1. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा के 19 शहरों में 24×7 ''नल से पानी' परियोजना की शुरुआत की
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 21 दिसंबर 2022 को राज्य के 19 शहरों में 24×7 पाइप वाली पेयजल परियोजना - 'नल से पानी' शुरू की। इन शहरों में लगभग 5.5 लाख लोग इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना लंबे समय से उनका सपना रहा है और यह हमेशा उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि इन शहरों में घरों को भारतीय मानक ब्यूरो के गुणवत्ता मानकों का पालन करने वाले, सीधे नल से पीने का पानी मिलेगा।
राज्य सरकार की योजना केंद्र सरकार कीजल जीवन मिशन योजना से अलग है जिसे 15 अगस्त 2019 को लॉन्च किया गया था।
जल जीवन मिशन के तहत, हर घर नल से जल योजना का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य, गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराना है।
गोवा ,दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव देश में क्रमशः पहला 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं ।
मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला भारत का पहला प्रमाणित 'हर घर जल' जिला है।
2. अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत का पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश घोषित
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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी को प्रमाण पत्र सौंपकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को भारत का पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश घोषित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी गांवों को हर घर जल के रूप में प्रमाणित किया गया है और खुले में शौच मुक्त - ओडीएफ प्लस के रूप में भी सत्यापित किया गया है।
स्वच्छ सुजल प्रदेश के रूप में प्रमाणित होने के लिए, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को हर घर जल प्रमाणित करना होगा साथ ही खुले में शौच मुक्त होना चाहिए।
प्रमाणित हर घर जल का मतलब है कि, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के हर गांव की ग्राम सभा को एक प्रस्ताव पारित करना होगा, जिसमें यह प्रमाणित किया जाएगा कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
गांवों को भी ग्राम सभा के एक प्रस्ताव के माध्यम से पुष्टि करनी होती है कि, प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और एक भी घर नहीं छूटा है।
उन्हें यह भी पुष्टि करनी होगी कि सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी नल का पानी मिल रहा है।
खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) :
'खुले में शौच मुक्त' (ओडीएफ) एक शब्द है जिसका इस्तेमाल उन समुदायों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो खुले में शौच के बजाय शौचालय का उपयोग कर रहे हैं।
एक गांव जो खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति को बनाए रखता है, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करता है और देखने से साफ सुथरा है" ओडीएफ प्लस गांव कहलाता है।
इन गावों के सभी घरों, प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर और आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा सुनिश्चित होना चाहिए।
कम से कम 80% परिवारों को अपने ठोस और तरल कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना चाहिए और न्यूनतम कूड़े और न्यूनतम स्थिर पानी होना चाहिए।
ओडीएफ प्लस गांवों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है - आकांक्षी, राइजिंग और मॉडल।
नोट :
मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला भारत का पहला प्रमाणित हर घर जल जिला है।
गोवा हर घर जल राज्य के रूप में प्रमाणित होने वाला पहला राज्य है।
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव देश का पहला हर घर जल प्रमाणित केंद्र शासित प्रदेश (UT) है।
3. गोवा देश का पहला हर घर जल राज्य और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव पहला केन्द्रशासित प्रदेश
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जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गोवा देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य बन गया है, जहां अब सभी घरों में नल के माध्यम से साफ पानी उपलब्ध है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इन दोनों राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को ‘हर घर जल’ घोषित किया है और यह प्रमाणित किया है कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
मंत्रालय ने कहा कि गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी उपलब्ध है।
गोवा के सभी दो लाख 63 हजार ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के 85 हजार से ज्यादा परिवारों को अब नल के जरिए साफ और सुरक्षित पेय जल मिल रहा है।
देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला :
पिछले महीने मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित जिला बन गया है।
उस समय तक, बुरहानपुर देश का एकमात्र जिला था जहां 254 गांवों में से प्रत्येक के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांवों को ‘हर घर जल’ घोषित किया था।
जल जीवन मिशन :
यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त 2019 को प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी।
मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता और नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति करना है।
मिशन को भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
इसे भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।
फंडिंग पैटर्न :
मिशन के तहत केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालय तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10 तथा अन्य राज्यों के लिए 50:50 है।
केंद्रशासित प्रदेशों के मामलों में 100 प्रतिशत योगदान केंद्र द्वारा किया जाता है।