1. सरकार ने भारत बायोटेक के नेज़ल कोविड वैक्सीन को मंज़ूरी दे दी
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भारत सरकार ने 23 दिसंबर 2022 को भारत बायोटेक के नाक से दी जाने वाली कोविड 9 वैक्सीन को विषम बूस्टर खुराक के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी है। यह टीका 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जाएगा।
वैक्सीन शुरुआत में निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी और इसे 23 दिसंबर 2022 से को-विन ऐप पर बुक किया जा सकता है।
B B V 154 नाम की इस वैक्सीन को भारतीय औषधि महानियंत्रक से आपातकालीन स्थिति में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए इस वर्ष नवम्बर में मंजूरी मिली थी।
इस वैक्सीनको संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था।
नेजल वैक्सीन की मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब चीन और अन्य देशों में कोविड के मामलों में जबर्दस्त वृद्धि हो रही है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ कोवाक्सिनटीका जो इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है , भी विकसित किया है।
हेटेरोलॉगस वैक्सीन(विषमयुग्मजी टीका )
- एक विषमयुग्मजी टीका एक प्रकार का बूस्टर टीका है जो उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने पहले से ही एक अलग टीका लिया है। उदाहरण के लिए ,एक व्यक्ति जिसने कोविशिल्ड या कोवैक्सिन वैक्सीन की दो खुराक ली है, वह अब बूस्टर खुराक के रूप में इस वैक्सीन ले सकता है।
- एक विषमयुग्मजी वैक्सीन को मिक्स एंड मैच वैक्सीन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें एक व्यक्ति को एक ही बीमारी के लिए दो तरह के टीके लगाया जाता है ।
नोवेल कोरोनवायरस का पहली बार दिसंबर 2019 में वुहान चीन में पता चला था और बाद में 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल और 11 मार्च 2020 को एक महामारी घोषित किया गया था।
भारत में वायरस के पहले मामले की पुष्टि 30 जनवरी 2020 को केरल में हुई थी।
भारत में कोविड टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी।
2. डीजीसीआई ने एसआईआई निर्मित इबोला वैक्सीन के युगांडा को निर्यात के लिए अनुमति दे दी
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ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने 8 दिसंबर 2022 को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा भारत में निर्मित पहले इबोला वैक्सीन के युगांडा को निर्यात की मंजूरी दे दी है ।
वैक्सीन को एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम के सहयोग से विकसित किया है। इस वैक्सीन का यूगांडा में सॉलिडैरिटी क्लीनिकल परिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीमारी की रोकथाम के लिए इबोला टीकों के निर्माताओं के साथ सहयोग मांगा था और युगांडा में एक सॉलिडैरिटी क्लीनिकल परिक्षण में भाग लेने के लिए संभावित टीके के रूप में ChAdOx1 biEBOV का चयन किया ।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ ChAdOx1 biEBOV के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत इस टीके का विकास किया गया है ।
पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। एसआईआई, कोविड-19, डिप्थीरिया, बीसीजी, खसरा, रूबेला और अन्य बीमारियों के लिए टीके बनाता है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ: अदार पूनावाला
इबोला वायरस
यह पहली बार 1972 में दक्षिण सूडान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला नदी के पास एक गांव में रिपोर्ट किया गया था, इसलिए इसे इबोला वायरस कहा जाता है।
यह बेहद घातक और जानलेवा है जो एक संक्रमित जानवर (चमगादड़ या अमानवीय प्राइमेट) या इबोला वायरस से संक्रमित बीमार या मृत व्यक्ति के सीधे संपर्क से फैल सकता है।
3. सरकार ने डीसीजीआई वी जी सोमानी का कार्यकाल फिर से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) डॉ वी जी सोमानी का कार्यकाल फिर से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह 15 नवंबर 2022 से लागू होगा।
उन्हें इससे पहले इसी साल अगस्त में तीन महीने का विस्तार दिया गया था। उनका बढ़ा हुआ कार्यकाल 15 नवंबर 2022 को समाप्त होना था।
डॉ वेणुगोपाल गिरधारीलाल सोमानी ने कोविड-19 वैक्सीन के अनुमोदन, जीवनरक्षक दवाओं के अनुमोदन और कोविड-19 महामारी से निपटने में इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
डीसीजीआई (भारत के औषधि महानियंत्रक)
भारत के औषधि महानियंत्रक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के प्रमुख हैं।
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत, सीडीएससीओ ड्रग्स के अनुमोदन, क्लिनिकल ट्रायल के संचालन, ड्रग्स के लिए मानक निर्धारित करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण और विशेषज्ञ प्रदान करके राज्य ड्रग कंट्रोल संगठनों की गतिविधियों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
भारत के औषधि महानियंत्रक: वेणुगोपाल गिरधारीलाल सोमानी
मुख्यालय: नई दिल्ली
फुल फॉर्म
डीसीजीआई/DGCI: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया