भारत-नेपाल भारत गौरव पर्यटक ट्रेन
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पहली भारत-नेपाल भारत गौरव पर्यटन ट्रेन को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया है।
यह पर्यटक ट्रेन पहली बार भारत और नेपाल को जोड़ेगी।
इस ट्रेन में 500 भारतीय पर्यटक सवार हैं।
भारत और नेपाल के बीच भारत गौरव पर्यटक ट्रेन देश भर के लोगों को देश के स्थापत्य, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दर्शन कराने का अवसर प्रदान करेगी।
इस ट्रेन की पहली यात्रा (रामायण सर्किट) में अयोध्या, नंदीग्राम, वाराणसी, सीतामढ़ी, चित्रकूट, प्रयागराज, हम्पी, पंचवटी (नासिक), रामेश्वरम् और भद्राचलम् जैसे अन्य लोकप्रिय स्थलों के अलावा जनकपुर (नेपाल में) के धार्मिक गंतव्य को भी कवर किया जायेगा।
भारत गौरव ट्रेनें भारत की समृद्ध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को अपने लोगों को दिखाने का एक प्रयास है।
इस अनोखे विचार की परिकल्पना रेल मंत्रालय ने की थी।
यह ट्रेन 18 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद वापस दिल्ली लौटेगी।
यह पूरे रामायण दौरे में करीब 8000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
भारत गौरव ट्रेन की थीम 'देखो अपना देश' रखी गई है I
आईआरसीटीसी (IRCTC) ने इस 18 दिनों की यात्रा के लिए रु 62370/- प्रति व्यक्ति का शुल्क निर्धारित किया है I
भारत गौरव योजना के बारे में
नवंबर 2021 में, भारतीय रेलवे ने भारत गौरव ट्रेनें शुरू कीं जो निजी संचालकों द्वारा संचालित की जाएंगी और थीम-आधारित सर्किट पर चलेंगी।
इस योजना के माध्यम से ऑपरेटरों के पास रेलवे रेक और बुनियादी ढांचे का "उपयोग का अधिकार" है।
इस योजना के तहत, निजी प्लेयर और टूर ऑपरेटर रेलवे से लीज पर ट्रेनें खरीद सकते हैं और उन्हें अपनी पसंद के किसी भी सर्किट पर संचालित कर सकते हैं और किराए, मार्ग और सेवाओं की गुणवत्ता तय कर सकते हैं।
अब तक, रेलवे यात्री खंड और माल खंड का संचालन करता था लेकिन अब इसमें इस योजना के अंतर्गत पर्यटन खंड भी जुड़ गया है।
इस योजना को ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित कई राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद विकसित किया गया है।
"भारत गौरव" योजना के तहत एक निजी ऑपरेटर द्वारा कोयंबटूर (तमिलनाडु) और शिरडी (महाराष्ट्र) के बीच संचालित होने वाली पहली ट्रेन को 14 जून को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया था I
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