चुनाव आयोग ने अंतरराज्यीय प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग का प्रस्ताव रखा

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भारत के चुनाव आयोग ने एक नए रिमोट ईवीएम (आरवीएम) के माध्यम से घरेलू प्रवासियों को अपने निवास स्थान से अपने घरेलू निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक प्रस्ताव दिया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य

  • आरवीएम को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की सहायता से विकसित किया गया है। यह वर्तमान में प्रयुक्त ईवीएम प्रणाली पर आधारित है।

  • चुनाव आयोग ने 30 जनवरी, 2023 तक सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय दलों के लिखित विचार मांगे हैं और 16 जनवरी को पार्टी प्रतिनिधियों के लिए आरवीएम प्रोटोटाइप का प्रदर्शन निर्धारित किया है।

  • चुनाव आयोग ने इसे लागू करने में कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार भी मांगे हैं। 

  • चुनाव आयोग के अनुसार घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मल्टी कॉन्सिट्यूएंसी रिमोट ईवीएम एक सिंगल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है।

  • उम्मीद है कि इस कदम के माध्यम से मतदाता मतदान को बढ़ावा देने और भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

चुनाव आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग का प्रस्ताव क्यों लाया गया है?

  • 2014 के लोकसभा चुनावों में 834 मिलियन पंजीकृत मतदाता थे जिसमें से केवल 66.44% ने मतदान किया।

  • 2019 के संसदीय चुनावों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 912 मिलियन हो गई जबकि मतदान मुश्किल से 67.40% मतदाताओं ने मतदान किया।

  • पंजीकृत मतदाता विभिन्न कारणों से मतदान नहीं कर पाते हैं जिसका प्रमुख कारण घरेलू प्रवास है।

  • मतदाता जो मतदान के दिन अपने गृह स्थानों से अनुपस्थित हैं, भले ही वे मतदान करना चाहते हों किन्तु विभिन्न कारणों से मतदान करने के लिए अपने चुनाव क्षेत्रों में पहुँचने में असमर्थ होते हैं।

  • अर्थात आबादी का एक बड़ा हिस्सा काम की आवश्यकता या यात्रा के लिए संसाधनों की कमी के कारण अपने मताधिकार से वंचित है।

  • यह सीधे तौर पर चुनाव आयोग के "कोई मतदाता पीछे नहीं छूटे" लक्ष्य के खिलाफ जाता है।


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