पाकिस्तान के 'गैर-नाटो सहयोगी' का दर्जा समाप्त करने के लिए विधेयक अमेरिकी सदन में पेश किया गया
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एक अमेरिकी सांसद ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया है जो एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान के पदनाम को समाप्त करेगा और इस्लामाबाद को ऐसा पदनाम देने के लिए कुछ शर्तों के साथ राष्ट्रपति से वार्षिक प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी।
खबर का अवलोकन
विधेयक में कहा गया कि पाकिस्तान को इस तरह का दर्जा देने के लिए उसे कुछ शर्तों के साथ राष्ट्रपति से सालाना प्रमाणिकता की जरूरत होगी।
बिल एंडी बिग्स द्वारा पेश किया गया था, जो एरिजोना के पांचवें जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विधेयक पर आवश्यक कार्रवाई के लिए हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी को भेजा गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कानून पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले इसे सदन और सीनेट द्वारा पारित करने की आवश्यकता होगी।
पाकिस्तान को हमेशा से ही आतंकवाद को अपने देश में पनाह देता रहा है। इसलिए, अमेरिकी सांसद ने ये विधेयक पेश किया है।
विधेयक में कहा गया है कि पाकिस्तान को ये साबित करना होगा कि उसने अपने देश में हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में तेजी दिखाई है और उसके खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय इसको लेकर पाकिस्तान को प्रमाणित करेगा।
प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी
प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNA) संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा करीबी सहयोगियों को दिया गया पदनाम है, जिनके अमेरिकी सशस्त्र बलों के साथ रणनीतिक कार्य संबंध हैं।
वे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सदस्य नहीं हैं।
प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी अनुसंधान, विकास, परीक्षण या मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए सामग्री, आपूर्ति या उपकरण से संबंधित ऋण के लिए पात्र हैं।
18 प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इज़राइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया।
सितंबर 2022 में, अमेरिका ने प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को समाप्त कर दिया।
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