1. यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और आयात का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत
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भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक व्यापार के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात भारत का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण निर्यात गंतव्य है।
खबर का अवलोकन
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान अमेरिका और यूएई ने भारत के शीर्ष निर्यात स्थलों के रूप में क्रमशः अपना पहला और दूसरा स्थान बरकरार रखा।
पिछले महीने समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान भारत के माल और सेवाओं के कुल निर्यात में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई।
पिछले साल समुद्री राष्ट्र के माध्यम से परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के उच्च स्तर के आयात के कारण नीदरलैंड ने चीन को प्रतिस्थापित किया और इसी अवधि के दौरान भारत की समग्र निर्यात श्रेणी में तीसरे स्थान पर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय ने मार्च 2023 के लिए भारत के व्यापार के आंकड़े भी जारी किए, जिसमें भारत के निर्यात स्थलों में अमेरिका के बाद यूएई को दूसरे स्थान पर दिखाया गया है।
यूएई, मार्च 2023 में भारत के आयात स्रोतों में चीन और रूस के बाद तीसरे स्थान पर था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बारे में
स्थान: यह पश्चिमी एशिया में स्थित है।
भौगोलिक सीमाएँ: यह ओमान और सऊदी अरब के साथ सीमाएँ साझा करता है।
समुद्री सीमाएँ: इसकी कतर और ईरान के साथ फारस की खाड़ी में समुद्री सीमाएँ भी हैं।
धर्म: संयुक्त अरब अमीरात में इस्लाम प्रमुख धर्म है, जिसमें अधिकांश आबादी सुन्नी मुस्लिम है।
राजधानी - अबू धाबी
आधिकारिक भाषा - अरबी
सरकार - संघीय इस्लामी संसदीय वैकल्पिक अर्ध-संवैधानिक राजतंत्र
राष्ट्रपति/क्राउन प्रिंस - मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान
प्रधान मंत्री - मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम
उपराष्ट्रपति - मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम और मंसूर बिन जायद अल नहयान
2. एफपीवी श्रृंखला का अंतिम पोत, आईसीजी जहाज 'कमला देवी' कमीशन किया गया
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पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फास्ट पेट्रोल वेसल (एफपीवी) आईसीजी जहाज 'कमला देवी' को 12 जनवरी को कमीशन किया गया।
खबर का अवलोकन
यह तेज गश्ती पोत (एफपीवी) भारतीय तट रक्षक को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड द्वारा डिजाइन, निर्मित और वितरित किया गया।
गुयाना गणराज्य के लिए शिपयार्ड द्वारा निर्मित एक पैसेंजर-कम-कार्गो ओशन गोइंग फेरी 'एमवी मा लिशा' को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
यह किसी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड द्वारा लैटिन अमेरिकी देश को निर्यात के लिए बनाया गया पहला ऐसा जहाज है।
आईसीजी कमला देवी के बारे में
आईसीजी कमला देवी 308 टन के विस्थापन के साथ 48.9 मीटर लंबी और 7.5 मीटर चौड़ी है।
यह तीन इंजन और पानी के जेट के साथ, 34 समुद्री मील की शीर्ष गति और 1,500 समुद्री मील से अधिक सहन करने में सक्षम है।
इसके पास एक एकीकृत ब्रिज सिस्टम भी है और मुख्य आयुध के रूप में 40/60 बंदूक से सुसज्जित है।
जहाज में 35 कर्मियों के लिए पूरी तरह से वातानुकूलित आवास के साथ रहने योग्य उन्नत सुविधाएँ हैं।
ICGS कमला देवी समुद्र में गश्त करेगी और आवश्यकता पड़ने पर तस्करी, अवैध शिकार और खोज और बचाव अभियान चलाएगी।
'एमवी मा लिशा' के बारे में
यह जीआरएसई द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है और इसे चेन्नई में गुयाना की लंबी यात्रा के लिए एक अर्ध-पनडुब्बी पोत एमवी सन राइज पर रखा जाएगा।
जहाज को 15 जून, 2022 को लॉन्च किया गया था और छह महीने के भीतर, जीआरएसई ने 16 दिसंबर को जहाज की 'तकनीकी स्वीकृति' हासिल कर ली थी।
1,700 टन के विस्थापन के साथ 70 मीटर लंबा यह पोत दो डीजल इंजनों द्वारा चलाया जाता है और 15 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है।
जहाज में 14 कारों, दो ट्रकों और 14 कंटेनरों और कार्गो के साथ 14 चालक दल के सदस्यों सहित 294 यात्री बैठ सकते हैं।
3. रूस , चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत के लिए उर्वरकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है
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रूस 2022-23 वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में चीन की जगह भारत के लिए उर्वरकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान वैश्विक उर्वरक कीमतों में उछाल और पश्चिमी देशों द्वारा रूसी उर्वरक खरीदने से इनकार करने के बाद रूसियों ने भारत को भारी छूट पर अपने उर्वरकों की पेशकश की थी ,जिससे कारण भारत ने रुसी उर्वरकों की खरीद बढ़ा दी थी ।
