सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA),1958
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सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA),1958
चर्चा में क्यों?
- केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने गुरुवार (14 नवंबर, 2024) को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया, जिसमें मणिपुर के पांच जिलों में छह पुलिस थानों की सीमाओं को "अशांत क्षेत्र" घोषित किया गया, राज्य में जारी जातीय हिंसा के मद्देनजर।
- इन क्षेत्रों से 2022 में अधिनियम वापस ले लिया गया था; इस बार मणिपुर सरकार के बजाय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) क्या है?
- सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA), 1958 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो भारतीय सशस्त्र बलों को "अशांत क्षेत्रों" में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान करता है।
अधिनियम का इतिहास:
- 1942 का सशस्त्र बल विशेषाधिकार अध्यादेश ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा 15 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन को दबाने के लिए लागू किया गया था।
अधिनियम के तहत सशस्त्र बलों को दी गई शक्तियाँ:
- 1958 का सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम (AFSPA) सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कई शक्तियाँ देता है, जिनमें शामिल हैं:
- बिना वारंट के गिरफ़्तारी I
- बिना वारंट के परिसर की तलाशी I
- गोली मारकर हत्या करना I
- कानूनी प्रतिरक्षा I
- वाहनों को रोकना और उनकी तलाशी लेना I
AFSPA तब लागू किया जाता है जब उग्रवाद या विद्रोह के कारण भारत की क्षेत्रीय अखंडता खतरे में होती है।
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