1. मणिपुर ने खोंगजोम युद्ध स्मारक परिसर में खोंगजोम दिवस मनाया
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मणिपुर में थौबल जिले के खेबाचिंग में खोंगजॉम युद्ध स्मारक परिसर में 23 अप्रैल को खोंगजॉम दिवस मनाया गया।
प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को मणिपुर में ‘खोंगजोम दिवस’ मनाया जाता है।
यह दिन, वर्ष 1891 के एंग्लो-मणिपुरी युद्ध के दौरान खोंगजॉम की लड़ाई में मणिपुर की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरूद्ध सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर मणिपुर के योद्धाओं की याद में मनाया जाता है।
यह दिवस मणिपुर सरकार द्वारा थौबल जिले में स्थित खोंगजोम वार मेमोरियल कॉम्प्लेक्स में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
खोंगजोम वार मेमोरियल कॉम्प्लेक्स, एक ऐतिहासिक युद्ध स्मारक स्थल है, जिसमे युद्ध में लड़े सैनिकों की याद में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची तलवार की प्रतिमा है।
एंग्लो-मणिपुर युद्ध
एंग्लो-मणिपुर युद्ध, ब्रिटिश साम्राज्य तथा मणिपुर साम्राज्य के मध्य एक सशस्त्र संघर्ष था, जो 31 मार्च से 27 अप्रैल 1891 तक लड़ा गया था।
इस ऐतिहासिक युद्ध की शुरुआत मणिपुर के राजकुमारों के मध्य ईर्ष्या, असंतोष, अविश्वास और कलह के कारण हुई थी।
यह युद्ध मणिपुर के खोंगजोम की खेबा पहाड़ियों पर लड़ा गया था और इसलिये इस दिवस का नाम खोंगजोम दिवस है।
27 अप्रैल 1891 को युद्ध समाप्त होने के पश्चात् मणिपुर पर अंग्रेज़ों का प्रत्यक्ष नियंत्रण हो गया था।
इस युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने कई लोगों के विरुद्ध मुकदमा चलाया और उन्हें मृत्यु दंड दिया।
2. नीति आयोग का ऊर्जा जलवायु सूचकांक
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नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा एवं जलवायु सूचकांक - चक्र 1 (एसईसीआई) जारी किया है जिसमें गुजरात ने बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि, छोटे राज्यों की सूचि में गोवा को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।
यह सूचकांक कई संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना करता है और उन्हें ऊर्जा संक्रमण के लिए प्रोत्साहित करेगा।
नीति आयोग के इस सूचकांक का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग करना है, जिसमें विद्युत वितरण कंपनियों का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा की पहुंच शामिल हैं।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद क्रमशः केरल और पंजाब का स्थान है। इस सूची में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों को सबसे पीछले पायदान पर रखा गया है।
इस सूचकांक में छोटे राज्यों में गोवा सबसे शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमशः त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
एसईसीआई चक्र-1 का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है। इन छह मानकों को निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्रदर्शन,
ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता,
स्वच्छ ऊर्जा पहल,
ऊर्जा दक्षता,
टिकाऊ पर्यावरण तथा
नई पहल शामिल हैं।
इन मानकों में कुल 27 संकेतकों को शामिल किए गए हैं।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सूचकांक का उपयोग करके अपने मानक की तुलना कर सकेंगे और बेहतर नीति व्यवस्था विकसित करने में सक्षम होंगे।
केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है। इसके बाद क्रमशः दिल्ली और दमन तथा दीव / दादरा तथा नगर हवेली हैं।
डिस्कॉम प्रदर्शन के अनुसार बड़े राज्यों में पंजाब को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता श्रेणी में केरल शीर्ष पर रहा।
इसी तरह बड़े राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा पहल श्रेणी में हरियाणा और ऊर्जा दक्षता श्रेणी में तमिलनाडु का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। यह सूचकांक 2019-20 के आंकड़ों पर आधारित है।
नीति आयोग की प्रशासनिक संरचना
अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त वर्त्तमान में राजीव कुमार
संचालन परिषद: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है।
तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
3. योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता योगी आदित्यनाथ को 25 मार्च 2022 को राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश के 22 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। योगी आदित्यनाथ पहली बार 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस समारोह में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने भाग लिया।
- शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब दास, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह, गोवा केमुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समारोह के दौरान मौजूद थे।
52 मंत्रियों ने ने भी शपथ ली, जिसमे ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल थे, जिन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।
2022 के चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा में 255 सीटें प्राप्त की। गठबंधन सहयोगी अपना दल ने 12 सीटें जीतीं और निषाद पार्टी ने 6 सीटें जीतीं। भाजपा और उसके गठबंधनों द्वारा जीती गई कुल सीटें 273 हैं।
18वीं उत्तर प्रदेश विधान सभा के गठन के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक सात चरणों में चुनाव हुए।
योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सभावती शुक्ला को 1,03,390 मतों के अंतर से हराकर जीत प्राप्त की।
वह गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार (1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में) संसद सदस्य हैं।
योगी आदित्यनाथ पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद सत्ता में वापसी करने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं।
नारायण दत्त तिवारी 1985 में लगातार कार्यकाल जीतने वाले उत्तर प्रदेश (अविभाजित) के अंतिम मुख्यमंत्री थे। इससे योगी आदित्यनाथ 37 वर्षों में सत्ता बरकरार रखने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए।
उनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में अजय सिंह बिष्ट के रूप में हुआ था।
2014 में वे महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ के प्रमुख महंत बने।
उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के गोबिंद बल्लभ पंत (1950-1952) थे।
4. एन बीरेन सिंह ने मणिपुर के सीएम के रूप में शपथ ली
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नोंगथोम्बम बीरेन सिंह ने 21 मार्च 2022 को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। उन्हें मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन द्वारा पद की शपथ दिलाई गई।
एन. बीरेन सिंह 2017-22 तक मणिपुर के मुख्यमंत्री थे और हाल ही में संपन्न मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022 में हिंगांग के अपने विधानसभा क्षेत्र के रूप में पुनः चुने गए।
28 फरवरी और 5 मार्च 2022 को दो चरणों में हुए 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 32 सीटें प्राप्त की थीं।
एन.बीरेन सिंह राजनीति में आने से पहले एक फुटबॉलर और पत्रकार थे। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) फुटबॉल टीम के लिए खेला करते थे।
वह मणिपुर के मुख्यमंत्री बनने वाले 12वें व्यक्ति हैं। मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री एम. कोइरेंग सिंह थे।
5. बीजेपी 4 राज्यों में सरकार बनाने को तैयार है और आप ने पंजाब चुनाव में जीत हासिल की
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में सरकार बनाने के लिए तैयार है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया।
भारत के पांच राज्यों मणिपुर, गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में एक नई विधान सभा का गठन करने के लिए आम चुनाव भारत के चुनाव आयोग द्वारा 14 फरवरी 2022 से 7 मार्च, 2022 तक आयोजित किया गया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 विधानसभा सदस्यों के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में मतदान हुआ।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में 14 फरवरी को एक ही चरण में मतदान हुआ था।
उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा में 14 फरवरी को एक ही चरण में मतदान हुआ था।
पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में 20 फरवरी को एक ही चरण में मतदान हुआ था।
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च 2022 को मतदान हुआ।
राज्य | कुल सीट | शीर्ष पर रही पार्टी | द्वितीय स्थान पर | अन्य |
पंजाब | 117 | आम आदमी पार्टी (आप) -92 सीट | कांग्रेस (आई)- 18 सीट | शिरोमणि अकाली दल-3 सीट |
उत्तर प्रदेश | 403 | बीजेपी-255 सीट | समाजवादी पार्टी -111 सीट | कांग्रेस-2 सीट |
उत्तराखंड | 70 | बीजेपी-47 सीट | कांग्रेस-19 सीट | अन्य- 4 सीट |
मणिपुर | 60 | बीजेपी-32 सीट | नेशनल पीपुल्स पार्टी -7 सीट | कांग्रेस-5 सीट |
गोवा | 40 | बीजेपी-20 सीट | कांग्रेस -11 सीट | आप-2 सीट |
उत्तर प्रदेश में, भाजपा के गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल”) थे। गठबंधन सहयोगी अपना दल ने 12 सीटें जीतीं और निषाद पार्टी ने 6 सीटें जीतीं। इसके गठबंधन 273 हैं।
चुनाव के उल्लेखनीय विजेता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहरी सीट से समाजवादी पार्टी के सुभावती उपेंद्र दत्त शुक्ला को हराकर जीत हासिल की। उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री सत्य पाल सिंह बघेल को हराकर करहल सीट जीती।
मणिपुर के मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता, एन.बीरेन सिंह ने कांग्रेस के पी शरतचंद्र को हींगंग सीट पर हराया।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कांग्रेस नेता धर्मेश सगलानी को हराकर सांकेलिम विधानसभा क्षेत्र जीता।
उल्लेखनीय हार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता पुष्कर सिंह धामी खटीमा से कांग्रेस उम्मीदवार भुवन चंद्र कापड़ी से हार गए।
पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी (आई) के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा और दोनों हार गए। बहादुर विधानसभा सीट से उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके ने हराया था। उन्होंने अपनी पारंपरिक चमकौर सिंह साहिब सीट में आम आदमी पार्टी के अपने ही नाम के चरणनजीत सिंह चन्नी से हार का सामना करना पड़ा।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री, कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन्होंने एक नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई थी , अपना पटियाला शहरी निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव , आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली से हार गए ।
पंजाब कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट .आम आदमी पार्टी उम्मीदवार जीवनज्योत कौर से हार गए।
मणिपुर के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एन.बीरेन सिंह ने हिंगांग सीट से कांग्रेस के पी शरतचंद्र को हराया।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू निर्वाचन क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल ने हराया।
पुष्कर सिंह धामी और चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनेअपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त: सुशील चंद्रा
6. पद्म पुरस्कार 2022
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गणतंत्र दिवस 2022 से पहले, भारत सरकार ने 25 जनवरी 2022 को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है जो तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री।
- इस साल कुल 4 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। पुरस्कार विजेताओं में से 34 महिलाएं हैं और इस सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 10 व्यक्ति और मरणोपरांत पुरस्कार विजेता 13 लोग भी शामिल हैं।
- ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च / अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए जाते हैं।
पद्म विभूषण (4):
यह पुरस्कार असाधारण और विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है।
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, जनरल बिपिन रावत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे और गीता प्रेस के राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण के लिए नामित किया गया है।
- जनरल रावत के अलावा सिंह और खेमका को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है।
