भारत-इज़राइल कृषि क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत
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भारत में इज़राइल के राजदूत श्री नाओर गिलोन ने 27 जनवरी, 2022 को कृषि भवन में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की।
भारत और इज़राइल के बीच राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे हो चुके हैं।
भारत और इज़राइल ने कृषि में सहयोग के लिए तीन साल के कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए।
1993 से ही कृषि क्षेत्र में, भारत और इज़राइल के बीच द्विपक्षीय संबंध रहे हैं |अब तक, 4 कार्य योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और यह 5 वीं भारत-इज़राइल कृषि कार्य योजना (आईआईएपी) है|
कार्य योजना का उद्देश्य मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) को निम्नलिखित रूप से विकसित करना है
नए केंद्रों की स्थापना
सीओई (CoE) की मूल्य श्रृंखला में वृद्धि
उत्कृष्टता केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाना
निजी क्षेत्र की कंपनियों और सहयोग को प्रोत्साहित करना
भारत-इज़राइल उत्कृष्टत गांव
- " इंडो-इज़राइल उत्कृष्टत गांव", एक नई अवधारणा है जिसका उद्देश्य 75 गांवों के भीतर उत्कृष्टता के 13 केंद्रों के साथ-साथ 8 राज्यों में कृषि में एक मॉडल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
- भारत के 12 राज्यों में 29 प्रचालनात्मक उत्कृष्टता केंद्र 25 मिलियन से अधिक वनस्पति संयंत्रों, 387 हजार से अधिक गुणवत्ता वाले फलों के पौधों का उत्पादन कर रहे हैं और बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष 1.2 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
- केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि इज़राइल की तकनीकी सहायता से उत्कृष्टता केंद्रों के आस-पास के 150 गांवों को उत्कृष्टत गांवों में बदलने का निर्णय लिया गया है।
- जिनमें से 75 गांवों को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 'उत्कृष्टत गांवों' में बदलने के लिए लिया जा रहा है।
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