1. डीकिन विश्वविद्यालय भारत में अपना अंतर्राष्ट्रीय शाखा परिसर स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बना
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डीकिन विश्वविद्यालय, जो ऑस्ट्रेलिया का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है, गिफ्ट सिटी, गुजरात में एक अंतर्राष्ट्रीय शाखा परिसर (IBC) स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) की स्वीकृति प्राप्त करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बन गया है।
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केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में घोषणा की कि “गिफ्ट सिटी में विश्व स्तर के विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को कैंपस खोलने की अनुमति दी जाएगी।
IFSCA की मंजूरी का का अर्थ है कि गिफ्ट सिटी में डीकिन विश्वविद्यालय की शाखा भारतीय और विदेशी छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलिया में पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों को शुरू करने में सक्षम होगी।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के बारे में
IFSCA की स्थापना 27 अप्रैल, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी।
इसका मुख्यालय गिफ्ट सिटी, गांधीनगर, गुजरात में है।
यह भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और नियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण है।
यह वर्तमान में भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।
IFSCA की स्थापना से पहले, IFSC में व्यापार घरेलू वित्तीय नियामकों, RBI, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा नियंत्रित किया जाता था। .
IFSCA के अध्यक्ष - इंजेती श्रीनिवास
2. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन किया
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 3 मार्च को मध्य प्रदेश के भोपाल में 7वें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन किया।
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तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का समापन 5 मार्च को होगा।
इसका आयोजन सांची यूनिवर्सिटी ऑफ बुद्धिस्ट-इंडिक स्टडीज के सहयोग से इंडिया फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
सम्मेलन की थीम 'नए युग के लिए पूर्वी मानवतावाद' है।
इसका उद्देश्य धर्म-धम्म परंपराओं के धार्मिक, राजनीतिक और विचारशील नेताओं को एक साथ लाना है ताकि उभरती हुई नई विश्व व्यवस्था के लिए एक दार्शनिक रूपरेखा तैयार की जा सके।
धर्म-धम्म के वैश्विक विचारों को मंच प्रदान करने वाले इस सम्मेलन में 15 देशों के 350 से अधिक विद्वान भाग ले रहे हैं।
इस सम्मेलन में भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरीशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन के बारे में
यह धर्म-धम्म परंपराओं को पुनर्जीवित करने और 21वीं सदी में राज्य के लिए समाधान खोजने और नीतियां बनाने में उन्हें प्रासंगिक बनाने का एक वार्षिक मंच है।
हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म की धर्म-धम्म परंपराओं के साथ-साथ पूर्व के अन्य धार्मिक सिद्धांतों में विश्व व्यवस्था की चुनौतियों का स्पष्ट रूप से समग्र और समावेशी उत्तर है।
3. 5वां जन औषधि जन चेतना अभियान
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केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के द्वारा देशभर में 5वें जन औषधि जन चेतना अभियान के समारोह की शुरुआत 1 मार्च को की गयी।
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फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने 1 से 7 मार्च 2023 तक जन औषधि स्कीम के बारे में जागरुकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न शहरों में कई कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है।
जनऔषधि दिवस, 2023 का विषय “जन औषधि सस्ती भी – अच्छी भी” के साथ ही क्विज का आयोजन फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई), फार्मास्यूटिकल्स विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया।
पीएमबीआई (फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया) और माईजीओवी (MyGov) ने जन औषधि जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस क्विज का उद्देश्य सभी बच्चों (13-16 वर्ष) के बीच जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
जनऔषधि योजना के बारे में
यूपीए सरकार द्वारा जनऔषधि योजना को 2008 में शुरू किया गया था ।
इस योजना को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में, फिर से शुरू किया था।
“जन औषधि मेडिकल स्टोर” के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की बिक्री द्वारा इस अभियान कि शुरुआत देशभर में की गयी।
2015 में जन औषधि योजना’ का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना’ (PMJAY) कर दिया गया ,लेकिन इसे नवंबर 2016 में “प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना” कर दिया गया।
सभी को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) फार्मास्यूटिकल्स विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस योजना कि शुरू की गई थी।
4. नई दिल्ली में आयोजित हुई प्रतिस्पर्द्धा कानून के अर्थशास्त्र पर राष्ट्रीय सम्मेलन
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3 मार्च को नई दिल्ली में प्रतिस्पर्द्धा कानून के अर्थशास्त्र पर राष्ट्रीय सम्मेलन का 8 वां संस्करण आयोजित किया गया।
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यह सम्मेलन 2016 से भारत के प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) द्वारा हर साल आयोजित किया जा रहा है।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेस्वरन ने उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण प्रदान दिया।
सम्मेलन प्रतिस्पर्द्धा कानून के अर्थशास्त्र के क्षेत्र में काम करने वाले विद्वानों, चिकित्सकों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को एक मंच पर लाता है।
सम्मेलन में एक पूर्ण सत्र और दो तकनीकी सत्र शामिल हैं।
इस वर्ष के सम्मेलन की थीम 'एंटीट्रस्ट और विनियमन: इंटरफेस और सिनर्जी' है।
सम्मेलन के उद्देश्य
प्रतिस्पर्धा कानून के अर्थशास्त्र के क्षेत्र में समकालीन मुद्दों पर अनुसंधान और बहस को प्रोत्साहित करना।
भारतीय संदर्भ के लिए प्रासंगिक प्रतिस्पर्धा के मुद्दों की बेहतर समझ विकसित करना।
भारत में प्रतिस्पर्धा कानून के प्रवर्तन के लिए परामर्श देना।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) भारत में प्रमुख राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नियामक है।
यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित किया गया था।
यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
यह स्वस्थ बाजार प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और भारत में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली गतिविधियों को रोकता है।
सीसीआई अधिनियम के तहत संयोजनों को भी मंजूरी देता है ताकि दो विलय वाली संस्थाओं का बाजार पर एकाधिकार न स्थापित हो सके।
मुख्यालय - नई दिल्ली
वर्तमान अध्यक्ष - अशोक कुमार गुप्ता
5. उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में किए बड़े बदलाव
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उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने 2 मार्च 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सलाह पर की जाएगी। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।
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न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अपने निर्णय में कहा कि यह नियम तब तक कायम रहेगा जब तक कि संसद इस मुद्दे पर कानून नहीं बना देती।
शीर्ष अदालत के अनुसार, अगर लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं हैं तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी समिति में शामिल किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं से सहमति जताते हुए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पांच बड़े बदलाव किए। ये इस प्रकार हैं:
तीनों अधिकारियों की नियुक्तिपीएम, एलओपी और सीजेआई के कॉलेजियम द्वारा की जाएगी।
उन्हें संसद में महाभियोग चलाकर ही हटाया जा सकता है, यह प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने के समान है। अब तक, उन्हें सरकार द्वारा हटाया जा सकता था।
आयोग का अलग बजट होगा। अब तक, उन्हें कानून मंत्रालय को आवंटित केंद्रीय बजट का हिस्सा मिलता था।
आयोग का संसद की तरह अलग सचिवालय होगा।
आयोग को यह अधिकार होगा कि जहां कहीं भी कोई रिक्तता हो या कानून में स्पष्टता न हो, वह अपने नियम स्वयं बना सके।
नए नियम की वैधता:
पांच जजों (न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार) की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अपने निर्णय में कहा कि यह नियम तब तक लागु रहेगा जब तक कि संसद इस विषय पर नए कानून नहीं बना देती।
शीर्ष अदालत के अनुसार, लोकतंत्र में चुनाव निस्संदेह निष्पक्ष होना चाहिए और इसकी शुद्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।
6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायसीना डायलॉग का उद्घाटन किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मार्च को नई दिल्ली में भूराजनीतिक और भू-रणनीति पर रायसीना डायलॉग के आठवें संस्करण का शुभारंभ किया।
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रायसीना डायलॉग का आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ, स्थापना वर्ष 1990) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता रहा है। इस संवाद का आयोजन दो से चार मार्च 2023 तक किया जाएगा।
रायसीना डायलॉग के आठवें संस्करण का थीम 'उकसावा, अनिश्चितता, संकट और तूफान में जलता दीया' है।
तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी को उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
भारत की जी 20 अध्यक्षता की पृष्ठभूमि में इस वर्ष का संस्करण विशेष महत्व रखता है। इस संवाद में 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे और कार्यवाही विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर लाखों लोगों तक पहुंच सकेगी।
विगत आठ वर्षों के दौरान, रायसीना डायलाग ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अग्रणी वैश्विक सम्मेलनों में से एक के रूप में स्वंय को स्थापित करने के लिए लगातार वृद्धि की है।
इस संवाद कार्यक्रम में (रायसीना डायलाग 2023) सौ से भी अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जिनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, सैन्य कमांडर, उद्योग के प्रमुख, प्रौद्योगिकी के नेता, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के जानकार व विशेषज्ञ शामिल हैं।
फरवरी 2023 में इस संवाद कार्यक्रम में ईरान के विदेश मंत्री के इस सम्मलेन में भाग लेने से मना करने के वजह से ये काफी सुर्ख़ियों में रहा था।
रायसीना डायलॉग:
इसका आरंभ वर्ष 2016 में किया गया था।
इसका मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।
भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसलिए इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है।
7. छत्रपति संभाजीनगर में महिला-20 इंसेप्शन की दो दिवसीय बैठक
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27-28 फरवरी, 2023 तक भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान दुनिया भर में महिलाओं के स्थिति और दशा में सुधार पर चर्चा करने के लिए महिला-20 (W20) इंसेप्शन मीटिंग महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरगांबाद) में आयोजित की गई। जिसका शुभारंभ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने किया।
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W20 बैठक का मुख्य विषय ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए लैंगिक समानता, समानता और गरिमा की खोज’ है।
बैठक का मुख्य उद्देश्य लैंगिक समानता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
भारत की G20 अध्यक्षता के तहत W20 के पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं:
उद्यमिता क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना
जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व
लैंगिक डिजिटल विभाजन को कम करना
शिक्षा और कौशल विकास और परिवर्तन निर्माताओं के रूप में महिलाएं और
लड़कियाों के लिए जलवायु लचीलापन कार्रवाई करना शामिल है।
भारत में होने वाली W20 इंसेप्शन मीट में महिलाओं को सभी क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के लिए इन्हीं पांच मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा बैठक के दौरान लैंगिक संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
महिला-20 की तीन बैठक:
G20 अध्यक्षता के दौरान भारत में W20 इंसेप्शन की कुल तीन बैठकें आयोजित की जा रही है।
पहली बैठक महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 27-28 फरवरी, 2023 तक आयोजित की गई।
दूसरी बैठक 13-14 अप्रैल को राजस्थान के जयपुर में होगी और
तीसरी बैठक 15-16 जून को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में W20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा।
महिला-20 सम्मलेन:
महिला-20, G20 के तहत विश्व में लैंगिक समानता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
इसे 2015 में तुर्की की अध्यक्षता के दौरान स्थापित किया गया था।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लैंगिक विचारों को G20 चर्चाओं में मुख्यधारा में शामिल किया जाए और नीतियों और प्रतिबद्धताओं के रूप में G20 नेताओं की घोषणा में अनुवादित किया जाए।
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान W20 की अध्यक्ष संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा हैं।
8. डीएमआरसी ‘वर्चुअल शॉपिंग एप’ आरंभ करने की योजना
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दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) शीघ्र ही अपने यात्रियों के लिए देश का पहला वर्चुअल शॉपिंग ऐप आरंभ करने जा रही है, जिससे यात्री अपनी यात्रा के दौरान शॉपिंग कर सकते हैं और गंतव्य स्टेशनों पर आर्डर किया सामान की डिलीवरी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
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इस 'मोमेंटम 2.0, को एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जिसमें एप्लिकेशन अपने यूजर्स को कस्टम मेड सेवाओं जैसे लास्ट माइल कनेक्टिविटी विकल्प, ई-शॉपिंग विकल्पों की एक लंबी सीरीज और शीघ्र तथा सुरक्षित डिलीवरी के लिए डिजिटल लॉकर तक तात्कालिक और सीधी सुविधाएं प्रदान करेगा।
इसके साथ ही ऐप में दिल्ली मेट्रो के स्मार्ट कार्ड को भी रिचार्ज और अन्य उपयोगों के साथ स्मार्ट भुगतान जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
इसके अतिरिक्त यह ऐप यात्रियों को अपने स्मार्ट कार्ड को कहीं से भी शीघ्र रिचार्ज करने की सुविधा प्रदान करेगा। ऐप में इनबिल्ट स्मार्ट कार्ड के लिए ऑटो-टॉप-अप सुविधा है।
ऐप स्मार्ट भुगतान की सुविधा भी प्रदान करेगा। ऑटोमेटिक मोड में निर्देश को सेट करके बीमा, बिजली, गैस भुगतान या फास्टटैग रिचार्ज जैसे भुगतान आसानी से किए जा सकते हैं।
ऐप मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाओं गेट्स, लिफ्ट, एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म, ट्रेन का समय, कोचों में जगह और स्थान की उपलब्धता की स्थिति जैसी विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
इससे यात्रियों को मेट्रो से बाहर निकलने से पहले बाइक-कैब बुक करने में सहायक होगी।
9. हैदराबाद में पशुपालन और डायरी पर 'ग्रैंड स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव'
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केंद्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा हैदराबाद में पशुधन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्रों में वर्तमान और उभरते स्टार्टअप्स के लिए 28 फरवरी, 2023 को एक 'ग्रैंड स्टार्टअप कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किया।
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सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, तेलंगाना सरकार और उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से पशुधन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देना है।
यह सम्मेलन, अपने विचारों और नेटवर्क को साझा करने के लिए उद्यमियों, निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा।
इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, स्टार्टअप इंडिया, सीआईआई और तेलंगाना के पशुपालन विभाग की साझेदारी में किया गया।
10. सरकार प्रथम बार बंजारा समुदाय के धार्मिक गुरु संत सेवालाल महाराज के जयंती का आयोजन किया
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केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय पहली बार बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक और धार्मिक गुरु संत सेवालाल महाराज की 284वीं जयंती के उपलक्ष्य में पूरे साल उत्सव का आयोजन कर रहा है।
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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत यह जयंती वर्ष कार्यक्रम 26 फरवरी, 2023 को आरंभ हुआ। इसके तहत 26-27 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 284वें जयंती समारोह के एक भाग के रूप में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया।
पिछले 3 वर्षों से नई दिल्ली स्थित संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली में इसका उत्सव मनाता रहा है।
संत सेवालाल महाराज:
इनका जन्म 15 फरवरी, 1739 को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सुरगोंडनकोप्पा में हुआ था।
इन्हें बंजारा समुदाय का समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु माना जाता है।
आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में उनके असाधारण ज्ञान, उत्कृष्ट कौशल और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण वे आदिवासी समुदायों में प्रचलित मिथकों व अंधविश्वासों को दूर करने और उनके जीवन में सुधार लाने में सक्षम थे।
कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संत सेवालाल महाराज हर बंजारा परिवार के पूजनीय प्रतीक हैं।
फरवरी में इन सभी राज्यों में संत सेवालाल महाराज जी की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
संत सेवालाल जी का समाधि स्थल महाराष्ट्र के वाशिम जिला स्थित मनोरा तालुका के पोहरादेवी में स्थित है, जिसे बंजारा काशी के नाम से भी जाना जाता है।
देश में बंजारा समुदाय की आबादी लगभग 10 से 12 करोड़ है।