पद्म भूषण (17):
यह पुरस्कार एक उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
नाम | क्षेत्र- राज्य /देश |
श्री गुलाम नबी आजाद | सार्वजनिक मामले - जम्मू और कश्मीर |
श्री विक्टर बनर्जी | कला - पश्चिम बंगाल |
सुश्री गुरमीत बावा (मरणोपरांत) | कला - पंजाब |
श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य | सार्वजनिक मामले - पश्चिम बंगाल |
श्री नटराजन चंद्रशेखरन | व्यापार और उद्योग - महाराष्ट्र |
श्री कृष्ण एला और श्रीमती सुचित्रा एला * (जोड़ी) | व्यापार और उद्योग - तेलंगाना |
सुश्री मधुर जाफरी | अन्य-पाक - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री देवेन्द्र झाझरिया | खेल - राजस्थान |
श्री राशिद खान | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री राजीव महर्षि | सिविल सेवा - राजस्थान |
श्री सत्य नारायण नडेला | व्यापार और उद्योग - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री सुंदरराजन पिचाई | व्यापार और उद्योग - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री साइरस पूनावाला | व्यापार और उद्योग -महाराष्ट्र |
श्री संजय राजाराम (मरणोपरांत) | विज्ञान और इंजीनियरिंग - मेक्सिको |
सुश्री प्रतिभा रे | साहित्य और शिक्षा - ओडिशा |
स्वामी सच्चिदानंद | साहित्य और शिक्षा - गुजरात |
श्री वशिष्ठ त्रिपाठी | साहित्य और शिक्षा - उत्तर प्रदेश |
पद्मश्री (107):
यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
नाम | क्षेत्र- राज्य/देश |
श्री प्रह्लाद राय अग्रवाल | व्यापार और उद्योग - पश्चिम बंगाल |
प्रो नजमा अख्तर | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री सुमित अंतिल | खेल - हरियाणा |
श्री टी सेंका एओ | साहित्य और शिक्षा - नागालैंड |
सुश्री कमलिनी अस्थाना और सुश्री नलिनी अस्थाना* (जोड़ी) | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री सुब्बन्ना अयप्पन | विज्ञान और इंजीनियरिंग - कर्नाटक |
श्री जे के बजाज | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री सिर्पी बालासुब्रमण्यम | साहित्य और शिक्षा - तमिलनाडु |
श्रीमद् बाबा बलिया | सामाजिक कार्य - ओडिशा |
सुश्री संघमित्रा बंद्योपाध्याय | विज्ञान और इंजीनियरिंग - पश्चिम बंगाल |
सुश्री माधुरी बड़थ्वाल | कला - उत्तराखंड |
श्री अखोन असगर अली बशारत | साहित्य और शिक्षा - लद्दाख |
डॉ हिम्मतराव बावस्कर | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री हरमोहिन्दर सिंह बेदी | साहित्य और शिक्षा - पंजाब |
श्री प्रमोद भगत | खेल - ओडिशा |
श्री एस बल्लेश भजंत्री | कला - तमिलनाडु |
श्री खांडू वांगचुक भूटिया | कला - सिक्किम |
श्री मारिया क्रिस्टोफर बायरस्की | साहित्य और शिक्षा - पोलैंड |
आचार्य चंदनजी | सामाजिक कार्य - बिहार |
सुश्री सुलोचना चव्हाण | कला - महाराष्ट्र |
श्री नीरज चोपड़ा | खेल - हरियाणा |
सुश्री शकुंतला चौधरी | सामाजिक कार्य - असम |
श्री शंकरनारायण मेनन चुण्डेइल | खेल - केरल |
श्री एस दामोदरन | सामाजिक कार्य - तमिलनाडु |
श्री फैसल अली डार | खेल - जम्मू और कश्मीर |
श्री जगजीत सिंह दर्डी | व्यापार और उद्योग - चंडीगढ़ |
डॉ प्रोकर दासगुप्ता | चिकित्सा - यूनाइटेड किंगडम |
श्री आदित्य प्रसाद दास | विज्ञान और इंजीनियरिंग - ओडिशा |
डॉ लता देसाई | चिकित्सा - गुजरात |
श्री मालजी भाई देसाई | सार्वजनिक मामले - गुजरात |
सुश्री बसंती देवी | सामाजिक कार्य - उत्तराखंड |
सुश्री लूरेम्बम बिनो देवी | कला - मणिपुर |
सुश्री मुक्तमणि देवी | व्यापार और उद्योग - मणिपुर |
सुश्री श्याममणि देवी | कला - ओडिशा |
श्री खलील धन्तेजवी (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - गुजरात |
श्री सावाजी भाई ढोलकिया | सामाजिक कार्य - गुजरात |
श्री अर्जुन सिंह धुर्वे | कला - मध्य प्रदेश |
डॉ विजयकुमार विनायक डोंगरे | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी | कला - राजस्थान |
श्री धनेश्वर इंग्ति | साहित्य और शिक्षा - असम |
श्री ओम प्रकाश गांधी | सामाजिक कार्य - हरियाणा |
श्री नरसिम्हा राव गरिकापति | साहित्य और शिक्षा - आंध्र प्रदेश |
श्री गिरधारी राम घोंजू (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - झारखंड |
श्री शैबल गुप्त (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - बिहार |
