1. "लॉक्ड शील्ड्स" साइबर-रक्षा अभ्यास 2023 को नाटो द्वारा तेलिन में आयोजित
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वार्षिक अभ्यास "लॉक्ड शील्ड्स" के 2023 संस्करण की मेजबानी तेलिन (एस्टोनिया) में नाटो सहकारी साइबर रक्षा उत्कृष्टता केंद्र द्वारा की गई थी।
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"लॉक्ड शील्ड्स" एक वार्षिक साइबर रक्षा अभ्यास है जिसकी मेजबानी तेलिन में NATO सहकारी साइबर डिफेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा की जाती है।यह अभ्यास 18 अप्रैल 2023 को शुरू हुआ था।
नाटो सहयोगियों और भागीदारों सहित 38 देशों के 3000 से अधिक प्रतिभागियों ने अभ्यास में भाग लिया।
अभ्यास वास्तविक समय के हमलों का अनुकरण करता है और महत्वपूर्ण परिस्थितियों में रणनीतिक निर्णय लेने का परीक्षण करता है।
यह अभ्यास साइबर रक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालता है।
NATO कोऑपरेटिव साइबर डिफेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भाग लेने वाले देशों और संगठनों की साइबर रक्षा क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद करता है।
लॉक्ड शील्ड्स के बारे में
यह एक वार्षिक साइबर रक्षा अभ्यास है जो बड़े पैमाने पर साइबर घटना का अनुकरण करता है।
बड़े पैमाने पर साइबर हमले के प्रबंधन में एक काल्पनिक राष्ट्र की सहायता के लिए विभिन्न देशों की रैपिड रिएक्शन टीमें एक साथ काम करती हैं।
CCDCOE के सदस्य राष्ट्रों से बनी ब्लू टीम मॉक स्टेट की सूचना प्रणाली और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को हजारों हमलों से बचाती है।
अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाली टीमों के कौशल और क्षमताओं में सुधार करना और साइबर रक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संचार को बढ़ाना है।
इस अभ्यास में रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह के ऑपरेशन शामिल हैं, जिसमें रेड टीमें हमलावरों का अनुकरण करती हैं और ब्लू टीमें बचाव करती हैं।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के बारे में
स्थापित - 4 अप्रैल 1949
संस्थापक - संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, कनाडा, इटली
मुख्यालय - ब्रुसेल्स, बेल्जियम
महासचिव - जेन्स स्टोलटेनबर्ग
2. एयर मार्शल संदीप सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का सैन्य सलाहकार नियुक्त किया गया
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वायु सेना के पूर्व उप-प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह (सेवानिवृत्त) को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) का नया सैन्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। वह 24 अप्रैल को पदभार ग्रहण करेंगे।
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वह जनरल अनिल चौहान का स्थान लेंगे, जिन्हें पिछले साल अक्टूबर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था।
संदीप सिंह चार दशकों के सैन्य करियर के बाद 31 जनवरी, 2023 को वायु सेना के वाइस चीफ पद से रिटायर हुए।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में नए सैन्य सलाहकार के तौर पर नियुक्त किए गए नेशनल डिफेंस एकेडमी के पूर्व छात्र संदीप सिंह को दिसंबर 1983 में एक लड़ाकू विमान के पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कई विमान उड़ाए हैं, और Su-30 MKI, MiG-29, MiG-21, AN-32, एवरो, जगुआर और मिराज 2000 पर करीब 4,900 घंटे के परिचालन और टेस्ट उड़ान का अनुभव है।
उन्होंने भारत में Su-30 MKI विमान को शामिल करने, उत्पादन और शस्त्रीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
असाधारण उच्च कोटि की उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें 2006 में वायु सेना पदक, 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2022 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
3. डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने बीएमडी इंटरसेप्टर का सफल परीक्षण किया
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने 21 अप्रैल को बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट से समुद्र-आधारित एंडो-वायुमंडलीय इंटरसेप्टर मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया।
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परीक्षण का उद्देश्य दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल खतरे के प्रभाव को लक्षित करना और नष्ट करना था।
यह परीक्षण भारतीय नौसेना को बीएमडी क्षमताओं वाले देशों के विशिष्ट समूह में स्थान दिला सकता है।
इससे पहले, डीआरडीओ ने सतह आधारित बीएमडी प्रणाली की क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था और इस तरह दुश्मन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों को बेअसर करने की क्षमता हासिल की थी।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)
यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।
यह एयरोनॉटिक्स, आयुध, लड़ाकू वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, इंजीनियरिंग सिस्टम, मिसाइल, सामग्री, नौसेना प्रणाली, उन्नत कंप्यूटिंग, सिमुलेशन, साइबर, हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी, क्वांटम कंप्यूटिंग और संचार सहित कई अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर काम कर रहा है।
भारतीय सेना के लिए DRDO की पहली परियोजना सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) थी जिसे प्रोजेक्ट इंडिगो के नाम से जाना जाता है।
स्थापना के बाद से, DRDO ने प्रमुख प्रणालियों और महत्वपूर्ण तकनीकों जैसे कि विमान एविओनिक्स, UAVs, छोटे हथियार, आर्टिलरी सिस्टम, EW सिस्टम, टैंक और बख्तरबंद वाहन, सोनार सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल सिस्टम विकसित करने में कई सफलताएँ हासिल की हैं।
इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।
यह 1958 में स्थापित किया गया था।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष - समीर वी कामत
4. वायु सेना कमांडरों का सम्मेलन
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 20 अप्रैल को नई दिल्ली में वायु मुख्यालय (वायु भवन) में भारतीय वायु सेना के कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया।
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19 अप्रैल से शुरू हुए इस साल के तीन दिवसीय सम्मेलन की थीम 'बियॉन्ड बाउंड्रीज: रोबस्ट फाउंडेशन' है।
प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में बीते वर्ष और भविष्य के लिए की गई प्रगति पर चर्चा होती है।
सीडीएस ने स्वदेशीकरण बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए बेड़े के रखरखाव की दिशा में एक स्पष्ट मार्ग तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण बढ़ाने की रूपरेखा और इससे मिलने वाले लाभों पर भी चर्चा की।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ - जनरल अनिल चौहान
भारतीय वायु सेना के प्रमुख - वी आर चौधरी
भारतीय सेना के प्रमुख - जनरल मनोज पांडे
भारतीय नौसेना के प्रमुख - एडमिरल आर हरि कुमार
5. अभ्यास INIOCHOS-23
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भारतीय वायु सेना (IAF) अभ्यास INIOCHOS-23 में भाग लेगी, जो ग्रीस की वायु सेना, हेलेनिक वायु सेना द्वारा आयोजित एक बहु-राष्ट्रीय वायु अभ्यास है।
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यह अभ्यास 24 अप्रैल 2023 से 4 मई 2023 तक ग्रीस के एंड्राविडा एयर बेस में आयोजित किया जाएगा।
भारतीय वायु सेना चार Su-30 MKI और दो C-17 विमानों के साथ भाग लेगी।
यह अभ्यास यथार्थवादी युद्ध परिदृश्य में संचालित किया जाएगा जिसमें वायु तथा सतह परिसंपत्तियों के विविध प्रकार शामिल होंगे।
यह भाग लेने वाले दलों को एक दूसरे की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि उपलब्ध कराते हुए पेशेवर पारस्परिक क्रियाओं में शामिल होने में भी सक्षम बनाएगा।
अभ्यास INIOCHOS-23 का उद्देश्य
अभ्यास में भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, तालमेल और अंतःपारस्परिकता में वृद्धि करना है।
अभ्यास INIOCHOS-23 के बारे में
ग्रीस के एंड्राविडा एयर बेस पर होने वाली यह एक्सरसाइज यूरोप की सबसे बड़ी एयर एक्सरसाइज माना जाता है।
