सरकार ने तीनों सेनाओं के कमांडरों की शक्तियों को मजबूत करने के लिए लोकसभा में विधेयक पेश किया
Tags: National News
रक्षा मंत्रालय ने 15 मार्च को संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए गए हैं।
खबर का अवलोकन
विधेयक का नाम "अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023" है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने विधेयक पेश किया।
इस विधेयक का आशय सेवा कर्मियों के संबंध में अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को अनुशासन बनाए रखने और उनके कर्तव्यों के उचित निर्वहन के लिए सशक्त बनाना है।
विधेयक के अनुसार, केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए इंटर सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन का गठन कर सकती है।
वर्तमान में भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना क्रमश: वायुसेना अधिनियम, 1950, सेना अधिनियम, 1950 और नौसेना अधिनियम, 1957 से संचालित होती है।
अतः केवल इन तीन सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों को अनुशासनात्मक शक्तियां प्रदान की जाती हैं।
इसका प्रभाव सेनाओं के अंतर सेवा संगठनों पर पड़ता है, जैसे- अंडमान एंड निकोबार कमांड, डिफेंस स्पेस एजेंसी और संयुक्त प्रशिक्षण प्रतिष्ठान जैसे नेशनल डिफेंस एकादमी (NDA)।
इसलिए ऐसे सैन्य संगठनों के कमांड इन चीफ या अफसर इन कमांड को अन्य सेवाओं से संबद्ध होने पर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियां नहीं मिलती हैं।
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -