1. दीपावली सप्ताह के दौरान 20 साल में पहली बार प्रचलन में मुद्रा में गिरावट: एसबीआई इकोरैप
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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा है कि इस साल दिवाली वाली सप्ताह में ‘प्रचलन में मुद्रा ‘(currency in circulation) में 7,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। यह पिछले 20 वर्षों में पहली बार था जब दिवाली त्योहार के मौसम में नकदी परिसंचरण में कमी आई है, जहां आम तौर पर खर्च में बढ़ोतरी होती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2009 में प्रचलन में मुद्रामें 950 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी लेकिन यह वैश्विक वित्तीय संकट के कारण हुए देश में आर्थिक मंदी के कारण था, जिसके कारण इसे अपवाद माना गया ।
प्रचलन में मुद्रा में गिरावट का कारण
रिपोर्ट के अनुसार नकदी के प्रचलन में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय भुगतान प्रणाली में नकदी से स्मार्टफोन आधारितभुगतान अर्थव्यवस्था में बदलाव है ।
फिनटेक में नवाचार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण ,जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उनके लिए भी डिजिटल रूप से पैसा ट्रांसफर करना आसान और सस्ता हो गया है।
रिपोर्ट सरकार की नकद के बजाय डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने की पहल को भी इसका श्रेय देती है।
भविष्य के अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी में उत्तरोत्तर गिरावट आई है और डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
भुगतान प्रणाली में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी 2015-16 में 88% थी जो 2021-22 में घटकर 20% रह गई। 2026-27 में इसके और कम होकर 11.15% होने का अनुमान है।
नतीजतन, डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 2015-16 में 11.26% से बढ़कर 2021-22 में 80.4% हो गई है और 2026-27 में 88% तक पहुंचने की उम्मीद है।
प्रचलन में मुद्रा क्या है?
प्रचलन में मुद्रा, आम जनता और वित्तीय संस्थानों के पास अंकित मूल्य पर दर्ज बैंकनोटों और प्रचलन में सिक्कों को कहते हैं।
बैंक नोट वे मुद्रा नोट हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। एक रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
हालांकि जारी किए गए सभी नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं होते हैं। कुछ बैंक नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं हैं जैसे करेंसी नोट और सिक्के जो आरबीआई की तिजोरी में रखे जाते हैं, बैंकों को नकद आरक्षित अनुपात आवश्यकताओं को बनाए रखना के लिए भी बैंकनोटों को अपने पास रखना होता है आदि।