कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम - 2.0 को मंजूरी दी
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 मई को 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना 2.0 को मंजूरी दी।
खबर का अवलोकन
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में पिछले 8 वर्षों में 17% सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) के साथ लगातार वृद्धि देखी गई है।
इस साल इसने 105 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये) के उत्पादन में एक प्रमुख बेंचमार्क को पार कर लिया।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।
मोबाइल फोन का निर्यात इस साल 11 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 90 हजार करोड़ रुपये) के एक बड़े पड़ाव को पार कर गया है।
वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र भारत आ रहा है, और भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण देश के रूप में उभर रहा है।
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम 2.0 की विशेषताएं
इसमें लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस शामिल हैं।
इस योजना की अवधि 6 वर्ष है।
अपेक्षित वृद्धिशील उत्पादन 3.35 लाख करोड़ रुपये है।
अपेक्षित वृद्धिशील निवेश 2,430 करोड़ रुपये है।
अपेक्षित वृद्धिशील प्रत्यक्ष रोजगार 75,000 है।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम क्या है?
यह एक पहल है जो स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कंपनियों को घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में वैश्विक चैंपियन बनना है।
सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल और स्पेशलिटी स्टील सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना को लॉन्च किया है।
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