवसीय कार्यक्रम उद्योग जगत के नेताओं, कंपनियों और अन्य हितधारकों के लिए वार्ता करने, व्यापार पर चर्चा करने और अन्य अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
विंग्स इंडिया 2022 का उद्देश्य:
यह भारत को विश्व के शीर्ष उड्डयन केंद्र में बदलने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
इसका उद्देश्य नए व्यापार अधिग्रहण, निवेश, नीति निर्माण और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए तेज़ी से बदलती गतिशीलता के लिये एक अनुकूल मंच प्रदान करना है।
यह उड्डयन के लिये वांछित और पुनर्गठित केंद्रित मंच प्रदान करेगा तथा 'विंग्स इंडिया 2022' पर खरीदारों, विक्रेताओं, निवेशकों और अन्य हितधारकों को जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाएगा।
शो की पृष्ठभूमि
भारत पूर्व में रक्षा और नागरिक उड्डयन दोनों क्षेत्रों को मिलाकर, बेंगलुरू में एक एकल द्विवार्षिक एयर शो आयोजित करता था। वर्ष 2008 में, यह निर्णय लिया गया कि वाणिज्यिक विमानन एक अलग प्रदर्शनी के योग्य है, जिसके बाद हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर भारतीय नागरिक उड्डयन एयरशो का उद्घाटन किया गया।
2017 में शो का नाम बदलकर विंग्स इंडिया कर दिया गया।
डिफेंस एयर शो "एयरो इंडिया" हर दो वर्ष में येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन, बेंगलुरु कर्नाटक में आयोजित किया जाता है।
6. भारत वर्ष 2031 तक 22480 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता प्राप्त करेगा
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भारत सरकार ने 2031 तक 22480 मेगावाट स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में भारत में स्थापित परमाणु क्षमता 6780 मेगावाट है।
सरकार ने 700 मेगावाट क्षमता के 10 स्वदेशी निर्मित दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) और 500 मेगावाट के प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) के निर्माण को मंजूरी दी है।
सरकार को उम्मीद है कि ये परियोजना वर्ष 2031 तक पूरी हो जाएगी और भारत में कुल स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 22480 मेगावाट हो जाएगी।
भारत सरकार ने संसद को यह भी सूचित किया है कि उसने भारत में कुछ नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
स्वीकृत नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं :
स्थान | क्षमता (मेगावाट) | सहयोगी देश |
जैतापुर, महाराष्ट्र | 6 X 1650 | फ्रांस |
कोव्वाडा, आंध्र प्रदेश | 6 X 1208 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
छाया, मीठी विरदी, गुजरात | 6 X 1000 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
हरिपुर, पश्चिम बंगाल | 6 X 1000 | रूस |
भीमपुर, मध्य प्रदेश | 4 X 700 | स्वदेशी |
भारत में संचालित परमाणु ऊर्जा संयंत्र
कैगा (कर्नाटक): स्थापित क्षमता 880 मेगावाट
कलपक्कम (तमिलनाडु) : स्थापित क्षमता 440 मेगावाट
काकरापार (गुजरात), स्थापित क्षमता 440 मेगावाट
नरोरा (उत्तर प्रदेश) : स्थापित क्षमता 440 मेगावाट
तारापुर (महाराष्ट्र) : स्थापित क्षमता 1440 मेगावाट
राजस्थान परमाणु ऊर्जा संयंत्र, रावतभाटा : स्थापित क्षमता 1180 मेगावाट
कुडनकुलम (तमिलनाडु) : यह रूस द्वारा बनाया जा रहा है, स्थापित क्षमता 2000 मेगावाट
वर्तमान में, भारत के 7 राज्यों में 22 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर कार्यरत हैं, जिनकी स्थापित क्षमता 6780मेगावाट है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना अगस्त 1948 में हुई थी और डॉ. होमी जहांगीर भाभा इसके प्रथम निदेशक थे।
डॉ. होमी जहांगीर भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का जनक माना जाता है।
भारत और एशिया का पहला परमाणु रिएक्टर मुंबई में स्थापित किया गया था जो 1956 में चालू हुआ। यह अप्सरा नामक एक परमाणु अनुसंधान रिएक्टर था। इसे 2009 में बंद कर दिया गया।
भारत में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र 1969 में तारापुर, महाराष्ट्र में स्थापित किया गया था। इसे संयुक्त राज्य की मदद से स्थापित किया गया था।
7. खरीफ सीजन के लिए भारत इज़राइल से म्यूरेट ऑफ पोटाश आयात करेगा
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रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण शिपमेंट में व्यवधान के बाद आने वाले खरीफ सीजन के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत, इज़राइल से उर्वरकों का आयात करके आगामी खरीफ सीजन के लिए उर्वरक का भंडार बना रहा है।
इंडियन पोटाश लिमिटेड ने इज़राइल केमिकल लिमिटेड से 600,000 टन म्यूरेट ऑफ पोटाश आयात करने के लिए पांच वर्ष के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत विश्व में उर्वरक का प्रमुख आयातक है। भारत अपनी 40 लाख से 50 लाख टन पोटाश की पूरी वार्षिक खपत के लिए आयात पर निर्भर है और इसका एक तिहाई भाग बेलारूस और रूस से आयात करता था।
लैंडलॉक्ड बेलारूस अपने निर्यात के लिए रूस और लिथुआनिया के बंदरगाहों का उपयोग करता है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, शिपिंग मार्गों को बंद कर दिया गया है और मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूसी और बेलारूसी कंपनियों के साथ व्यापार करना मुश्किल बना दिया है।
इंडिया पोटाश लिमिटेड उर्वरक विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
भारत में फसलों के मौसम
भारत में सामान्यतः फसलों तीन मौसम होते हैं:
खरीफ : इन्हें बरसात के मौसम में जून/जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर/नवंबर में काटा जाता है।
मुख्य फसलें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, कपास, अरहर, मूंग, उड़द आदि हैं।
रबी : इन्हें सर्दियों के मौसम में नवंबर/दिसंबर के महीने में बोया जाता है और मार्च/अप्रैल के महीने में काटा जाता है।
मुख्य फसलें गेहूं, सरसों, चना मटर, आलू, जई, जौ, सूरजमुखी,चना आदि हैं।
जायद : ये रबी मौसम के बाद और खरीफ मौसम की शुरुआत से पहले उगाए जाते हैं। मुख्य रूप से सब्जियां, तरबूज, खीरा आदि उगाए जाते हैं।
8. स्टार्टअप को ऋण को इक्विटी में बदलने के लिए मिला 10 वर्ष का समय
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भारत में स्टार्ट अप कंपनियों को एक बड़ी राहत देते हुए भारत सरकार ने स्टार्ट अप द्वारा जारी किए गए डेब्ट इंस्ट्रूमेंट को इक्विटी शेयरों में बदलने की अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, एक परिवर्तनीय नोट को इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया जा सकता है या स्टार्टअप कंपनी द्वारा जारी किए जाने के 10 वर्षों के भीतर भुनाया जा सकता है। इससे स्टार्टअप को फंड जुटाने में मदद मिलने की संभावना है।
परिवर्तनीय नोट क्या है
यह एक कंपनी द्वारा अपने निवेशक को उनसे प्राप्त धन के लिए जारी किया गया एक ऋण पत्र है। ऋण एक निश्चित समय अवधि के बाद इक्विटी शेयरों में परिवर्तित हो जाता है या एक निश्चित समय अवधि के बाद भुनाया जाता है।
किस प्रकार कार्य करता है
मान लीजिए कि एक स्टार्टअप कंपनी ए को निवेशक बी से 100 रुपये मिलते हैं। कंपनी बी को एक पेपर जारी करती है जिसमें कहा गया है कि उसने बी से 5 वर्ष के लिए 100 रुपये प्राप्त किए हैं और यह बी को प्रति वर्ष 2 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करेगा। पेपर में यह भी उल्लेख किया गया है कि कंपनी ए 100 रुपये की राशि बी को वापस कर देगी या 100 रुपये का भुगतान करने के बजाय इसे 5 साल बाद कंपनी के 2 इक्विटी शेयरों में बदल देगी।
भारत में स्टार्ट अप की विस्तृत परिभाषा के लिए 16 जनवरी 2022 का पोस्ट दखिये
9. आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक के नए डिजिटल लॉन्च पर सभी प्रतिबंध हटाए
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भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक डिजिटल बिजनेस प्लान पर लगाई गई रोक को हटा लिया है। दिसंबर 2020 में, RBI ने बैंक पर नए डिजिटल लॉन्च और अपने क्रेडिट कार्ड व्यवसाय के लिए नए ग्राहक प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
यह आरबीआई द्वारा बैंक के ग्राहकों से बैंक की इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग आधारित सेवाओं में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने के बाद किया गया था।
अगस्त 2021 में, RBI ने अपने क्रेडिट कार्ड व्यवसाय से प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन इसके नए डिजिटल लॉन्च पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया था। अब सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
भारत में क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा जारीकर्ता: एचडीएफसी बैंक
क्रेडिट का दूसरा सबसे बड़ा जारीकर्ता एसबीआई और फिर आईसीआईसीआई बैंक है
भारत में डेबिट कार्ड का सबसे बड़ा जारीकर्ता: एसबीआई।
एचडीएफसी बैंक
यह भारत का सबसे बड़ा निजी बैंक है।
यह SBI के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है
एचडीएफसी बैंक का मुख्यालय मुंबई है।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): शशिधर जगदीशन
10. डिजिटल शॉपिंग में वैश्विक निवेश के लिए भारत दूसरे स्थान पर
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भारत डिजिटल शॉपिंग कंपनियों के लिए दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक उद्यम पूंजी निवेश गंतव्य है। लंदन एंड पार्टनर्स विश्लेषण Dealroom.co निवेश डेटा के अनुसार, इसमें 175 % की वृद्धि देखी गई जो 2020 में 8 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 2021 में 22 बिलियन अमरीकी डालर हो गया।
भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर था। 2021 में अमेरिका ने 51 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश आकर्षित किया, उसके बाद चीन 14 बिलियन अमरीकी डालर के साथ तीसरे और ब्रिटेन 7 बिलियन अमरीकी डालर के साथ चौथे स्थान पर रहा।
बेंगलुरू दुनिया का शीर्ष शहर रहा है जिसने 14 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश आकर्षित किया और गुरुग्राम 4 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश के साथ सातवें और मुंबई 2021 में 3 बिलियन अमरीकी डालर के साथ नंबर 10 पर आया।
- विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर बेंगलुरु के बाद दूसरे और संयुक्त राज्य अमेरिका का ही सैन फ्रांसिस्को भी तीसरे स्थान पर आया।