सरकार ने देश भर में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के 6600 से अधिक एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए
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सरकार ने 2017 से 2021 के दौरान देश भर के विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के छह हजार छह सौ से अधिक विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 7 दिसंबर को इसकी जानकारी दी।
सर्वाधिक एफसीआरए लाइसेंस तमिलनाडु और महाराष्ट्र में सात सौ से अधिक रद्द किए गए हैं।
जबकि, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में छह सौ से अधिक लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। सूची में राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट भी शामिल हैं।
ये एनजीओ एफसीआरए अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे थे।
जिन एनजीओ का एफसीआरए पंजीकरण एफसीआरए के तहत रद्द कर दिया गया है, वे पंजीकरण रद्द करने की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए पंजीकरण या पूर्व अनुमति दिए जाने के पात्र नहीं होंगे।
एफसीआरए क्या है?
विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 भारत में निवासी कुछ व्यक्तियों, कंपनियों, राजनीतिक दलों, संघ या एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी योगदान की प्राप्तियों को नियंत्रित करता है।
सरकार विदेशी योगदान की प्राप्ति पर प्रतिबंध लगा सकती है अगर उसे लगता है कि यह राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुँचाता है।
यह कानून में वर्णित प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर संघों, एनजीओ का लाइसेंस भी रद्द कर सकता है।
कानून को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जाता है।
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