बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने एडवर्ड एम कैनेडी को 'फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर' सम्मान से नवाजा

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'Friends of Liberation War'

बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की मुक्ति में योगदान के लिए 31 अक्टूबर को ढाका में पूर्व अमेरिकी सीनेटर एडवर्ड एम कैनेडी को मरणोपरांत प्रतिष्ठित 'फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर' सम्मान से सम्मानित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह सम्मान उनके बेटे एडवर्ड एम टेड कैनेडी जूनियर को सौंपा गया।

  • प्रधान मंत्री शेख हसीना ने एडवर्ड कैनेडी सीनियर के योगदान को आभार के साथ याद किया।

  • उन्होंने कहा कि कैनेडी सीनियर ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अमेरिकी सरकार की भूमिका के बावजूद निर्दोष बंगाली लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए नरसंहार के खिलाफ एक साहसिक कदम उठाया।

  • उन्होंने कहा कि कैनेडी सीनियर ने युद्ध समाप्‍त होने तक पाकिस्‍तान को सैन्‍य और आर्थिक सहायता पर रोक लगाने के लिए कडी मेहनत की थी। 

1971 का मुक्ति संग्राम  

  • 1950 के दशक में पाकिस्तान पर सैन्य-नौकरशाही का राज था जो पूरे देश (पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान) पर अलोकतांत्रिक तरीके से शासन कर रहे थे। 

  • शासन की इस व्यवस्था में बंगालवासियों का कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं था। 

  • वर्ष 1970 के आम चुनावों के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान के इस प्रभुत्व को बंगालवासियों द्वारा चुनौती दी गई।

  • वर्ष 1970 के आम चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान के शेख मुज़ीबुर्र रहमान की अवामी लीग को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ।

  • पश्चिमी पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान के किसी नेता को देश पर शासन करने के लिए तैयार नहीं था।

  • 26 मार्च, 1971 को पश्चिम पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू की।

  • इसके परिणामस्वरूप लाखों बांग्लादेशियों को भारत में शरण लेनी पड़ी।

  • बांग्लादेश के स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाली 'मुक्तिवाहिनी सेना' एवं भारतीय सैनिकों की बहादुरी से पाकिस्तानी सेना को हार का सामना करना पड़ा।

  • 6 दिसंबर, 1971 को भारत के हस्तक्षेप से 13 दिनों के युद्ध से एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ।

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