भारत ने अर्जेंटीना में दो लिथियम और एक तांबे की खान की पहचान की
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हाल ही में भारत ने दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के अर्जेंटीना में दो लिथियम की खानें और एक तांबे की खान की खोज किया है।
खबर का अवलोकन
केंद्र ने लैटिन अमेरिकी राष्ट्र में "संभावित लिथियम डिपोजिट का आकलन करने" के लिए पिछले साल नवंबर में तीन भूवैज्ञानिकों की एक टीम भेजी थी।
टीम में मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (MECL), KABIL (खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक-एक भूविज्ञानी शामिल थे।
KABIL, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नाल्को), हिंदुस्तान कॉपर (एचसीएल) और एमईसीएल की भागीदारी के माध्यम से स्थापित एक संयुक्त उद्यम है, जिसका उद्देश्य घरेलू बाजार में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
भारत द्वारा अन्य देशों में खनिज पदार्थों की खोज के लिए ‘खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड’ का निर्माण अगस्त 2019 में किया; जिसने हाल ही में अर्जेंटीना की एक फर्म के साथ लीथियम जैसे खनिजों की खोज के लिए एक समझौता किया।
लीथियम का उपयोग रीचार्जेबल बैटरियों में किया जाता है। ये बैटरियां इलेक्ट्रिक व्हीकल, लैपटॉप और मोबाइल फोन आदि को पावर देने हेतु उपयोग किया जाता है।
खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड
इसे तीन सरकारी कंपनियों NALCO, हिंदुस्तान कॉपर और मिनरल एक्सप्लोरेशन लिमिटेड ने मिलकर बनाया है, जिसके जरिए लीथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों को विदेशों से खरीदा जा सके।
विश्व में लिथियम का उत्पादन एवं भण्डारण
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया वैश्विक स्तर पर शीर्ष लिथियम उत्पादक देश है। जबकि अर्जेंटीना विश्व का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
अर्जेंटीना, चिली और बोलिबिया के साथ मिलकर ‘लिथियम त्रिकोण’ का निर्माण करता है।
विश्व में लिथियम त्रिकोण के आलावा अमेरिका और चीन भी इसका एक बड़ा उत्पादक देश है।
वर्तमान में भारत इन खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है।
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