मेघालय के री-भोई जिले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन में एक नए जहरीले हरे सांप की प्रजाति देखी गई
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हाल ही में मेघालय के री-भोई ज़िले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन में 'ट्राइमेरेसुरस मायाई’ या माया पिट वाइपर नाम के एक नए ज़हरीले हरे साँप की प्रजाति देखी गई है।
इस सांप-प्रजाति का नाम कर्नल यशपाल सिंह राठी की दिवंगत मां – ‘माया’ के सम्मान में रखा गया है।
यह नई प्रजाति मेघालय, मिजोरम और गुवाहाटी (असम) में भी अपेक्षाकृत आम रूप से पाई जाती है।
माया पिट वाइपर की मुख्य विशेषताएँ
इस साँप की लंबाई लगभग 750 मिमी.तक होती है।
यह देखने में पोप्स पिट वाइपर से काफी मिलता-जुलता है लेकिन इसकी आँखों का रंग अलग है।
पिट वाइपर
पिट वाइपर रेगिस्तान से लेकर वर्षा वनों तक में पाए जाते हैं।
ये स्थलीय, वृक्षीय या जलीय हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रजातियाँ अंडे देती हैं और अन्य प्रजातियाँ जीवित बच्चों को जन्म देती हैं I
विषैले पिट वाइपर प्रजातियों में हंप-नोज्ड पिट वाइपर, मैंग्रोव पिट वाइपर और मालाबार पिट वाइपर शामिल हैं।
रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर भारत में पाई जाने वाली दो सबसे ज़हरीली वाइपर प्रजातियांँ हैं जो भारत के चार सबसे ज़हरीले एवं सबसे घातक सांँपों के में से एक है।
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