श्री नरसिंह प्रसाद गुरु | साहित्य और शिक्षा - ओडिशा |
श्री गोसावीडू शैक हसन (मरणोपरांत) | कला - आंध्र प्रदेश |
श्री रयूको हीरा | व्यापार और उद्योग - जापान |
सुश्री सोसम्मा आयपे | अन्य - पशुपालन - केरल |
श्री अवध किशोर जड़िया | साहित्य और शिक्षा - मध्य प्रदेश |
सुश्री सोकर जानकी | कला - तमिलनाडु |
सुश्री तारा जौहर | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
सुश्री वंदना कटारिया | खेल - उत्तराखंड |
श्री एच आर केशवमूर्ति | कला - कर्नाटक |
श्री रजर कॉर्टेनहॉर्स्ट | साहित्य और शिक्षा - आयरलैंड |
श्री पी नारायण कुरूप | साहित्य और शिक्षा - केरल |
सुश्री अवनि लेखरा | खेल - राजस्थान |
श्री मोती लाल मदान | विज्ञान और इंजीनियरिंग - हरियाणा |
श्री शिवनाथ मिश्र | कला - उत्तर प्रदेश |
डॉ नरेंद्र प्रसाद मिश्रा (मरणोपरांत) | चिकित्सा - मध्य प्रदेश |
श्री दर्शनम मोगिलैया | कला - तेलंगाना |
श्री गुरुप्रसाद महापात्र (मरणोपरांत) | सिविल सेवा - दिल्ली |
श्री थाविल कोंगमपट्टू ए वी मुरुगाइयां | कला - पुडुचेरी |
सुश्री आर मुथुकान्नम्मल | कला - तमिलनाडु |
श्री अब्दुल खादर नादकतिन | अन्य - जमीनी स्तर पर नवाचार - कर्नाटक |
श्री अमाई महालिंग नाइक | अन्य - कृषि - कर्नाटक |
श्री त्सेरिंग नामग्याल | कला - लद्दाख |
श्री ए के सी नटराजन | कला - तमिलनाडु |
श्री वी एल नगाका | साहित्य और शिक्षा - मिजोरम |
श्री सोनू निगम | कला - महाराष्ट्र |
श्री राम सहाय पांडे | कला - मध्य प्रदेश |
श्री चिरापत प्रपण्डविद्या | साहित्य और शिक्षा - थाईलैंड |
सुश्री के वी राबिया | सामाजिक कार्य - केरल |
श्री अनिल कुमार राजवंशी | विज्ञान और इंजीनियरिंग - महाराष्ट्र |
श्री शीश राम | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री रामचन्द्रैय्या | कला - तेलंगाना |
डॉ. सुनकारा वेंकट आदिनारायण राव | चिकित्सा - आंध्र प्रदेश |
सुश्री गामित रमीलाबेन रेइंगभाई | सामाजिक कार्य - गुजरात |
सुश्री पद्मजा रेड्डी | कला - तेलंगाना |
गुरु तुल्कू रिंपोछे | अन्य - अध्यात्मवाद - अरुणाचल प्रदेश |
श्री ब्रह्मानंद सांखवलकर | खेल - गोवा |
श्री विद्यानंद सरेक | साहित्य और शिक्षा - हिमाचल प्रदेश |
श्री काली पद सेरेन | साहित्य और शिक्षा - पश्चिम बंगाल |
डॉ वीरास्वामी शेषिया | चिकित्सा - तमिलनाडु |
सुश्री प्रभाबेन शाह | सामाजिक कार्य - दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव |
श्री दिलीप शहानी | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री राम दयाल शर्मा | कला - राजस्थान |
श्री विश्वमूर्ति शास्त्री | साहित्य और शिक्षा जम्मू और कश्मीर |
सुश्री तातियाना ल्वोवना शॉम्यान | साहित्य और शिक्षा - रूस |
श्री सिद्धलिंगैया (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा कर्नाटक |
श्री काजी सिंह | कला - पश्चिम बंगाल |
श्री कोंसम इबोमचा सिंह | कला - मणिपुर |
श्री प्रेम सिंह | सामाजिक कार्य - पंजाब |
श्री सेठ पाल सिंह | अन्य - कृषि - उत्तर प्रदेश |
सुश्री विद्या विंदु सिंह | साहित्य और शिक्षा - उत्तर प्रदेश |
बाबा इकबाल सिंह जी | सामाजिक कार्य - पंजाब |
डॉ भीमसेन सिंघल | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री शिवानंद | अन्य - योग - उत्तर प्रदेश |
श्री अजय कुमार सोनकर | विज्ञान और इंजीनियरिंग - उत्तर प्रदेश |
सुश्री अजिता श्रीवास्तव | कला - उत्तर प्रदेश |
सदगुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी | अन्य - अध्यात्मवाद - गोवा |
डॉ बालाजी ताम्बे (मरणोपरांत) | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री रघुवेन्द्र तंवर | साहित्य और शिक्षा - हरियाणा |
डॉ कमलाकर त्रिपाठी | चिकित्सा - उत्तर प्रदेश |
सुश्री ललिता वकील | कला - हिमाचल प्रदेश |
सुश्री दुर्गा बाई व्याम | कला - मध्य प्रदेश |
श्री जयन्तकुमार मगनलाल व्यास | विज्ञान और इंजीनियरिंग - गुजरात |
सुश्री बडाप्लिन वार | साहित्य और शिक्षा - मेघालय |
नोट:
- पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण ठुकरा दिया।
- वयोवृद्ध गायिका संध्या मुखर्जी ने पद्मश्री लेने से इनकार कर दिया।
7. मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा ने अपना 50 वां राज्य स्थापना दिवस मनाया
