वैश्विक रेटिंग एजेंसी’ फिच’ ने 2023 में भारत की विकास दर का पूर्वानुमान घटाकर 7% कर दी
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अमेरिकी ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) में भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को जून के अपने पहले के 7.8% अनुमान से घटाकर 7% कर दिया है।
इसने 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को भी घटाकर 6.7% कर दिया है।
वर्त्तमान वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही ( अप्रैल-जून 2022) में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर 13.5 प्रतिशत था , जो कि आरबीआई की अनुमानित विकास दर 16.2% से कम है। इस नतीजे के आने के बाद फिच ने भी भारत के विकास दर में संशोधन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतीय विकास दर को कम करने का कारण :
- फिच के अनुसार, भारत में विकास दर धीमी होने का मुख्य कारण वैश्विक स्थिती है। फिच के अनुसार यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में मंदी की आशंका हैं तथा रूस-यूक्रेन युद्ध के जारी रहने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है।
- फिच उम्मीद कर रहा है कि, आरबीआई अपनी सख्त मौद्रिक नीति जारी रखेगा और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अपनी नीतिगत दरों (रेपो दर) को फिर बढ़ाएगा ,जिससे आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
विश्व आर्थिक विकास :
- फिच को उम्मीद है कि 2022 कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) में विश्व अर्थव्यवस्था 2.4% और 2023 में 1.7% की दर से बढ़ेगी।
- फिच के अनुसार बहुत संभावना है कि यूरोज़ोन और संयुक्त राज्य अमेरिका इस साल के अंत में मंदी में प्रवेश करेंगे।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का पूर्वानुमान (16 सितंबर 2022 तक) :
एजेंसी /संस्थान | 2022-23 के लिए पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक | 7.2% |
विश्व बैंक | 7.5% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष | 7.4% |
एशियाई विकास बैंक | 7.2% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 6.8% |
मूडी इन्वेस्टर सर्विस | 7.7% |
इंडिया रेटिंग | 6.9% |
स्टैण्डर्ड एंड पुअर (एसएंडपी) | 7.3% |
संयुक्त राष्ट्र | 6.4% |
ओईसीडी | 6.9% |
अतिरिक्त जानकारी -
इन्हें भी जानने :
मंदी :-
- जब किसी अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों में कारात्मक वृद्धि होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
यूरो जोन :-
- यह उन 19 यूरोपीय देशों को संदर्भित करता है जिन्होंने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा को समाप्त कर दिया है और यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
- यूरो एक सामान्य मौद्रिक इकाई के रूप में 1 जनवरी 1999 को लागू किया गया था ।
- यूरोजोन के सदस्य देश : बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं ।
- यूरोपीय सेंट्रल बैंक यूरो जोन देशों का सेंट्रल बैंक है।
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