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By admin: Nov. 15, 2022

1. भारत द्वारा सीओपी 27 में शुरू किया गया "इन अवर लाइफटाइम" अभियान

Tags: Environment State News

"In our LiFEtime" Campaign launched by India at COP 27

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने संयुक्त रूप से 14 नवंबर 2022 को मिस्र में सीओपी 27 के एक कार्यक्रम में "इन अवर लाइफटाइम" अभियान शुरू किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अभियान का उद्देश्य 18 से 23 वर्ष के बीच के युवाओं को स्थायी जीवन शैली के संदेश वाहक बनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

  • 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP 26 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा LiFE की अवधारणा पेश की गई थी।

  • यह अभियान दुनिया भर के युवाओं को जलवायु कार्यवाही की पहल को आगे बढ़ाने वाले युवाओं को पहचानने की बात करता है जो कि LiFE की अवधारणा के साथ प्रतिध्वनित होते हैं।

  • इस अभियान के तहत युवाओं को अपने जलवायु कार्यों को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जो अपनी क्षमता के भीतर पर्यावरण के लिए जीवन शैली में योगदान करते हैं।

  • युवा नई आदतों को लोकप्रिय बनाने में सक्षम हैं, विभिन्न तकनीकों को अपना रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।


By admin: Nov. 14, 2022

2. सरकार ने सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करने के लिए रूपरेखा की घोषणा की

Tags: Environment Economy/Finance


केंद्र सरकार ने अपने प्रस्तावित सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए एक रूपरेखा जारी की है। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 2022-23 वित्तीय वर्ष में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव दिया था। सरकार ने बाद में कहा कि उसका चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 16,000 करोड़ रुपये के बांड जारी करने का प्रस्ताव है।

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड क्या है?

सॉवरेन का अर्थ है भारत सरकार। बॉन्ड का मतलब है कि यह एक ऋण पत्र  है जो पूंजी या फंड जुटाने के लिए जारी किया जाता है और यह जारीकर्ता पर कर्ज बनाता है।

यहां ग्रीन का मतलब है कि बॉन्ड की बिक्री से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की मुख्य विशेषताएं

योग्य परियोजना का चयन करने के लिए समिति

सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन की अध्यक्षता में एक 'ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी' का गठन करेगी। समिति वित्तपोषण के लिए पात्र परियोजनाओं का चयन करेगी।

समिति वर्ष में कम से कम दो बार बैठक करेगी और इसमें प्रासंगिक मंत्रालयों, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नीति आयोग, और वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग और अन्य  प्रभाग के सदस्य शामिल होंगे।

किन परियोजनाओं को वित्तपोषित किया जाना है

ग्रीन बॉन्ड द्वारा  जारी पूंजी का इस्तेमाल निम्लिखित नौ श्रेणियों की परियोजना को  वित्तपोषित या पुनर्वित्त के लिए किया जायेगा :

  • नवीकरणीय ऊर्जा,
  • ऊर्जा दक्षता,
  • स्वच्छ परिवहन,
  • जलवायु परिवर्तन अनुकूलन,
  • सतत जल और अपशिष्ट प्रबंधन,
  • प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण,
  • ग्रीन  इमारतें,
  • जीवित प्राकृतिक संसाधनों और भूमि उपयोग का सतत प्रबंधन, और
  • स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण

परियोजनाएं जो पात्र नहीं हैं

  • हालाँकि, ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का उपयोग निम्नलिखित परियोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है:
  • उन जलविद्युत संयंत्रों के वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाएगा जो 25 मेगावाट से बड़े हैं,
  • परमाणु परियोजनाओं और संरक्षित क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले बायोमास के साथ कोई भी बायोमास आधारित बिजली उत्पादन।

