सीबीआईसी ने सीमा शुल्क उल्लंघन के लिए गिरफ्तारी, अभियोजन पर दिशानिर्देशों में संशोधन किया
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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अभियोजन, गिरफ्तारी और जमानत के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
सीबीआईसी ने इन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने की सीमा को बढ़ा दिया है।
सोने जैसे उच्च मूल्य के सामान की तस्करी और सामान के अनधिकृत आयात, जिसकी बाजार में कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, उनमें अभियोजन और गिरफ्तारी हो सकती है।
दो करोड़ रुपए या उससे अधिक के सामान की गलत घोषणा या शुल्क वंचना के मामले भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
यदि माल के निर्यात में धोखाधड़ी से शुल्क वापसी या शुल्क में छूट की राशि दो करोड़ रुपये से अधिक है तो भी गिरफ्तारी होगी।
हालांकि मूल्य की उक्त सीमा गोला-बारूद, प्राचीन वस्तुएं, कला खजाने, वन्य जीव और विलुप्तप्राय प्रजातियों जैसी कुछ वस्तुओं पर लागू नहीं होंगी।
कस्टम ड्यूटी क्या है?
सीमा शुल्क से तात्पर्य उन वस्तुओं पर लगने वाले कर से है, जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार ले जाया जाता है।
यह वह कर होता है जो माल के आयात और निर्यात पर लगाया जाता है।
सरकार इस शुल्क का उपयोग अपने राजस्व को बढ़ाने, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और माल की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए करती है।
कस्टम ड्यूटी के प्रकार :
मूल सीमा शुल्क (बीसीडी)
काउंटरवेलिंग शुल्क (सीवीडी)
अतिरिक्त सीमा शुल्क या विशेष सीवीडी
सुरक्षात्मक शुल्क
डंपिंग रोधी शुल्क
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) :
यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत राजस्व विभाग का एक सहायक बोर्ड है।
यह मुख्य रूप से सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और माल और सेवा कर के आरोपण और संग्रह से संबंधित नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के कार्यों को देखता है।
यह तस्करी की रोकथाम के लिए भी काम करता है।
सीबीआईसी का एक अध्यक्ष होता है और इसमें 6 सदस्य होते हैं।
वर्तमान अध्यक्ष - विवेक जौहरी
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