1. एनएफएसए के तहत 81 करोड़ लोगों को एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा
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सरकार ने 23 दिसंबर को 81.35 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 2 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला किया। इसे 1 जनवरी 2023 से लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
- कैबिनेट के फैसले के अनुसार एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को दिसंबर 2023 तक एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा।
- यह फैसला 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त होने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से कुछ दिन पहले आया है।
- लाभार्थियों को खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एक रुपये का भुगतान नहीं करना होगा।
पीएमजीकेएवाई के बारे में
- यह केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान घोषित खाद्य सुरक्षा कल्याण योजना है।
- यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में गरीबों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का एक हिस्सा है।
- कार्यक्रम उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा संचालित है।
- कार्यक्रम के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं/चावल मुफ्त प्रदान किया जाता है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है।
योजना का उद्देश्य
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से भारत के सबसे गरीब नागरिकों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए, सभी प्राथमिकता वाले परिवारों (राशन कार्ड धारकों और अंत्योदय अन्न योजना योजना द्वारा पहचाने गए लोगों) को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (NFS) अधिनियम, 2013
- इसका उद्देश्य भारत के 1.2 बिलियन लोगों में से लगभग दो-तिहाई लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।
- इसमें लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत तीन रुपये किलो चावल, दो रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो मोटा अनाज शामिल है।
- यह भारत सरकार के मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए कानूनी अधिकार के रूप में परिवर्तित करता है।
- मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में शामिल है -मध्याह्न भोजन योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) हैं।
2. केंद्र सरकार पीएमजीकेएवाई योजना को दिसंबर 2022 तक बढाया
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28 सितंबर 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण VII) को 3 महीने, अक्टूबर से दिसंबर 2022 की अवधि के लिए और बढ़ा दिया है। योजना का चरण VI 30 सितंबर 2022 को समाप्त होना था। इसमें पूरे भारत में लगभग 80 करोड़ लाभार्थी शामिल होंगे। सरकार ने आने वाले प्रमुख त्योहारों को ध्यान में रखते हुए योजना को आगे बढ़ाया है ताकि गरीबों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
पीएम-जीकेएवाई विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है जिसे अप्रैल 2020 में कोविड -19 प्रेरित लॉकडाउन और उनके द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाई के कारण पीड़ित गरीब और प्रवासी आबादी को राहत प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया था।
पीएम-जीकेएवाई की विशेषताएं
- पीएमजीकेएवाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का एक हिस्सा है, जो गरीबों को कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई लड़ने में मदद करता है।
- इसका नोडल मंत्रालय वित्त मंत्रालय है।
- इस योजना के तहत, सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) लाभार्थियों सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न (चावल / गेहूं) प्रदान करती है।
केंद्र सरकार पर आर्थिक बोझ
- यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
- भारत सरकार ने अब तक पीएमजीकेएवाई के चरण-VI तक 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस योजना के चरण-VII के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के साथ, सभी चरणों के लिए पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये होगा।
- पीएमजीकेएवाई चरण VII के लिए खाद्यान्न के मामले में कुल खर्च लगभग 122 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है।।चरण I-VII के लिए खाद्यान्न का कुल आवंटन लगभग 1121 लाख मीट्रिक टन है।
- पीएम-जीकेएवाई को अब वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से जोड़ा गया है, जहां प्रवासी श्रमिक भारत में किसी भी राशन की दुकान के माध्यम से योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पीएम-जीकेएवाई योजना के चरण
- चरण 1 अप्रैल से जून 2020 तक
- दूसरा चरण जुलाई से नवंबर 2020 तक
- तीसरा चरण दिसंबर 2020 से मई 2021 से जून 2021 तक
- चौथा चरण जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक
- चरण V दिसंबर 2021 से मार्च 2021 तक
- चरण VI अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक
- चरण VII अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक
महत्वपूर्ण सरकारी योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए)
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत आती है। इसे 10 सितंबर 2013 को लागू किया गया था।
- इसमें भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
- यह योजना केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा प्रशासित है
- इस अधिनियम के तहत ग्रामीण आबादी के 75% और शहरी आबादी के 50% जो भारत के लगभग दो-तिहाई आबादी है को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न उपलब्ध किये जाते हैं ।
- लाभार्थियों को दो श्रेणियों, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता घरेलू (पीएचएच) में खाद्यान्न प्रदान किया जाता है।
- अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है।
- लाभार्थी को अत्यधिक रियायती मूल्य पर चावल/गेहूं या मोटे अनाज मिलते हैं।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म
NFSA: नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम)