1. ओडिशा सरकार राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक वर्ष के लिए मुफ्त चावल प्रदान करेगी
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ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार ने एक वर्ष के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों को को प्रति माह 5 किलो चावल मुफ्त प्रदान करेगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 3 जनवरी 2023 को की थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार योजना के लिए कुल व्यय 185 करोड़ रुपये होगा जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इससे पहले भारत सरकार ने 1 जनवरी 2023 से एक वर्ष के लिए लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले खाद्यान्न को मुफ्त कर दिया था।
ओडिशा सरकार ने उन गरीब लोगों के लिए 2 अक्टूबर 2018 को अपनी राज्य खाद्य सुरक्षा योजना शुरू की, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कवर नहीं किए गए थे। इन लाभार्थियों को 1 रुपये प्रति किलो की दर से 5 किलो चावल प्रदान किया जाता है ।अब एक साल तक इन्हें मुफ्त अनाज मिलेगा ।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल या गेहूं या मोटे अनाज) मिलते हैं और प्राथमिकता वाले परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम अनाज मिलता है।
ओडिशा
उड़ीसा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होने के बाद हुई थी।
1 अप्रैल को ओडिशा में उत्कल दिवस या ओडिशा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
ओडिशा को पहले उड़ीसा कहा जाता था। 2011 में इसका नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया।
ओडिशा के राज्यपाल: गणेशी लाल
राजधानी: इसकी राजधानी पहले कटक में थी लेकिन इसे 19 अगस्त 1949 को भुवनेश्वर में स्थानांतरित कर दिया गया था।
2. एनएफएसए के तहत 81 करोड़ लोगों को एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा
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सरकार ने 23 दिसंबर को 81.35 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 2 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला किया। इसे 1 जनवरी 2023 से लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
- कैबिनेट के फैसले के अनुसार एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को दिसंबर 2023 तक एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा।
- यह फैसला 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त होने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से कुछ दिन पहले आया है।
- लाभार्थियों को खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एक रुपये का भुगतान नहीं करना होगा।
पीएमजीकेएवाई के बारे में
- यह केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान घोषित खाद्य सुरक्षा कल्याण योजना है।
- यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में गरीबों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का एक हिस्सा है।
- कार्यक्रम उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा संचालित है।
- कार्यक्रम के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं/चावल मुफ्त प्रदान किया जाता है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है।
योजना का उद्देश्य
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से भारत के सबसे गरीब नागरिकों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए, सभी प्राथमिकता वाले परिवारों (राशन कार्ड धारकों और अंत्योदय अन्न योजना योजना द्वारा पहचाने गए लोगों) को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (NFS) अधिनियम, 2013
- इसका उद्देश्य भारत के 1.2 बिलियन लोगों में से लगभग दो-तिहाई लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
- इसमें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत तीन रुपये किलो चावल, दो रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो मोटा अनाज शामिल है।
- यह भारत सरकार के मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए कानूनी अधिकार के रूप में परिवर्तित करता है।
- मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में शामिल है -मध्याह्न भोजन योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) हैं।