अमित शाह ने चंडीगढ़ में ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप पेश किए

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप पेश किए।

खबर का अवलोकन 

  • पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया और केंद्रीय गृह सचिव इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

आपराधिक कानूनों में बड़े सुधार

  • अमित शाह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) आधुनिक भारतीय मूल्यों और न्याय को दर्शाते हैं।

  • मंत्री ने समकालीन भारत की जरूरतों के अनुरूप 150 साल पुराने कानूनों को अपडेट करने की जरूरत पर जोर दिया।

न्याय प्रणाली में तकनीकी एकीकरण

  • नए कानूनों का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सबसे उन्नत और प्रौद्योगिकी-सक्षम आपराधिक न्याय प्रणाली बनाना है।

  • गृह मंत्रालय ने फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालयों की स्थापना की है और आईटी विशेषज्ञों की नियुक्ति तथा नए कर्मियों की भर्ती सहित तकनीकी क्षमता में सुधार किया है।

ए ऐप और सिस्टम की विशेषताएं

  • ई-साक्ष्य: वीडियोग्राफी और गवाही सहित सभी साक्ष्यों को ई-साक्ष्य सर्वर पर सहेजता है, ताकि अदालत में तत्काल पहुंच हो सके।

  • ई-समन: अदालतों से पुलिस और व्यक्तियों को समन की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी की अनुमति देता है।

  • न्याय सेतु: पुलिस, चिकित्सा, फोरेंसिक, अभियोजन और जेल डेटा को एक ही डैशबोर्ड पर एकीकृत करता है।

  • न्याय श्रुति: मामले के समाधान में तेजी लाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालती सुनवाई को सक्षम बनाता है।

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