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पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के अनुसार तीनों राज्यों को 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था।
- नवंबर 1956 से जनवरी 1972 तक मणिपुर और त्रिपुरा केंद्र शासित प्रदेश थे जबकि मेघालय असम राज्य का स्वायत्त हिस्सा था।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 ने मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालय भी बनाए।
मेघालय | मणिपुर | त्रिपुरा |
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8. \महान कथक नर्तक बिरजू महाराज का 83 वर्ष की आयु में निधन
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कथक के लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के पथप्रदर्शक पंडित बिरजू महाराज का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
- वे कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे, जिनमें उनके दो चाचा शम्भू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अभान महाराज शामिल हैं, जिन्होंने रायगढ़ रियासत में राजनर्तक के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और एक गायक थे|
- 1964 में उन्हें मानद संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला और 1986 में उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला।
- उन्होंने कई फिल्मों के लिए नृत्य संयोजन(कोरियोग्राफ) किया है जिनमें सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी, से लेकर गदर: एक प्रेम कथा, देवदास, बाजीराव मस्तानी, जैसी कई फिल्में शामिल हैं|
भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रकार
भारत सरकार के अनुसार भारत में आठ प्रकार के शास्त्रीय नृत्य हैं
नृत्य :मूल/राज्य
भरतनाट्यम :तमिलनाडु
मणिपुरी नृत्य :मणिपुर
कथक : उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, राजस्थान दिल्ली, मध्य प्रदेश।
ओडिसी :ओडिशा
कथक काली:केरल
मोहिनीअट्टम: केरल
कुचिपुड़ी :मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश
सत्त्रिया :असम
9. चुनाव आयोग ने पार्टियों के प्रसारण समय को दोगुना किया
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भारत के चुनाव आयोग ने मतदान वाले राज्यों में प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी और मान्यता प्राप्त राज्य दलों को आवंटित प्रसारण समय को दोगुना करने का निर्णय लिया है।
- चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया है कि गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी और मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी को 90 मिनट का आधार समय दिया जाएगा। यह सुविधाएं ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के क्षेत्रीय केंद्रों से उपलब्ध होंगी।
- पहले आवंटित समय 45 मिनट था।
- इन राज्यों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आवंटित समय बढ़ा दिया गया है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण रैलियों से बचने और चुनाव प्रचार के लिए गैर-भौतिक संपर्क बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है।
10. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए नोटिस अवधि की समयसीमा कम कर दी है
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भारत के चुनाव आयोग ने मौजूदा कोरोनोवायरस महामारी के कारण उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब के पांच चुनावी राज्यों में नए राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए नोटिस की अवधि को 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दिया है।
- चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण की मांग करने वाली पार्टी को पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करने से पहले अपने प्रस्तावित नाम दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों और दो स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करना होगा।
- चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पिछले साल बिहार, असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के दौरान चुनाव होने पर नोटिस की अवधि भी कम कर दी गई थी।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के प्रावधानों द्वारा शासित होता है
मुख्य चुनाव आयुक्त: श्री सुशील चंद्रा