साल के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर 2022) में रूस से भारत का उर्वरक आयात 371% बढ़कर रिकॉर्ड 2.15 मिलियन टन हो गया। रूसी आपूर्ति में वृद्धि के कारण चीन जॉर्डन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात जैसे पारंपरिक स्रोतों से भारत के आयात में गिरावट आई है।
2021-22 वित्तीय वर्ष में भारतीय आयात में रूस की हिस्सेदारी लगभग 6% थी, जबकि चीन की हिस्सेदारी लगभग 24% थी।
2022-23 की पहली छमाही में भारत का कुल उर्वरक आयात एक साल पहले की तुलना में 2.4% गिरकर 10.27 मिलियन टन हो गया, हालांकि मूल्य के लिहाज से इस अवधि के दौरान आयात 59% से बढ़कर 7.4 बिलियन डॉलर हो गया। भारत, जो यूरिया का एक प्रमुख आयातक है, 2024 तक आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है और भारत ने अपने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश है ।
रूस और बेलारूस दुनिया में उर्वरकों के प्रमुख निर्यातक हैं। पिछले साल पोटाश के वैश्विक निर्यात में दोनों का हिस्सा 40% से अधिक था।रूस अमोनिया के वैश्विक निर्यात का लगभग 22%, विश्व के यूरिया निर्यात का 14% और मोनोअमोनियम फॉस्फेट (एमएपी) निर्यात का लगभग 14% है। हालांकि यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण विश्व बाजार में उर्वरकों की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे इसकी बाज़ार में कमी और कीमतों में वृद्धि हुई।
4. यूएस ट्रेजरी ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया
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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग (अमेरिकी वित्त मंत्रालय) ने 11 नवंबर 2022 को इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम के साथ भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया है।
ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट के अनुसार चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात अर्थव्यवस्थाएं हैं जो अभी भी मुद्रा निगरानी सूची का हिस्सा हैं।
भारत को पहली बार 2018 में मुद्रा निगरानी सूची में रखा गया था और बाद में उसे इस सूची से हटा दिया गया था, लेकिन अप्रैल 2021 में इसे फिर से सूची में डाल दिया गया था ।
ट्रेजरी विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों को सूची से हटा दिया गया है, वे लगातार दो रिपोर्टों में , तीन मानदंडों में से केवल एक को पूरा कर पाए हैं।
मुद्रा निगरानी सूची क्या है?
संयुक्त राज्य अमेरिका के 2015 के अधिनियम के तहत ट्रेजरी विभाग को संयुक्त राज्य अमेरिका के कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को एक अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
इस रिपोर्ट में उन संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक भागीदारों का उल्लेख किया जाता है जो जान - बूझकर अपने मुद्रा की कीमत काम रखते हैं ताकि व्यापार में उनको अनुचित लाभ मिले।
मुद्रा हेरफेर का मतलब है कि देश जानबूझकर अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अपनी मुद्रा का मूल्य कम रखता है ताकि उसके निर्यात किए गए सामान की कीमत कम रखी जा सके और इसलिए उसके निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
2015 के अधिनियम में तीन मानदंडों में से दो को पूरा करने वाली अर्थव्यवस्था को निगरानी सूची में रखा गया है। ये मानदंड इस प्रकार हैं:
- उस देश का संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक बड़ा व्यापार अधिशेष होगा।
- वह देश लगातार विदेशी मुद्रा बाजार में 12 महीनों में से कम से कम छह महीनों में विदेशी मुद्रा की खरीद करता हो और विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2% से अधिक हो।
- देश का चालू खाता अधिशेष सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% हो।
5. 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पूरा करेगा भारत: पीयूष गोयल
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16 अक्टूबर 2022 को चेन्नई में आयोजित एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव में बोलते हुए, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर,निर्यात लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त कर लेगा।
2021-22 में भारत का कुल निर्यात 671.81 अरबडॉलर था। भारत ने 2021-22 में 417.81 अरब डॉलर के सामान का निर्यात किया और 2021-22 में सेवा क्षेत्र का निर्यात 254 अरब डॉलर था।
चालू वित्त वर्ष में पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर 2022) में भारत से माल का निर्यात 229.05 अरब डॉलर था।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि 2047 तक, देश 30 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और निर्यात का हिस्सा 25 प्रतिशत होगा ।
2021-22 में, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निर्यात का हिस्सा 21.4% था ।भारत के कुल जीडीपी में निर्यात किए गए माल का हिस्सा 2021-22 में 13.3% था जबकि सेवा क्षेत्र का हिस्साका 8.1% था।
एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव का आयोजन भारतीय निर्यात संगठन का संघ (फियो) द्वारा किया गया था।
भारतीय निर्यात संगठन का संघ (फियो)
इसकी स्थापना 1965 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भारत में एक शीर्ष निर्यात प्रोत्साहन निकाय के रूप में की गई थी।
यह भारत से निर्यात को बढ़ावा देने में लगे सभी हितधारकों को एक साथ लाने और समन्वय करने के लिए काम करता है।
यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय औरकेंद्र , राज्य सरकारों, वित्तीय संस्थानों, बंदरगाहों, रेलवे, भूतल परिवहन और निर्यात व्यापार सुविधा में लगे सभी के बीच महत्वपूर्ण इंटरफेस प्रदान करता है
मुख्यालय: नई दिल्ली
फियो के अध्यक्ष: डॉ ए शक्तिवेली
6. वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों में भारतीय व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में 15.54% की वृद्धि दर्ज की गई
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केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर 2022 को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में भारत से भारतीय माल का निर्यात $ 229.05 बिलियन था। इसने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.54% की वृद्धि दर्ज की।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान व्यापारिक वस्तुओं का आयात $ 378.53 बिलियन था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 37.89% की वृद्धि
थी ।
वित्त वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में व्यापार घाटा (आयात-निर्यात) 149.47 अरब डॉलर था।
2021-22 में माल निर्यात और आयात
पिछले वर्ष की तुलना में 43.18% की वृद्धि दर के साथ 2021-23 में भारत से कुल व्यापारिक माल निर्यात 417.81 अरब डॉलर का रिकॉर्ड था।
2021-22 में भारत का माल आयात पिछले वर्ष की तुलना में 54.71% की वृद्धि के साथ $610.22 बिलियन था।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान भारत से शीर्ष निर्यात किए गए सामान ।
सभी आंकड़े मिलियन डॉलर (1 मिलियन = 10 लाख) हैं ।
वस्तु | अप्रैल-सितंबर 2022-23 | कुल व्यापारिक निर्यात में प्रतिशत |
इंजीनियरिंग सामान | 54456.02 | 23.77% |
पेट्रोलियम उत्पाद | 49889.66 | 21.78% |
रत्न और आभूषण | 20484.36 | 8.94% |
कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन | 15744.19 | 6.87% |
ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स | 12580.51 | 5.49% |
इलेक्ट्रॉनिक सामान | 10192.88 | 4.45% |
वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) के दौरान भारत द्वारा शीर्ष आयातित सामान
सभी आंकड़े मिलियन डॉलर हैं।
वस्तु | कुल व्यापारिक निर्यात में प्रतिशत | कुल व्यापारिक आयात में प्रतिशत |
कच्चा पेट्रोलियम तेल और उत्पाद | 114982.23 | 30.38% |
इलेक्ट्रॉनिक सामान | 39588.41 | 10.46% |
कोयला, कोक और ब्रिकेट, आदि। | 30245.98 | 7.99% |
इलेक्ट्रिकल और गैर-इलेक्ट्रिकल, मशीनरी | 21790.35 | 5.76% |
सोना | 20077.82 | 5.30% |
7. साल के पहले 6 महीनों में चाय का निर्यात बढ़कर 96.89 मिलियन किलोग्राम हुआ
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भारतीय चाय बोर्ड , कोलकाता के अनुसार, जनवरी से जून 2022 के पहले छह महीनों के दौरान चाय का कुल निर्यात बढ़कर 96.89 मिलियन किलोग्राम हो गया है , जबकि पिछली अवधि में यह 86.46 मिलियन किलोग्राम था।
रुपये के संदर्भ में निर्यात का कुल मूल्य मौजूदा पहली छमाही में बढ़कर 2,532.67 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछली समान अवधि में यह 2306.77 करोड़ रुपये था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारत के लिए प्रमुख निर्यात बाजार :
भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार अभी भी स्वतंत्र देशों का राष्ट्रमंडल (सीआईएस) है। सीआईएस, 9 देशों का समूह है जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा थे। इसमें आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मोल्दोवा, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण चालू वर्ष के पहले छह महीनों में सीआईएस देशों को चाय के निर्यात में गिरावट आई है। यह 2021 की पिछली अवधि में 21.04 मिलियन किलोग्राम के मुकाबले मौजूदा छह महीनों के दौरान घटकर 20.58 मिलियन किलोग्राम हो गया है।
देशानुसार :
देश के हिसाब से, भारतीय चाय का सबसे बड़ा निर्यात बाजार संयुक्त अरब अमीरात (यूईए) है । इसने मौजूदा पहले छह महीनों के दौरान 15.86 मिलियन किलोग्राम का आयात किया, जबकि पिछली समान अवधि में यह 6.76 मिलियन किलोग्राम था।
