1. पीएम मोदी ने एचएएल के स्वदेशी ट्रेनर विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में 12वें डिफेंस एक्सपो के दौरान इंडिया पवेलियन में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा डिजाइन एवं विकसित किए गए एक स्वदेशी ट्रेनर विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल भी उपस्थित थे। यह ट्रेनर विमान अत्याधुनिक समकालीन प्रणालियों से लैस है और इसे पायलट-अनुकूल सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है।
एचटीटी-40 का उपयोग बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण, एरोबेटिक्स, इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग और क्लोज फॉर्मेशन उड़ानों के लिए किया जाएगा। जबकि,इसकी द्वितीयक भूमिकाओं में संरक्षा और रात की उड़ान शामिल होंगी।
इससे पहले दिन में प्रधान मंत्री ने 18-20 अक्टूबर 2022 तक गांधीनगर में आयोजित होने वाले 12वें डेफएक्सपो का उद्घाटन किया। 12वें डेफएक्सपो का विषय :पाथ टू प्राइड
है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
यह भारत सरकार के स्वामित्व में है। यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
मुख्यालय: बेंगलुरु
2. रक्षा मंत्री ने राजस्थान में भारतीय वायु सेना में पहले स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को शामिल किया
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 अक्टूबर को राजस्थान के जोधपुर में भारतीय वायु सेना में प्रचंड नाम के पहले स्वदेशी विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को शामिल किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
एलसीएच को जोधपुर में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में शामिल किया गया।
एलसीएच को भारतीय वायु सेना के युद्ध कौशल को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
मार्च 2022 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 3,887 करोड़ की लागत से 15 स्वदेशी रूप से विकसित लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (LSP) एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर(एलसीएच) के बारे में
यह एक समर्पित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
एलसीएच में एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव के समान है।
इसमें कई स्टील्थ फीचर्स, आर्मर्ड-प्रोटेक्शन सिस्टम, रात में हमला करने की क्षमता और क्रैश-योग्य लैंडिंग गियर हैं।
हेलीकॉप्टर को उच्च ऊंचाई वाले बंकर-बस्टिंग ऑपरेशन, जंगलों और शहरी वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ जमीन पर सैन्य बलों की मदद करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है।
इसमें कांच के कॉकपिट और मिश्रित एयरफ्रेम संरचना जैसी कई प्रमुख विमानन प्रौद्योगिकियों का स्वदेशीकरण किया गया है।
यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है जो भारतीय सशस्त्र बलों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाले हथियारों के साथ 5,000 मीटर या 16,400 फीट की ऊंचाई पर उतर और टेक-ऑफ कर सकता है।
3. अक्टूबर में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल होगा स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर
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3 अक्टूबर 2022 को जोधपुर, राजस्थान में स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को शामिल करने के साथ भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर बेड़े को बढ़ावा दिया जाएगा। एलसीएच का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एलसीएच की क्षमता :
- एचएएल के अनुसार, एलसीएच दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकाप्टर है जो 5,000 मीटर (16400 फीट) की ऊंचाई पर हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ उतर और टेक-ऑफ कर सकता है। इसे लद्दाख और सियाचिन के ऊंचाई वाले इलाकों में सक्रिय सशस्त्र बलों की जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
- यह खोज और बचाव, दुश्मन की वायु रक्षा को नष्ट करने, उग्रवाद विरोधी अभियानों, धीमी गति से चलने वाले विमानों के खिलाफ युद्ध की भूमिका निभाने के लिए उपयुक्त है।
सीमित श्रृंखला उत्पादन :
- मार्च 2022 में केंद्र सरकार ने सेना और वायु सेना के लिए 15 सीमित श्रृंखला के एलसीएच के निर्माण को मंजूरी दी थी।
- स्वीकृत 15 सीमित श्रृंखला के उत्पादन हेलीकाप्टरों में से 10 भारतीय वायुसेना के लिए और पांच सेना के लिए हैं।
- लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन वाले एलसीएच में 45% स्वदेशी के साथ स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसमें 45% की स्वदेशी सामग्री है जो आगे की श्रृंखला में 55% से अधिक हो जाएगी।
अतिरिक्त जानकारी -
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) :
- इसे 1940 में बैंगलोर (अब बेंगलुरु) में वालचंद हीराचंद द्वारा हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में स्थापित किया गया था।
- इसेभारत सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और 1 अक्टूबर 1964 को इसे एरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड में विलयकर दिया और इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर दिया गया।
- इसका मुख्य व्यवसाय विमान, हेलीकॉप्टर, इंजन और संबंधित सिस्टम जैसे एवियोनिक्स, इंस्ट्रूमेंट्स और एक्सेसरीज का डिजाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत और ओवरहाल करना है।
- यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- मुख्यालय : बेंगलुरु