इसमें फ्रांस, इटली जैसे कई देश शामिल हो रहे हैं। इंडियन एयर फोर्स पहली बार इस अभ्यास में भाग लेगी।
इस अभ्यास में भारत के Su-30MKI के अलावा फ्रांस, अमेरिका, इटली, सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देशों से हवाई संपत्ति की भागीदारी होगी।
6. आईएएफ, फ्रांस में बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय वायु अभ्यास ओरिअन में शामिल होगी
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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ओरिअन अभ्यास में भाग लेने के लिए फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (एफएएसएफ) के वायु सेना बेस स्टेशन पहुंची।
खबर का अवलोकन:
- ओरिअन अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन 17 अप्रैल से 05 मई 2023 तक किया जा रहा है।
- इस अभ्यास के लिए आईएएफ की टुकड़ी में चार राफेल विमान, दो सी-17 और दो ll-78 विमान तथा 165 वायु सैनिक शामिल किये गए हैं।
- आईएएफ में शामिल हुए राफेल विमानों के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास होगा।
ओरिअन अभ्यास में भागीदार देश:
इस अभ्यास में आईएएफ और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स के अतिरिक्त जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, स्पेन और अमरीका की वायु सेना भी भाग ले रही हैं।- इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से आईएएफ की कार्य शैली को और भी समृद्ध करेगी।
- यह अभ्यास फ्रांसीसी रक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास है, जिसमें उनकी सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ उनके मुख्य सहयोगी देश शामिल हैं।
फ्रांस:
- राजधानी: पेरिस
- मुद्रा: यूरो
- राष्ट्रपति: इमैनुएल मैक्रों
7. Iniochos-2023 अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास का आयोजन ग्रीस में 18 अप्रैल से
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ग्रीस में 18 अप्रैल से Iniochos-2023 नाम का एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास होने जा रहा है।
जिसमें विश्व के सर्वाधिक घातक लड़ाकू विमानों को शामिल किया जाएगा।
खबर का अवलोकन:
- इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान उच्च मानकों पर खरा उतरना और हवाई हमले के सभी आयामों को समझना है।
तीन चरणों में आयोजन:
- इसका आयोजन 18 अप्रैल से 8 मई 2023 तक तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा:
- प्रथम चरण: 18 से 23 अप्रैल
- द्वितीय चरण: 24 अप्रैल से 4 मई
- तृतीय चरण: 5 मई से आठ मई
Iniochos-2023 में भाग लेने वाले देश:
- इसमें भारत और ग्रीस के अलावा अमेरिका, फ्रांस, इटली, जॉर्डन, सऊदी अरब, स्लोवेनिया, साइप्रस, स्पेन जैसे कई देशों के लड़ाकू विमान भी शामिल होंगे।
भारत की नजर एफ-16 लड़ाकू विमान पर:
- इस दौरान भारतीय वायु सेना को एफ-16 लड़ाकू विमान (यह विमान पाकिस्तान के पास भी है) के साथ अभ्यास करने का अवसर मिलेगा। उसकी क्षमता और युद्ध के दौरान कौशल को परखने का पूरा अवसर प्राप्त होगा। जबकि, भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी आभाव है।
इनका अभ्यास किया जाएगा:
- इस युद्धाभ्यास में ऑफेंसिव काउंटर ऑपरेशन, डिफेंसिव काउंटर ऑपरेशन, स्ट्रैटजिक एयर ऑपरेशन, जमीन पर मौजूद सेना को हवाई सहायता देने का अभ्यास, नौसेना को हवाई मदद देने का अभ्यास, खोज, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू, दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास, अपने महत्वपूर्ण अड्डों को बचाने का अभ्यास भी किया जाएगा।
Iniochos-2023 युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण:
- इस अभ्यास में भारत के सुखोई एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान के अलावा, ग्रीस के एफ-16 और राफेल लड़ाकू विमान, साइप्रस के एडब्लू-139 हेलीकॉप्टर, फ्रांस के राफेल, इटली का टारनेडो, जॉर्डन का एफ-16, सऊदी अरब का एउ-15, स्लोवेनिया का पीसी-9, स्पेन का ईएफ-18 और अमेरिका का एमक्यू-9 रीपर ड्रोन हिस्सा लेगा।
- इसके साथ ही अलावा ऑस्ट्रिया और कनाडा के अधिकारी पूरे युद्धाभ्यास का गवाह बनेगें।
8. एक्सरसाइज कोप इंडिया 2023
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एक्सरसाइज कोप इंडिया 2023, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स (यूएसएएफ) के मध्य एक द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है, जो वायु सेना स्टेशनों अर्जन सिंह (पानागढ़), कलाईकुंडा (पश्चिम बंगाल) और आगरा में 10 अप्रैल से आयोजित किया जा रहा है।
खबर का अवलोकन:
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ को बेहतर बनाना और उनकी सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करना है।
- इस अभ्यास का प्रथम चरण 10 अप्रैल को आरंभ हो गया है। अभ्यास का यह चरण हवाई गतिशीलता पर केंद्रित होगा और इसमें दोनों वायु सेनाओं के परिवहन विमान और विशेष बल की परिसंपत्तियां शामिल होंगी।
- इस अभ्यास में दोनों देश सी-130जे और सी-17 विमानों को मैदान में उतारेंगे, साथ ही यूएसएएफ एमसी-130जे का संचालन भी किया जाएगा।
- इस अभ्यास में जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स कर्मियों की उपस्थिति भी शामिल है, जो पर्यवेक्षकों की क्षमता में भाग लेंगे।
- प्रथम कोप इंडिया अभ्यास वर्ष 2004 में वायुसेना स्टेशन ग्वालियर के टेकनपुर में आयोजित हुआ था।
9. संयुक्त सैन्य अभ्यास 'एक्स कवच' अंडमान और निकोबार कमान में संपन्न हुआ
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अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) ने थल सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बलों की संपदाओं को शामिल करते हुए बड़े स्तर पर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स कवच’ का आयोजन किया।
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23 फरवरी, 2023 को शुरू होकर यह अभ्यास 7 अप्रैल, 2023 को संपन्न हुआ।
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त युद्ध क्षमताओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को ठीक करना और सेनाओं के बीच अंतर परिचालन और संचालन तालमेल को बढ़ाना था।
थल सेना की ‘शत्रुजीत ब्रिगेड’, आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन (एएफएसओडी), नौसेना के विशेष बलों और एएनसी के उभयचर सैनिकों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक दूरस्थ द्वीप पर अभ्यास किया।
अभ्यास में तट से दूर उभयचर लैंडिंग, हवाई संचालन, हेलीबोर्न संचालन और विशेष बलों के त्वरित प्रवेश से जुड़े बहु-डोमेन अभ्यास किया गया।
'एक्स कवच' ने भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की क्षमताओं और तैयारियों का प्रदर्शन किया।
10. भारत के राष्ट्रपति ने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में ऐतिहासिक उड़ान भरी
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन में सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एक ऐतिहासिक उड़ान भरी।
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राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं, ने लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी।
विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया था।
विमान ने समुद्र तल से करीब दो किलोमीटर की ऊंचाई पर और करीब 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति की उड़ान भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में सशस्त्र बलों के साथ जुड़ने के उनके प्रयासों का एक हिस्सा है।
फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुखोई एमकेआई 30 फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं और युद्धक विमान में उड़ान भरने वाली देश की चौथी राष्ट्रपति हैं।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से पहले देश कि पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 2009 में सुखोई में उड़ान भरी थी।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान
यह दो सीट वाला बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है।
इसे रूसी कंपनी सुखोई ने विकसित किया है और इसका निर्माण लाइसेंस के तहत भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है।
रेंज - 3000 कि.मी