1. आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एआईआईए ने एआईएसटी , जापान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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आयुष मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और राष्ट्रीय उन्नत औद्योगिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एआईएसटी), जापान ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अनुसंधान गतिविधियाँ को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में 7 अक्टूबर 2022 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
ये समझौता ज्ञापन दोनों देशों को पारंपरिक दवाओं की भारतीय आयुर्वेदिक प्रणाली के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग और निर्माण क्षमता बढ़ावा देने में सक्षम करेगा। इन सभी गतिविधियों को आयुष मंत्रालय के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
एआईआईए के पास इससे पहले जर्मनी की यूरोपियन एकेडमी ऑफ आयुर्वेदा, बर्नस्टीन; वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया; ग्राज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रिया; कॉलेज ऑफ मेडिकल, यूके; लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, यूके और फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो, ब्राजील के साथ एमओयू हैं।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान(एआईआईए)
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ,आयुर्वेद के लिए एक शीर्ष संस्थान है जिसे नई दिल्ली में स्थापित किया जा रहा है। यह आयुर्वेद को साक्ष्य आधारित उपचार बनाने और आयुर्वेद दवाओं के मानकीकरण के लिए कार्य करेगा ।
एआईआईए के वर्तमान निदेशक: प्रोफेसर तनुजा मनोज नेसारी
आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) :
- आयुष मंत्रालय की स्थापना 9 नवंबर 2014 को पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए की गई थी।
- यह आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान पर केंद्रित है।
- आयुष मंत्री: सर्बानंद सोनोवाल