दूसरे स्थान पर रूस, 14.76 मिलियन किलोग्राम के आयात के साथ था।
तीसरे स्थान पर ईरान था, जो मौजूदा पहली छमाही में 11.43 मिलियन किलोग्राम के आयात के साथ था, जबकि पिछली अवधि में यह 10.04 मिलियन किलोग्राम था।
अतिरिक्त जानकारी -
दुनिया में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक (2021 में ) :
चीन के बाद भारत दुनिया में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन भारत दुनिया में चाय का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।
विश्व में चाय का सबसे बड़ा निर्यातक केन्या (वैश्विक निर्यात का 28%) है जिसके बाद
चीन(19%), श्रीलंका(14%) और भारत(11%) है।
8. अर्थशास्त्र / व्यवसाय
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1. भारत सरकार के द्वारा स्थानीय प्रतिद्वंद्वी रुपे (RuPay) का समर्थन करने के बारे में वीज़ा ने अमेरिकी सरकार से शिकायत की
वीज़ा कंपनी ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई और सीईओ अल्फ्रेड केली सहित कंपनी के अधिकारियों के बीच एक बैठक के दौरान यू.एस. सरकार से शिकायत की है कि घरेलू भुगतान प्रतिद्वंद्वी रुपे को भारत के "अनौपचारिक और औपचारिक" तरीके से प्रचार कर रहा है। इससे अमेरिकी वीज़ा कम्पनी को भारत में नुकसान हुआ है|
2. सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी
- केंद्र सरकार ने घोषणा की कि उसने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) - वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत एक सीपीएसई के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दे दी है।
- रणनीतिक विनिवेश पर वैकल्पिक तंत्र (एएम) में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हैं।
- जीतने वाली बोली नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग लिमिटेड ने 210 करोड़ रुपये में लगाई थी।
3. प्रत्यक्ष कर संग्रह में 68 प्रतिशत की वृद्धि
- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के अनुसार, 23.11.2021 को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े 6,92,833.6 करोड़ रुपये हैं, जो वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2019-20 में 67.93 प्रतिशत और 27.29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
4. आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल बोर्ड का अधिक्रमण किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 नवंबर को कहा कि कंपनी विभिन्न भुगतान दायित्वों का निर्वहन न करने के कारण रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को हटा दिया है।
आरबीआई ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव वाई को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया है।
5. जुलाई-सितंबर 2021-22 (दूसरी तिमाही) में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.4% रही
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत है , ने 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के संबंध में आर्थिक आंकड़े जारी किए हैं।
- 2021-22 की दूसरी तिमाही में लगातार स्थिर मूल्यों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
6. जीएसटी(GST) संग्रह बढ़ा
सकल माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह नवंबर में ₹1,31,526 करोड़ पर पहुंच गया, जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद दूसरा सबसे बड़ा और लगातार दूसरा महीना है कि संग्रह ₹1.3 लाख करोड़ को पार कर गया है। नवंबर के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 25% अधिक और 2019-20 के पूर्व-महामारी के स्तर से 27% अधिक था।
7. वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली दो तिमाहियों में भारत-चीन व्यापार घाटा का 30 बिलियन डॉलर
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा $30.07 बिलियन था।
8. राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद और ऋण के अनुपात का वृद्धि चिंता का विषय :आरबीआई
राज्यों का संयुक्त ऋण और सकल घरेलू उत्पाद अनुपात मार्च 2022 के अंत तक 31% रहने की उम्मीद है
यह आरबीआई द्वारा अपनी रिपोर्ट 'स्टेट फाइनेंस: ए स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2021-22' में प्रकाशित किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के लिए लक्ष्य 20% था, इसलिए अनुमानित आंकड़े वाकई चिंताजनक हैं।
9. निर्यात में कमी ने व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 23.27 बिलियन डॉलर पर पहुंचा
भारत का व्यापारिक निर्यात (जिसे मूर्त निर्यात या खुदरा निर्यात के रूप में भी जाना जाता है) आठ महीनों में पहली बार नवंबर में 30 बिलियन डॉलर से नीचे गिरकर 29.88 बिलियन डॉलर हो गया, यहां तक कि आयात में तेजी से वृद्धि हुई