किस प्रकार का सरकारी खर्च ग्रीन सॉवरेन बांड के लिए योग्य होगा

  • हरित वित्त पोषण के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले खर्च में निवेश, सब्सिडी, अनुदान-सहायता, या कर के रूप में सरकारी व्यय शामिल हैं या
  • अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में परिचालन व्यय और आर एंड डी व्यय
  • केवल मेट्रो परियोजनाओं के मामले में ग्रीन बांड से प्राप्त राशि का उपयोग करके मेट्रो परियोजनाओं की इक्विटी में निवेश की अनुमति है।
  • जीवाश्म ईंधन से सीधे संबंधित व्यय हरित वित्तपोषण के योग्य नहीं होंगे। हालांकि अपेक्षाकृत स्वच्छ संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के उद्देश्य से निवेश या व्यय की अनुमति है यदि इसका उपयोग केवल सार्वजनिक परिवहन परियोजनाओं में किया जाता है।

फ्रेमवर्क को मीडियम ग्रीन रेटिंग दी गई है

  • वित्त मंत्रालय के अनुसार सिसरो द्वारा सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड रूपरेखा  को "मध्यम हरित" करार दिया गया है।
  • "गहरे हरे रंग" के बाद, यह सबसे अच्छा ग्रेड  है, जिसे सिसरो द्वारा एक ग्रीन बांड के दिया जाता है जो कम कार्बन जलवायु लचीला भविष्य के साथ संरेखित करता है।
  • सिसरो हरित बांड निवेश संरचना का एक प्रमुख वैश्विक स्वतंत्र समीक्षक है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • दुनिया का पहला ग्रीन बांड 2007 में यूरोपीय निवेश बैंक द्वारा जारी किया गया था।
  • विश्व बैंक ने 2008 में पहली बार ग्रीन बांड जारी किया था।
  • भारत का पहला ग्रीन बांड 2015 में यस बैंक द्वारा जारी किया गया था।

By admin: Nov. 14, 2022

3. अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने कार्बन ऑफसेट योजना शुरू की

Tags: Environment International News

U.S. climate envoy John Kerry launches carbon offset plan

अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने 9 नवंबर को जलवायु वित्त के लिए एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) नामक एक नई कार्बन ऑफसेट योजना का अनावरण किया है।

एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) के बारे में

  • एनर्जी ट्रांजिशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) अमेरिका द्वारा बेजोस अर्थ फंड और रॉकफेलर फाउंडेशन के साथ विकसित किया जाएगा और सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से इनपुट प्राप्त करेगा।

  • यह कंपनियों को विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने और कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देगा जिसका उपयोग वे अपने स्वयं के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।

  • यह कंपनियों को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की दौड़ में अपने प्रतिस्पर्धियों पर वित्तीय बढ़त हासिल करने की अनुमति देगा।

  • इसका उद्देश्य बेकार हो चुके कोयले के प्लांट्स को उपयोग से बाहर करना और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग में तेजी लाना है।

  • यह निश्चित रूप से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए और उन कोयला संयंत्रों के लिए अच्छा हो सकता है जो बहुत पुराने और अव्यवहार्य हैं और जिन्हें भारत बंद करना चाहता है।

  • ETA के 2030 तक संचालित होने का अनुमान है, संभावित रूप से 2035 तक इसका विस्तार किया जा सकता है।


By admin: Nov. 14, 2022

4. पाकिस्तान और बांग्लादेश जी- 7 ' 'ग्लोबल शील्ड' क्लाइमेट फंडिंग प्राप्त करने वाले पहले देशों में शामिल होंगे

Tags: Environment International News

पाकिस्तान, घाना, बांग्लादेश, कोस्टा रिका, फिजी, फिलीपींस और सेनेगल जलवायु आपदाओं से पीड़ित देशों को वित्त पोषण प्रदान करने के लिए  जी- 7   'ग्लोबल शील्ड' पहल से धन प्राप्त करने वाले पहले कुछ देशों  में शामिल होंगे। जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई थी।  जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

ग्लोबल शील्ड क्लाइमेट फाइनेंस

इसे 14 नवंबर 2022 को मिस्र में सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में जी- 7  देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम और जापान) द्वारा लॉन्च किया गया था।

ग्लोबल शील्ड का समन्वय जर्मनी द्वारा किया जाएगा और इसे 58 जलवायु संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं के 'वी20' समूह के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।

निधि का उद्देश्य

इस कोष का उपयोग जलवायु प्रेरित आपदाओं से निपटने के लिए कम आय वाले और गरीब  देशों की मदद के लिए किया जाएगा।

इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और जलवायु जोखिम बीमा को मजबूत करना है ताकि जब बाढ़ जैसी चरम मौसम की घटना हो, तो प्रभावित देशों को जल्दी से सहायता पहुँचाया जा सके ।

जर्मनी ने घोषणा की है कि वह फंड में 172 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान देगा। हालांकि अभी फंड के आकार का खुलासा नहीं किया गया है।

विशेष हानि एवं क्षति कोष की मांग

ग्लोबल वार्मिंग से प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने विकासशील देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है और उनके पास बाढ़, सूखा आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त  संसाधन नहीं हैं।

विकासशील देश मांग करते रहे हैं कि प्रदूषणकारी देश (विकसित देश) जलवायु परिवर्तन के कारण गरीब विकासशील देशों को हुए नुकसान और क्षति के लिए भुगतान करें।

विकसित देशों द्वारा वर्षों के प्रतिरोध के बाद, वे 6-18 नवंबर 2022 से मिस्र के शर्म-एल शेख में आयोजित होने वाली सीओपी 27 बैठक में एक विशेष नुकसान और क्षति कोष पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।

"ग्लोबल शील्ड" पहल को इस तरह के फंडिंग को संबोधित करने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।


By admin: Nov. 13, 2022

5. मणिपुर 14 नवंबर को अमूर फाल्कन आयोजित करेगा

Tags: Environment Festivals State News

अमूर फाल्कन फेस्टिवल का 7 वां संस्करण 14 नवंबर 2022 को मणिपुर के तामेंगलोंग जिले में आयोजित किया जाएगा। दुनिया में  सबसे लंबे समय तक उड़ने वाले प्रवासी पक्षी अमूर फाल्कन(बाज़) के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस महोत्सव का आयोजन 2015 से किया जा रहा है। दिन भर चलने वाला त्योहार आम तौर पर नवंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है।

अमूर फाल्कन (फाल्को एमुरेंसिस)

अमूर बाज़ ,बाज़ परिवार का दुनिया का सबसे लम्बी यात्रा करने वाला छोटा रैप्टर है। रैप्टर का अर्थ है जो शिकार के रूप में अन्य जानवरों या पक्षियों का शिकार करता है।

अमूर फाल्कन रूस के मध्य साइबेरिया क्षेत्र, पूर्वी चीन में प्रजनन करते हैं । वे अक्टूबर के दौरान उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, नागालैंड, असम के कुछ  हिस्से में प्रवास करते हैं।

वे लगभग दो महीने तक भारत में रहते हैं और नवंबर के महीने में वे लगभग 22,00 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दक्षिण अफ्रीका और केन्या के लिए बिना रुके अरब सागर को पार करते हैं उड़ान भरते हैं । अमूर फाल्कन्स वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं।

नागालैंड को दुनिया की फाल्कन राजधानी के रूप में जाना जाता है

अक्टूबर-नवंबर महीने के दौरान नागालैंड में वोखा जिले के पांगती गांव में लगभग दसलाख अमूर फाल्कन रैप्टर रुकते हैं। यह एक जगह पर दुनिया में अमूर बाज़ पक्षी का सबसे बड़ा जमावड़ा है। इसलिए नागालैंड को दुनिया की फाल्कन राजधानी भी कहा जाता है।


By admin: Nov. 12, 2022

6. COP27 प्रेसीडेंसी ने शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा लॉन्च किया

Tags: Environment International News

Sharm-el-Sheikh Adaptation Agenda

मिस्र में आयोजित हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, COP27 प्रेसीडेंसी ने 2030 तक सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील समुदायों में रहने वाले चार बिलियन लोगों के लिए लचीलापन बढ़ाने के लिए शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा लॉन्च किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा अनुकूलन और लचीलापन पर वैश्विक कार्यवाही को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान का प्रतिनिधित्व करता है।

  • प्रत्येक परिणाम वैश्विक समाधान प्रस्तुत करता है जिसे स्थानीय स्तर पर अपनाया जा सकता है ताकि स्थानीय जलवायु संदर्भों, जरूरतों और जोखिमों का जवाब दिया जा सके

  • इससे कमजोर समुदायों को बढ़ते जलवायु खतरों, जैसे अत्यधिक गर्मी, सूखा, बाढ़, या चरम मौसम से बचाने के लिए तंत्र में आवश्यक बदलाव लाने में मदद मिलेगी।

  • विकासशील देशों ने यह भी मांग की कि कोष आसानी से सुलभ होना चाहिए।

  • इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को कम करना है। 

  • प्रेसीडेंसी ने इन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए 140 बिलियन डॉलर से 300 बिलियन डॉलर जुटाने की मांग की।

  • भारत सहित विकासशील देश, अमीर देशों से एक नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य के लिए सहमत होने की मांग कर रहे हैं, जिसे जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य के रूप में भी जाना जाता है।

  • ये कार्यवाहियां पांच प्रणालियों में की जाएंगी - खाद्य और कृषि, जल और प्रकृति, तटीय और महासागर, मानव बस्तियाँ, और बुनियादी ढाँचा। 

  • ये कार्यवाहियां इन क्षेत्रों में योजना और वित्त के लिए सक्षम समाधान शामिल करेंगे।


By admin: Nov. 11, 2022

7. अनामलाई टाइगर रिजर्व ने हाथी गोद लेने की योजना शुरू की

Tags: Environment National News

Anamalai Tiger Reserve initiated elephant adoption scheme

नवंबर 2022 में तमिलनाडु स्थित ‘अनामलाई टाइगर रिजर्व’ (एटीआर) ने ‘हाथी दत्तक ग्रहण योजना’ का अनावरण किया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य  

  • एटीआर ने एक हाथी दत्तक ग्रहण कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें गैर-सरकारी संगठन, संस्थान, ट्रस्ट या व्यक्ति वन विभाग के शिविर में हाथियों की लागत को प्रायोजित कर सकते हैं।

  • मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज, मार्टिन ट्रस्ट की निदेशक और रोटरी क्लब ऑफ कोयंबटूर आकृति के 'गो ग्रीन' कार्यक्रम की जिला समन्वयक लीमा रोज मार्टिन ने कोझीकामुथि हाथी शिविर के 2 हाथियों अभिनय और संजीव को 1 साल के लिए गोद लिया।

  • हाथी दत्तक ग्रहण योजना के तहत, कोई भी दानदाता जो हाथियों को गोद लेने का इच्छुक है, उसे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80G के तहत छूट दिए जाने की बात की जा है ।

  • 7 नवंबर 2022 को, लीमा रोज मार्टिन ने 3 महीने के लिए 2 हाथियों के खर्चों को पूर्ण करने के लिए 1,86,720 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौपा है।

अनामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर) 

  • एटीआर, तमिलनाडु के चार टाइगर रिज़र्व में से एक है। यह दक्षिणी पश्चिमी घाट का ही भाग है। यह वर्ष 2003 में  घोषित अनामलाई परंबिकुलम एलीफेंट रिज़र्व का भाग है।

  • यह पूर्व में चिनार वन्यजीव अभयारण्य और दक्षिण-पश्चिमी में एराविकुलम नेशनल पार्क तथा परम्बिकुलम टाइगर रिज़र्व से घिरा हुआ है।

  • यह रिज़र्व केरल के नेनमारा वाज़चल, मलयत्तुर और मरयूर आरक्षित वनों से भी घिरा हुआ है।

  • इस अभयारण्य में पाई जाने वाली पर्वत श्रेणियों में अमरावती, उदुमलपेट, पोलाची, उलेडी और वलपरई आदि शामिल हैं।

  • इस क्षेत्र में पाई जाने वाली जनजातियों में कादर, मालासर, मलमलसर, पुलायार, मुदुवर और एरावलान शामिल हैं।

