1. प्रोसस ने भुगतान एग्रीगेटर बिलडेस्क खरीदने के लिए पेयू सौदे को समाप्त कर दिया
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पेयू (PayU) के मालिक प्रोसस ने भारत के अग्रणी भुगतान एग्रीगेटर बिलडेस्क का अधिग्रहण करने के लिए 4.7 अरब डॉलर के अपने सौदे को समाप्त करने की घोषणा की है।
प्रोसस के स्वामित्व वाली पेयू (PayU) ने 31 अगस्त 2021 को, घोषणा की थी कि उसकी कंपनी पेयू ऑनलाइन भुगतान फर्म बिलडेस्क को $4.7 बिलियन (लगभग 34,400 करोड़ रुपये) में खरीदेगी। इसे 5 सितंबर, 2022 को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया था।
नीदरलैंड स्थित प्रोसस ने एक बयान में कहा कि "कुछ शर्तों को 30 सितंबर, 2022 तक पूरा नहीं किया गया था, और समझौता स्वचालित रूप से समाप्त हो गया है"।
2018 में वॉलमार्ट का ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट का $ 16 बिलियन का अधिग्रहण भारतीय फिनटेक स्पेस में सबसे बड़ा एम एंड ए (विलय और अधिग्रहण) सौदा है।
प्रोसस ने स्विगी, फार्म इज़ी, मीशो, बायजूस,देहात,मेन्सा ब्रांड्स,गुड ग्लैम ग्रुप जैसी भारतीय नई टेक कंपनियों में लगभग 6 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
2. सीसीआई ने पेयू पेमेंट द्वारा बिलडेस्क के अधिग्रहण को मंजूरी दी
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 5 सितंबर 2022 को एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि उसने भुगतान करने वाली प्रमुख कंपनी पेयू ((PayU) के $4.7 बिलियन (लगभग 34,400 करोड़ रुपये) के ऑनलाइन भुगतान फर्म बिलडेस्क के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- इसने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31(1) के तहत पेयू पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (पेयू इंडिया) द्वारा बिलडेस्क के मालिक इंडिया आइडियाज.कॉम लिमिटेड (आईआईएल) की इक्विटी शेयर पूंजी के 100% के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।
- पिछले साल अगस्त में, नीदरलैंड की वैश्विक उपभोक्ता इंटरनेट समूह और प्रौद्योगिकी निवेशक प्रोसस एनवी ने घोषणा की थी कि पेयू और बिलडेस्क के शेयर धारकों के बीच बिलडेस्क को 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया गया था।
- पेयू-बिलडेस्क सौदा, 2018 में वॉलमार्ट के ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट के 16 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण के बाद भारतीय इंटरनेट क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा खरीद है। इसमें भारत के दो सबसे बड़े खिलाड़ियों के भुगतान गेटवे व्यवसाय का विलय शामिल होगा।
- पेयू इंडिया और बिलडेस्क मुख्य रूप से भुगतान एकत्रीकरण सेवाएं प्रदान करते हैं जो व्यापारियों (और अन्य संस्थाओं) को विभिन्न डिजिटल भुगतान विधियों में अपने ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं।
अतिरिक्त जानकारी -
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) :
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) भारत में प्रमुख राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नियामक है।
- यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित किया गया था।
- यह कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- यह स्वस्थ बाजार प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और भारत में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली गतिविधियों को रोकता है।
- सीसीआई अधिनियम के तहत संयोजनों को भी मंजूरी देता है ताकि दो विलय वाली संस्थाएं का बाजार पर एकाधिकार न स्थापित हो सके।
मुख्यालय - नई दिल्ली
वर्तमान अध्यक्ष - अशोक कुमार गुप्ता