कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने पर पुनर्विचार करेगी केंद्र सरकार
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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और इस संबंध में कोई भी निर्णय राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
9 राज्यों में हिंदुओं की जनसंख्या
लद्दाख में 1%
मिजोरम में 2.75%
लक्षद्वीप में 2.77%
जम्मू और कश्मीर में 4%
नागालैंड में 8.74%
मेघालय में 11.52%
अरुणाचल प्रदेश में 29%
पंजाब में 38.49%
मणिपुर में 41.29%
अल्पसंख्यक कौन हैं?
संविधान में कहीं भी अल्पसंख्यकों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) के तहत मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और जोरास्ट्रियन (पारसी) को अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में अधिसूचित किया गया है।
2011 की जनगणना के अनुसार, देश में अल्पसंख्यकों का प्रतिशत देश की कुल जनसंख्या का लगभग 19.3% है।
मुसलमानों की जनसंख्या 14.2%, ईसाई 2.3%, सिख 1.7%, बौद्ध 0.7%, जैन 0.4% और पारसी 0.006% हैं।
संविधान का अनुच्छेद 29 "अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा" से संबंधित है।
संविधान भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और भारत में भाषाई अल्पसंख्यकों को अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 के माध्यम से मान्यता देता है।
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