  • यहाँ पाए जाने वाले मुख्य स्तनधारियों में एशियाई हाथी, सांभर, चित्तीदार हिरण, बार्किंग हिरण, माउस हिरण, गौर, नीलगिरि तहर, बाघ, आदि शामिल हैं।


By admin: Nov. 9, 2022

8. 2107 की तुलना में 909 मूल्यांकन इकाइयों में भूजल की स्थिति में सुधार: जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट

Tags: Environment National

Dynamic Ground Water Resource Assessment Report 2022

गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2022 के अनुसार 2017 में किए गए आकलन की तुलना में देश की 909 मूल्यांकन इकाइयों में भूजल की स्थिति में सुधार हुआ है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 9 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में गतिशील भूजल संसाधन आकलन रिपोर्ट 2022 जारी की।

मूल्यांकन केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी)और राज्य तथा  केंद्र शासित प्रदेशों के साथ संयुक्त रूप से किया गया जाता है ।सीजीडब्ल्यूबी और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच इस तरह के संयुक्त अभ्यास। इससे पहले 1980, 1995, 2004, 2009, 2011, 2013, 2017 और 2020 में किए गए थे।

भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। भारत में  भूजल पीने के पानी और सिंचाई के लिए एक प्रमुख स्रोत है।

2022 की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • 2022 की आकलन रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 437.60 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है।
  • पूरे देश के लिए वार्षिक भूजल निकासी 239.16 बीसीएम है।
  • देश में कुल 7089 मूल्यांकन इकाइयों में से, 1006 इकाइयों को 'अति-शोषित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। (इसका मतलब है कि जिस दर से पानी निकाला जाता है वह उस दर से अधिक होता है जिस पर जलभृत रिचार्ज करने में सक्षम होता है))
  • विश्लेषण, 2017 के आकलन डेटा की तुलना में देश में 909 मूल्यांकन इकाइयों में भूजल की स्थिति में सुधार का संकेत देता है।
  • आकलन भूजल पुनर्भरण में समग्र वृद्धि दर्शाता है

भूजल में वृद्धि का कारण

रिपोर्ट के अनुसार भूजल पुनर्भरण में वृद्धि के निम्नलिखित कारण थे:


  • नहर रिसने से पुनर्भरण में वृद्धि,
  • सिंचाई के पानी का वापसी प्रवाह और
  • जल निकायों/टैंकों और जल संरक्षण संरचनाओं से पुनर्भरण।

भूजल क्या है?

भूजल ताजा पानी है (बारिश या पिघलने वाली बर्फ और बर्फ से) जो मिट्टी  सोख लेता है और चट्टानों और मिट्टी के कणों के बीच छोटे स्थानों (छिद्रों) में जमा हो जाता है। 

इसे सतही जल से अलग करने के लिए उपसतह जल भी कहा जाता है, जो महासागरों या झीलों जैसे बड़े पिंडों में पाया जाता है या जो धाराओं में भूमि के ऊपर बहता है।


By admin: Nov. 9, 2022

9. उत्तर प्रदेश सरकार 2041 तक वृंदावन-मथुरा तीर्थस्थल को कार्बन न्यूट्रल बनाएगी

Tags: Environment State News

Vrindavan -Mathura pilgrimage center carbon neutral by 2041

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2041 तक वृंदावन-मथुरा पर्यटक तीर्थस्थल को कार्बन न्यूट्रल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। कार्बन न्यूट्रल स्थिति की योजना बनाने वाला यह भारत का पहला पर्यटन केंद्र है ।

सरकार को उम्मीद है कि मथुरा वृंदावन क्षेत्र में पर्यटकों का आगमन वर्तमान 2.3 करोड़ प्रति वर्ष से बढ़कर 2041 में लगभग 6 करोड़ हो जाएगा। लोगों के आगमन  में अपेक्षित वृद्धि और कार्बन फुटप्रिंट में वृद्धि से निपटने के लिए, सरकार ने 2041 तक इस क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल बनाने की योजना बनाई है।

सरकार की योजना

  • पूरे तीर्थ क्षेत्र को चार समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में आठ प्रमुख स्थलों में से दो होंगे।
  • योजना में 'परिक्रमा पथ' नामक छोटे सर्किट बनाने का प्रस्ताव है, जहाँ तीर्थयात्री पैदल या इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग कर सकते हैं।
  • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सरकार का इरादा पूरे ब्रज क्षेत्र में निजी पर्यटक वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का है।
  • चिन्हित क्षेत्र में सिर्फ इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलेंगे।
  • सभी 252 जल निकायों और 24 जंगलों को पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि वे कार्बन सिंक के रूप में कार्य कर सकें

मथुरा-वृंदावन क्षेत्र और उसका महत्व

  • मथुरा और वृंदावन शहर भगवान कृष्ण के जन्म और बचपन से जुड़ा हुआ है।
  • दोनों शहर यमुना नदी के किनारे स्थित हैं।
  • मथुरा का उल्लेख रामायण में मिलता है और यह कुषाण राजा कनिष्क (130 ईस्वी) की राजधानियों में से एक थी।
  • यहाँ कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं: गोविंद देव मंदिर, रंगाजी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर।
  • गोकुल, बरसाना और गोवर्धन भगवान कृष्ण की कथा से जुड़ी अन्य टाउनशिप हैं।

कार्बन न्यूट्रल और नेट जीरो क्या है?

कार्बन न्यूट्रल का तात्पर्य वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की उतनी  मात्रा को विभिन्न तरीकों से हटाने से है, जितनी मात्रामें कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हों रहा है ताकि उत्पादन और हटाई गयी मात्रा कुल मिला कर  शून्य हो।

नेट ज़ीरो का अर्थ है ग्रीनहाउस गैसों (जैसे CO2, मीथेन, CFC आदि) की उतनी  मात्रा को विभिन्न तरीकों से हटाने से है, जितनी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हों रहा है ताकि उत्पादन और हटाई गयी मात्रा कुल मिला कर शून्य हो।

महत्वपूर्णजानकरी 

भारत ने 2070 तक शून्य शुद्ध उत्सर्जन वाला देश बनने का लक्ष्य रखा है।

जम्मू के सांबा जिले में पल्ली पंचायत भारत की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत है।


By admin: Nov. 8, 2022

10. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच जलवायु एकजुटता समझौते का आह्वान किया

Tags: Environment International News

climate solidarity pact

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक जलवायु एकजुटता संधि का आह्वान किया है जिसमें विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाएं एक आम रणनीति के आसपास एकजुट होती हैं और जलवायु संकट को दूर करने के लिए संसाधनों को जोड़ती हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • 7 नवंबर को मिस्र में पार्टियों के सीओपी 27 संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर, उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संधि सभी देशों को कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगी।

  • उन्होंने कहा कि कम आय वाले देशों का समर्थन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए।

  • COP27 में विश्व नेताओं के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि सभी देशों को उत्सर्जन में कटौती और कोयला संयंत्रों के निर्माण को समाप्त करने के लिए "अतिरिक्त प्रयास" करना चाहिए।

  • उन्होंने कहा कि दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं - संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन - की इस समझौते को वास्तविकता बनाने के प्रयासों में शामिल होने की विशेष जिम्मेदारी है।

  • चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग COP27 में भाग नहीं लिया, हालांकि चीन ने वार्ताकारों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है।

  • गुटेरेस ने चरम मौसम की घटनाओं के लिए एक वैश्विक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के लिए एक योजना भी शुरू की, यह एक ऐसी परियोजना  है जिसके पहले पांच वर्षों में 3.1 अरब डॉलर खर्च होंगे।

  • यह ग्रह पर किसी भी तूफान और गर्मी की लहरों जैसे चरम मौसम के बारे में अग्रिम चेतावनियों को लोगों तक पहुंचाएगा।

  • COP27 जलवायु पर संयुक्त राष्ट्र की 27वीं वार्षिक बैठक है। यह 18 नवंबर तक शार्म अल शेख में हो रहा है।


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